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उफनाई गंगा नदी को लेकर जल संसाधन विभाग बिहार में अलर्ट

बिहार में गंगा नदी का जलस्तर पिछले 24 घंटे में काफी तेजी से बढ़ा है। यह गांधीघाट में खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। दीघाघाट में भी जलस्तर में बेहतहाशा बढोतरी हो रही है। इसे लेकर जल संसाधन विभाग के अधिकारी अलर्ट हैं। नदी के किनारे बसे लोगों को सावधान कर दिया गया है। दीघा घाट के अलावे गांधी घाट समेत अन्य घाटों पर जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच  गया है। शनिवार को गांधीघाट में गंगा नदी का जलस्तर 48.4 सेमी था। यहां खतरे का निशान 48.60 मीटर है। जलस्तर जिस रफ्तार से बढ़ रहा है, उससे रविवार को  शाम तक खतरे के निशान के पार कर जाने की आशंका है। हाथीदह में भी जलस्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है। हाथीदह में शनिवार शाम छह बजे जलस्तर 41.13 सेमी था। रविवार रात में खतरे का निशान पार कर जाने की आशंका है। दीघा घाट में गंगा का जलस्तर 49.79 मीटर था। यहां खतरे का निशान 50. 45 मीटर है। गंगा नदी के दीघा घाट के पास रहने वाले सुधीर कुमार ने बताया कि कल की तुलना में नदी के जलस्तर में बहुत तेजी से बढोतरी हुई है। शनिवार की शाम में पानी नीचे था। पानी बहुत तेजी से बढ़ रहा है। एक अन्य स्थानीय निवासी धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि रविवार सुबह करीब 5 बजे वे दीघाघाट पर पहुंचे तो कल की अपेक्षा पानी काफी बढ़ा हुआ पाया। रविवार को भी जलस्तर में तेजी से बढोतरी हो रही है। अनुमान है कि शाम तक यहां गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर जाएगी।

भोजपुर में साली के प्यार में पागल युवक ने खाया जहर, हालत गंभीर

इश्क एक जुनून है और इस जुनून में आशिक कुछ भी कर गुजरता है। आयर थाने के बरनांव गांव में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। भइया की साली के इश्क में डूबे एक युवक द्वारा शादी नहीं होते देख अपनी जान देने की कोशिश की गयी। साली और उसके घरवालों की शादी से इनकार करने पर उसने विषपान कर लिया। इससे उसकी हालत बिगड़ गई  है। उसका इलाज सदर अस्पताल में कराया जा रहा है। विषपान करने वाला युवक बरनांव गांव निवासी उमा शर्मा का 18 वर्षीय पुत्र राजेश शर्मा है। उसके पिता के अनुसार वह मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित प्राइवेट कंपनी में काम करता है। करीब छह माह पूर्व वह घर लौटा था। उसका चचेरे भाई के साली से करीब दो वर्षों से प्रेम प्रसंग चला आ रहा है। इसी बीच साली के घरवालों ने उसकी शादी दूसरी जगह तय कर दी गई। इसके बाद भी दोनों में बातचीत हो रही थी। लेकिन उसने साली और उसके घर वालों से शादी करने की बात कही, तो दोनों ने इनकार कर दिया। इसके बाद उसने गुस्से में विषपान कर लिया। इससे उसकी हालत काफी बिगड़ गई।

