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गांधीनगर के श्मशान घाट में पंचतत्व में विलीन हुईं पीएम मोदी की मां

पीएम मोदी की मां हीराबा के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दे दी गई है। गांधीनगर के श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया। बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबा का निधन हो गया। पीएम मोदी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से यह सूचना दी गई। पीएम मोदी के ट्विटर हैंडल से पोस्ट करते हुए लिखा गया, ‘शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों में विराम… मां में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है। मैं जब उनसे 100वें जन्मदिन पर मिला तो उन्होंने एक बात कही थी, जो हमेशा याद रहती है कि काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से।’ मां के निधन के बाद पीएम मोदी अहमदाबाद पहुंचे। यूएन मेहता अस्पताल के एक बयान में कहा गया है, ‘हीराबा मोदी का निधन शुक्रवार तड़के (30 दिसंबर) 3.30 बजे (सुबह) इलाज के दौरान हुआ। मां का स्थान कोई नहीं ले सकता: नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी की मां श्रीमती हीरा बेन जी का निधन दुखद। मां का निधन असहनीय और अपूरणीय क्षति होता है। मां का स्थान दुनिया में कोई नहीं ले सकता। दिवंगत आत्मा की चिर शांति तथा प्रधानमंत्री श्री मोदी जी एवं उनके परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां का निधन, पीएम ने ट्वीट कर दी जानकारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीरा बा मोदी का शुक्रवार को निधन हो गया. वे 100 साल की थीं. हीरा बा ने अहमदाबाद के यूएन मेहता अस्पताल में अंतिम सांस ली. हीरा बा को मंगलवार शाम अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पीएम मोदी ने ट्वीट कर मां हीरा बा को श्रद्धांजलि दी. पीएम की मां हीरा बा को मंगलवार को अचानक से सांस लेने में दिक्कत होने लगी थी. इसके अलावा उन्हें कफ की शिकायत भी थी. इसके बाद उन्हें आनन-फानन में अहमदाबाद के यूएन मेहता अस्पताल के कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती करा दिया गया. डॉक्टरों ने उनकी मां का एमआरआई और सीटी स्कैन किया. गुरुवार को अस्पताल की ओर से बयान जारी कर बताया गया था कि उनकी तबीयत में सुधार है. लेकिन शुक्रवार सुबह उनका निधन हो गया.

सामूहिक दुष्कर्म के बाद विधवा अधेड़ महिला के सिर काट तन से किया अलग, आरोपी फरार

पाकिस्तान में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के मामले थम नहीं रहे हैं। सिंध प्रांत में एक महिला के साथ हैवानियत का मामला सामने आया है। यहां एक 42 वर्षीय भील महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ है। सिर्फ इतना ही नहीं, दुष्कर्म के बाद दरिंदों ने पीड़िता की बेरहमी से हत्या कर दी। मृतका की पहचान दया भील के रूप में हुई है।  जानकारी के मुताबिक, कुछ दरिंदों ने पहले दया को अपनी हवस का शिकार बनाया। बाद में वहशियों ने सिर तन से अलग कर दिया और स्तन भी काट दिए। महिला की लाश को खेत में फेंक दिया। बताया जा रहा है कि लाश को ठिकाने लगाने से पहले उसके सिर की खाल भी उधेड़ दी थी। इस वारदात के बाद सिंध की सांसद कृष्णा कुमारी ने पीड़िता के घर पहुंचीं। सांसद ने कहा कि विधवा दया की बेरहमी से हत्या कर दी गई और शव बहुत बुरी हालत में मिला। सिर धड़ से अलग कर दिया गया था। दरिंदों ने पूरे सिर का मांस नोच डाला था।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये घटना सिंध के संघर जिले के सिंझोरे की है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस मामले में अब तक कोई केस दर्ज नहीं किया गया है। इसके अलावा आरोपियों की पहचान भी नहीं हो पाई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये घटना सिंध के संघर जिले के सिंझोरे की है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस मामले में अब तक कोई केस दर्ज नहीं किया गया है। इसके अलावा आरोपियों की पहचान भी नहीं हो पाई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

