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शपथ लेने राजभवन पहुचे नीतीश और तेजस्वी, राजभवन में तेजप्रताप और राबड़ी भी मौजूद

बीजेपी नीत एनडीए से नाता तोड़ने के बाद जेडीयू के नीतीश कुमार आरजेडी के तेजस्वी यादव के साथ मिलकर बिहार में दूसरी बार महागठबंधन की सरकार बनाने जा रहे हैं। नीतीश कुमार को आरजेडी के अलावा कांग्रेस, वाम दल, हम का समर्थन मिला है। नीतीश कुमार बुधवार दोपहर दो बजे राजभवन में 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। इस समारोह में तेजस्वी यादव भी डिप्टी सीएम पद की शपथग्रहण करेंगे। इसके बाद मंत्रिपरिषद का गठन किया जाएगा। इसपर चर्चा जारी है। नीतीश कुमार गृह मंत्रालय अपने पास ही रख सकते हैं। नए मंत्रिपरिषद में सामाजिक समीकरणों का ख्याल रखा जाएगा। तेजस्वी यादव आरजेडी कोटे से मंत्री बनने वाले नेताओं के नाम फाइनल कर रहे हैं।

नीतीश कुमार कल दोपहर 2:00 बजे राजभवन में लेंगे मुख्यमंत्री पद का शपथ, तेजस्वी होंगे उपमुख्यमंत्री

नीतीश कुमार आठवीं बार बिहार की बागडोर संभालने के लिए तैयार हैं। जेडीयू के नेता नीतीश बुधवार दोपहर दो बजे बिहार के नए मुख्यमंत्री पद के रूप में शपथ लेंगे। जबकि, राजद नेता तेजस्वी यादव बिहार के उपमुख्यमंत्री होंगे। सूत्र बता रहे हैं कि बुधवार को सिर्फ नीतीश और तेजस्वी ही शपथ लेंगे। कैबिनेट विस्तार बाद में किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स हैं कि नीतीश कुमार कल दोपहर दो बजे राजभवन में आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद के रूप में शपथ लेंगे। जबकि राजद नेता तेजस्वी यादव बिहार के डिप्टी सीएम पद की शपथ लेंगे। हालांकि पहले शपथ ग्रहण का समय शाम 4 बजे था लेकिन अब दो बजे किया गया है। यह जानकारी आरजेडी ने साझा की है। मीडिया सूत्रों से पता लगा है कि बुधवार को सिर्फ नीतीश और तेजस्वी ही पद और गोपनीयता की शपथ लेने वाले हैं। कैबिनेट विस्तार बाद में किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, नीतीश कुमार ने फोन पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी बात की है। 164 विधायकों का समर्थन इससे पहले राजभवन में विधायकों के समर्थन वाली चिट्ठी सौंपने के बाद नीतीश कुमार ने दावा किया कि उनके साथ सात पार्टियों का समर्थन है। जिसमें 164 विधायक हैं। इसके अलावा एक निर्दलीय विधायक का भी सपोर्ट है

राजभवन पहुच नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा

बिहार में एनडीए गठबंधन छोड़ते हुए नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मुलाकात करके सीएम पद से इस्तीफा दिया। साथ ही उन्होंने 160 विधायकों के समर्थन के साथ नई सरकार बनाने का दावा भी पेश किया। नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ फिर बिहार में नई सरकार बनाने जा रहे हैं। इस्तीफे के बाद तेजस्वी के घर पहुंचे नीतीश कुमार राजभवन से एनडीए गठबंधन छोड़ने के बाद नीतीश कुमार तेजस्वी यादव से मिलने राबड़ी आवास पहुंचे हैं। यहां उनका भव्य स्वागत किया गया। यहां वे आगे की रणनीति पर तेजस्वी यादव संग चर्चा कर रहे हैं। नीतीश और तेजस्वी करेंगे प्रेस कांफ्रेंस मीडिया रिपोर्ट्स हैं कि नीतीश कुमार और राजद नेता तेजस्वी यादव प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। दोनों इस बात की घोषणा करेंगे कि शपथ ग्रहण कब होने वाला है। नई सरकार में आगे की रणनीति को लेकर नीतीश और तेजस्वी महागठबंधन के नेताओं को भी संबोधित करेंगे। एनडीए का साथ छोड़ने का फैसला पार्टी काः नीतीश कुमार राजभवन से बाहर आते हुए मीडियाकर्मियों से नीतीश कुमार ने कहा कि वो अब एनडीए गठबंधन से बाहर आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी सांसद और विधायक चाहते थे कि एनडीए गठबंधन छोड़ दिया जाए। ये फैसला पार्टी का है