बिहार सरकार की बड़ी कार्रवाई : 8 अंचलाधिकारी पर कारवाई का आदेश जारी, 2 सस्पेंड

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन विवाद से जुड़े मामलों में गड़बड़ी करने से लेकर अवैध तरीके से किसी दूसरे के नाम पर जमाबंदी कायम करने, विभागीय कार्य में लापरवाही बरतने वाले आठ सीओ पर कार्रवाई की है। इसमें दो सीओ को निलंबित कर दिया गया है। जबकि, छह पर विभागीय कार्रवाई और वेतन वृद्धि रोकने का आदेश जारी किया गया है। इसमें कुछ सीओ ऐसे भी हैं, जिनके खिलाफ कुछ वर्षों से जांच रिपोर्ट की फाइल विभाग में दबी हुई थी। अब जाकर इन पर कार्रवाई हुई है। दाऊदनगर के सीओ निलंबित अवैध जमाबंदी कायम कराकर दोहरी लगान रसीद जारी कराने और वरिष्ठ पदाधिकारियों को रिपोर्ट नहीं देने के आरोप में औरंगाबाद जिले के दाउदनगर सीओ विजय कुमार को निलंबित कर दिया गया है। इन्होंने बाबूराम दुसाध के नाम से अवैध जमाबंदी कायम कर दी थी। साथ ही दोहरी लगान की रसीद भी जारी कर दी। इसकी जानकारी औरंगाबाद अपर समाहर्ता को नहीं दी। निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय मगध प्रमंडलीय आयुक्त का कार्यालय निर्धारित किया गया है। पूर्व सीओ पर भी कार्रवाई एसडीओ ने 9 मार्च 2021 को दाउदनगर अंचल का निरीक्षण किया था। तत्कालीन सीओ स्नेह लता देवी उस दौरान अपने कार्यालय में मौजूद नहीं थीं। कार्यालय में बाहरी व्यक्ति ऑनलाइन कार्य करने के बदले लोगों से पैसे वसूल रहे थे। बिना कारण के दाखिल खारिज को अस्वीकृत किया जा रहा था। एसडीओ को मांगने पर भी अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया गया। जनशिकायत के मामले भी काफी संख्या में लंबित थे। एसडीओ की इस निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को कार्रवाई के लिये पत्र लिखा था। अब उनको निलंबित कर दिया गया है। इन पर भी हुई कार्रवाई ● बैंसा के सीओ राजनारायण राज की भी एक वेतन वृद्धि को रोक दी गयी है। बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत दायर परिवाद की सुनवाई में 9 अक्टूबर 2020 को उपस्थित होना था, लेकिन दो-दो बार बुलाये जाने के बाद भी वह सुनवाई को नहीं पहुंचे थे। इस पर इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गयी है। ● कटिहार के कुर्सेला में 2019 में सीओ रहे अमर कुमार वर्मा को भी एक वेतन वृद्धि पर रोक का दंड दिया गया है। वे सामूहिक सड़क दुर्घटना और प्राकृतिक आपदाओं के मामले में अभिलेख समय से उपलब्ध न कराने के लिये दोषी पाये गये थे। ● भागलपुर के रंगराचौक के तत्कालीन सीओ जितेंद्र प्रसाद राम के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चलाने से संबंधित आदेश जारी किया गया है। वर्तमान में रोहतास के शिवसागर के सीओ हैं। इनपर भागलपुर में पदस्थापन के दौरान कोविड-19 का नोडल पदाधिकारी रहते हुए संबंधित दायित्व का पालन नहीं करने के अलावा उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना, कर्तव्यहीनता, सरकारी कार्य में रुचि नहीं रखने समेत अन्य आरोपों के कारण विभागीय जांच के आदेश दिये गये हैं। ● भागलपुर के ही जगदीशपुर के तत्कालीन सीओ संजीव कुमार की एक वेतन वृद्धि रोक दी गयी है। दाखिल खारिज आवेदनों के निस्तारण में मनमानी करने के लिये उनके खिलाफ जिले से 13 सितंबर 21 को ही अनुशासनिक कार्रवाई की सिफारिश की गयी थी। ● दरभंगा के बिरौल में सीओ रहे सूरज कांत की भी एक वेतन वृद्धि रोक दी गयी है। इसी जिले के ग्राम पोखराम के पवन कुमार ने गैर मजरूआ भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिये वाद दायर किया था। अनुमंडल लोक शिकायत पदाधिकारी के आदेश पर भी अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया। बाद में डीएम के स्तर से भी आदेश दिया गया, लेकिन उसका भी पालन नहीं किया। 5 जनवरी 2018 को डीएम ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विभाग को पत्र लिखा था। इस पर अब कार्रवाई हुई है।