नववर्ष की जश्न को फीका कर सकती है कोरोना की चौथी लहर, सरकार अलर्ट

देश में जनवरी मध्य से कोरोना मामले बढ़ने की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग इलाज के साथ रोकथाम के लिए तमाम एहितयाती उपायों पर मंथन कर रहा है। मंगलवार को प्रदेश भर के अस्पतालों में इलाज की तैयारियों की माक ड्रिल के बाद बुधवार को आयोजित समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने नववर्ष के जश्न पर रोक लगाने पर डाक्टरों का मंतव्य जाना। उनकी चिंता थी कि बोधगया में लोगों का जमावड़ा लगने के कारण कोरोना के मामले बढ़े हैं, ऐसे में नववर्ष के जश्न से खतरा और बढ़ सकता है। हालांकि, डाक्टरों ने जश्न पर रोक लगाने के बजाय मास्क और शारीरिक दूरी के नियम को अनिवार्य रूप से लागू कराने की सलाह दी है। उनका कहना था कि रोक लगाने के बावजूद लोग आदतन जश्न मनाएंगे और खतरे में आ सकते हैं। एहतियात के साथ जश्न मनाने का नियम लागू कराने से बड़ी आबादी को सुरक्षित रखा जा सकता है। समीक्षा बैठक में शामिल एम्स, आइजीआइएमएस, पीएमसीएच, एनएमसीएच समेत सभी मेडिकल कालेजों के प्राचार्य-अधीक्षक और सिविल सर्जनों का मानना था कि कोरोना से निपटने में सरकार के स्तर से तमाम तैयारियां दुरुस्त हैं। कोराेना से कैसे बचना है इसकी बाबत हर शख्स को जागरूक किया जा चुका है। अब यह आमजन के हाथ में है कि वह कोरोना अनुकूल व्यवहार जैसे मास्क पहनना, अंजान सतह छूने के बाद मुंह-नाक व आंख को छूने के पहले साबुन से हाथ धोने, बेवजह यात्रा न करने या भीड़भाड़ वाली जगहों पर नहीं जाना और शारीरिक दूरी जैसे नियमों का पालन कर कोरोना से सुरक्षित रहें। अपर मुख्य सचिव ने सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे रेड अलर्ट मोड में रहें और कोरोना जांच की संख्या को बढ़ाएं। कोरोना उपचार में जिस सामान, दवा की कमी हो अभी बीएमएसआइसीएल से मंगवा लें। कोविड डेडिकेटेड हास्पिटल रहे एनएमसीएच को अधिक संख्या में बेड तैयार रखने को कहा गया। पीएमसीएच को बाथरूम व आक्सीजन कंटेनर समेत अन्य सुविधाएं दुरुस्त रखने को कहा गया। इसके अलावा लखीसराय, अररिया, मुंगेर, बांका जैसे जिलों को कमियां दूर करने का निर्देश दिया गया।

यूक्रेन संकट का हरसंभव समाधान चाहता है भारत, जयशंकर ने बताया ‘परमाणु खतरे’ के दौरान रूस पर कैसे बनाया ‘दबाव’

जब यूक्रेन का मुद्दा आता है तो स्वभाविक है कि अलग-अलग देश और क्षेत्र थोड़ी अलग तरीके से प्रतिक्रिया करेंगे. विदेश मंत्री ने कहा कि लोग उसे अपने नजरिये, तात्कालिक हित,ऐतिहासिक अनुभव और अपनी असुरक्षा के संदर्भ में देखते हैं।   विदेश मंत्री एस.जयशंकर   ने Crisis) के समाधान के लिए भारत  यथासंभव हर प्रकार की सहूलियत देने को इच्छुक है.  उन्होंने रेखांकित किया कि जब यूक्रेन (Ukriane) और रूस (Russia)  के बीच संवेदनशील जपोरिज्जिया में लड़ाई बढ़ गयी थी तब भारत ने मॉस्को पर वहां मौजूद परमाणु संयंत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दबाव बनाया था. विदेश मंत्री के तौर पर जयशंकर पहली बार न्यूजीलैंड की यात्रा पर आए हैं और उन्होंने ऑकलैंड बिजनेस चेंबर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सिमोन ब्रिजेस से लंबी बातचीत की.   के समाधान के लिए भारत  यथासंभव हर प्रकार की सहूलियत देने को इच्छुक है.  उन्होंने रेखांकित किया कि जब यूक्रेन  और रूस के बीच संवेदनशील जपोरिज्जिया में लड़ाई बढ़ गयी थी तब भारत ने मॉस्को पर वहां मौजूद परमाणु संयंत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दबाव बनाया था. विदेश मंत्री के तौर पर जयशंकर पहली बार न्यूजीलैंड की यात्रा पर आए हैं और उन्होंने ऑकलैंड बिजनेस चेंबर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सिमोन ब्रिजेस से लंबी बातचीत की.

