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नदियों का जलस्तर बढ़ने से सहमे तटवर्ती लोग

बलिया। जिले में गंगा-घाघरा के जलस्तर में बढ़ाव तेज हो गया है। बुधवार की सुबह आठ बजे घाघरा खतरा निशान से अचानक 78 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई। नदी के जलस्तर में जारी अब तक के बढ़ाव में सबसे तेज रिकार्ड बढ़ोतरी दर्ज किया गया है। नदी के जलस्तर में अभी भी एक सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज बढ़ाव जारी है।   केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बुधवार को सुबह आठ बजे नदी का जलस्तर 64.790 मीटर दर्ज किया गया है। जो खतरा निशान 64.010 मीटर से 78 सेंटीमीटर ऊपर है। नदी के तेज बहाव से तटवर्ती लोगों में दहशत व्याप्त है।   जलस्तर में घटाव होते ही क्षेत्र के चैनपुर, टंगुनिया के पास तेज कटान होने की संभावना बढ़ गई है। उधर गंगा भी खतरा बिंदू से ऊपर बह रही है। नदियों के जलस्तर में बढोत्तरी से किनारे बसे लोगों में दहशत बना हुआ है।

गंगा नदी के जल स्तर के साथ ही लोगों की बढ़ रही धड़कने, प्रशासन अलर्ट

बलिया। गंगा नदी के जल स्तर मे लगातार चौथे दिन भी बढ़ाव का क्रम जारी रहा। ऊपर उठते जल स्तर के साथ ही किनारो पर एक बार फिर लहरो का दबाव बढ़ने लगा है। इससे प्रभावित क्षेत्रो मे छपाका कटान शुरू हो गया है। उधर, नदी के पेटे मे जाने के बाद से राहत महसूस कर रहे लोगों की धड़कने ऊपर उठते जल स्तर के साथ ही बढ़ती जा रही है। केंद्रीय जल आयोग गायाघाट के अनुसार मंगलवार शाम चार बजे नदी का जल स्तर 55.000 मीटर रिकार्ड किया गया। नदी मे सेमी प्रति घंटे का बढ़ाव बना हुआ है। यहां चेतावानी विन्दु 56.615 मीटर व खतरा विन्दु 57.615 मीटर पर दर्ज है। पिछले आठ घंटे के बीच जल स्तर मे 22 सेमी की बृद्धि हुयी है। बीते चार दिनों के लगातार बढ़ाव पर रहने के कारण लहरो का दबाव अब किनारो पर बढ़ने लगा है। इससे बनिया व सोनार टोला के साथ ही सुघरछपरा, दूबेछपरा, गोपालपुर, उदयीछपरा तथा नदी पार नौरंगा के मौजा भगवानपुर, तिरासी, कोन्हिया मे छपाका कटान शुरू हो गया है। इससे नदी के पेटे मे समाने के बाद राहत महसूस कर रहे प्रभावित क्षेत्रो के लोगो की मुस्किले एक बार फिर बढ़ने लगी है। बाढ़ मे हजारो एकड़ फसलो के बरबाद हो जाने के बाद पीड़ित किसानों को वर्तमान मे भी मावेशियों के चारो के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। गांव के कृपाशंकर यादव, मिलन, पप्पू गुप्ता, वीरेन्द्र गुप्ता आदि ने बताया कि एक पखवारे पूर्व नदी मे आये उफान मे करोङो की लागत से कराये गए बचाव कार्य का अधिकाश हिस्सा धराशयी हो गया है। ऐसे मे अगर नदी फिर से उग्र रूप अख्तियार की तो भयंकर ताबही मचना तय है। गम भुला नहीं, खतरा टला नहीं करीब एक पखवारे पहले गंगा बैरिया तहसील के दो दर्जन से अधिक बस्तियों मे बाढ़ व कटान के रूप मे जम कर कहर बरापायी। प्रभावित क्षेत्र के लोग अभी उक्त आपदा का गम भूले भी नही थे कि एक बार फिर से गंगा मे हुए तीब्र बढ़ाव सिर पर खतरा बनकर मंडराने लगा है। इससे लोग सकते मे है। ग्रामीणों के अनुसार नदी इस पार बाढ़ के रूप मे तथा उस पार कटान के रूप मे कहर बरपा कर विशेषर आंनदताओ की कमर पहले ही तोड़ चुकी है। खतरा निशान 70 सेमी ऊपर बह रही सरयू सरयू नदी के तेवर तल्ख हो गए हैं।मंगलवार की शाम जलस्तर में तेजी से बढ़ाव के बाद नदी का पानी खतरे के निशान से 70 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है, जिससे तटवर्ती क्षेत्रों में खलबली मच गई। नदी का पानी तटवर्ती गावों की ओर फैल गया है। जिससे बाढ़ की संभावना प्रबल हो गई है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार मंगलवार की शाम चार बजे जलस्तर 64.710 सेंटीमीटर दर्ज किया गया, जो लाल निशान 64. 010 से 70 सेंटीमीटर अधिक है। आयोग कहना है कि नदी एक एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है।आयोग ने अगले 24 घंटे में जल स्तर में बड़ाव होने का पूर्वानुमान किया है।नदी खतरे के निशान से ऊपर होने के चलते बाढ़ की संभावना बढ़ गई है। तटवर्ती कई रिहायशी क्षेत्रों से सटकर नदी का पानी बह रहा है। हाहानाला, तुर्तीपार व हल्दीरामपुर रेगुलेटर पर पानी का दबाव बढ़ गया है। तुर्तीपार के मल्लाह बस्ती,माली बस्ती और गुलौरा के मल्लाह बस्ती,यादव बस्ती, हाहानाला टगुनिया राजभर बस्तियों तक नदी का पानी पहुंच गया है। जलस्तर में अगर वृद्धि हुआ तो बाढ़ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।उधर चैनपुर गुलौरा क्षेत्र में बने पांच ठोकरों में कुछ ठोकर नीचे से टूटकर नदी की जलधारा में विलीन होता जा रहा है।ठोकरों पर लगा बोल्डर पानी में लगातार गिरता जा रहा है।किसानों की कृषि योग्य भूमि कटकर नदी में विलीन होती जा रही है