बिहार के 20 जिलों में आज गरज के साथ भारी वर्षा और व्रजपात की संभावना, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

बिहार में एक बार फिर मानसून की सक्रियता बढ़ते ही पटना समेत प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में झमाझम वर्षा हुई। जिससे लोगों को उमस भरी गर्मी से थोड़ी राहत मिली। 30 किमी की रफ्तार से हवा भी चली। आज रविवार को राजधानी समेत प्रदेश के 20 जिलों के एक या दो स्थानों पर मध्यम वर्षा हो सकती है। वहीं रोहतास व कैमूर जिले में भारी वर्षा को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। इन जगहों पर मेघ गर्जन व वज्रपात के भी आसार हैं। शनिवार को राजधानी में जहां 24.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई वहीं मुंगेर के धरहरा में भारी वर्षा 125.2 मिमी दर्ज किया गया। राजधानी का अधिकतम तापमान 31.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मानसून ट्रफ रेखा हिमालय की तलहटी से एवं यूपी के बहराइच वाराणसी, दक्षिण झारखंड एवं समीपवर्ती ओडिशा में कम दबाव का क्षेत्र होते हुए उत्तरी बंगाल की खाड़ी की ओर जा रही है। इसके प्रभाव से दक्षिणी भागों के अनेक व उत्तर बिहार के कुछ स्थानों पर वर्षा का पूर्वानुमान है। शनिवार को मुंगेर जिले के धरहरा में सबसे अधिक 125.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई। वहीं पटना में 24.6 मिमी, गया 40.7 मिमी बारिश हुई। भागलपुर 13.9 मिमी, मुजफ्फरपुर 35.8 मिमी, दरभंगा 14.4 मिमी, डेहरी 7.4 मिमी, नवादा के रजौली 97.6 मिमी, बक्सर के इटरही 96 मिमी बारिश हुई। मोतिहारी 91.4 मिमी, बिहारशरीफ 91 मिमी, बक्सर के ब्रह्मपुर 87.6 मिमी, जहानाबाद 85.4 मिमी, बक्सर के सिमरी 81.8 मिमी, एकंगरसराय 79.2 मिमी, भोजपुर के चरपोखरी 73.2 मिमी, अरवल 72.2 मिमी, हिसुआ 70.4 मिमी, नवादा के नरहट 70.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई। इन जिलों में बारिश की चेतावनी बक्सर, भोजपुर, रोहतास , भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, पटना, गया, नालंदा, शेखपुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय, जहानाबाद, भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर, खगड़यिा, कैमूर प्रमुख शहरों का तापमान पटना 31.1 गया 31.0 भागलपुर 31.6 मुजफ्फरपुर 33.0

आरजेडी प्रमुख लालू यादव की मदद से मिल पाया ग्रेजुएट चाय वाली का नगर निगम के द्वारा जब्त ठेला

