Bakwas News

सफाई कर्मचारी नहीं बढ़ने से गांव में फैला कचरा

बलिया। जिले 2320 सफाईकर्मियों पर 2289 राजस्व गांवों के सफाई की जिम्मेदारी दी गयी है। ऐसे में गांवों को स्वच्छ बनाने की सरकार की मंशा कैसे पूरा हो सकेगी। एक तो मानक से कम सफाईकर्मी हैं। इसमें करीब 30 विभिन्न विभागों तथा अधिकारियों के यहां सम्बद्ध हैं तथा 13 कार्य में लापरवाही करने के आरोप में निलम्बित हैं। यानि 2277 सफाईकर्मियों के भरोसे जिले के 2289 राजस्व गांवों की सफाई है। बावजूद गांवों को स्वच्छ व सुंदर बनाने का दावा जिला पंचायत राज विभाग द्वारा  किया जा रहा है। गांव के स्कूलों के पास झाड़ झंखाड़ व गांव की गली-नाली की सफाई भी बदहाल दिखी, जो विभागीय दावों की सच्चाई बयां कर रहे थे। बताया जाता है कि गांवों की साफ-सफाई नियमित व सुचारू रूप से होता रहे। इसके लिए वर्ष 2009-10 में जिले के  2403 राजस्व गांवों में एक-एक सफाईकर्मी की नियुक्ति की गयी। लेकिन बीते एक दशक में कहने को तो राजस्व गांव कम हुए लेकिन जनसंख्या 32 लाख 39 हजार 774 से बढ़कर करीब 36 लाख 40 हजार पहुंच गयी है। बावजूद सफाईकर्मियों की संख्या नहीं बढ़ाया जा सका है। उल्लेखनीय है कि केंद्र की मोदी सरकार ने स्वच्छता मिशन दो अक्तूबर 2014 को गांधी जयंती पर इस उद्देश्य से शुरू किया था कि पांच  साल बाद दो अक्तूबर 2019 को महात्मा गांधी के सपनों के अनुरूप देश के गांवों को स्वच्छ बनाकर श्रद्धांजलि दिया जायेगा। लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता से यह अभियान गांवों में परवान नहीं चढ़ सका है। अब बीते 15 सितम्बर से स्वच्छता मिशन फेज-2 शुरू हो गया है। लेकिन गांवों में लगे कूड़े के ढेर सफाई व्यवस्था की पोल खोलते नजर आ रहे हैं।