रूसी एयरलाइन्स को 18-65 साल के पुरुषों को टिकट ना बेचने का मिला आदेश, मार्शल लॉ का बढ़ा डर

कई न्यूज़ वेबसाइट और पत्रकारों ने ट्विटर पर बताया है कि रूसी एयरलाइन्स ने 18-65 साल (युद्द की उम्र) के पुरुषों को टिकट बेचना बंद कर दिया है। यह खबर ऐसे समय आई है जब देश में मार्शल लॉ जारी होने का डर बढ़ गया है। पुतिन के बुधवार को दिए अपने भाषण में रिजर्व बलों को यूक्रेन युद्ध में भेजे जाने की बात कही थी (File Photo) रूस (Russia) से बाहर जा रही उड़ानें राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) के यूक्रेन (Ukraine) में रिज़र्व सेना भेजने के आदेश के बाद लगभग पूरी तरह से बुक हो चुकी हैं। रूस में हवाई यात्रा की टिकट बेचने वाली वेबसाइट एवियासेल्स ने दिखाया कि पास के देशों, आर्मेनिया, जॉर्जिया, अज़रबैजान और कज़ाकिस्तान के लिए सभी टिकटें बुधवार को ही बिक गईं। तुर्की की एयरलाइन  ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि इस्तांबुल के लिए भी शनिवार तक सभी उड़ानों की बुकिंग हो गई है।  पुतिन ने टीवी पर भाषण देकर अपनी घोषणा की थी।

पाकिस्तान को मदद की जरूरत है”, अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने की अपील

पाकिस्तान पिछले 30 साल में बाढ़ के कारण उपजी सबसे बुरी स्थिति का सामना कर रहा है और देश का एक तिहाई हिस्सा जलमग्न है. लगभग तीन करोड़ 30 लाख लोग इससे प्रभावित हैं और घर, फसल, पुल, सड़कें और पशु बर्बाद हो गए हैं।   अमेरिका  के राष्ट्रपति जो बाइडन  ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अभूतपूर्व बाढ़ से जूझ रहे पाकिस्तान  की मदद करने का आग्रह किया है।   उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन  संकट का समाधान किया जाना जरूरी है क्योंकि कई देश इसकी चपेट में हैं। बाइडन ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा, “हम सभी जानते हैं कि हम जलवायु संकट का सामना कर रहे हैं। पिछले साल की घटनाओं के बाद किसी को इस पर संदेह नहीं होना चाहिए। हम बैठकों में शामिल होते रहते हैं। अभी जब हम मिल रहे हैं, तो इस बीच पाकिस्तान का ज्यादातर क्षेत्र जलमग्न है. उसे मदद की जरूरत है.” 

भूख से 6 साल के बच्चे की मौत

पाकिस्तान में इन दिनों कुदरत कहर बरपा रही है। बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। बाढ़ प्रभावित पाकिस्तान को दुनिया भर के देशों द्वारा मदद पहुंचाई जा रही है। वहीं पटनी क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग के पास एक अस्थायी आश्रय में छह साल की बच्ची की भूख और बीमारी से मौत के बाद लगभग 200 बाढ़ प्रभावित परिवारों ने शुक्रवार को सुक्कुर शहर में विरोध प्रदर्शन किया।

कर्फ्यू : मणिपुर में पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवा बंद, विष्णुपुर और चुराचांदपुर में धारा 144 लागू

मणिपुर के पूरे इलाके में इंटरनेट सर्विस पांच दिनों के लिए बंद कर दी गई है। स्पेशल सेक्रेटरी (होम) एच ज्ञान प्रकाश ने शनिकार को इस संबंध में ऑर्डर जारी किया। आदेश के मुताबिक, कुछ असामाजिक तत्व हेट स्पीच फैलाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके जरिए लोगों को उकसाया जा रहा है। यह आदेश विष्णुपुर जिले के पुलिस अधीक्षक की उस रिपोर्ट के बाद जारी हुआ, जिसमें शनिवार शाम को फुगकचाओ इखांग में 3-4 लोगों की ओर से एक वाहन को आग लगाने की जानकारी दी गई। इसमें कहा गया है कि इस अपराध के चलते सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया है। विष्णुपुर और चुराचांदपुर जिले में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। यह आदेश शनिवार शाम से पूरे जिले में दो महीने तक लागू हुआ है। एटीएसयूएम किस बात पर भड़का? दरअसल, ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर (एटीएसयूएम) ने शुक्रवार सुबह राज्य के राष्ट्रीय राजमार्गों पर अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी लगा दी, जिससे तनाव काफी बढ़ गया। छात्र संगठन मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) स्वायत्त जिला परिषद विधेयक 2021 को विधानसभा में पेश करने की मांग कर रहा है। एटीएसयूएम का कहना है कि इससे घाटी इलाकों के विकास के लिए अधिक वित्तीय और प्रशासनिक स्वायत्तता मिलेगी। अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी के बाद मेइती लीपुन नाम के संगठन ने शुक्रवार दोपहर एटीएसयूएम के इम्फाल कार्यालय को बंद कर दिया। इसका दावा है कि नाकाबंदी राज्य के घाटी इलाके को टारगेट करके हुई है। राज्य की एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने मंगलवार को मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) जिला परिषद 6वां और 7वां संशोधन बिल पेश किया। हालांकि, प्रदर्शनकारियों का दावा है कि यह उनकी मांगों को पूरा नहीं करता है। संशोधन विधेयक पेश किए जाने के बाद से ही आदिवासी बहुल कांगपोकपी और सेनापति इलाके में मंगलवार से शटडॉउन है।