बीएसए ने प्रधानाध्यापक समेत तीन शिक्षकों को किया सस्पेंड

बलिया। बीएसए मनिराम सिंह ने एक प्रधानाध्यापक समेत तीन अध्यापकों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। एक साथ तीन शिक्षकों के निलंबन से विभागीय गलियारे में हड़कम्प मच गया है। बीएसए ने यह कार्रवाई औचक निरीक्षण में अनुपस्थिति के साथ ही गंभीर शिकायत मिलने पर की है। शिक्षा क्षेत्र रसड़ा के प्रावि चौहान बस्ती रामपुर का निरीक्षण बीएसए ने 19 सितम्बर 2022 को किया था। शिकायत मिली थी कि उक्त विद्यालय पर तैनात सहायक अध्यापिका अर्चना कभी-कभी स्कूल आती है और हस्ताक्षर बनाकर चली जाती है। निरीक्षण के समय उपस्थित पंजिका पर सहायक अध्यापिका अर्चना का हस्ताक्षर था, पर वह नहीं थी। इस शिकायत को गंभीर मानते हुए बीएसए ने शिक्षिका को सस्पेंड करते हुए कन्या प्रावि गढ़िया से सम्बद्घ कर दिया है। मामले की जांच बीईओ मुरलीछपरा को सौंपी गई है। वहीं, बीएसए ने शिक्षा क्षेत्र रसड़ा के ही प्रावि लबकरा के प्रधानाध्यापक देवेन्द्र यादव, सहायक अध्यापिका श्रीमती प्रतिभा यादव को भी सस्पेंड कर दिया है। इस विद्यालय का भी निरीक्षण बीएसए ने 19 सितम्बर 2022 को किया था, लेकिन विद्यालय पर न छात्र थे न अध्यापक। उसी वक्त रसोईया पहुंची, जिसने बताया कि यहां न तो बच्चे आते है न अध्यापक आते है। बीएसए ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए प्रधानाध्यापक देवेन्द्र यादव व सहायक अध्यापिका श्रीमती प्रतिभा यादव को सस्पेंड कर दिया है। प्रधानाध्यापक को प्रावि रसड़ा नं. 4 व सहायक अध्यापिका को कम्पोजिट विद्यालय रसड़ा से सम्बद्घ किया है। मामले की जांच बीईओ सीयर को सौंपी गई है।

