बलिया। गंगा नदी के जल स्तर मे लगातार चौथे दिन भी बढ़ाव का क्रम जारी रहा। ऊपर उठते जल स्तर के साथ ही किनारो पर एक बार फिर लहरो का दबाव बढ़ने लगा है। इससे प्रभावित क्षेत्रो मे छपाका कटान शुरू हो गया है। उधर, नदी के पेटे मे जाने के बाद से राहत महसूस कर रहे लोगों की धड़कने ऊपर उठते जल स्तर के साथ ही बढ़ती जा रही है। केंद्रीय जल आयोग गायाघाट के अनुसार मंगलवार शाम चार बजे नदी का जल स्तर 55.000 मीटर रिकार्ड किया गया। नदी मे सेमी प्रति घंटे का बढ़ाव बना हुआ है। यहां चेतावानी विन्दु 56.615 मीटर व खतरा विन्दु 57.615 मीटर पर दर्ज है। पिछले आठ घंटे के बीच जल स्तर मे 22 सेमी की बृद्धि हुयी है। बीते चार दिनों के लगातार बढ़ाव पर रहने के कारण लहरो का दबाव अब किनारो पर बढ़ने लगा है। इससे बनिया व सोनार टोला के साथ ही सुघरछपरा, दूबेछपरा, गोपालपुर, उदयीछपरा तथा नदी पार नौरंगा के मौजा भगवानपुर, तिरासी, कोन्हिया मे छपाका कटान शुरू हो गया है। इससे नदी के पेटे मे समाने के बाद राहत महसूस कर रहे प्रभावित क्षेत्रो के लोगो की मुस्किले एक बार फिर बढ़ने लगी है। बाढ़ मे हजारो एकड़ फसलो के बरबाद हो जाने के बाद पीड़ित किसानों को वर्तमान मे भी मावेशियों के चारो के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। गांव के कृपाशंकर यादव, मिलन, पप्पू गुप्ता, वीरेन्द्र गुप्ता आदि ने बताया कि एक पखवारे पूर्व नदी मे आये उफान मे करोङो की लागत से कराये गए बचाव कार्य का अधिकाश हिस्सा धराशयी हो गया है। ऐसे मे अगर नदी फिर से उग्र रूप अख्तियार की तो भयंकर ताबही मचना तय है। गम भुला नहीं, खतरा टला नहीं करीब एक पखवारे पहले गंगा बैरिया तहसील के दो दर्जन से अधिक बस्तियों मे बाढ़ व कटान के रूप मे जम कर कहर बरापायी। प्रभावित क्षेत्र के लोग अभी उक्त आपदा का गम भूले भी नही थे कि एक बार फिर से गंगा मे हुए तीब्र बढ़ाव सिर पर खतरा बनकर मंडराने लगा है। इससे लोग सकते मे है। ग्रामीणों के अनुसार नदी इस पार बाढ़ के रूप मे तथा उस पार कटान के रूप मे कहर बरपा कर विशेषर आंनदताओ की कमर पहले ही तोड़ चुकी है। खतरा निशान 70 सेमी ऊपर बह रही सरयू सरयू नदी के तेवर तल्ख हो गए हैं।मंगलवार की शाम जलस्तर में तेजी से बढ़ाव के बाद नदी का पानी खतरे के निशान से 70 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है, जिससे तटवर्ती क्षेत्रों में खलबली मच गई। नदी का पानी तटवर्ती गावों की ओर फैल गया है। जिससे बाढ़ की संभावना प्रबल हो गई है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार मंगलवार की शाम चार बजे जलस्तर 64.710 सेंटीमीटर दर्ज किया गया, जो लाल निशान 64. 010 से 70 सेंटीमीटर अधिक है। आयोग कहना है कि नदी एक एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है।आयोग ने अगले 24 घंटे में जल स्तर में बड़ाव होने का पूर्वानुमान किया है।नदी खतरे के निशान से ऊपर होने के चलते बाढ़ की संभावना बढ़ गई है। तटवर्ती कई रिहायशी क्षेत्रों से सटकर नदी का पानी बह रहा है। हाहानाला, तुर्तीपार व हल्दीरामपुर रेगुलेटर पर पानी का दबाव बढ़ गया है। तुर्तीपार के मल्लाह बस्ती,माली बस्ती और गुलौरा के मल्लाह बस्ती,यादव बस्ती, हाहानाला टगुनिया राजभर बस्तियों तक नदी का पानी पहुंच गया है। जलस्तर में अगर वृद्धि हुआ तो बाढ़ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।उधर चैनपुर गुलौरा क्षेत्र में बने पांच ठोकरों में कुछ ठोकर नीचे से टूटकर नदी की जलधारा में विलीन होता जा रहा है।ठोकरों पर लगा बोल्डर पानी में लगातार गिरता जा रहा है।किसानों की कृषि योग्य भूमि कटकर नदी में विलीन होती जा रही है