सांसद ने चौपाल में सुना कटान पीड़ितों का दर्द

बलिया। सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त ने शुक्रवार को बैरिया तहसील के पूरवा सुघरछपरा मे जन चौपाल लगाकर लोगो की समस्याए सुनी। इस दौरान ग्रामीणों ने अपनी समस्याओ को प्रतिनिधि के समक्ष रखा। जिसके निदान को सांसद ने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। चौपाल मे सांसद ने मौजूद लोगो से आर्गेनिज खेती मे बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने को आह्वान किया। इस पर विशेष फोकस डालते हुये इसके लाभ भी गिनाये। इस दौरान ग्रामीणों ने सांसद के समक्ष आठ सूत्रीय मांग पत्र रखा। इसमे अधूरे बचाव कार्यो को पूरा कराने, नदी मे विलीन पानी टंकी का पुनर्निमाण, बंघे पर शरण लिए कटान पीड़ितों के पुनर्वास, कटान मे धराशयी बचाव कार्यो की मरम्मत आदि की मांग की। सांसद ने विश्वास दिलाया कि बाढ़ का पानी नीचे खिसकने के बाद अधूरे बचाव कार्य को नामित ठीकेदार से अवश्य पूरा कराया जाएगा। साथ ही क्षतिग्रस्त कार्य को भी दुरुस्त कराये जाने का विश्वास दिलाया। पेयजल की समस्या को प्राथमिकता के आधार पर दूर करने को कहा। बंधे पर शरण लिए कटान पीड़ितों के पुनर्वास के लिए विडिओ को निर्देशित किया। इस दौरान खंड विकास अधिकारी शैलेश कुमार मुरारी, जिला उद्यान अधिकारी शीतला प्रसाद वर्मा,  एडीओ पंचायत बैरिया रितेश राय, सचिव अखिलानंद यादव , अशोक मिश्र,  डॉ आरबी सिंह , अश्वनी ओझा केहरपुर प्रधान प्रतिनिधि विजेंद्र सिंह, मुरली छपरा प्रमुख कन्हैया जी सिंह, श्याम सुंदर उपाध्याय, राम प्रकाश सिंह, लोटा सिंह ,अवध चौबे , राहुल सिंह , अमरजीत सिंह ,पूर्व प्रधान मनोज यादव , शंकर यादव ,आकाश गुप्ता, अनिल सिंह आदि थे। गृह अनुदान की लगायी गुहार पिछले चार वर्षो से सडक की पटरी पर कटान का दंश झेल रहे दर्जनों पीड़ितों ने सांसद से अब तक तहसील प्रशासन द्वारा गृह अनुदान से बंचित किये जाने का आरोप लगाया। कहा की इसके लिए हम दर दर की ठोकरे खा  रहे है। सांसद ने खंड विकास अधिकारी से बंचित पीड़ितों की सूची तैयार कराये जाने का निर्देश दिया जिससे इन्हे अविलम्ब लाभ दिलाया जा सके।

घाघरा नदी के छाड़न में डूबे युवकों का उतराया मिला शव

बलिया। सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के खरीद गांव के दो युवक किशन कुमार (21) पुत्र चन्द्रमा राम, अनीश कुमार (20) उमेश राम गुरुवार को अपने करीब एक दर्जन दोस्तों के साथ खरीद गांव के समीप सरयु नदी के छाड़न में स्नान करने गए दो युवक स्नान करते करते गहरे पानी में चले गए। जिनका कोई पता नहीं चला था। स्थानीय लोगों के द्वारा स्थानीय गोताखोरों की मदद से बड़ी जाल डालकर ढूंढने का प्रयास किया गया लेकिन उन दोनों का कोई अत पता नहीं चला था।   दूसरे दिन शनिवार को जहा पर डूबे थे युवक उसी के आसपास में दोनों युवकों का शव करीब 30 घण्टा बाद नदी में उतराया मिला।लोगों को जैसे ही पता चला कि दोनों युवकों का शव सरयू नदी के छाड़न में उतराया मिला है तो आसपास के गांव के लोगों का हुजूम नदी की तरफ दौड़ पड़ा। परिजन दहाड़े मारकर कर रोने लगे।परिजनों का रोना देख सभी की आँखे भर गयी थी।सरयु नदी के छाड़न से दोनों युवकों का शव खाट पर लेकर लोग जैसे ही गांव पहुंचे।गांव में कोहराम मच गया।गांव के बूढ़े,बच्चे,और महिला दोनों युवकों को देखने के लिए भीड़ लग गयी। वही परिजनों का रोना बिलखना देख गांव के साथ ही आसपास के लोगों के आँखों में भी आशु आ गया।वही मौके पर पहुंचे प्रभारी निरीक्षक योगेश यादव ने दोनों युवकों का शव कब्जे में लेकर पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए बलिया भेज दिया।

पांच पशुओं संग तस्कर गिरफ्तार

बलिया। पुलिस अधीक्षक राज करन नय्यर के आदेश पर चलाये जा रहे अभियान के क्रम में रसड़ा पुलिस टीम ने मुखबीर की सूचना पर सिंघई चट्टी के पास पिकअप (नं.  UP60T 6777) पर लदे 05 गोवंश के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया है।   गिरफ्तार तस्कर सुशील कुमार गुप्ता पुत्र चन्द्रशेखर गुप्ता (निवासी : रक्सा डैनिया, थाना पकड़ी, बलिया) को धारा 3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम व 11 पशु क्रूरता अधिनियम में पाबंद कर पुलिस ने चालान न्यायालय भेज दिया। गिरफ्तार करने वाली टीम में उप निरीक्षक हितेश कुमार, कां. उदयवीर सिंह व सोनू रजक शामिल रहे।

