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गांधीनगर के श्मशान घाट में पंचतत्व में विलीन हुईं पीएम मोदी की मां

पीएम मोदी की मां हीराबा के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दे दी गई है। गांधीनगर के श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया। बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबा का निधन हो गया। पीएम मोदी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से यह सूचना दी गई। पीएम मोदी के ट्विटर हैंडल से पोस्ट करते हुए लिखा गया, ‘शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों में विराम… मां में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है। मैं जब उनसे 100वें जन्मदिन पर मिला तो उन्होंने एक बात कही थी, जो हमेशा याद रहती है कि काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से।’ मां के निधन के बाद पीएम मोदी अहमदाबाद पहुंचे। यूएन मेहता अस्पताल के एक बयान में कहा गया है, ‘हीराबा मोदी का निधन शुक्रवार तड़के (30 दिसंबर) 3.30 बजे (सुबह) इलाज के दौरान हुआ। मां का स्थान कोई नहीं ले सकता: नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी की मां श्रीमती हीरा बेन जी का निधन दुखद। मां का निधन असहनीय और अपूरणीय क्षति होता है। मां का स्थान दुनिया में कोई नहीं ले सकता। दिवंगत आत्मा की चिर शांति तथा प्रधानमंत्री श्री मोदी जी एवं उनके परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां का निधन, पीएम ने ट्वीट कर दी जानकारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीरा बा मोदी का शुक्रवार को निधन हो गया. वे 100 साल की थीं. हीरा बा ने अहमदाबाद के यूएन मेहता अस्पताल में अंतिम सांस ली. हीरा बा को मंगलवार शाम अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पीएम मोदी ने ट्वीट कर मां हीरा बा को श्रद्धांजलि दी. पीएम की मां हीरा बा को मंगलवार को अचानक से सांस लेने में दिक्कत होने लगी थी. इसके अलावा उन्हें कफ की शिकायत भी थी. इसके बाद उन्हें आनन-फानन में अहमदाबाद के यूएन मेहता अस्पताल के कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती करा दिया गया. डॉक्टरों ने उनकी मां का एमआरआई और सीटी स्कैन किया. गुरुवार को अस्पताल की ओर से बयान जारी कर बताया गया था कि उनकी तबीयत में सुधार है. लेकिन शुक्रवार सुबह उनका निधन हो गया.

नववर्ष की जश्न को फीका कर सकती है कोरोना की चौथी लहर, सरकार अलर्ट

देश में जनवरी मध्य से कोरोना मामले बढ़ने की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग इलाज के साथ रोकथाम के लिए तमाम एहितयाती उपायों पर मंथन कर रहा है। मंगलवार को प्रदेश भर के अस्पतालों में इलाज की तैयारियों की माक ड्रिल के बाद बुधवार को आयोजित समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने नववर्ष के जश्न पर रोक लगाने पर डाक्टरों का मंतव्य जाना। उनकी चिंता थी कि बोधगया में लोगों का जमावड़ा लगने के कारण कोरोना के मामले बढ़े हैं, ऐसे में नववर्ष के जश्न से खतरा और बढ़ सकता है। हालांकि, डाक्टरों ने जश्न पर रोक लगाने के बजाय मास्क और शारीरिक दूरी के नियम को अनिवार्य रूप से लागू कराने की सलाह दी है। उनका कहना था कि रोक लगाने के बावजूद लोग आदतन जश्न मनाएंगे और खतरे में आ सकते हैं। एहतियात के साथ जश्न मनाने का नियम लागू कराने से बड़ी आबादी को सुरक्षित रखा जा सकता है। समीक्षा बैठक में शामिल एम्स, आइजीआइएमएस, पीएमसीएच, एनएमसीएच समेत सभी मेडिकल कालेजों के प्राचार्य-अधीक्षक और सिविल सर्जनों का मानना था कि कोरोना से निपटने में सरकार के स्तर से तमाम तैयारियां दुरुस्त हैं। कोराेना से कैसे बचना है इसकी बाबत हर शख्स को जागरूक किया जा चुका है। अब यह आमजन के हाथ में है कि वह कोरोना अनुकूल व्यवहार जैसे मास्क पहनना, अंजान सतह छूने के बाद मुंह-नाक व आंख को छूने के पहले साबुन से हाथ धोने, बेवजह यात्रा न करने या भीड़भाड़ वाली जगहों पर नहीं जाना और शारीरिक दूरी जैसे नियमों का पालन कर कोरोना से सुरक्षित रहें। अपर मुख्य सचिव ने सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे रेड अलर्ट मोड में रहें और कोरोना जांच की संख्या को बढ़ाएं। कोरोना उपचार में जिस सामान, दवा की कमी हो अभी बीएमएसआइसीएल से मंगवा लें। कोविड डेडिकेटेड हास्पिटल रहे एनएमसीएच को अधिक संख्या में बेड तैयार रखने को कहा गया। पीएमसीएच को बाथरूम व आक्सीजन कंटेनर समेत अन्य सुविधाएं दुरुस्त रखने को कहा गया। इसके अलावा लखीसराय, अररिया, मुंगेर, बांका जैसे जिलों को कमियां दूर करने का निर्देश दिया गया।

