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चेतावनी बिन्दु पार कर गंगा ने बजायी खतरे की घंटी, कटान तेज  

बलिया। गायघाट गेज पर बुद्धवार की रात गंगा ने चेतावनी विन्दु को पार कर तटवर्ती क्षेत्र के लोगो के लिए एक बार फिर खतरे की घंटी बजा दी है। नदी अब तेजी से लाल निशान की ओर बढ़ रही है। एक पखवारे बाद ही उग्र हो रही नदी के तेवर से तटवर्तीय क्षेत्र के लोग सहमें हुए है। उधर प्रशासनिक अमला अलर्ट मूड मे आ गया है।

केन्द्रीय जल आयोग गायघाट पर गुरुवार शाम चार बजे गंगा का जल स्तर 57.010 मीटर रिकार्ड किया गया। तीब्र बढ़ाव के साथ नदी का जल स्तर यहां चेतावनी विन्दु 56.615 मीटर से 40 सेमी ऊपर व खतरा विन्दु 57.615 मीटर से मात्र 60 सेमी नीचे पहुंच गया है। पिछले आठ घंटे मे दस सेमी की बृद्धि हुयी है। बुद्धवार की रात चेतावनी विन्दु को पार कर लाल निशान से महज 70 सेमी नीचे पहुंच तटवर्ती क्षेत्रो मे खलबली मचा दी है। कयास लगाये जा रहे है कि नदी मे अगर चंद रोज भी इसी प्रकार बढ़ाव बना रहा तो गंगा का पानी पेटे से निकलकर बस्तियों मे कहर बरपाने लगेगा। सितम्बर के अंतिम चरण मे नदी मे उठ रहे उफान से लोग सकते मे है। उधर खतरा विन्दु के करीब पहुंच चुकी नदी की लहरे किनारो पर कैची चलाने लगी है। सुघरछपरा, दूबेछपरा, गोपालपुर,उदयीछपरा के साथ ही गंगा पार के नौरंगा मे गुरुवार से कटान तेज हो गया है। सुघरछपरा के पास अधूरे बचाव कार्य की स्लोपिंग धराशयी हो रही है वहीं दूबेछपरा के पास डीटी बंधे के पवइंट 0.450 मीटर के पास निर्माणाधीन फार्क स्पर के अधिकाश हिस्से को जमींदोज करती हुयी रिंग बंधे के अवशेष को भी धराशयी करने लगी है। यही हाल नदी पार नौरंगा का भी है। यहां के मौजा भगवानपुर, कोन्हिया, तिरासी मे भी कटान तेज हो गया है। पीड़ित किसान मायूस नजरो से अपनी आजीवका को नदी की गोद मे जाते हुये देखने को मजबूर है।

 

बालू के टीलो ने उपजाऊ भूमि को बनाया बंजर

 

कुछ दिन पहले गंगा मे आये उफान ने किसानों की उपजाऊ भूमि मे बालू के टीले लगाकर बंजर बना दिया है। इसमे सबसे ज्यादा मौजा गोपालपुर के खेत प्रभावित हुये है। खरीब की फसल बाढ़ मे तबाह होने के बाद अगली फसल के लिए खेतो मे गये किसान बालू के टीलो को देख सिर पकड़ ले रहे है।

रबी की बुआई पर भी मंडराया खतरा 

 

सितम्बर माह के अंतिम चरण मे गंगा के बदलते तेवर के बाद मौजा धर्मपूरा, बेलहरी, गायघाट, गरया आदि के रबी की बुआई पर भी संकट मंडराने लगा है। बताया जाता है की अगर इसी प्रकार बढ़ाव बना रहा तो इस मौजो के सैकड़ो एकड़ खेत पानी मे फिर डूब जाएंगे। जिनके सुखने के अभाव मे समय से जूताई नही हो पाएगी। यहां के किसान एकल रबी की खेती पर ही निर्भर रहते है।

अधिगृहित भूमि का नहीं मिला मुआवजा

बलिया। दूबेछपरा के पास फार्क स्पर निर्माण के लिए अधिगृहित भूमि के मुआवजे के लिए प्रभावित किसान डर डर भटक रहे है। दूबेछपरा के किसान सुरेन्द्र साह, संचित साह, शिवाजी साह आदि ने बताया कि मौजा गोपालपुर मे उनके निजी भूमि मे स्पर का निर्माण चल रहा है। सम्बंधित विभाग जल्द मुआवजा दिए जाने के आश्वासन के साथ कार्य शुरू कराया। चार माह से भी अधिक समय गुजर जाने के बाद प्रभावित किसानों को मुआवजे की फूटी कौड़ी भी नसीब नही हो पायी है।

 

लाल निशान से 87 सेमी ऊपर बह रही घाघरा

पिछले एक सप्ताह से घाघरा नदी के जलस्तर में बढोत्तरी से तटवर्ती क्षेत्र में चारो तरफ पानी फैल गया है और तटवर्ती क्षेत्र के बस्तियों तक नदी का पानी पहुंच गया है। खतरे के निशान से ऊपर बहने वाली घाघरा नदी के जलस्तर में चढ़ाव का क्रम लगातार बना हुआ है।घाघरा का जलस्तर करीब एक सप्ताह से खतरे के लाल निशान से ऊपर बह रही है।नदी का तेवर तल्ख होने से घाघरा में  उफान आ गया और जलस्तर लाल निशान से 87 सेंटीमीटर उपर तक पहुंच गया है।नदी का पानी बढ़ते देख तटवर्ती वाशिंदो के होश उड़ गए हैं।गुरुवार को भी घाघरा ने रौद्र रूप अख्तियार कर दिया है।दर्जनों गांवों के किसानों की सब्जी आदि की फसल डूबने से वर्वाद होने के कगार पर है।टीएस बंधा से नीचे चैनपुर गुलौरा के कब्रिस्तान में भी पानी पूरी तरह भरा हुआ है।तुर्तीपार के शवदाह स्थल पर भी पानी भर गया है।टीएस बंधा तक जमीन के सतह से करीब चार फीट तक नदी का पानी लगा हुआ है। पानी भरने की वजह से फसलें वर्वाद हो सकती है।केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गुरुवार की शाम चार बजे को जल स्तर 64.880 मीटर रिकॉर्ड किया गया जो खतरे के निशान से 87 सेंटीमीटर अधिक है।जबकि खतरे का निशान 64.010 है।आयोग ने अगले 24 घंटे में जल स्तर में आधा-आधा सेंटीमीटर प्रतिघंटा बृद्धि होने का पूर्वानुमान किया है,लेकिन नदी के तल्ख तेवर के चलते दर्जनों गांव के हजारों लोग सहम गए हैं।तुर्तीपार,गुलौरा,टगुनिया हाहानाला राजभर बस्ती गांव के कई बस्तियों तक पानी पहुच जाने से तटवर्ती वाशिंदों को घोर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।पशुओं को चारा के लिए दिक्कतें हो रही है।जलस्तर में लगातार चढ़ाव का क्रम बने रहने से तटवर्ती लोग बाढ़ की आशंका को लेकर भयग्रस्त हैं।

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Author: Bakwas News

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