मणिपुर के पूरे इलाके में इंटरनेट सर्विस पांच दिनों के लिए बंद कर दी गई है। स्पेशल सेक्रेटरी (होम) एच ज्ञान प्रकाश ने शनिकार को इस संबंध में ऑर्डर जारी किया। आदेश के मुताबिक, कुछ असामाजिक तत्व हेट स्पीच फैलाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके जरिए लोगों को उकसाया जा रहा है।
यह आदेश विष्णुपुर जिले के पुलिस अधीक्षक की उस रिपोर्ट के बाद जारी हुआ, जिसमें शनिवार शाम को फुगकचाओ इखांग में 3-4 लोगों की ओर से एक वाहन को आग लगाने की जानकारी दी गई। इसमें कहा गया है कि इस अपराध के चलते सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया है। विष्णुपुर और चुराचांदपुर जिले में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। यह आदेश शनिवार शाम से पूरे जिले में दो महीने तक लागू हुआ है।
एटीएसयूएम किस बात पर भड़का?
दरअसल, ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर (एटीएसयूएम) ने शुक्रवार सुबह राज्य के राष्ट्रीय राजमार्गों पर अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी लगा दी, जिससे तनाव काफी बढ़ गया। छात्र संगठन मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) स्वायत्त जिला परिषद विधेयक 2021 को विधानसभा में पेश करने की मांग कर रहा है। एटीएसयूएम का कहना है कि इससे घाटी इलाकों के विकास के लिए अधिक वित्तीय और प्रशासनिक स्वायत्तता मिलेगी।
अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी के बाद मेइती लीपुन नाम के संगठन ने शुक्रवार दोपहर एटीएसयूएम के इम्फाल कार्यालय को बंद कर दिया। इसका दावा है कि नाकाबंदी राज्य के घाटी इलाके को टारगेट करके हुई है।
राज्य की एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने मंगलवार को मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) जिला परिषद 6वां और 7वां संशोधन बिल पेश किया। हालांकि, प्रदर्शनकारियों का दावा है कि यह उनकी मांगों को पूरा नहीं करता है। संशोधन विधेयक पेश किए जाने के बाद से ही आदिवासी बहुल कांगपोकपी और सेनापति इलाके में मंगलवार से शटडॉउन है।