गौ पालन एवं डेयरी उत्पादन पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न
कृषि विज्ञान केंद्र, बिक्रमगंज में पांच दिवसीय गो पालन एवं डेयरी उत्पादन प्रबंधन तकनीक विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार को संपन्न हो गया। उपस्थित सभी प्रशिक्षणार्थियों को वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉक्टर शोभा रानी के द्वारा प्रमाण पत्र दिया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में रोहतास जिला के विभिन्न प्रखंडों से 24 पुरुष एवं एक महिला कृषक ने भाग लिया। केंद्र प्रधान ने अपने संबोधन के दौरान किसानों को बताया कि बिहार सरकार के द्वारा गो पालन एवं डेयरी पर विभिन्न प्रकार के अनुदान दिए जा रहे हैं। यह अनुदान उन्हीं को दिया जाएगा जो प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। दुग्ध उत्पादन उद्योग के रूप में आसानी से तीन-चार गायों के साथ भी शुरू किया जा सकता है। इस हेतु बाजार की उपलब्धता हमेशा रहती है। खेती के अलावा किसानों को इन व्यवसायों को जरूर अपनाना चाहिए। प्रशिक्षक श्री आर के जलज के द्वारा गायों के विभिन्न प्रभेद, मवेशी सेड निर्माण मवेशी आहार उत्पादन की विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। पशु चिकित्सक डॉक्टर दिनेश महतो के द्वारा गायों में होने वाले बीमारी का निदान एवं उसके बचाव के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया। उन्होंने गायों में बांझपन की समस्या के निदान हेतु अच्छे खान-पान एवं हरे चारे की व्यवस्था करने पर बल दिया। डॉ रमाकांत सिंह गोबर आधारित वर्मी कंपोस्ट उत्पादन की जानकारी उपस्थित कृषकों को दी। देसी गाय से प्राकृतिक खेती कर किस तरह से रसायन एवं उर्वरकों से मुक्ति पाई जा सकती है इसकी विस्तृत रूप से चर्चा की। उन्होंने बताया कि रोहतास जिले के 15 से 20 किसान आज प्राकृतिक खेती कर रहे हैं, जो देसी गाय के गोबर, गोमूत्र, गुड, दही, बेसन, नीम पत्ता, धतूरा पत्ता इत्यादि का प्रयोग कर खाद और दवा बनाकर अपने खेतों में प्रयोग कर रहे हैं। उद्यान वैज्ञानिक रतन कुमार के द्वारा मवेशियों हेतु मौसम वर हरे चारे की व्यवस्था करने की तकनीक के बारे में किसानों को जानकारी दी। प्रशिक्षणार्थियों में कार्यक्रम के दौरान एचपी शर्मा, अभिषेक कौशल, सुबेश कुमार, राकेश कुमार, नवीन कुमार इत्यादि मौजूद रहे।