बिहार में जदयू और भाजपा का टुटा गठबंधन, औपचारिक ऐलान अभी बाकी

बिहार में आखिरकार बीजेपी-जेडीयू गठबंधन टूट गया है। जानकारी के मुताबिक सीएम नीतीश कुमार के आवास पर जेडीयू विधायक दलों की बैठक में बीजेपी से अलग होने का फैसला ले लिया गया है। विधायक दल की बैठक में फैसला लिया गया है कि जेडीयू अब बीजेपी के साथ नहीं रह सकती। हालांकि पार्टी की तरफ से गठबंधन खत्म करने को लेकर औपचारिक ऐलान अभी बाकी है। खबर है कि आज शाम चार बजे नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के साथ राज्यपाल से मिलने जा रहे हैं। राज्यपाल से मिलकर नीतीश पुरानी सरकार का इस्तीफा और नई सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं।

बिहार की सियासी भूचाल : आज दोपहर राज्यपाल से मिलेंगे नीतीश और तेजस्वी

बिहार में नया गठबंधन के आकार लेने और एनडीए में टूट की आहट साफ सुनाई दे रही है। सीएम आवास पर जेडीयू की अहम बैठक हो रही है। इस बीच सूत्रों से  मिल रही जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मिलने के लिए समय मांगा है। राज्यपाल की ओर नीतीश कुमार को दोपहर 1 बजे मिलने का समय दे दिया है। वहीं सूत्रों के अनुसार आज राबड़ी आवास पर चल रही विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार के नाम पर मुहर लग गई है। सूत्रों ने यह भी बताया है कि नीतीश कुमार के साथ तेजस्वी यादव भी राज्यपाल से मिलने जा सकते हैं। इस बीच राजद खेमे से एक बड़ी खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि तेजस्वी यादव ने राजद के सभी विधायकों से समर्थन पत्र पर साइन करवा लिया है। सूत्रों ने बताया है कि तेजस्वी यादव समर्थन पत्र नीतीश कुमार को सौंपेंगे। इस बीच खबर यह भी सामने आ रही है कि बीजेपी मंत्री गठबंधन टूटने से पहले इस्तीफा दे सकते हैं।

बिहार के राजनीतिक गलियारे में किसी के लिए मंगलवार शुभ तो किसी के लिए हो सकता है अशुभ

