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भूमिहीनों को जमीन उपलब्ध करायेगी बिहार सरकार, लिया फैसला

पटना। बिहार में एक बार फिर से बुलडोजर अभियान शुरू होने वाला है। अभियान की जद में बड़े मकान हों या दुकान, सभी आएंगी। सोमवार को प्रदेश के मुख्‍य सचिव आमिर सुबहानी ने इस पूरे अभियान की समीक्षा की। इस दौरान अतिक्रमण करने वालों के लिए राहत वाली एक बात भी सरकार ने कही है। अतिक्रमण हटाओ अभियान में अगर किसी ऐसे व्‍यक्ति का घर आता है, जिसके पास रहने के लिए कोई दूसरी जगह नहीं है, तो सरकार उसे बसने के लिए जमीन देगी। यह अभियान जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत चलाया जाएगा। इसके तहत जलस्रोतों को कब्‍जा कर बनाए गए अवैध निर्माण को तोड़ा जाएगा। अतिक्रमण हटाओ अभियान में जिनके भी मकान खाली कराए और उनके पास रहने का दूसरा कोई ठिकाना नहीं है तो सरकार उन्हें जमीन देगी। मुख्य सचिव के स्तर पर हुई बैठक में मिशन का नोडल विभाग ग्रामीण विकास विभाग के अलावा कई विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव के अलावा जिलाधिकारी भी वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये जुड़े रहे। बैठक के दौरान ग्रामीण विकास विभाग ने जानकारी दी कि इस अभियान को 2022 के स्थान पर तीन वर्ष का अवधि विस्तार दिया गया है। अब जल-जीवन-हरियाली अभियान 2025 तक जारी रहेगा। ग्रामीण विकास के पदाधिकारी ने मुख्य सचिव को बताया कि इस अभियान के तहत जिन जल स्रोतों आहर, पईन वगैरह पर अतिक्रमण है उन्हें प्राथमिकता से अतिक्रमण मुक्त करने का काम चल रहा है। सरकार की ओर से बताया गया कि अब तक करीब 15 सौ स्थानों से अतिक्रमण हटाया जा चुका है। 427 प्लाट जो सरकारी हैं, वे अब भी अतिक्रमण की चपेट में हैं। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन सरकारी प्लाट पर अतिक्रमण की पहचान हो चुकी है उन्हें अविलंब खाली कराएं। ग्रामीण विकास विभाग ने जानकारी दी कि लगभग ढाई हजार ऐसे लोगों को चिह्नित किया गया, जिनके पास अतिक्रमण की वजह से जमीन नहीं है। ऐसे चिह्नितों में से अब तक 1700 लोगों को मुफ्त जमीन दी गई है। मुख्य सचिव ने शेष चिह्नित लोगों को भी अविलंब जमीन उपलब्ध कराने का आदेश दिया।

किसकी नाक का सवाल बन गए हैं गुजरात और हिमाचल चुनाव ?

हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस फिर से आमने सामने की लड़ाई में है। कांग्रेस ने दिल्ली से सबक सीखा है। केजरीवाल जब पहली बार कांग्रेस को हरा कर दिल्ली में चुनाव जीते थे, तब राहुल गांधी ने कांग्रेस की एक बंद कमरे की मीटिंग में कहा था कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को केजरीवाल से सीखना चाहिए कि चुनाव कैसे लड़ना होता है।वह केजरीवाल से इतना प्रभावित थे कि उन्होंने कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली में उनकी पहली सरकार बनवा दी थी। फिर कुछ दिन तक कांग्रेस और भाजपा में आम आदमी पार्टी को एक दूसरे की बी टीम कहने की होड़ मची। आखिर भाजपा और कांग्रेस दोनों को समझ आ गया कि आम आदमी पार्टी दोनों का वोट बैंक खा रही है। पंजाब में उसने कांग्रेस, भाजपा के साथ साथ क्षेत्रीय पार्टी अकाली दल का वोट2014 से हरियाणा की राजनीति में बदलाव आया, जब देवी लाल के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला भ्रष्टाचार के आरोप में जेल चले गए, और उधर राष्ट्रीय राजनीति में मोदी का उदय हुआ, तो हरियाणा में कमल का फूल खिला, और ऐसा खिला कि 2019 में भाजपा ने सत्ता में वापसी भी कर ली।हिमाचल में भी अब पहली बार लग रहा है कि भाजपा सरकार की वापसी हो रही है। अगर ऐसा होता है तो इसकी वजह आम आदमी पार्टी होगी, क्योंकि वह 68 में से 67 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर मोदी के विपक्ष के रूप में उभरने की कोशिश कर रही है, इसलिए वह हर राज्य में मोदी विरोधी वोटरों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। हिमाचल प्रदेश और गुजरात दोनों ही राज्यों में वह मोदी विरोधी वोटरों को अपनी तरफ आकर्षित कर रही है। इसका सीधा नुकसान मोदी विरोधी प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस को होगा, और मोदी विरोधी वोट बंटने से सीधा फायदा भाजपा को होगा। जिससे दोनों ही राज्यों में भाजपा की सीटें बढ़ सकती हैं। कांग्रेस इस बात को बखूबी समझती है, इसलिए कांग्रेस ने राहुल गांधी की दस साल पहले कही गई बात को याद करके केजरीवाल के तरीके से चुनाव लड़ने का फैसला किया है