रामायण पर हुई क्विज में विजेता दो मुस्लिम छात्रों ने कहा भगवान राम से हर किसी को लेनी चाहिए प्रेरणा

केरल के मलप्पुरम के दो मुस्लिम छात्रों (बासित और जाबिर) ने ऑनलाइन रामायण प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता जीतकर लोगों को हैरान कर दिया है। महान महाकाव्य के गहन ज्ञान ने बासित और जाबिर को विजेता बनाने में मदद की है। इस प्रतियोगिता का ऑनलाइन आयोजन दिग्गज प्रकाशक कंपनी डीसी बुक्स ने किया था। दोनों उत्तरी केरल जिले के वलांचेरी में केकेएसएम इस्लामिक एंड आर्ट्स कॉलेज के छात्र हैं। छात्रों ने कहा कि वे बचपन से महाकाव्य के बारे में जानते थे। उन्होंने वाफी पाठ्यक्रम में शामिल होने के बाद रामायण और हिंदू धर्म के बारे में गहराई से पढ़ना और सीखना शुरू कर दिया, जिसके पाठ्यक्रम में सभी प्रमुख धर्मों की शिक्षाएं हैं। ‘रामायण-महाभारत महाकाव्य सभी भारतीय पढ़ें’  जाबिर ने कहा, ‘सभी भारतीयों को रामायण और महाभारत महाकाव्यों को पढ़ना और सीखना चाहिए क्योंकि वे देश की संस्कृति, परंपरा और इतिहास का हिस्सा हैं। मेरा मानना है कि इन ग्रंथों को सीखना और समझना हमारी जिम्मेदारी है। राम को अपने पूज्नीय पिता दशरथ से किए गए वादे को पूरा करने के लिए अपने राज्य का भी त्याग करना पड़ा। सत्ता के लिए अंतहीन संघर्षों के दौर में रहते हुए, हमें राम जैसे पात्रों और रामायण जैसे महाकाव्यों के संदेश से प्रेरणा लेनी चाहिए।’ बासित महसूस करते हैं कि व्यापक पठन अन्य धर्मों और इन समुदायों के लोगों को अधिक समझने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म नफरत को बढ़ावा नहीं देता, बल्कि केवल शांति और सद्भाव का प्रचार करता है। उन्होंने कहा कि प्रश्नोत्तरी जीतने से उन्हें महाकाव्य को और गहराई से सीखने की प्रेरणा मिली है। ‘अयोध्याकांड’ की चौपाई बासित की पसंदीदा अगर आप बासित से रामायण की उनकी पसंदीदा चौपाई के बारे में पूछें, तो वह तुरंत ‘अयोध्याकांड’ की चौपाई को दोहरा देते हैं। इसमें लक्ष्मण के क्रोध और भगवान राम की ओर से अपने भाई को दी जा रही सांत्वना का वर्णन है। इसमें भगवान राम साम्राज्य और शक्ति की निरर्थकता को विस्तार से बता रहे हैं। वह न केवल ‘अध्यात्म रामायणम’ के छंदों को धाराप्रवाह और मधुर रूप से प्रस्तुत करेंगे, बल्कि पवित्र पंक्तियों के अर्थ और संदेश को भी विस्तार से बताएंगे। मालूम हो कि ‘अध्यात्म रामायणम’ महाकाव्य का मलयालम संस्करण है, जिसे थूंचथु रामानुजन एझुथाचन ने लिखा है।