बिहार के राजनैतिक गलियारे में मंगलवार किसी के लिए शुभ -मंगलवार तो किसी के लिए अशुभ -मंगलवार साबित हो सकता है। राज्य में सियासी सरगर्मी भूचाल बनने की ओर अग्रसर है। एक नए गठबंधन की सुगबुगाहट तेज हो गई है। शाम तक बिहार की सियासत में बड़े फेर-बदल की संभावना जताई जा रही है। इस बीच राबड़ी देवी के आवास पर महागठबंधन की बैठक के लिए विधायक पहुंच गए हैं। पहले सिर्फ राजद विधायक दल की बैठक होनी थी। लेकिन, इसमें माले के विधायक भी पहुंच गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस के विधायक भी बैठक में शामिल हैं। जानकारी के अनुसार जेडीयू और आरजेडी के बीच सौदेबाजी शुरू हो गयी है। गठबंधन बदलने से पहले आरजेडी ने नीतीश कुमार के सामने अपनी शर्त रख दी है। उसके मुताबिक तेजस्वी यादव फिर से बिहार के डिप्टी सीएम बन सकते हैं। तेजस्वी ने समर्थन देने की बात नीतीश तक पहुंचा दी है, लेकिन गृह मंत्रालय भी मांग लिया है। नीतीश लंबे समय से गृह मंत्रालय का जिम्मा अपने पास रखे हुए हैं और कभी किसी डिप्टी सीएम या दूसरे मंत्री को नहीं मिला है। उनके राजनीतिक जीवन के सबसे भरोसेमंद डिप्टी सीएम सुशील मोदी को भी गृह मंत्रालय कभी नहीं मिला। कुल मिलाकर सीन यह बन रहा है कि तमाम तल्खियां भूलकर एक बार फिर से चाचा-भतीजा बिहार के सीएम और डिप्टी सीएम के रूप में एक साथ नजर आ सकते हैं।इधर, राबड़ी आवास पर जारी बैठक में मोबाइल ले जाने से मना किया गया है। आवास के बाहर ही कई विधायकों को अपना मोबाइल सुरक्षाकर्मियों और समर्थकों को थमाते हुए देखा गया। राबड़ी आवास के भीतर विधायकों की गिनती भी की गई है। पूछे जाने पर विधायकों ने बहाने बना दिए।

सावन के अंतिम सोमवारी पर बिहार के विभिन शिवालयों में उमड़ी भीड़

श्रावण मास के अंतिम सोमवार पर शिवालयों में श्रद्धालुओं भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने अलग-अलग शिवालयों में जलाभिषेक किया। सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की लाइन लगी रही। इस दौरान शिवालयों में भगवान शंकर के जयकारे गुंजायमान रहे। अंतिम सोमवार को विभिन शिवालयो को विभिन्न प्रकार के फूलों से सजाया गया। सावन के आखिरी सोमवार को सुबह से ही बिहार  के सभी शिवालयों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। सावन के अंतिम सोमवार पर भगवान शंकर का महा रूद्राभिषेक किया गया। बिहार के भोजपुर जिले के पीरो प्रखंड में अवस्थित बहरी महादेव धाम  में सुबह से ही जल चढ़ना प्रारंभ हो गया था। मंदिर में जल चढ़ाने के लिए लोगों को कतार में लगना पड़ा। ससुराल से विदा हुये भोले अंतिम सोमवार के साथ ही भगवान शिव की ससुराल दक्षनगरी में भोले नाथ का वास समाप्त हो गया। भगवान शंकर आज कैलाश लौट जायेंगे। इसी कारण भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए हरिद्वार के सभी शिवालयों में विशेष पूजा-अर्चना, अनुष्ठान, महारूद्राभिषेक, शिवपुराण आदि का आयोजन किया गया। सावन माह शुरू होते ही भगवान शंकर अपनी ससुराल में विराजमान रहकर भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं।

मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, 25 जिलों में हवा के साथ बारिश व वज्रपात की पूर्वानुमान

बिहार में छिटपुट वर्षा की स्थिति बनी हुई है। प्रदेश में मानसून अब फिर से कमजोर पड़ गया है। इस वजह से मूसलाधार बारिश की स्थिति नहीं बन रही है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार सोमवार व मंगलवार को राजधानी समेत प्रदेश के 25 जिलों के एक या दो जगहों पर मेघ गर्जन के साथ हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा का पूर्वानुमान है। सोमवार को प्रदेश के उत्तर-पश्चिम व दक्षिण पश्चिम भागों को छोड़कर प्रदेश के सभी जिलों में वज्रपात और 40-50 किमी प्रतिघंटा से हवा का प्रवाहित होने का अलर्ट है। बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से मौसम में यह बदलाव आएगा। मौसम की यह स्थिति कुछ जगहों पर बुधवार को भी आंशिक रूप से बनी रह सकती है। पिछले 24 घंटे में वैशाली जिले के गोरौल में सर्वाधिक वर्षा 54.6 मिमी दर्ज की गई। वहीं शनिवार की देर शाम और रात राजधानी में 32.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान 38.5 वैशाली और सीतामढ़ी में दर्ज किया गया। वहीं राजधानी का अधिकतम तापमान 34.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। फिलहाल मानसून ट्रफ जैसलमेर, कोटा, दुर्ग होते हुए पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर गुजर रही है। इन जगहों पर अलर्ट सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, पटना, नवादा, गया, शेखपुरा, बेगूसराय, लखीसराय, जहानाबाद, भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर, खगड़िया ।