बिहार की राजधानी पटना में मशहूर ग्रेजुएट चाय वाली की स्टॉल को नगर निगम ने हटा दिया। इसके बाद ग्रेजुएट चाय वाली स्टॉल ठेला चलाने वालीं प्रियंका गुप्ता ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की और मदद की गुहार लगाई। लालू से मिलने के बाद निगम के अधिकारियों ने प्रियंका को उनका ठेला वापस कर दिया। दरअसल, पटना के बोरिंग रोड इलाके में एसकेपुरी पार्क के पास नगर निगम ने गुरुवार को अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। इस दौरान फुटपाथ पर लगे ग्रेजुएट चाय वाली सहित 10 दुकानों को हटाया गया। ग्रेजुएट चाय वाली की दुकान पहले पटना वीमेंस कॉलेज के पास लगती थी। मगर प्रियंका गुप्ता वहां से उसे हटाकर बोरिंग रोड इलाके में ले गई थीं। प्रियंका का रोते हुए वीडियो हुआ वायरल ग्रेजुएट चाय वाली का ठेला हटाने के बाद प्रियंका गुप्ता रो पड़ीं। सोशल मीडिया पर उनका रोते हुए वीडियो वायरल हुआ। इसमें वह कह रही हैं कि अगर स्टॉल हटानी है तो उन्हें कोई एक स्थायी जगह दे दी जाए जहां वो अपनी दुकान चला सके। ग्रेजुएट चाय वाली ने लालू से की मुलाकात प्रशासन की कार्रवाई से नाराज होकर प्रियंका आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से मिलने उनके आवास पर पहुंच गईं। लालू से मिलकर उन्होंने मदद की गुहार लगाई। आरजेडी सुप्रीमो ने प्रियंका को आश्वासन दिया कि वे इस बारे में बात करेंगे। लालू से मिलने के बाद ग्रेजुएट चाय वाली को उनका ठेला वापस मिल गया। नगर आयुक्त अनिमेष पराशर ने कहा कि चाय की स्टॉल वापस दे गई है। जहां वे पहले चाय की दुकान लगती थी वो वहीं लगाएंगी। आगे उनको कोई परेशानी नहीं होगी।

जल्द ही पटना में यात्रियों को मेट्रो की सवारी करने का मिलेगा मौका, काम हुआ शुरू

पटना में अंडरग्राउंड मेट्रो का काम शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस परियोजना की शुरुआत की। पटना में इस कोरिडर के अंतर्गत 6 अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन होंगे। इनमें राजेंद्र नगर, मोइनुलहक, यूनिवर्सिटी, पीएमसीएच, गांधी मैदान और आकाशवाणी शामिल हैं। इस कोरिडोर की कुल लंबाई 8.08 किलोमीटर है। पटना मेट्रो के अंडरग्राउंड प्रोजेक्ट की लागत 1989 करोड़ रुपये है। इसके अलावा कोरिडोर-1 के तहत भी 6 अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन बनाए जाने हैं। आकाशवाणी से गांधी मैदान, पीएमसीएच, मोइनुलहक स्टेडियम, राजेंद्र नगर टर्मिनल, मलाही पकड़ी होते हुए खेमनीचक होते हुए बैरिया बस अड्डा तक बनेगा। इसमें एक मेट्रो डिपो भी बनेगा। इसमें पांच एलिवेटेड और छह भूमिगत स्टेशन होंगे। इसकी लंबाई करीब 8.08 किलोमीटर होगी। इसमें भूमिगत स्टेशन आकाशवाणी, गांधी मैदान, पीएमसीएच, यूनिवर्सिटी, मोइनुलहक स्टेडियम और राजेंद्रनगर में भूमिगत स्टेशन हैं। 29 दिसंबर 2021 को कोरिडोर-2 के डिजाइन और निर्माण की जिम्मेवारी एल एंड टी कंपनी को दी गई है। इस कॉरिडोर का सिविल काम पूरा कर लिया गया है। पहले मेट्रो स्टेशन बनेंगे फिर सुरंग का काम शुरू होगा मोइनुलहक स्टेडियम में पटना मेट्रो रेल परियोजना के भूमिगत स्टेशन के शिलान्यास के बाद पटना मेट्रो के काम में तेजी आएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को जिस अंडरग्राउंड स्टेशन का शिलान्यास किया, वह कॉरिडोर-2 पर है। कॉरिडोर-2 पर पहले भूमिगत स्टेशन बनेगा। उसके बाद टनल यानी सुरंग बनाने का काम शुरू होगा। पटना में दो मेट्रो कोरिडोर का होना है निर्माण  17 मार्च 2020 को पटना मेट्रो के अंडरग्राउंड प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई थी। इसके तहत दो कॉरिडोर निर्माणाधीन हैं। पहला कॉरिडोर दानापुर सगुना मोड़ से बेली रोड होते हुए पटना जंक्शन, मीठापुर होते हुए खेमनीचक, बैरिया तक जाएगा। दूसरा कॉरिडोर आकाशवाणी से गांधी मैदान, पीएमसीएच, मोइनुलहक स्टेडियम, राजेंद्र नगर टर्मिनल, मलाही पकड़ी होते हुए खेमनीचक, एनएच 30 होते हुए बैरिया बस अड्डा तक बनेगा। पटना मेट्रो के कॉरिडोर-2 पर छह स्टेशन भूमिगत होंगे। वहीं, कोरिडोर- 1 पर भी छह स्टेशन भूमिगत होंगे। इस तरह पटना मेट्रो के कुल 12 स्टेशन जमीन के नीचे होंगे। पटना मेट्रो रेल कारपोरेशन के सूत्रों के अनुसार सबसे पहले अंडरग्राउंड स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके बाद उस रूट के लिए टनल यानी सुरंग बनाने का कार्य शुरू किया जाएगा। अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन के लिए मिट्टी की जांच कर दी गई है। तकनीकी स्वीकृति के बाद आगे का काम शुरू किया जा रहा है। ज्यादातर भूमिगत रेलवे स्टेशनों का निर्माण कट एंड कवर पद्धति से किया जा रहा है। पटना मेट्रो का पहला कॉरिडोर : 8 एलिवेटेड और 6 अंडरग्राउंड स्टेशन दानापुर सगुना मोड़ से बेली रोड होते हुए पटना जंक्शन, मीठापुर होते हुए खेमनीचक तक तैयार होगा। 17.93 किमी लंबे इस कॉरिडोर पर आठ एलिवेटेड और छह भूमिगत स्टेशन होंगे। कॉरिडोर-1 में दानापुर से खेमनीचक के बीच रुकनपुरा, विकास भवन, विद्युत भवन, राजा बाजार, चिड़ियाघर, पटना रेलवे जंक्शन पर अंडर ग्राउंड स्टेशन बनेगा।