विदेशों में PM मोदी का क्यों होता है सम्मान? बताया CM गहलौत ने

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनियाभर में सम्मान मिलता है, क्योंकि वह ऐसे देश के प्रधानमंत्री है, जहां लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हैं और जो महात्मा गांधी का देश है। गहलोत ने बांसवाड़ा के पास मानगढ़ धाम में ‘मानगढ़ धाम की गौरव गाथा’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह कहा। इस दौरान मंच पर प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद रहे। गहलोत ने कहा, इस देश में 70 साल से लोकतंत्र जिंदा है। बीते 70 साल में हमारा देश कहां से कहां से कहां पहुंच गया। पहले हम गुलामी की जंजीरों से जकड़े हुए थे। इसकी कहानियां हम आज पढ़ रहे हैं। हमारे देश में लोकतंत्र की जड़ें मजबूत और गहरी हैं। दुनिया को जब एहसास होता है कि उस देश के प्रधानमंत्री हमारे देश में आ रहे हैं तो आप सोच सकते हैं वे कैसा सम्मान देते हैं।

महातैयारी के साथ महापर्व शुरू : नहाय – खाय के साथ शुरू हुआ लोक आस्था के महापर्व छठ

तरारी।  लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की तैयारी में श्रद्धालु आस्था के साथ जुट गये है। प्रखण्ड भर में इसकी तैयारी बड़ी ही धूम-धाम से की जा रही है। लोक आस्था का महापर्व छठ 28 नवम्बर यानि शुक्रवार को नहाय खाय के साथ   शुरू हो गया।. कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से सप्तमी तक चलने वाला यह चार दिवसीय  अनुष्ठान नहाय – खाय के साथ शुरू हो गया। आज छठ वर्ती चने का दाल, लौकी के सब्जी, सेंधा नमक के साथ अरवा चावल खाकर अनुष्ठान की शुरूआत की। यह अनुष्ठान 36 घंटे का निर्जला व्रत होता है। इस साल छठ 28  नवम्बर  को नहाय-खाय, 29 नवम्बर को खरना मनाया जाएगा। इसके बाद छठ व्रती 30 नवम्बर  को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगी  और 31 नवम्बर को सुबह में भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के बाद  छठ व्रत का समापन  होगा।  दूसरे दिन खरना की विधि की जाती है। खरना के दिन व्रती पूरे दिन निर्जला रह शाम होने पर  चावल व गुड़ का खीर प्रसाद के रूप में ग्रहण करते है, तीसरे दिन पूरे दिन  उपवास के बाद  शाम को  भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाता है। मान्यता के अनुसार शाम का अर्घ्य के बाद रात में जागरण किया जाता है। इसमें वर्ती छठी माता के महिमा मे गीत गाती हैं और व्रत कथा भी सुनी जानें की परम्परा है। छठ पर्व के चौथे और अंतिम दिन सुबह सूर्य निकलने से पहले ही घाट पर पहुंच वर्ती   उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ व्रत पूर्ण करते है। अर्घ्य