राजस्थान : भरतपुर में मजहब की दीवार तोड़ मुस्लिम लड़की ने हिन्दू लड़के से की शादी

नगमा – नरेन्द्र का प्यार   राजस्थान के भरतपुर में एक मुस्लिम लड़की ने धर्म की दहलीज से बाहर जाकर एक हिंदू लड़के से प्यार किया और फिर दोनों ने शादी कर ली। अब दोनों की जान खतरे में पड़ गई है। लड़की का पिता दोनों को मार डालना चाहता है और एक बार इसकी कोशिश भी कर चुका है। लड़की के पिता ने अपने ऑटो से दोनों को कुचलने की कोशिश की। हालांकि, किसी तरह वह जान बचाकर भागने में कामयाब रहे। घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है।   भरतपुर के एक मोहल्ले में नगमा को पड़ोसी नरेंद्र सैनी से प्यार हो गया। मजहब अलग होने की वजह से लड़की के परिवार को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। नगमा ने घर से भागकर इसी साल 22 फरवरी को कोर्ट में नरेंद्र से शादी कर ली। शादी से नाराज होकर अब नगमा के पिता और रिश्तेदार दोनों की जान के दुश्मन बन गए हैं। उन्हें लगातार धमकिया दी जा रही हैं। उन पर एक बार जानलेवा हमला भी हो चुका है। लेकिन किसी तरह भागकर नगमा और नरेंद्र ने अपनी जान बचा ली थी। नगमा ने पति के साथ प्रशासन से लगाई गुहार हालांकि, नगम और नरेंद्र पर लगातार खतरा बरकरार है। दोनों को हर वक्त इस बात का डर सताता रहता है कि उनकी जान जा सकती है। इसी डर की वजह से नगमा और नरेंद्र सैनी ने जिला कलेक्टर के पास जाकर अपनी जान बचाने की गुहार लगाई है। नगमा ने कहा, ”कलेक्टर साहब मैं मुस्लिम हूं और मैंने हिंदू लड़के से शादी कर ली है, लेकिन अब मेरे पिता व मेरे मजहब के लोग हमारे दुश्मन बन गए हैं। वे लोग हम दोनों को जान से मार देना चाहते हैं । मैं गर्भवती हूं इसलिए मेरी और मेरी कोख में पल रहे बच्चे व पति की जान बचाने के लिए सुरक्षा मुहैया कराई जाए। अस्पताल से लौटते वक्त हमला  नरेंद्र 28 जुलाई को गर्भवती पत्नी नगमा को दिखाकर अस्पताल से बाइक पर सवार होकर घर जा रहा था। तभी सूरजपोल चौराहे के पास नगमा के पिता और परिजनों ने ऑटो से उनको टक्कर मारने की कोशिश की। यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है।   क्या कहना है प्रशासन का अतिरिक्त जिला कलेक्टर बीना महावर ने कहा कि दोनों पति पत्नी ने प्रार्थना पत्र दिया है कि उन्हें परिजनों से जान का खतरा है। इसलिए जिला एसपी को पत्र प्रेषित कर कहा गया है कि पति पत्नी की जान की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

नागदेवता की आराधना से विश्व को मिलेगी शांति और धन की होगी बारिश – तांत्रिक आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी

हम सभी जानते हैं नाग पंचमी  का त्‍यौहार सावन (श्रावण) के महीने  में आता है। प्रचलित हिंदु मान्‍यता के अनुसार पृथ्वी शेषनाग के फन पर टिकी है और भगवान शिव जी भी सर्प माला को पहने रहते हैं इसलिये सर्प को देवता के रूप में पूजा जाता है। भारत में नागों की पूजा करने का एक वैज्ञानिक कारण भी है, खेतों में फसलों को नुकसान पहुॅचानें वाले चूहे आदि जीवों का सर्प नष्‍ट कर देता है, जिससे किसानों की फसल सुरक्षित रहती है। एक कहानी केे अनुसार एक सर्प ने भाई बनकर अपनी बहन की सुरक्षा की थी और भाई का फर्ज निभाया था, इसलिये इस दिन महिलायें नागों को दूध पिलाती हैं और उसमें प्रार्थना करती हैं उनकी और उनके परिवार की सुुरक्षा करें। सर्प ही धन की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं और इन्हें गुप्त, छुपे और गड़े धन की रक्षा करने वाला माना जाता है. नाग, मां लक्ष्मी की रक्षा करते हैं । जो हमारे धन की रक्षा में हमेशा तत्पर रहते हैं इसलिए धन-संपदा व समृद्धि की प्राप्ति के लिए नाग पंचमी मनाई जाती है। इस दिन श्रीया, नाग और ब्रह्म अर्थात शिवलिंग स्वरुप की आराधना से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है और साधक को धनलक्ष्मी का आशिर्वाद मिलता है । हर साल सावन के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नागपंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस बार 02 अगस्त 2022 को देशभर में नागपंचमी मनाई जाएगी. इस दिन नाग देवता के 12 स्वरूपों की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि नाग देवता की पूजा करने और रुद्राभिषेक करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं और मनचाहा वरदान देते हैं।  मान्यता यह भी है कि इस दिन सर्पों की पूजा करने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं। प्राचीन धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, अगर किसी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष हो तो उसे नागपंचमी के दिन भगवान शिव और नागदेवता की पूजा करनी चाहिए। कालसर्प योग यज्ञ का आरम्भ या समाप्ति पंचमी, अष्टमी, दशमी या चुतुर्दशी तिथिवार चाहें जो भी हो, भरणी, आद्र्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, उत्तराषाढ़ा, अभिजित एवं श्रवण नक्षत्र श्रेष्ठ माने जाते हैं। परन्तु जातक की राशि से ग्रह गणना का विचार करना परम आवश्यक होता है। यह हैं नाग पंचमी पूजा विधि नाग पंचमी  के दिन घर के सभी दरवाजों पर खड़िया (पाण्डु/सफेदे) से छोटी-छोटी चौकोर जगह की पुताई की जाती है और कोयले को दूध में घिसकर मुख्‍यत दरवारों बाहर दोनों तरफ, मंदिर के दरवाजे पर और पूजा घर  में नाग देवता के चिन्ह (फोटो) बनाये जाते हैं, आज-कल यह फोटो बाजारों में मिलते हैं, जिन्‍हें आप इस्‍तेमाल कर सकते हैं। नागों की पूजा गाय का दूध और धान की लावा  से की जाती हैं और इस दिन नागों को दूध पिलाने की परंपरा है। जिसके लिये खेतों में या किसी ऐसे स्‍थान पर जहॉ सर्प होने की संभावना हो वहॉ एक कटोरी में दूध और धान की लावा रखा जाता है।  ऐसे करें नागपंचमी की पूजन सबसे पहले प्रात: घर की सफाई कर स्नान कर लें। इसके बाद प्रसाद के लिए सेवई और चावल बना लें। इसके बाद एक लकड़ी के तख्त पर नया कपड़ा बिछाकर उस पर नागदेवता की मूर्ति या तस्वीर रख दें। फिर जल, सुगंधित फूल, चंदन से अर्ध्य दें।  