महागठबंधन की नयी सरकार में फिर विवादों में फंसे मंत्री तेजप्रताप यादव

बिहार की महागठबंधन सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री तेजप्रताप यादव विवादों में आ गए हैं। तेज प्रताप ने गुरुवार को विभाग की बैठक ली, इसमें उनकी बहन और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती के पति शैलेश कुमार भी नजर आए। तेज प्रताप जब विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे, तब शैलेश कुमार वहीं बैठे थे। शैलेश के बिना किसी सरकारी पद के आधिकारिक बैठक में आने पर विवाद खड़ा हो गया है। बिहार बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि मंत्री तेज प्रताप को कोई हल्के म न ले। आरजेडी के सभी मंत्रियों से शैलेश कुमार ज्यादा समझदार-ज्ञानी हैं। अगर उनका आशीर्वाद रहा तो तेज प्रताप बेस्ट मिनिस्टर साबित होंगे। इस मामले पर आरजेडी प्रवक्ता शशि यादव ने एक चैनल से बातचीत में कहा कि शैलेश यादव किसी काम से तेज प्रताप से मिलने गए थे। मीटिंग चल रही थी, इसलिए उन्हें वहीं बैठकर इंतजार करने के लिए कहा गया। किसी मंत्री के चैंबर में जाना कोई गुनाह नहीं है। शैलेश कुमार ने किसी भी अधिकारी को कोई निर्देश या आदेश नहीं दिए।

रेप केस में एफआईआर के खिलाफ भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

