बलिया। न्यूनतम तापमान पांच डिग्री व अधिकतम 17 डिग्री सेल्सियस था। सभी घरों में रजाई-कम्बल व हीटर की गर्मी में सर्द रात आराम से गुजार रहे थे। इन सबके बीच बकवास न्यूज़ की टीम प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से अफसरों को जारी फरमान ‘प्रदेश की सड़कों फुटपाथ पर कोई सोता न मिले, अफसर करें इंतजाम’ की सच्चाई जानने के लिए प्रमुख स्थलों का रात में दौरा किया। इस दौरान जो दृश्य सामने आया वह सीएम के फरमान पर जिम्मेदारों की लापरवाही साफ-साफ बयां करती दिखी। स्टेशन पर खुले आसमान के नीचे गुजार रहे सर्द रात बलिया। स्थानीय रेलवे स्टेशन पर करीब दो दर्जन से अधिक की संख्या में लोग खुले आसमान के नीचे पतले कम्बल ओढ़कर सोते नजर आए। इस समय रात में तापमान का पारा लुढकर न्यूनतम पांच डिग्री था। खुले में सोए लोगों में अधिकांश हाशिए के वह लोग थे, जो रोजमर्रा के फुटपाथी कारोबार कर अपने व परिवार का भरण पोषण करते हैं या फिर मजदूरी कर अपनी जीविकोपार्जन करते हैं। शीतलहर व कड़कड़ाती ठंड के बीचअलाव की आंच धीमी पड़ गयी थी। दूसरी ओर कोहरा के चलते घंटों विलम्ब से स्टेशन पर पहुंची ट्रेन से उतरे यात्री विश्रामालय में ठहरे दिखे। लेकिन विश्रामालय के मरम्मत कार्य चलने से खिड़की आदि खुली थी, इसके कारण तेज पछुआ हवा का झोंकों से लोग कंपकंपाते दिखे। सर्द रात में सीएम के फरमान की रेलवे स्टेशन पर धज्जियां उड़ती दिखी। रैन बसेरा में ओढ़ने का अभाव, अलाव ताप गुजार रहे रात बलिया। रोडवेज बस स्टैंड पर नगरपालिका की ओर से महिला व पुरुषों के लिए अलग-अलग रैन बसेरा बना है। पुरुष रैन बसेरा में छह सात लोग रजाई ओढ़कर सोए थे, जबकि महिला रैन बसेरा में ओढ़ने के लिए कुछ नहीं था। मतलब साफ था कि दिखावे के लिए रैन बसेरा के आगे पट्टी लगाया गया था। दूसरी ओर से पुरुष रैन बसेरा में जगह नहीं मिलने पर परदेश से देर रात उतरे करीब आधा दर्जन युवा रोडवेज परिसर में जल रहे अलाव की गर्मी ले रहे थे। पूछने पर बताया कि रोडवेज की बस रात में नहीं चलती, लिहाजा अलाव की आग ताप रहे हैं। रैन बसेरा में कम्बल आदि नहीं है कि आराम करें, जितना था सब लोग ओढ़े हुए हैं। यहां कोई कम्बल गद्दा देने के लिए कर्मचारी नजर नहीं आया, लिहाजा जो पहले पहुंचा वह रजाई कम्बल पर अधिकार जमा लिया। देर रात पहुंचे लोगों के लिए अलाव की गर्मी ही मात्र सहारा थी।