पटना। बिहार में एक बार फिर से बुलडोजर अभियान शुरू होने वाला है। अभियान की जद में बड़े मकान हों या दुकान, सभी आएंगी। सोमवार को प्रदेश के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने इस पूरे अभियान की समीक्षा की। इस दौरान अतिक्रमण करने वालों के लिए राहत वाली एक बात भी सरकार ने कही है। अतिक्रमण हटाओ अभियान में अगर किसी ऐसे व्यक्ति का घर आता है, जिसके पास रहने के लिए कोई दूसरी जगह नहीं है, तो सरकार उसे बसने के लिए जमीन देगी। यह अभियान जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत चलाया जाएगा। इसके तहत जलस्रोतों को कब्जा कर बनाए गए अवैध निर्माण को तोड़ा जाएगा।
अतिक्रमण हटाओ अभियान में जिनके भी मकान खाली कराए और उनके पास रहने का दूसरा कोई ठिकाना नहीं है तो सरकार उन्हें जमीन देगी। मुख्य सचिव के स्तर पर हुई बैठक में मिशन का नोडल विभाग ग्रामीण विकास विभाग के अलावा कई विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव के अलावा जिलाधिकारी भी वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये जुड़े रहे। बैठक के दौरान ग्रामीण विकास विभाग ने जानकारी दी कि इस अभियान को 2022 के स्थान पर तीन वर्ष का अवधि विस्तार दिया गया है। अब जल-जीवन-हरियाली अभियान 2025 तक जारी रहेगा। ग्रामीण विकास के पदाधिकारी ने मुख्य सचिव को बताया कि इस अभियान के तहत जिन जल स्रोतों आहर, पईन वगैरह पर अतिक्रमण है उन्हें प्राथमिकता से अतिक्रमण मुक्त करने का काम चल रहा है।
सरकार की ओर से बताया गया कि अब तक करीब 15 सौ स्थानों से अतिक्रमण हटाया जा चुका है। 427 प्लाट जो सरकारी हैं, वे अब भी अतिक्रमण की चपेट में हैं। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन सरकारी प्लाट पर अतिक्रमण की पहचान हो चुकी है उन्हें अविलंब खाली कराएं। ग्रामीण विकास विभाग ने जानकारी दी कि लगभग ढाई हजार ऐसे लोगों को चिह्नित किया गया, जिनके पास अतिक्रमण की वजह से जमीन नहीं है। ऐसे चिह्नितों में से अब तक 1700 लोगों को मुफ्त जमीन दी गई है। मुख्य सचिव ने शेष चिह्नित लोगों को भी अविलंब जमीन उपलब्ध कराने का आदेश दिया।