बाढ़ प्रभावित गांवों में इंडियन रेडक्रास सोसायटी ने बांटे हाइजीन किट

बलिया। क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित ग्राम सभा गोपालपुर, दया छपरा, जगदेवा, केहरपुर के युवतियों में शुक्रवार को पीएन इंटर कालेज दुबे छपरा मे इंडियन रेडक्रास सोसायटी के तरफ़ से हाइजीन किट का वितरण किया गया।  जिलाधिकारी/ अध्यक्ष इण्डियन रेड क्रास सोसायटी बलिया सौम्या अग्रवाल के निर्देशन में उप जिलाधिकारी बैरिया आत्रेय मिश्र के नेतृत्व में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र की 400 युवतियों मे हाइजीनिक किट का वितरण किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ उप जिलाधिकारी व पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि नारियों के स्वस्थ्य होने से पूरे परिवार सहित समाज सुदृढ़ होता है। भारत में नारियों की पूजा व सम्मान हमेशा से होता आ रहा है, जिसका उदाहरण हर जगह मिलता है।उप जिलाधिकारी बैरिया ने कहा कि नारियों की शिक्षा वर्तमान परिवेश में अति आवश्यक है। अगर परिवार की एक महिला शिक्षित होती है तो पूरा परिवार शिक्षित हो जाता है। महिला को सशक्त बनाने के लिए परिवार व समाज को आगे आना होगा। इस मौके पर बैरिया क्षेत्राधिकारी, सब इंस्पेक्टर सुनील सिंह, रेड क्रास सोसायटी के सभापति संजय कुमार गुप्ता, जिला समन्वयक शैलेन्द्र कुमार पाण्डेय, सरदार सुरेंद्र सिंह खालसा, सरदार जितेन्द्र सिंह, श्याम बाबू रौनियार, डॉ पंकज ओझा, शशिकांत ओझा, नन्दनी सिंह, नमामि गंगे के परियोजना समन्वयक शलभ उपाध्याय, मंटु आदि सदस्य उपस्थित रहे। अध्यक्षता प्रधानाचार्य श्रीप्रकाश मिश्र व संचालन कुमार अभिषेक राय ने किया।

घाघरा नदी में नहाते समय लापता हुए दो युवक

बलिया। सिकन्दरपुर थाना क्षेत्र के खरीद गांव के सामने गुरुवार को सरयू नदी का छाड़न पार करते समय दो युुवक लापता हो गए। इसकी जानकारी होते ही परिजनों में कोहराम मच गया। देखते ही देखते घटनास्थल पर भारी भीड़ जुट गयी। बाढ़ के पानी में डूबे युवकों की तलाश जारी है।   खरीद दलित बस्ती निवासी किशन कुमार (19) पुत्र चन्देश्वर राम एवं अनीश कुमार (20) पुत्र उमेश राम अपने हमउम्र युवकों के साथ गुरुवार को गांव के सामने सरयू नदी के छाड़न को पार कर रहे थे, तभी डूबने लगे। इस दौरान कुछ बच्चे तो स्वतः प्रयास कर पानी से बाहर आ गए, जबकि कुछ को आसपास मौजूद लोगों ने बचा लिया। वहीं, किशन व अनीश गहरे पानी में डूब गए। युवकों के डूबने की खबर जैसे ही गांव में पहुंची, अफरा-तफरी मच गयी। कुछ तैराक लोगों ने पानी में उतर कर काफी तलाश किया, किन्तु डूबे बालकों का पता अब तक नहीं चल पाया है। सूचना पर पहुंचे थाना प्रभारी योगेश कुमार यादव पानी में डूबे युवकों की तलाश के लिए गोताखोर बुलाने के प्रयास में जुटे है।