विदेशों में PM मोदी का क्यों होता है सम्मान? बताया CM गहलौत ने

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनियाभर में सम्मान मिलता है, क्योंकि वह ऐसे देश के प्रधानमंत्री है, जहां लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हैं और जो महात्मा गांधी का देश है। गहलोत ने बांसवाड़ा के पास मानगढ़ धाम में ‘मानगढ़ धाम की गौरव गाथा’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह कहा। इस दौरान मंच पर प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद रहे। गहलोत ने कहा, इस देश में 70 साल से लोकतंत्र जिंदा है। बीते 70 साल में हमारा देश कहां से कहां से कहां पहुंच गया। पहले हम गुलामी की जंजीरों से जकड़े हुए थे। इसकी कहानियां हम आज पढ़ रहे हैं। हमारे देश में लोकतंत्र की जड़ें मजबूत और गहरी हैं। दुनिया को जब एहसास होता है कि उस देश के प्रधानमंत्री हमारे देश में आ रहे हैं तो आप सोच सकते हैं वे कैसा सम्मान देते हैं।

राजस्थान में हो सकता है सत्ता परिवर्तन, अशोक गहलौत के आवास पर आज विधायक दल की बैठक

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर नामांकन 24 सितंबर से भरा जा रहा है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम इस चुनाव में सबसे आगे चल रहा है। गहलोत ने भी यह साफ कर दिया है कि वो नामांकन भरेंगे। ऐसे में राजस्थान की सीएम कुर्सी पर कौन बैठेगा इसपर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है। मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार शाम सात बजे जयपुर में सीएम अशोक गहलोत के आवास पर होनी है जिसमें राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर प्रस्ताव पारित किया जाएगा।

नागदेवता की आराधना से विश्व को मिलेगी शांति और धन की होगी बारिश – तांत्रिक आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी

हम सभी जानते हैं नाग पंचमी  का त्‍यौहार सावन (श्रावण) के महीने  में आता है। प्रचलित हिंदु मान्‍यता के अनुसार पृथ्वी शेषनाग के फन पर टिकी है और भगवान शिव जी भी सर्प माला को पहने रहते हैं इसलिये सर्प को देवता के रूप में पूजा जाता है। भारत में नागों की पूजा करने का एक वैज्ञानिक कारण भी है, खेतों में फसलों को नुकसान पहुॅचानें वाले चूहे आदि जीवों का सर्प नष्‍ट कर देता है, जिससे किसानों की फसल सुरक्षित रहती है। एक कहानी केे अनुसार एक सर्प ने भाई बनकर अपनी बहन की सुरक्षा की थी और भाई का फर्ज निभाया था, इसलिये इस दिन महिलायें नागों को दूध पिलाती हैं और उसमें प्रार्थना करती हैं उनकी और उनके परिवार की सुुरक्षा करें। सर्प ही धन की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं और इन्हें गुप्त, छुपे और गड़े धन की रक्षा करने वाला माना जाता है. नाग, मां लक्ष्मी की रक्षा करते हैं । जो हमारे धन की रक्षा में हमेशा तत्पर रहते हैं इसलिए धन-संपदा व समृद्धि की प्राप्ति के लिए नाग पंचमी मनाई जाती है। इस दिन श्रीया, नाग और ब्रह्म अर्थात शिवलिंग स्वरुप की आराधना से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है और साधक को धनलक्ष्मी का आशिर्वाद मिलता है । हर साल सावन के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नागपंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस बार 02 अगस्त 2022 को देशभर में नागपंचमी मनाई जाएगी. इस दिन नाग देवता के 12 स्वरूपों की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि नाग देवता की पूजा करने और रुद्राभिषेक करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं और मनचाहा वरदान देते हैं।  मान्यता यह भी है कि इस दिन सर्पों की पूजा करने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं। प्राचीन धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, अगर किसी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष हो तो उसे नागपंचमी के दिन भगवान शिव और नागदेवता की पूजा करनी चाहिए। कालसर्प योग यज्ञ का आरम्भ या समाप्ति पंचमी, अष्टमी, दशमी या चुतुर्दशी तिथिवार चाहें जो भी हो, भरणी, आद्र्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, उत्तराषाढ़ा, अभिजित एवं श्रवण नक्षत्र श्रेष्ठ माने जाते हैं। परन्तु जातक की राशि से ग्रह गणना का विचार करना परम आवश्यक होता है। यह हैं नाग पंचमी पूजा विधि नाग पंचमी  के दिन घर के सभी दरवाजों पर खड़िया (पाण्डु/सफेदे) से छोटी-छोटी चौकोर जगह की पुताई की जाती है और कोयले को दूध में घिसकर मुख्‍यत दरवारों बाहर दोनों तरफ, मंदिर के दरवाजे पर और पूजा घर  में नाग देवता के चिन्ह (फोटो) बनाये जाते हैं, आज-कल यह फोटो बाजारों में मिलते हैं, जिन्‍हें आप इस्‍तेमाल कर सकते हैं। नागों की पूजा गाय का दूध और धान की लावा  से की जाती हैं और इस दिन नागों को दूध पिलाने की परंपरा है। जिसके लिये खेतों में या किसी ऐसे स्‍थान पर जहॉ सर्प होने की संभावना हो वहॉ एक कटोरी में दूध और धान की लावा रखा जाता है।  ऐसे करें नागपंचमी की पूजन सबसे पहले प्रात: घर की सफाई कर स्नान कर लें। इसके बाद प्रसाद के लिए सेवई और चावल बना लें। इसके बाद एक लकड़ी के तख्त पर नया कपड़ा बिछाकर उस पर नागदेवता की मूर्ति या तस्वीर रख दें। फिर जल, सुगंधित फूल, चंदन से अर्ध्य दें।  नाग प्रतिमा का दूध, दही, घृ्त, मधु ओर शर्कर का पंचामृ्त बनाकर स्नान कराएं।  प्रतिमा पर चंदन, गंध से युक्त जल अर्पित करें।  नये वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, हरिद्रा, चूर्ण, कुमकुम, सिंदूर, बेलपत्र, आभूषण और पुष्प माला, सौभाग्य द्र्व्य, धूप दीप, नैवेद्ध, ऋतु फल, तांबूल चढ़ाएं…आरती करें… अगर काल सर्पदोष है तो इस मंत्र का जाप करें: ”ऊँ कुरुकुल्ये हुं फट स्वाहा” ऐसे करें कालसर्प पूजन… प्रातःकाल स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजा के स्थान पर कुश का आसन स्थापित करके सर्व प्रथम हाथ में जल लेकर अपने ऊपर व पूजन सामग्री पर छिड़कें, फिर संकल्प लेकर कि मैं कालसर्प दोष शांति हेतु यह पूजा कर रहा हूं। अतः मेरे सभी कष्टों का निवारण कर मुझे कालसर्प दोष से मुक्त करें। तत्पश्चात् अपने सामने चौकी पर एक कलश स्थापित कर पूजा आरम्भ करें। कलश पर एक पात्र में सर्प-सर्पनी का यंत्र एवं कालसर्प यंत्र स्थापित करें। साथ ही कलश पर तीन तांबे के सिक्के एवं तीन कौड़ियां सर्प-सर्पनी के जोड़े के साथ रखें, उस पर केसर का तिलक लगायें, अक्षत चढ़ायें, पुष्प चढ़ायें तथा काले तिल, चावल व उड़द को पकाकर शक्कर मिश्रित कर उसका भोग लगायें, फिर घी का दीपक जला कर निम्न मंत्र का उच्चारण करें… ऊं नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथिवीमनु। ये अंतरिक्षे ये दिवितेभ्यः सर्पेभ्यो नमः स्वाहा।। राहु का मंत्र – ऊं भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः। इसके बाद सर्वप्रथम गणपति जी का  पूजन करें, नवग्रह पूजन करें, कलश पर रखी समस्त नाग-नागिन की प्रतिमा का पूजन करें व रूद्राक्ष माला से उपरोक्त कालसर्प शांति मंत्र अथवा राहू के मंत्र का उच्चारण एक माला जाप करें। उसके पश्चात् कलश में रखा जल शिवलिंग पर किसी मंदिर में चढ़ा दें। प्रसाद नंदी (बैल) को खिला दें, दान-दक्षिणा व नये वस्त्र ब्राह्मणों को दान करें। कालसर्प दोेष वाले जातक को इस दिन व्रत अवश्य करना चाहिए। तांत्रिक आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि अग्नि पुराण में लगभग 80 प्रकार के नाग कुलों का वर्णन मिलता है, जिसमें अनन्त, वासुकी, पदम, महापध, तक्षक, कुलिक, कर्कोटक और शंखपाल यह प्रमुख माने गये हैं।  स्कन्दपुराण, भविष्यपुराण तथा कर्मपुराण में भी इनका उल्लेख मिलता है। जानिए क्यों करवाएं नागपंचमी पर पूजन… यदि आपकी कुंडली में कालसर्प  योग (दोष), अंगारक दोष/यिग, या चाण्डाल दोष एवम ग्रहण दोष अथवा पित्र दोष है और उसके कारण आपके जीवन में (कई कामों में) विघ्न पड़ रहा है तो परेशान न हों।  नाग पंचमी का दिन कालसर्प योग(दोष), अंगारक दौड़, पितृदोष एवम ग्रहण दोष तथा चाण्डाल दोष जैसे दोषों की शांति के लिए बेहद फलदायी होता है। तांत्रिक आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि राहू के जन्म नक्षत्र ‘भरणी’ के देवता काल हैं एवं केतु के जन्म नक्षत्र ‘अश्लेषा’ के देवता सर्प हैं। अतः राहू-केतु के जन्म नक्षत्र देवताओं के नामों को जोड़कर “कालसर्प योग” कहा जाता है। राशि चक्र में 12 राशियां हैं, जन्म पत्रिका में 12 भाव हैं एवं 12 लग्न हैं। इस तरह कुल 144+144 = 288 कालसर्प … Read more