देने के बाद घाट पर छठ माता से संतान – रक्षा और घर परिवार के सुख – शांति का वरदान मांगे जाने की परम्परा है। इस पूजन के बाद सभी में प्रसाद बांट कर फिर व्रती खुद भी प्रसाद खाकर व्रत का पारण लेते हैं। छठ गीत से भक्तिमय माहौल                                                                          पिछले कई दिनों से प्रखंड तरारी  में छठ का गीत बजने लगे हैं। क्षेत्र के विभिन्न गांवों एवं मुहल्लों में छठी मैया के गीत का धुन बजना शुरू हो चुका है। हर तरफ इसकी गीतों की गूंज सुनाई दे रही है। छठ गीतों में “उग हो सूरज देव भईल अर्घ्य के बेर”, “कांच ही बांस के बहंगीया, केलावा के पात पर उगी ला सूरज देव” सहित अन्य गीतों की आवाज से चारों ओर का माहौल भक्ति मय  बना हुआ है। छठ घाटों की साफ-सफाई में लगे लोग                                                                                                                        वहीं युवा की टोली छठ घाट की साफ – सफाई के साथ घाट को बनाने में लगे है, वही देव सूर्य मंदिर, कुरमुरी सूर्य मंदिर व बागर सूर्य मंदिर समेत सभी सोननदी,  नहर, तालाब सहित अन्य जगहों की सफाई एवं रास्ते का मरम्मती कार्य करने में स्थानीय लोग एव पुजा समिति के कार्यकर्ता जुटे हुए है। देव व बागर में दूर दराज से लोग अपना मन्नत पूरा करने आते  है जिसके कारण यहा काफी भीड देखी जाती है।

विद्युत विपत्र सुधार के लिए कोआथ में विभाग ने किया शिविर का आयोजन

रोहतास जिला से विशेष संवाददाता चन्द्रमोहन चौधरी की रिपोर्ट  प्रखंड दावथ के कोआथ में उपभोक्ताओं के अनुरोध पर विद्युत विपत्र सुधार हेतु कैम्प का आयोजन किया गया। जिसमे मुख्यतः गलत रीडिंग, एकमुश्त रीडिंग, गलत औसत, खराब मीटर एवं अन्य कारणों से संबंधित विद्युत विपत्र सुधार कराने हेतु उपभोक्ता पहुंचे। ऊक्त शिविर सहायक विद्युत अभियंता, बिक्रमगंज रविशंकर कुमार के नेतृत्व में आयोजित किया गया तथा श्री कुमार के द्वारा बताया गया कि कुछ उपभोक्ताओं का बिजली बिल ऑनस्पॉट सुधार कर दिया गया, जिनके विपत्र में ऑनस्पॉट सुधार संभव नहीं थे उनका आवेदन पत्र ले लिया गया तथा सात कार्यदिवस में सुधार कर दिया जाएगा।  शिविर में 27 आवेदन आये एवं 15 आवेदनों का ऑन स्पॉट निष्पादन किया गया। कनीय विद्युत अभियंता दावथ कौशलेंद्र कुमार के द्वारा बताया गया कि विद्युत विपत्र सुधार कैंप मे ख़राब मीटर वाले उपभोक्ता के परिसर का मीटर भी बदला जा रहा है एवं इच्छुक उपभोक्ताओं द्वारा अपना बकाया राशि भी जमा किया गया। विद्युत विपत्र सुधार शिविर में कनीय विद्युत अभियंता कौशलेंद्र कुमार, एसआरसी सद्दाम हुसैन के साथ साथ मानवबल मंटू कुमार आदि उपस्थित थे।