हंगामे की भेंट चढ़ गयी नगरपालिका की अंतिम बोर्ड बैठक

बलिया। नगर पालिका की अंतिम बोर्ड की बैठक बुधवार को हंगामे की भेंट चढ़ गया। सभासदों के विरोध के चलते एक भी प्रस्ताव पर विचार-विमर्श अथवा अनुमोदन नहीं हो सका। बवाल के बीच चेयमरमैन बैठक से निकलकर बाहर चले गये। बोर्ड की बैठक को लेकर नगर पालिका कार्यालय पर पुलिस व पीएसी के जवानों की तैनाती की गयी थी। अध्यक्ष का कहना है कि जल्द ही दोबारा बैठक बुलायी जायेगी। करीब 11 माह बाद नगर पालिका बोर्ड की बुधवार को बैठक बुलायी गयी थी। इसमें 12 बिंदूओं पर चर्चा तथा प्रस्ताव होना था। इसके लिये नपा कार्यालय सुबह से ही छावनी में तब्दील हो चुकी थी। पुलिस के साथ ही पीएसी के जवानों को तैनात किया गया था। दोपहर एक बजे से शुरु हुई बैठक में चेयरमैन, ईओ के साथ ही सभासद तथा उनके प्रतिनिधि पहुंचे थे। निर्धारित वक्त से कुछ देर से शुरु हुई बैठक के बीच कुछ देर बाद ही हंगामा होने लगा। इसके बाद बाहर मौजूद फोर्स बैठक कक्ष में पहुंच गयी। कुछ देर बाद चेयरमैन अजय कुमार बैठक कक्ष से बाहर निकले तथा बाइक पर बैठकर चले गये। नपा सूत्रों की मानें तो बोर्ड की बैठक में जिन प्रस्तावों पर चर्चा होने वाली थी उनमें गड़हा मुहल्ला में अर्धनिर्मित शॉपिंग काम्पलेक्स का नामकर महर्षि भृगु शॉपिंग काम्पलेक्स करना, शॉपिंग काम्पलेक्स के आंवटन के मानको की स्वीकृति, नपा के सेवा प्रदाता आर्यन ग्रुप को हटाने, आउटसोर्सिंग जल-कल, कम्प्यूटर विभाग, लाइट विभाग के कर्मचारियों के पांच माह के भुगतान, 15वें वित्त  किये गये नाला, लाइट, अनटाईड के कार्य, ठकेदार के लिये बिल भुगतान सत्यापनोपरांत, सफाई कर्मचारियों को वर्दी, उपकरण प्रदान करने, स्वकर प्रणाली की स्वीकृति, निर्माण विभाग के कार्यालय बनाने, यूजर चार्ज की वसूली, 30, 50 व 70 करने, 25 वार्डो की नाली, सड़क मरम्मत आदि शामिल था। हालांकि बैठक शुरु होते ही नारेबाजी व हंगामा होने लगा। इसके बाद बगैर किसी कार्रवाई के बैठक समाप्त हो गयी। इस सम्बंध में नपा अध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि बोर्ड की बैठक में सभी सभासद मौजूद थे। कुछ सभासद प्रस्तावित बिंदूओं पर विचार-विमर्श शुरु होते ही अपनी भुगतान की फाइल पर हस्ताक्षर कराने का प्रयास करने लगे। उनका कहना है कि मना करने पर वह हंगामा करने लगे लिहाजा बैठक को समाप्त कर दिया गया। उनका कहना है कि बोर्ड की बैठक दोबारा ही जल्द कराई जायेगी। पुलिस ने चेयरमैन को ही अंदर जाने से रोका नपा बोर्ड की बैठक को लेकर बुधवार को नपा कार्यालय पर भारी संख्या में पुलिस व पीएसी के जवानों को तैनात किया गया था। सीओ सिटी प्रीति त्रिपाठी ने कई बार नपा कार्यालय का चक्कर लगाया। नगर कोतवाल प्रवीण कुमार सिंह, चौकी प्रभारी सिविल लाइन प्रभाकर शुक्ल, चौकी इंचार्ज बिचलाघाट अमरजीत यादव, चौकी इंचार्ज मंडी नागेंद्र पांडेय आदि मौजूद थे। एक दर्जन जवानों को नपा के मुख्य गेट पर मुस्तैद किया गया ताकि कोई बाहरी व्यक्ति परिसर में दाखिल न हो सके। बताया जाता है कि बोर्ड की बैठक में शामिल होने के लिये पहुंचे चेयरमैन अजय कुमार को ही पुलिस के जवानों ने रोक दिया। शायद उन्होंने चेयरमैन को पहचाना नहीं। इसी बीच मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि यह नपा अध्यक्ष हैं, इसके बाद पुलिसकर्मियों ने उनको अंदर जाने दिया।