रेप के मामले में एफआईआर से बचने के लिए भाजपा के सीनियर नेता शाहनवाज हुसैन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को उनके खिलाफ रेप केस में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था और तीन महीने में जांच पूरी करने की समयसीमा भी तय की थी। उस आदेश पर रोक की मांग को लेकर ही अब शाहनवाज हुसैन शीर्ष अदालत पहुंच गए हैं। 2018 के रेप मामले में हाई कोर्ट का आदेश शाहनवाज हुसैन के लिए करारा झटका माना जा रहा है। शाहनवाज के वकील ने उनकी अर्जी को चीफ जस्टिस एनवी रमना की बेंच के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए पेश किया है। शाहनवाज हुसैन के वकील ने कहा कि इस मामले की तत्काल सुनवाई होनी चाहिए क्योंकि देरी होने पर एक राजनीतिक नेता की छवि खराब हो सकती है। चीफ जस्टिस की बेंच ने कहा कि अगले सप्ताह इस मामले की सुनवाई की जाएगी। शाहनवाज के वकील ने शीर्ष अदालत में कहा, ‘मेरे मुवक्किल का 30 सालों का सार्वजनिक जीवन है। उन्हें बेवजह बदनाम किया जा रहा है। यदि इस पर तत्काल सुनवाई नहीं होगी तो पुलिस एफआईआर दर्ज कर लेगी और ऐसी स्थिति में इस अर्जी का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा।’ बता दें कि बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें शाहनवाज हुसैन के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया गया था। उच्च न्यायालय ने कहा था कि शाहनवाज हुसैन की याचिका की कोई मेरिट नहीं है। इसलिए उसे खारिज किया जाता है। अदालत ने कहा था कि इस मामले में एफआईआर दर्ज की जाए और तीन महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपी जाए कि कितनी जांच हुई है और क्या पाया गया है। जस्टिस आशा मेनन की बेंच ने अपने आदेश में कहा, ‘मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की ओर से एफआईआर का जो आदेश दिया गया है, उसमें कोई खामी नहीं पाई गई है।’ अदालत का कहना था कि पुलिस इस केस में एफआईआर दर्ज करे और फिर सीआरपीसी के सेक्शन 173 के तहत वह रिपोर्ट जमा कराए।

नीतीश के वोट बैंक पर हमले को बीजेपी ने बनायी रणनीति, नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश जारी

बिहार में नीतीश कुमार के द्वारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अपनी राह जुदा करने के बाद भारतीय जनता पार्टी  ने दिल्ली में एक बड़ी बैठक की। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भगवा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं के साथ काफी देर तक आगे की रणनीति के लिए विचार-विमर्श किया। इस दौरान आगामी लोकसभा चुनाव के लिए एक खाका भी खींचा गया। राष्ट्रीय कार्यालय में हुई इस बैठक में बीजेपी के नेताओं ने लोगों की प्रतिक्रिया के आधार पर बिहार में संगठनात्मक परिवर्तन करने का फैसला किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता इस बात की पुष्टि करते करते हुए कहा कि पटना में हाल ही में हुई सात मोर्चाओं की बैठक से पहले करीब 200 विधानसभाओं में लोगों से बात की गई थी। इस दौरान लोग पीएम नरेंद्र मोदी और उनके काम को लेकर तो खुश थे, लेकिन बीजेपी के स्थानीय नेतृत्व के प्रति निराशा दिखी। सितंबर तक नया प्रदेश अध्यक्ष बीजेपी के एक नेता ने कहा कि सितंबर के दूसरे सप्ताह तक बिहार में बड़ा परिवर्तन देखने को मिल सकता है। आपको बता दें कि भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल का कार्यकाल सितंबर महीने के बीच में समाप्त हो रहा है। बीजेपी नेता ने कहा, ‘बैठक का एजेंडा बिहार बीजेपी के नए अध्यक्ष के चुनाव के साथ-साथ विधानसभा और विधान परिषद में विपक्ष के मजबूत नेता का चुनाव था।’ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भी तलाश बिहार में अब बीजेपी विपक्ष की भूमिका में आ गई है। सरकार को घेरने के लिए भगवा पार्टी बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए एक मजबूत चेहरे की तलाश में है। पार्टी नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए सामाजिक समीकरणों का भी विशेष ध्यान रख रही है। बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि बिहार में भाजपा को ‘सेकेंड लाइनर’ का टैग नीतीश कुमार के लगातार मुख्यमंत्री में रहने के कारण मिला है। नीतीश के वोट बैंक पर बीजेपी की नजर इस बैठक में बीजेपी ने उन सभी समुदायों तक सक्रिय रूप से और आक्रामक रूप से पहुंचने का फैसला किया जिन्हें अब तक इसने कभी छुआ नहीं है। पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा, “भाजपा अब तक ईबीसी और गठबंधन के कारण जेडीयू के मुख्य वोट आधार महादलितों के समर्थन के लिए आश्वस्त रही है। अब पार्टी उन तक भी पहुंचने जा रही है।” बिहार में लगभग 50% आबादी ओबीसी और ईबीसी की है। वहीं, एससी और एसटी की 17% आबादी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा, “बैठक में बिहार के राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा हुई। एक नया गठबंधन बनाया गया है जो जनादेश के साथ विश्वासघात है। यह लालू राज की वापसी की सुविधा के लिए बनाया गया गठबंधन है।” उन्होंने कहा, “2024 के लोकसभा चुनावों में हम 35 से कम सीटें नहीं जीतेंगे और राज्य में एक मजबूत पार्टी बनकर उभरेंगे। हम नीतीश कुमार द्वारा किए गए विश्वासघात को लोगों तक ले जाएंगे।”