परंपरा के अनुसार बिक्रमगंज में मनाया गया भैया दूज का त्योहार

रोहतास जिला से विशेष संवाददाता चन्द्रमोहन चौधरी की रिपोर्ट  भैया दूज पर अनोखी परंपरा का निर्वहन करते हुए नगर क्षेत्र के विभिन्न मोहल्लों में बहनों ने पहले भाइयों को मरने का श्राप दिया, उसके बाद प्रायश्चित करते हुए अपनी जीभ पर कांटा चुभाया। यहां भाई दूज के पर्व में परंपरा की छाप स्पष्ट रूप से दिखाई दी। गुरुवार की सुबह इसी परंपरा से यहां भाई दूज मनाया गया। सुबह से ही बहनों ने भाइयों को मरने का श्राप दिया। इसके बाद वे सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना कर गोधन कूटीं। गोधन में गोबर से चौकोर आकृति बनाई गई थी, जिसमें यम लोक के प्राणियों की प्रतिमूर्ति बनाई गई थी। पूजा-अर्चना के बाद उसे कूटा गया।   भाई दूज का पर्व भाई-बहनों के पवित्र प्यार का पर्व है। इस दिन बहनों के द्वारा भाई के उज्जवल भविष्य एवं उसके दीर्घायु होने के लिए गोधन की पूजा की। भाई के माथे में तिलक लगा कर बहनें, भाई की मंगल कामना करते हुए ईश्वर से मनौती मांगी। पूजा अर्चना के पश्चात गोधन कूटते वक्त बहनें ‘अवरा कुटीला भवरा कुटीला, कुटीला यम के दुआर…’, ‘कुटीला भईया के दुश्मन,चारू पहर दिन रात…’ जैसे पारंपरिक गीत गायी। मान्यता है कि ऐसी कुटाई करने से यम लोक के निवासी एवं यम-यमनी भाग खड़े होते है। यम लोक की कुटाई करने के बाद यम लोक मे मुसल को रख कर भाई को पार कराते हुइ। बहनें अपने भाइयों को चना, लौंग, इलायची व सुपारी प्रसाद के रूप में खिलाई। साथ ही मिष्ठान भोजन भी कराई।

बिजली के पोल से कार टकराई, छह की मौत, तीन घायल

प्रयागराज । प्रयागराज शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर हंडिया-उतरांव के बीच टवेरा कार के दुर्घटनाग्रस्त होने से कई लोगों की मौत की खबर मिली है। बताया जा रहा है कि मृतकों में चार महिलाएं और दो लड़कियां हैं। इनमें एक बच्ची साल भर की है। यह सभी लोग एक ही परिवार के हैं जो प्रयागराज के सोरांव इलाके के शिवगढ़ सराय लाल से विंध्यांचल जा रहे थे। सुबह करीब पौने सात बजे हंडिया में सुजौला गांव के निकट बिजली के खंभे से टकराने के बाद कार पलट गई जिससे पांच लोगों की वहीं मौत हो गई जबकि पांच लोग जख्मी हुए। बाद में इलाज के दौरान 12 साल की गोटू उर्फ न्हासा पुत्री रमेश की अस्पताल में सांस थम गई। सुबह घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर स्थानीय पुलिस के साथ ही करीब साढ़े नौ बजे आईजी रेंज प्रयागराज राकेश सिंह भी पहुंचे। उन्होंने पुलिस से दुर्घटना का ब्यौरा लिया।खबर पाकर पहुंची पुलिस ने कार में फंसे लोगों को बाहर निकाला तो पता चला कि कई लोगों की जान चली गई है। सभी शवों को एसआरएन अस्पताल के चीरघर में रखकर परिवार को सूचना दी गई।1.रेखा पत्नी संजय अग्रहरी उम्र 45 वर्ष, 2.रेखा पत्नी रमेश उम्र 32 वर्ष, 3.कृष्णा देवी पत्नी स्व. श्यामलाल उम्र 70 वर्ष, 4.कविता पत्नी स्व. दिनेश उम्र 36 वर्ष, 5.कुमारी ओजस उम्र 1 वर्ष , 6. गोटू पुत्री रमेश उम्र 12 वर्ष। घायलों में उमेश पुत्र स्वर्गीय श्यामलाल उम्र 33 वर्ष, प्रिया पत्नी उमेश उम्र 30 वर्ष, ऋषभ पुत्र राम सजीवन अग्रहरि उम्र 26 वर्ष, चालक इरशाद हैं। सभी निवासी शिवगढ़ हैं। सभी घायलों को सीएचसी उपरदहा भेजा गया है।