जर्जर आयुर्वेदिक अस्पताल हादसों को दे रहा दावत

बलिया। बैरिया तहसील क्षेत्र का राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल जमालपुर जर्जर हाल मेें है। चिकित्सक तथा स्वास्थ्यकर्मी तो दूर मरीज अंदर जाने कतरा रहे हैं। हाल यह है कि हल्की बारिश होने पर भी छप से पानी टपकने लगता है और कमरे में रखी दवाएं भींग कर खराब हो जाती है। छत का प्लास्टर उपर से टूट कर गिरता रहता है जिससे कभी भी  स्वास्थ्यकर्मी व मरीज चोटिल हो सकते हैं।   यही कारण है कि मरीज अंदर जाने से कतराते हैं।फर्श का प्लास्ट भी टूट गए हैं जिससे उसमे सिडन हो गया है।अस्पताल में आयी दवाई इसी फर्श पर राखी जाती है जिससे दवाओं में घुन व अन्य कीड़े मकोड़े लग जाते हैं और दवाएं बर्बाद हो जाती है। अस्पताल में बिजली का वायरिंग उखड़ गया है जिसमे बिजली सप्लाई भी बाधित हो रही है।विभाग ने बिजली सप्लाई के लिए इनवर्टर भेज दिया लेकिन बैट्री के अभाव में वह भी बेकार साबित हो रहा है।  रख रखाव न होने से भवन ढहने के कगार पर पहुंच गया है। अस्पताल में तैनात चिकित्सक तथा स्वास्थ्यकर्मी दहशत में रहते हैं। अस्पताल पर चिकित्सक की तैनाती है। प्रतिदिन काफी संख्या में मरीज अपने उपचार के लिए यहाँ आते हैं उनके मन में शंका बनी रहती है  भवन में पानी टपकने से दवाएं खराब हो जा रही है।   इस बाबत आयुर्वेदिक चिकित्सालय के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ लालजी पटेल का कहना है कि भवन जर्जर हो चुका है। छत का प्लास्टर टूट कर गिरता रहता है दवा रखने की कोई समुचित व्यवस्था नही है।

