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परंपरा के अनुसार बिक्रमगंज में मनाया गया भैया दूज का त्योहार

रोहतास जिला से विशेष संवाददाता चन्द्रमोहन चौधरी की रिपोर्ट 

भैया दूज पर अनोखी परंपरा का निर्वहन करते हुए नगर क्षेत्र के विभिन्न मोहल्लों में बहनों ने पहले भाइयों को मरने का श्राप दिया, उसके बाद प्रायश्चित करते हुए अपनी जीभ पर कांटा चुभाया। यहां भाई दूज के पर्व में परंपरा की छाप स्पष्ट रूप से दिखाई दी। गुरुवार की सुबह इसी परंपरा से यहां भाई दूज मनाया गया। सुबह से ही बहनों ने भाइयों को मरने का श्राप दिया। इसके बाद वे सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना कर गोधन कूटीं। गोधन में गोबर से चौकोर आकृति बनाई गई थी, जिसमें यम लोक के प्राणियों की प्रतिमूर्ति बनाई गई थी। पूजा-अर्चना के बाद उसे कूटा गया।

 

भाई दूज का पर्व भाई-बहनों के पवित्र प्यार का पर्व है। इस दिन बहनों के द्वारा भाई के उज्जवल भविष्य एवं उसके दीर्घायु होने के लिए गोधन की पूजा की। भाई के माथे में तिलक लगा कर बहनें, भाई की मंगल कामना करते हुए ईश्वर से मनौती मांगी। पूजा अर्चना के पश्चात गोधन कूटते वक्त बहनें ‘अवरा कुटीला भवरा कुटीला, कुटीला यम के दुआर…’, ‘कुटीला भईया के दुश्मन,चारू पहर दिन रात…’ जैसे पारंपरिक गीत गायी। मान्यता है कि ऐसी कुटाई करने से यम लोक के निवासी एवं यम-यमनी भाग खड़े होते है। यम लोक की कुटाई करने के बाद यम लोक मे मुसल को रख कर भाई को पार कराते हुइ। बहनें अपने भाइयों को चना, लौंग, इलायची व सुपारी प्रसाद के रूप में खिलाई। साथ ही मिष्ठान भोजन भी कराई।

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Author: Bakwas News

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