झारखंड में एक लाख करोड़ से ज्यादा की राशि हुई खर्च, हेमंत सरकार के पास हिसाब नहीं, अब मची खलबली

राँची। झारखंड में बीते 16 साल के दौरान विभिन्न विभागों के जरिए खर्च की गई करोड़ों की राशि का हिसाब सरकार को नहीं मिला है, सरकार विकास योजनाओं सहित अन्य मदों में विभिन्न विभागों को राशि तो लगातार जारी करती रही, पर राशि का किस तरह और कितना उपयोग हुआ, इसका सही-सही ब्योरा सरकार को नहीं मिल पाया है।राज्य सरकार ने माना है कि कुल एक लाख तीन हजार चार सौ उनसठ करोड़ (103459.14) करोड़ की राशि का हिसाब नहीं मिल पाया है वही राज्य में कुल 39 हजार से अधिक योजनाओं या मदों में दी गई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं उपलब्ध है। सबसे ज्यादा ग्रामीण विकास विभाग में 14361.00 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं है, इसी तरह कृषि विभाग 611 करोड़, ऊर्जा में 9234 करोड़, नगर विकास विभाग सहित अन्य विभागों में भी बड़ी राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किया गया है। जब इसका खुलासा झारखंड के मुख्य सचिव झारखंड सुखदेव सिंह के पत्र से हुआ है, जो उन्होंने सभी विभागों के सचिवों को लिखा है उन्होंने उपयोगिता प्रमाण लंबित रहने पर चिंता जतायी है वही सीएस ने कहा कि कई निर्देश के बाद भी बड़ी राशि का हिसाब बकाया है, जो गंभीर विषय है। सीएस ने यह भी कहा है कि झारखंड के वित्त विभाग द्वारा बार-बार स्मारित किये जाने के बावजूद लंबित उपयोगिता प्रमाण-पत्र समर्पित नहीं किया जाना यह दर्शाता है कि आपके विभाग द्वारा इस संबंध में गंभीर प्रयास नहीं किया गया। वही महालेखाकार झारखंड द्वारा उपयोगिता प्रमाण पत्र (यूसी) सबमिट करने की ऑनलाइन व्यवस्था भी सितंबर 2019 से प्रभावी है। सीएस ने ऑनलाइन सबमिशन कर रिपोर्ट देने को कहा है। उधर व्यक्तिगत रुचि लेकर उपयोगिता प्रमाण पत्र देने का निर्देश मुख्य सचिव ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव,प्रधान सचिव,सचिवों को व्यक्तिगत रुचि लेकर लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र अविलंब समर्पित करने का आदेश दिया है। सीएस ने कहा कि अगर सचिव रुचि लेंगे और लगातार मॉनिटरिंग करेंगे तो लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र में अपेक्षित कमी हो सकेगी। एजी की रिपोर्ट से मिली जानकारी दरअसल, महालेखाकार लेखा एवं हकदारी झारखंड ने 26 जुलाई 2022 को ही सीएस को एक पत्र लिखा था और पूरी विवरणी दी थी। यह बात सामने आई कि 2006-07 से 2020-21 तक कुल 103459.14 करोड़ की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र विभिन्न विभागों में लंबित है। क्या है उपयोगिता प्रमाण पत्र उपयोगिता प्रमाण पत्र यानी खर्च का सही हिसाब-किताब इसे दिए बिन आगे की राशि नहीं दी जाती है क्योंकि रुपये प्राप्त करने वाले पदाधिकारी-विभाग के लिए यह नियम है कि वे ट्रेजरी कोड के तहत प्रपत्र भर के उपयोगिता प्रमाण पत्र एक साल के अंदर जमा कर दें कि कितनी राशि खर्च हुई है और कितनी बची है। इसकी प्रति एकाउंटेंट जनरल झारखंड को भेजनी होती है।उपयोगिता प्रमाण पत्र वित्तीय प्रबंधन की ट्रांसपेरेंसी को स्थापित करता है। प्रत्येक वर्ष        –        राशि करोड़ में 2012-13                  2685 1239.47 2013-14                  936 11235.61 2014-15                  1320 1564.44 2015-16                  2134 5354.78 2016-17                  8902 9573.72 2017-18                  4868 14497.51 2018-19                  3968 18591.51 2019-20                  4441 17044.72 2020-21                  4735 18710.47 2021-22                   5075 15406.55  कुल: 39064 103459.14

