देश में जनवरी मध्य से कोरोना मामले बढ़ने की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग इलाज के साथ रोकथाम के लिए तमाम एहितयाती उपायों पर मंथन कर रहा है। मंगलवार को प्रदेश भर के अस्पतालों में इलाज की तैयारियों की माक ड्रिल के बाद बुधवार को आयोजित समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने नववर्ष के जश्न पर रोक लगाने पर डाक्टरों का मंतव्य जाना। उनकी चिंता थी कि बोधगया में लोगों का जमावड़ा लगने के कारण कोरोना के मामले बढ़े हैं, ऐसे में नववर्ष के जश्न से खतरा और बढ़ सकता है।
हालांकि, डाक्टरों ने जश्न पर रोक लगाने के बजाय मास्क और शारीरिक दूरी के नियम को अनिवार्य रूप से लागू कराने की सलाह दी है। उनका कहना था कि रोक लगाने के बावजूद लोग आदतन जश्न मनाएंगे और खतरे में आ सकते हैं। एहतियात के साथ जश्न मनाने का नियम लागू कराने से बड़ी आबादी को सुरक्षित रखा जा सकता है।
समीक्षा बैठक में शामिल एम्स, आइजीआइएमएस, पीएमसीएच, एनएमसीएच समेत सभी मेडिकल कालेजों के प्राचार्य-अधीक्षक और सिविल सर्जनों का मानना था कि कोरोना से निपटने में सरकार के स्तर से तमाम तैयारियां दुरुस्त हैं। कोराेना से कैसे बचना है इसकी बाबत हर शख्स को जागरूक किया जा चुका है। अब यह आमजन के हाथ में है कि वह कोरोना अनुकूल व्यवहार जैसे मास्क पहनना, अंजान सतह छूने के बाद मुंह-नाक व आंख को छूने के पहले साबुन से हाथ धोने, बेवजह यात्रा न करने या भीड़भाड़ वाली जगहों पर नहीं जाना और शारीरिक दूरी जैसे नियमों का पालन कर कोरोना से सुरक्षित रहें।
अपर मुख्य सचिव ने सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे रेड अलर्ट मोड में रहें और कोरोना जांच की संख्या को बढ़ाएं। कोरोना उपचार में जिस सामान, दवा की कमी हो अभी बीएमएसआइसीएल से मंगवा लें। कोविड डेडिकेटेड हास्पिटल रहे एनएमसीएच को अधिक संख्या में बेड तैयार रखने को कहा गया। पीएमसीएच को बाथरूम व आक्सीजन कंटेनर समेत अन्य सुविधाएं दुरुस्त रखने को कहा गया। इसके अलावा लखीसराय, अररिया, मुंगेर, बांका जैसे जिलों को कमियां दूर करने का निर्देश दिया गया।