चेतावनी बिन्दु पार कर गंगा ने बजायी खतरे की घंटी, कटान तेज  

बलिया। गायघाट गेज पर बुद्धवार की रात गंगा ने चेतावनी विन्दु को पार कर तटवर्ती क्षेत्र के लोगो के लिए एक बार फिर खतरे की घंटी बजा दी है। नदी अब तेजी से लाल निशान की ओर बढ़ रही है। एक पखवारे बाद ही उग्र हो रही नदी के तेवर से तटवर्तीय क्षेत्र के लोग सहमें हुए है। उधर प्रशासनिक अमला अलर्ट मूड मे आ गया है। केन्द्रीय जल आयोग गायघाट पर गुरुवार शाम चार बजे गंगा का जल स्तर 57.010 मीटर रिकार्ड किया गया। तीब्र बढ़ाव के साथ नदी का जल स्तर यहां चेतावनी विन्दु 56.615 मीटर से 40 सेमी ऊपर व खतरा विन्दु 57.615 मीटर से मात्र 60 सेमी नीचे पहुंच गया है। पिछले आठ घंटे मे दस सेमी की बृद्धि हुयी है। बुद्धवार की रात चेतावनी विन्दु को पार कर लाल निशान से महज 70 सेमी नीचे पहुंच तटवर्ती क्षेत्रो मे खलबली मचा दी है। कयास लगाये जा रहे है कि नदी मे अगर चंद रोज भी इसी प्रकार बढ़ाव बना रहा तो गंगा का पानी पेटे से निकलकर बस्तियों मे कहर बरपाने लगेगा। सितम्बर के अंतिम चरण मे नदी मे उठ रहे उफान से लोग सकते मे है। उधर खतरा विन्दु के करीब पहुंच चुकी नदी की लहरे किनारो पर कैची चलाने लगी है। सुघरछपरा, दूबेछपरा, गोपालपुर,उदयीछपरा के साथ ही गंगा पार के नौरंगा मे गुरुवार से कटान तेज हो गया है। सुघरछपरा के पास अधूरे बचाव कार्य की स्लोपिंग धराशयी हो रही है वहीं दूबेछपरा के पास डीटी बंधे के पवइंट 0.450 मीटर के पास निर्माणाधीन फार्क स्पर के अधिकाश हिस्से को जमींदोज करती हुयी रिंग बंधे के अवशेष को भी धराशयी करने लगी है। यही हाल नदी पार नौरंगा का भी है। यहां के मौजा भगवानपुर, कोन्हिया, तिरासी मे भी कटान तेज हो गया है। पीड़ित किसान मायूस नजरो से अपनी आजीवका को नदी की गोद मे जाते हुये देखने को मजबूर है।   बालू के टीलो ने उपजाऊ भूमि को बनाया बंजर   कुछ दिन पहले गंगा मे आये उफान ने किसानों की उपजाऊ भूमि मे बालू के टीले लगाकर बंजर बना दिया है। इसमे सबसे ज्यादा मौजा गोपालपुर के खेत प्रभावित हुये है। खरीब की फसल बाढ़ मे तबाह होने के बाद अगली फसल के लिए खेतो मे गये किसान बालू के टीलो को देख सिर पकड़ ले रहे है। रबी की बुआई पर भी मंडराया खतरा    सितम्बर माह के अंतिम चरण मे गंगा के बदलते तेवर के बाद मौजा धर्मपूरा, बेलहरी, गायघाट, गरया आदि के रबी की बुआई पर भी संकट मंडराने लगा है। बताया जाता है की अगर इसी प्रकार बढ़ाव बना रहा तो इस मौजो के सैकड़ो एकड़ खेत पानी मे फिर डूब जाएंगे। जिनके सुखने के अभाव मे समय से जूताई नही हो पाएगी। यहां के किसान एकल रबी की खेती पर ही निर्भर रहते है। अधिगृहित भूमि का नहीं मिला मुआवजा बलिया। दूबेछपरा के पास फार्क स्पर निर्माण के लिए अधिगृहित भूमि के मुआवजे के लिए प्रभावित किसान डर डर भटक रहे है। दूबेछपरा के किसान सुरेन्द्र साह, संचित साह, शिवाजी साह आदि ने बताया कि मौजा गोपालपुर मे उनके निजी भूमि मे स्पर का निर्माण चल रहा है। सम्बंधित विभाग जल्द मुआवजा दिए जाने के आश्वासन के साथ कार्य शुरू कराया। चार माह से भी अधिक समय गुजर जाने के बाद प्रभावित किसानों को मुआवजे की फूटी कौड़ी भी नसीब नही हो पायी है।   लाल निशान से 87 सेमी ऊपर बह रही घाघरा पिछले एक सप्ताह से घाघरा नदी के जलस्तर में बढोत्तरी से तटवर्ती क्षेत्र में चारो तरफ पानी फैल गया है और तटवर्ती क्षेत्र के बस्तियों तक नदी का पानी पहुंच गया है। खतरे के निशान से ऊपर बहने वाली घाघरा नदी के जलस्तर में चढ़ाव का क्रम लगातार बना हुआ है।घाघरा का जलस्तर करीब एक सप्ताह से खतरे के लाल निशान से ऊपर बह रही है।नदी का तेवर तल्ख होने से घाघरा में  उफान आ गया और जलस्तर लाल निशान से 87 सेंटीमीटर उपर तक पहुंच गया है।नदी का पानी बढ़ते देख तटवर्ती वाशिंदो के होश उड़ गए हैं।गुरुवार को भी घाघरा ने रौद्र रूप अख्तियार कर दिया है।दर्जनों गांवों के किसानों की सब्जी आदि की फसल डूबने से वर्वाद होने के कगार पर है।टीएस बंधा से नीचे चैनपुर गुलौरा के कब्रिस्तान में भी पानी पूरी तरह भरा हुआ है।तुर्तीपार के शवदाह स्थल पर भी पानी भर गया है।टीएस बंधा तक जमीन के सतह से करीब चार फीट तक नदी का पानी लगा हुआ है। पानी भरने की वजह से फसलें वर्वाद हो सकती है।केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गुरुवार की शाम चार बजे को जल स्तर 64.880 मीटर रिकॉर्ड किया गया जो खतरे के निशान से 87 सेंटीमीटर अधिक है।जबकि खतरे का निशान 64.010 है।आयोग ने अगले 24 घंटे में जल स्तर में आधा-आधा सेंटीमीटर प्रतिघंटा बृद्धि होने का पूर्वानुमान किया है,लेकिन नदी के तल्ख तेवर के चलते दर्जनों गांव के हजारों लोग सहम गए हैं।तुर्तीपार,गुलौरा,टगुनिया हाहानाला राजभर बस्ती गांव के कई बस्तियों तक पानी पहुच जाने से तटवर्ती वाशिंदों को घोर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।पशुओं को चारा के लिए दिक्कतें हो रही है।जलस्तर में लगातार चढ़ाव का क्रम बने रहने से तटवर्ती लोग बाढ़ की आशंका को लेकर भयग्रस्त हैं।