कम्पोजिट स्कूल पर मिला 30 बोरी खाद्यान्न, जांच का दिये निर्देश

बलिया। हनुमानगंज क्षेत्र के कंपोजिट स्कूल दुमदुमा पर एबीएसए ने 30 बोरी खाद्यान्न बरामद किया है। यह खाद्यान्न मध्याह्न भोजन योजना का है। एसडीएम प्रशांत नायक की शिकायत पर एबीएसए अनूप गुप्ता ने सुबह स्कूल का निरीक्षण किया। जहां एक कमरे में 30 बोरी खाद्यान्न रखा मिला। इस संबंध में पूछे जाने पर प्रधानाध्यापक अफताब आलम ने सही जबाब नहीं दिया। जिसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी ने उस कमरे को सील कर दिया है। इस मामले की जानकारी होने पर बीएसए मनिराम सिंह ने त्रिस्तरीय टीम का गठन कर मामले की जांच का निर्देश दिया है। जांच टीम दो दिन के अंदर स्कूल में पहुंच कर मामले की जांच करेगी। मध्याह्न भोजन योजना का इतनी मात्रा में खाद्यान्न कब से रखा गया है। इसकी सूचना अधिकारियों को क्यों नहीं दी गई। तमाम बिंदुओं की जांच की जाएगी। इस मामले में विभाग की ओर से बताया कि कारोना महामारी के समय बच्चों को वितरित किया जाने वाला यह खाद्यान्न है, लेकिन इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को नहीं देना, उचित मंशा को नहीं दर्शा रहा है।

जिले में सूखे की भेंट चढ़ी 49278 हेक्टर खरीफ की फसल

बलिया। जिले में सूखे के सर्वे के लिए गठित जिला स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। रिपोर्ट के मुताबिक जनपद में 49 हजार 278.2119 हेक्टेयर में बोई गयी खरीफ की फसल सुखा की भेंट चढ़ गयी है। इसमें मात्र 66.777 हेक्टेयर में फसल 50 प्रतिशत सूखा होने की रिपोर्ट गई है। जबकि 23002.616 हेक्टेयर में फसल 33 से 50 प्रतिशत सूखा है। इन फसलों पर सितम्बर या मानसून के अंतिम दौर में बरसात से कोई फायदा नहीं होना बताया जा रहा है। बताया जाता है कि शुरूआत से अवर्षण की स्थिति में हल्की बारिश के बाद कुछ किसानों ने ट्यूबवेल, नहर व पम्पिंग सेट से धान की रोपाई तथा मक्का, ज्वार आदि की बुआई की थी। लेकिन दो महीने तक बारिश नहीं होने के चलते उनकी अधिकांश फसलें सुखा की भेंट चढ़ गयी या वह उनकी सिंचाई करने में असमर्थ हो गये। जैसे-तैसे कुछ किसानों ने संघर्ष कर जो फसलों को बचाए हैं, उनमें भी उत्पाद 20 से 25 प्रतिशत कम होने की संभावना विशेषज्ञ जता रहे हैं। हवा के साथ हो रही तेज बारिश से गन्ना की फसल के उत्पादन घटने की संभावना विशेषज्ञ जता रहे हैं। अवर्षण की स्थिति में किसानों के प्रदर्शन व मांगों को देखते हुए शासन के निर्देश पर नुकसान का आंकलन करने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम तैनात की थी। टीम ने सर्वे कर जो रिपोर्ट तैयार किया है उसमें 49 हजार 278. 2119 हेक्टेयर फसल को सुखे से प्रभावित बताया गया है। जिला प्रशासन ने इस रिपोर्ट को शासन को तो भेज दिया है। लेकिन किसान इससे संतुष्ट नहीं है, उनका कहना है कि सतही धरातल पर यह आंकड़ा और अधिक है। कृषि विभाग बांटेगा तोरिया का नि:शुल्क बीज अवर्षण के चलते परती पड़े खेतों में बुआई के लिए कृषि विभाग नि:शुल्क तोरिया का बीज वितरण आज से करेगा। इसका उद्देश्य खरीफ फसलों के बुआई रोपाई नहीं होने से किसानों को लगे घाटे को कम करना है। नई प्रजाति का यह बीज मात्र 60 दिनों यानि नवम्बर अंतिम व दिसम्बर के शुरूआत में तैयार हो जायेगा। इसकी कटाई कर किसान गेहूं की बुआई समय से कर सकेंगे। ऐसे में उन्हें अवर्षण के चलते खरीफ फसलों से हुए घाटे की भरपाई काफी हद तक हो सकेगी। विभागीय सूत्रों की मानें तो प्रति किसान दो किलो का पैकेट दिया जायेगा। एक पैकेट में एक एकड़ खेतों में बुआई हो सकेगी जिले में 520 पैकेट यानि 10 कुंतल 20 किलो बीज आ चुका है। 20 सितम्बर से ब्लॉकों पर किसानों में बीज का वितरण होगा। लक्ष्य के 80 प्रतिशत खरीफ की हुई थी बुआई इस साल शुरू से ही खेती-किसानी के लिए मानसून प्रतिकूल रहा। बावजूद कृषि विभाग के आंकड़ों में खरीफ फसलों की बुआई-रोपाई का लक्ष्य एक लाख 58 हजार 542 हेक्टेयर रखा गया था। अवर्षण के बावजूद 80 प्रतिशत करीब एक लाख 26 हजार हेक्टेयर बुआई रोपाई का दावा कृषि विभाग कर रहा था। कृषि विभाग की आंकड़ों की ही मानें तो सूखा आंकलन के लिए बनी टीम ने सर्वे रिपोर्ट में 49 हजार हेक्टेयर में फसलों के 50 प्रतिशत सूखा होना बताया है। इससे साफ जाहिर होता है कि और खेतों में फसलों की रोपाई बुआई नहीं हो सकी या तो परती हैं या उसमें रोपी गयी फसल बिल्कुल खराब हो गयी है। शायद इसी वजह से जनपद के किसानों को सर्वे टीम की रिपोर्ट रास नहीं आ रहा है। ऐसे करें तोरिया की बुआई, बेहतर होगा उत्पादन: धर्मेन्द्र जिला कृषि अधिकारी धर्मेन्द्र कुमार सिंह ने किसानों को तोरिया बुआई के तौर तरीकों को बताते हुए वैज्ञानिक विधि से बुआई की सलाह दी है। उन्होंने किसानों को बताया है कि नई प्रजाति की तोरिया बुआई के लिए पहले खेतों की गहरी जुताई करना जरूरी होता है। जुलाई के समय यह ध्यान देना चाहिए कि खेतों में नमी अधिक न हो। जुताई के बाद लाइन से (7 सेमी गुणे 7 सेमी) के अंतराल पर लाइन से प्रति एकड़ दो किलो बीज व 100 किलो सिंगल सुपर फास्फेट मिलाकर बुआई करना चाहिए। बुआई के 20 से 25 दिन पर पहली सिंचाई करें तथा 40 से 45 दिन पर फूल निकलने पर दूसरी सिंचाई करना चाहिए। इससे प्रति बीघे पांच से छह कुंतल तोरिया का उत्पादन होगा।