राष्ट्रपति पद की द्रौपदी मुर्मू ने ली शपथ, कहा : आज मैं खुद को भारत का नेतृत्व करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रही हूं

शपथ ग्रहण समारोह के मौके पर द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ‘आज मैं खुद को भारत का नेतृत्व करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। मैं आज देश की महिलाओं और युवाओं को याद दिलाती हूं कि मेरे लिए उनके हित सर्वोपरि हैं। मेरे सामने राष्ट्रपति पद की ऐसी महान विरासत है, जिसने दुनिया में भारत के लोकतंत्र की प्रतिष्ठा को मजबूत किया है। संविधान के आलोक में मैं पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्य का निर्वहन करूंगी। मेरे लिए लोकतांत्रिक आदर्श और समस्त देशवासी ऊर्जा का स्रोत रहेंगे।’ उन्होंने इस दौरान कारगिल विजय दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं भी दीं। बता दे कि द्रौपदी मुर्मू ने देश की पहली महिला आदिवासी के तौर पर राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली है। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने उन्हें शपथ दिलवाई। इस दौरान द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि मेरे लिए महिलाओं के हित सर्वोपरि होंगे। इसके साथ ही दलितों, पिछड़ों और गरीबों के हितों के लिए भी काम करने की बात कही। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की शक्ति ने मुझे यहां तक पहुंचाया। देश के गरीब आदिवासी, दलित और पिछड़े मुझमें अपना प्रतिबिंब देख सकते हैं। मेरे इस निर्वाचन में पुरानी लीक से हटकर आज के दौर में आगे बढ़ने वाले युवाओं का भी योगदान शामिल हैं। द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मैं देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हूँ जिसका जन्म आज़ाद भारत में हुआ है।