स्वावलम्बन को छात्राओं को‌ किया जागरूक

बलिया । महिला कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश के सौजन्य से टीडी कालेज में स्वालंबन कैम्प आयोजित किया गया । डॉ राजेन्द्र प्रसाद सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम का संयोजन महाविद्यालय महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ निशा राघव ने किया । महिला कल्याण विभाग अधिकारी पूजा सिंह ने उपस्थित छात्राओं को कैम्प के उद्देश्य से अवगत कराते सरकार द्वारा बालिकाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं के विषय में बताया । कैम्प के माध्यम से प्रमुख रूप से मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की विस्तृत जानकारी स्नातक प्रथम वर्ष की छात्राओं को दी गई । लगभग 70 छात्राओं ने इसमें हिस्सा लिया तथा उनमें से पात्र 38 छात्राओं का चयन किया गया । बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष प्रज्ञा पांडेय ने इंटरनेट के दु:परिणाम पर विस्तृत चर्चा करते हुए इनसे बचने के उपाय भी बताए । बाल संरक्षण अधिकारी विनोद सिंह ने कोरोनाकाल में हुए आनलाइन शिक्षण से उत्पन्न परेशानियां व बच्चों पर पड़े इनके गलत प्रभावों की चर्चा करते हुए स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों की बात की । आभार व धन्यवाद ज्ञापन डॉ निशा राघव ने किया ।