गंगा-घाघरा में उफान से सहमे तटवर्ती लोग

बलिया। जनपद में खतरा बिंदु को पार कर घाघरा नदी तेजी से उच्चत्तम बाढ़ बिंदु की ओर बढ़ रही है। वहीं गंगा के जलस्तर में भी पिछले चार दिनों से बढ़ाव जारी है। प्रमुख दोनों नदियों के बढ़ाव पर होने के बाद विशेषकर घाघरा वाले क्षेत्र में एक बार फिर बाढ़ की आंशका प्रबल हो गयी है। घाघरा का पानी मांगलवार को निचले इलाकों में फ़ैलने लगा है। आयोग के अनुसार तुर्तीपार गेज पर मंगलवार सुबह आठ बजे घाघरा का जलस्तर 64.650 मीटर रिकार्ड किया गया। नदी खतरे के निशान 64.010 मीटर से 64 सेमी ऊपर बह रही है। घाघरा यहां अपने उच्चत्तम जल स्तर 66.000 मीटर से मात्र 1.35 मीटर ही दूर है, जबकि जल स्तर में एक सेमी प्रति घंटे से भी अधिक का बढ़ाव बना हुआ है। पिछले 16 घंटे मे 20 सेमी की बृद्धि दर्ज की गयी है। उधर, गायाघाट गेज पर सुबह आठ बजे गंगा का जल स्तर 54.780 मीटर रिकार्ड किया गया। नदी में एक सेमी प्रति घंटे का बढ़ाव बना हुआ है। यहां चेतावनी विन्दु 56.615 मीटर व खतरा बिंदु 57.615 मीटर है। उधर हाई लेवल की ओर बढ़ रही घाघरा के बाढ़ का पानी पेटे से निकलकर तुर्तीपार के दलित बस्ती, मल्लाह बस्ती आदि के निचले इलाकों में फ़ैलने लगा है।

तेज रफ्तार कार पेड़ से टकरायी, तीन घायल

बलिया। बलिया- बांसडीह मार्ग पर सोमवार की देर रात बांसडीह से बलिया की तरफ आ रही कार बांसडीहरोड के साहोडीह के पास अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पेड़ से टकरा गई। घटना में कार सवार तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गये। आसपास के लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने सभी घायलों को अस्पताल भेजवाया। घायलों में दुबहड़ थाना क्षेत्र के बसरिकापुर निवासी अमन श्रीवास्तव व मुकेश यादव तथा आमघाट निवासी सुधीर यादव शामिल हैं। घायल अमन की हालत गंभीर देख डाक्टरों ने वाराणसी रेफर कर दिया।