24 जुलाई को यानि आज रेलवे ने 221 ट्रेनों को किया रद्द, चेक करे स्टेटस

आईआरसीटीसी की वेबसाइट के अनुसार, कैंसिल की गई ट्रेनों की लिस्ट में देश भर के कई शहरों से चलने वाली ट्रेनें शामिल हैं। जो यात्री आज यात्रा कर रहे हैं वे रद्द की गई ट्रेनों की पूरी सूची national transporter’s official website पर देख सकते हैं। अगर आप यात्रा करने वाले हैं और आज आपकी ट्रेन है तो आपके लिए यह खबर काम की हो सकती है। दरअसल, भारतीय रेलवे ने रविवार 24 जुलाई को कई ट्रेनों को कैंसिल कर दिया है। आईआरसीटीसी की वेबसाइट के अनुसार, रविवार को कुल 221 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। बता दें कि देश के कई हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। यही वजह है कि कैंसिल की गई ट्रेनों में ज्यादातर ट्रेनें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों की रद्द की गई है। ऐसे चेक करें ट्रेन का स्टेटस कैंसिल ट्रेनों की लिस्ट चेक करने के लिए आप enquiry.indianrail.gov.in/mntes/ की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं। यहां आपको दाईं तरफ में Exceptional Trains ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आपको Cancel Train List, Reschedule या फिर Divert ट्रेनों की लिस्ट पर क्लिक करके चेक कर सकते हैं। देखें, 24 जुलाई रविवार को रद्द की गई ट्रेनों की लिस्ट 00913 , 01539 , 01540 , 01605 , 01606 , 01607 , 01608 , 01609 , 01610 , 03035 , 03036 , 03058 , 03083 , 03085 , 03086 , 03087 , 03094 , 03095 , 03096 , 03097 , 03098 , 03502 , 03549 , 03657 , 03658 , 04129 , 04130 , 04181 , 04182 , 04183 , 04194 , 04601 , 04602 , 04647 , 04648 , 04685 , 04686 , 04699 , 04700 , 04883 , 05137 , 05169 , 05170 , 05334 , 05366 , 05445 , 05446 , 06429 , 06430 , 06846 , 06977 , 06980 , 07519 , 07906 , 07907 , 09071 , 09072 , 09108 , 09109 , 09110 , 09113 , 09483 , 09484 , 09501 , 09502 , 10101 , 10102 , 11027 , 11421 , 11422 , 12824 , 12929 , 12930 , 13033 , 14235 , 14893 , 15232 , 17267 , 17268 , 18109 , 18202 , 18258 , 19035 , 19036 , 19426 , 20972 , 22167 , 22620 , 22910 , 22929 , 22930 , 22959 , 22960 , 31411 , 31414 , 31617 , 31622 , 31711 , 31712 , 36033 , 36034 , 37211 , 37216 , 37246 , 37247 , 37253 , 37256 , 37305 , 37306 , 37307 , 37308 , 37312 , 37319 , 37327 , 37330 , 37335 , 37338 , 37343 , 37348 , 37411 , 37412 , 37415 , 37416 , 37611 , 37614 , 37657 , 37658 , 37741 , 37746 , 37782 , 37783 , 37785 , 37786 , 47105 , 47109 , 47110 , 47111 , 47112 , 47114 , 47116 , 47118 , 47120 , 47129 , 47132 , 47133 , 47135 , 47136 , 47137 , 47138 , 47139 , 47140 , 47150 , 47153 , 47164 , 47165 , 47166 , 47170 , 47176 , 47187 , 47189 , 47190 , 47191 , 47192 , 47195 , 47203 , 47210 , 47220, 66002, 66004, 66015, 66016, 66016, 93002.