बीजेपी के शाहनवाज को हराने वाले तसलीमुद्दीन के पुत्र शाहनवाज को मिला ताज

नीतीश कुमार ने महागठबंधन के साथ मिलकर फिर से सरकार बनाई है। इस बार सरकार में RJD के चेहरे ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। आज पटना में हुए शपथ ग्रहण समारोह में RJD के शाहनवाज को कैबिनेट में शामिल किया गया है। पिछली नीतीश सरकार में बीजेपी के शाहनवाज हुसैन मंत्री थे। शाहनवाज केंद्र में भी मंत्री रहे हैं। ये किशनगंज लोकसभा सीट से एक बार तसलीमुद्दीन को हरा चुके हैं और एक बार हार भी चुके हैं। तसलीमुद्दीन के बेटे हैं शाहनवाज आलम शाहनवाज हुसैन को शाहनवाज आलम के पिता तसलीमुद्दीन किशनगंज लोकसभा क्षेत्र से हरा चुके हैं वहीं भाजपा के शाहनवाज ने भी तसलीमुद्दीन को एक बार हराया है। भाजपा से गठबंधन के दौरान नीतीश सरकार में शाहनवाज हुसैन मंत्री थे अब महागठबंधन की सरकार में RJD के शाहनवाज को जगह दी गयी है। शाहनवाज आलम के पिता भी राजनीति में सक्रिय रहे हैं। मीडिया के सामने छलका था शाहनवाज हुसैन का दर्द  भाजपा से नीतीश का गठबंधन टूटने के बाद शाहनवाज हुसैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि दिल्ली से जब उन्होंने पटना के लिए  उड़ान भरी तब वो बिहार सरकार में मंत्री थे जब पटना में उतरे तो पता चला कि सरकार ही चली गयी। मजबूत समीकरणों के आधार पर नीतीश कैबिनेट का गठन नीतीश कुमार ने हर तरीके के समीकरणों को साधते हुए नई कैबिनेट का गठन किया है। नितीश ने महागठबंधन की हर पार्टी और एक निर्दलीय विधायक को मंत्री पद सौंपा है। शाहनवाज हुसैन की जगह शाहनवाज आलम अब कैबिनेट में शामिल हैं। RJD से सबसे ज्यादा मंत्री बनाये गए हैं।