बिहार में बड़ा नाव हादसा, 10 लोग नदी में डूबे, दो महिलाओं का शव मिला, सीएम ने की मदद की घोषणा

कटिहार के बरारी प्रखंड क्षेत्र के मरघिया में यात्रियों से भरी नाव बरंडी नदी में डूब गयी नाव पलटने से 10 लोग नदी में डूब गए हादसे में पांच लोग लापता है वहीं गोताखोरों ने दो महिलाओं का शव नदी से निकाला है जबकि, तीन लोगों को स्थानीय गोताखोरों ने किसी तरह से डूबने से बचाया घटना की जानकारी मिलने के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण नदी के किनारे पहुंच गए। वहीं पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गयी बताया जा रहा है कि नदी में बहाव तेज होने के कारण हादसा हुआ है लापता लोगों की तलाश गोताखोर कर रहे हैं पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतक के आश्रितों को चार,चार लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है।

गया शिक्षक निर्वाचन 2022 के लिए बिक्रमगंज में जनसंपर्क अभियान ने पकड़ा जोर

रोहतास जिला से विशेष सवांददाता चन्द्रमोहन चौधरी की रिपोर्ट  गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र 2022 को लेकर अनुमंडल के हर प्रखण्ड में प्रो अभिषेक कुमार एवं डाक्टर पुष्पा सिंह के नेतृत्व मे डॉ. अजय कुमार सिंह के जीत सुनिश्चित करने के पक्ष में जनसम्पर्क अभियान जोर पकड चुका है। अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न काॅलेजों, उच्च माध्यमिक एंव माध्यमिक स्कूलों में प्रो अभिषेक कुमार ने शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप सभी विगत कई सालों से ना जाने कितने प्रत्याशी को चुनाव जिताये। आप खुद अपने दिल पर हाथ रख कर विचार करें की शिक्षक समाज को उन लोगों से अब तक क्या प्राप्त हुआ। उन्होने सम्मानित शिक्षको को सम्बोधित करते हुए कहा की सिर्फ एक बार आप सभी सहकारिता सम्राट स्व तपेशवर सिंह जी के बड़े पुत्र डाक्टर अजय कुमार सिंह जी को चुनाव जिताये उसके बाद शिक्षकों के हर समस्या पर गम्भीरतापूर्वक विचार कर उसका उचित समाधान किया जाएगा। प्रो अभिषेक कुमार ने कहा कि आप खुद विचार करें डाक्टर अजय कुमार सिंह आज आपके प्रतिनिधित्व नहीं करते, तब भी आज उनकी देन है कि हर गांव की बिटिया आज उच्च शिक्षा प्राप्त कर कई बडे़ बडे़ पद पर आसीन हो रही है। आप वैसे प्रत्याशी को जिताये जो चुनाव जितने के बाद भी आपके हर सुख दुख मे आपका साथ दे और आपके बीच रहे। प्रो अभिषेक कुमार ने शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम तो हमेशा आप सबों के बीच ही रहते है।  व्यक्तिगत रूप से आप सबो के बीच डाक्टर अजय कुमार सिंह के लिए आया हू।  वहीं कई स्कूलों एवं कालेजों के शिक्षकों ने भी बैठक मे अपना विचार रखते हुए कहा कि हम सभी निश्चित तौर पर डाक्टर अजय कुमार सिंह को अपना बहुमूल्य मत देगे साथ ही साथ हम सब खुद से भी दूसरे लोगों को भी डाक्टर अजय कुमार सिंह जी के पक्ष मे मतदान करने हेतू प्रेरित करेगे। जनसम्पर्क अभियान में प्रो अभिषेक कुमार, डाक्टर पुष्पा सिंह, प्रो निजामुद्दीन खान, प्रो साधना सिंह, प्रो निरजा सिंह, प्रो युगल किशोर सिंह, असगर आलम उर्फ बाबू खान सहित अन्य लोग उपस्थित थे।