जहानाबाद की अनीता शादी के 13 साल बाद दारोगा बन पेश की मिसाल

जहानाबाद की अनीता की सफलता की कहानी दिलचस्पी  है इसलिए क्योंकि शादी के 1-2 नहीं बल्कि 13 साल बाद उन्होंने दारोगा की वर्दी हासिल की है। बता दे कि  बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग ने दारोगा और सार्जेंट के लिए हुई परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है. इस परीक्षा में कुल 2213 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं, जिसमें दरोगा के लिए 1998 और सार्जेंट के 215 उम्मीदवार शामिल थे। दारोगा की परीक्षा में 742 और सार्जेंट में 84 महिलाएं सफल हुई है। उसी सफल अभ्यर्थियों में से एक जहानाबाद की अनीता भी है। अनीता के पति जहानाबाद के होरिलगंज मोहल्ला स्थित तंग गलियों में आटा चक्की की मशीन चलाते हैं। संतोष आटा चक्की के माध्यम से किसी तरह अपनी पत्नी और दो बच्चों का परिवार चला रहे थे लेकिन पत्नी को गृहस्थी में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। 13 साल पहले अनीता की शादी हुई थी और उसके बाद वो हाउस वाइफ बन गईं।  इस दौरान अनीता को दो बेटे भी हुए लेकिन शादी के बाद भी अनीता ने पढाई कायम रखी और बच्चों के जन्म के बाद उन्होंने नौकरी की तैयारी शुरू कर दी। इस दौरान उनके पति ने घर का जिम्मा संभाला.। अनीता ने पहले सिपाही की नौकरी हासिल की और अब उसी विभाग में दारोगा बन गईं। शनिवार को अनीता के  घर पहुचे बकवास न्यूज के टीम को अनीता ने बताया की कि शादी के 10 साल बाद उन्होंने कुछ करने की ठानी और पहले पुलिस ज्वाइन कर अपना दमखम दिखाया।  हौसलों को थोड़ा बल मिला और 2020 में जब दारोगा की वैकेंसी निकली तो उन्होंने ठान लिया कि अब यही नौकरी करनी है। रोहतास में आरक्षी के पद पर नौकरी करते हुए अनीता ने पहले पीटी फिर फिजिकल निकाला और फाइनली एसआई की नौकरी ले ली।रिजल्ट निकलने के बाद जब अनीता जहानाबाद पहुंचीं तो परिजनों ने माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर स्वागत किया। अनीता की सफलता ये संदेश देती है कि हर सफलता के पीछे आपकी सोच और विचार का बहुत बड़ा योगदान होता है। कोई भी काम करने से पूर्व यदि आपके मन में उत्साहहीनता या असफलता के भाव और विचार आते हैं तो निश्चित जानिए आप कभी सफल नहीं हो सकते है। ये दृढ़ संकल्प ही था कि शादी के 13 साल बाद दो बच्चों की मां ने वैसी नौकरी पाई जिसमें मानसिक के साथ शारीरिक रूप से मजबूत होना जरूरी है – अनीता, दारोगा, बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग 

बड़ी खबर : कांवड़ियों को बेकाबू डंपर ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में रौंदा, 6 श्रद्धालुओं की मौत

यूपी के हाथरस के पास एक बेकाबू डंपर ने कांवड़ियों को रौंद दिया। इस दुर्घटना में 6 कांवड़ियों की दर्दनाक मौत हो गई है। कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेकर ग्‍वालियर जा रहे थे। घटना में 2 लोग गम्‍भीर रूप से घायल थे। बताया जा रहा है कि 5 लोगों की मौत घटनास्‍थल पर ही हो गई थी। एक ने अस्‍पताल में दम तोड़ा। एक घायल का आगरा में इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि ये कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेकर मध्‍य प्रदेश के ग्‍वालियर जा रहे थे। पांच कांवड़िए 28 वर्षीय जबर सिंह पुत्र सुलतान सिंह, 30 वर्षीय रणवीर पुत्र अमर सिंह, 30 वर्षीय मनोज पाल पुत्र मोहन सिंह, 30 वर्षीय रमेश पाल पुत्र नाथूराम और नरेश पाल पुत्र रामनाथ की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि विकास पुत्र प्रभु दयाल और अभिषेक गंभीर रूप से घायल हो गए। इलाज के दौरान विकास ने भी दम तोड़ दिया।  पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। एडीजी आगरा का कहना है कि जल्द ही डंपर ड्राइव को पकड़ लिया जाएगा। हाथरस के सादाबाद थाना क्षेत्र के हाथरस-आगरा मार्ग पर बढ़ार चौराहे के पास यह दुर्घटना हुई। शुक्रवार और शनिवार की रात करीब ढाई बजे एक बेकाबू तेज रफ्तार डंपर ने कांवड़ियों के जत्‍थे को रौंद दिया। इस हादसे में 5 कांवड़ियों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि दो अन्‍य गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्‍हें इलाज के लिए सबसे पहले नजदीक के अस्‍पताल ले जाया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद आगरा मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया। बताया जा रहा है क‍ि घायलों में से भी एक की मौत हो गई । मिली जानकारी के अनुसार कांवड़ियों का ये जत्‍था ग्वालियर के थाना उटीला के अंतर्गत आने वाले गांव बागी खुर्द से हरिद्वार गया था। वहां गंगाजल लेकर जत्‍था वापस ग्‍वालियर लौट रहा था। हादसे की सूचना पर हाथरस के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए। सूचना पर एडीजी आगरा राजीव कृष्ण व डीआईजी अलीगढ़ सहित एसपी विकास कुमार वैदय मौके पर पहुंचे। घायलों को बचाने के लिए तत्‍काल राहत कार्य शुरू किया गया। मृतकों के परिवारीजनों को सूचना दी जा रही है।