सड़क पर टहल रही एक महिला को ट्रक ने रौंदा, मौत

बलिया। राष्ट्रीय राज मार्ग 31 पर बैरिया डाक घर के सामने दो बहन तथा उनकी एक बेटी को ट्रक ने रौंद दिया। हादसे में एक की मौके पर मौत हो गयी, जबकि दो महिला गंभीर रूप से घायल हो गयी। एक को सामुदायिक स्वास्थ्य सोनबरसा के चिकित्सकों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। फिर जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने वाराणसी ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया। वहीं, एक महिला का इलाज सोनबरसा अस्पताल में ही चल रहा है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया है। वही चालक मौके पर ट्रक छोड़कर फरार हो गया है। पुलिस ने ट्रक को कब्जे में ले लिया है। बता दे कि दोकटी थाना क्षेत्र के लालगंज निवासी मदीना खातून (35) पत्नी मुबारक खातून हैदराबाद अपने पति के साथ रहती थी। शनिवार को अपने पति के साथ सुरेमनपुर स्टेशन उतर कर अपने बहन हसीना खातून पत्नी शफाकत अली निवासी बैरिया स्थित चंपासती मोहल्ले में उनके घर चली गई। सोमवार की सुबह मदीना खातून अपनी बड़ी बहन हसीना खातून (45) पत्नी शफाकत अली व उनकी बेटी शाहिदा खातून (15) पुत्री शफाकत अली के साथ फजर के नमाज के बाद मॉर्निंग वॉक के लिए सड़क पर निकली थी। टहलते हुए एनएच 31 के पटरियों के रास्ते बैरिया डाक घर के सामने पहुंची ही थी, तभी छपरा के तरफ से कास्टमेटिक का सामान लेकर बलिया के तरफ तेज रफ्तार में जा रहे ट्रक ने तीनों को कुचल दिया। इससे मदीना खातून (35) की मौके पर ही मौत हो गई। उनकी बड़ी बहन हसीना खातून व उनकी बेटी शाहिदा खातून घायल हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस व स्थानीय लोगों ने तीनों को सोनबरसा अस्पताल पहुंचाया। जहां मदीना को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।शाहिदा खातून की स्थिति गंभीर देखते हुए चिकित्सकों ने सदर अस्पताल रेफर कर दिया, जहां से उसे वाराणसी ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया है, जबकि हसीना खातून का इलाज सोनबरसा अस्पताल में चल रहा है।

वज्रपात से एक युवक की मौत

बलिया। रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के ग्रामसभा सरायभारती के डाडेपर गांव में सोमवार की शाम तेज बारिश के बीच आकाशीय बिजली की चपेट में आकर एक युवक गम्भीर रूप से झुलस गया। उसे तत्काल सीएचसी पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। कृष्णा (25) पुत्र मुक्खन राजभर अपने कुछ दोस्तों के साथ गांव के बागीचे में मन्दिर के पास बारिश से बचने के लिए छिपा था। तभी तेज आवाज के साथ आकाशीय बिजली गिरने से वह गंभीर रूप से झुलस गया, जबकि उसके साथी बाल बाल बच गए। साथियों द्वारा शोर मचाने पर पहुंचे ग्रामीणों ने उसे अस्पताल पहुंचाया। घटना की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु बलिया भेज दिया।

सुबह टहलने जा रही महिला की दुर्घटना में मौत

बलिया। दोकटी थाना क्षेत्र के लालगंज निवासी 42 वर्षीय मदीना खातून की सोमवार की सुबह सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी। खबर पाकर पहुंची पुलिस ने लाश को कब्जा में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। कानपुर किसी रिस्तेदारी में आयोजित शादी में शामिल होने गयी मदीना रविवार की रात वापस लौटी। इसके बाद वह बैरिया में अपनी बड़ी बहन हसीना के यहां रुक गयी। सोमवार की सुबह मदीना, हसीना तथा उसकी 15 वर्षीय पुत्री सायदा सड़क पर टहलने निकली। इस दौरान पीछे से डीसीएम ने मदीना व सायदा को रौद दिया। हादसे में मदीना की मौके पर ही मौत हो गयी। सायदा का पैर फ्रैक्चर हो गया है।