नाग प्रतिमा का दूध, दही, घृ्त, मधु ओर शर्कर का पंचामृ्त बनाकर स्नान कराएं।  प्रतिमा पर चंदन, गंध से युक्त जल अर्पित करें।  नये वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, हरिद्रा, चूर्ण, कुमकुम, सिंदूर, बेलपत्र, आभूषण और पुष्प माला, सौभाग्य द्र्व्य, धूप दीप, नैवेद्ध, ऋतु फल, तांबूल चढ़ाएं…आरती करें… अगर काल सर्पदोष है तो इस मंत्र का जाप करें: ”ऊँ कुरुकुल्ये हुं फट स्वाहा” ऐसे करें कालसर्प पूजन… प्रातःकाल स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजा के स्थान पर कुश का आसन स्थापित करके सर्व प्रथम हाथ में जल लेकर अपने ऊपर व पूजन सामग्री पर छिड़कें, फिर संकल्प लेकर कि मैं कालसर्प दोष शांति हेतु यह पूजा कर रहा हूं। अतः मेरे सभी कष्टों का निवारण कर मुझे कालसर्प दोष से मुक्त करें। तत्पश्चात् अपने सामने चौकी पर एक कलश स्थापित कर पूजा आरम्भ करें। कलश पर एक पात्र में सर्प-सर्पनी का यंत्र एवं कालसर्प यंत्र स्थापित करें। साथ ही कलश पर तीन तांबे के सिक्के एवं तीन कौड़ियां सर्प-सर्पनी के जोड़े के साथ रखें, उस पर केसर का तिलक लगायें, अक्षत चढ़ायें, पुष्प चढ़ायें तथा काले तिल, चावल व उड़द को पकाकर शक्कर मिश्रित कर उसका भोग लगायें, फिर घी का दीपक जला कर निम्न मंत्र का उच्चारण करें… ऊं नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथिवीमनु। ये अंतरिक्षे ये दिवितेभ्यः सर्पेभ्यो नमः स्वाहा।। राहु का मंत्र – ऊं भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः। इसके बाद सर्वप्रथम गणपति जी का  पूजन करें, नवग्रह पूजन करें, कलश पर रखी समस्त नाग-नागिन की प्रतिमा का पूजन करें व रूद्राक्ष माला से उपरोक्त कालसर्प शांति मंत्र अथवा राहू के मंत्र का उच्चारण एक माला जाप करें। उसके पश्चात् कलश में रखा जल शिवलिंग पर किसी मंदिर में चढ़ा दें। प्रसाद नंदी (बैल) को खिला दें, दान-दक्षिणा व नये वस्त्र ब्राह्मणों को दान करें। कालसर्प दोेष वाले जातक को इस दिन व्रत अवश्य करना चाहिए। तांत्रिक आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि अग्नि पुराण में लगभग 80 प्रकार के नाग कुलों का वर्णन मिलता है, जिसमें अनन्त, वासुकी, पदम, महापध, तक्षक, कुलिक, कर्कोटक और शंखपाल यह प्रमुख माने गये हैं।  स्कन्दपुराण, भविष्यपुराण तथा कर्मपुराण में भी इनका उल्लेख मिलता है। जानिए क्यों करवाएं नागपंचमी पर पूजन… यदि आपकी कुंडली में कालसर्प  योग (दोष), अंगारक दोष/यिग, या चाण्डाल दोष एवम ग्रहण दोष अथवा पित्र दोष है और उसके कारण आपके जीवन में (कई कामों में) विघ्न पड़ रहा है तो परेशान न हों।  नाग पंचमी का दिन कालसर्प योग(दोष), अंगारक दौड़, पितृदोष एवम ग्रहण दोष तथा चाण्डाल दोष जैसे दोषों की शांति के लिए बेहद फलदायी होता है। तांत्रिक आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि राहू के जन्म नक्षत्र ‘भरणी’ के देवता काल हैं एवं केतु के जन्म नक्षत्र ‘अश्लेषा’ के देवता सर्प हैं। अतः राहू-केतु के जन्म नक्षत्र देवताओं के नामों को जोड़कर “कालसर्प योग” कहा जाता है। राशि चक्र में 12 राशियां हैं, जन्म पत्रिका में 12 भाव हैं एवं 12 लग्न हैं। इस तरह कुल 144+144 = 288 कालसर्प … Read more