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एनजीओ की महिलाओ – छात्राओं के कपड़ा बदलने का वीडियो बनाने वाले होटल संचालक व मैनेजर गिरफ्तार

वाराणसी। थाना सिगरा अंतर्गत के परेड कोठी स्थित जेपी गेस्ट हाउस के डारमेर्ट्री हाल में सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से कपड़ा बदल रही छात्राओ का रिकार्डिंग कैद करने के सन्दर्भ में संचालक प्रदीप कुमार यादव और मैनेजर राजेश कुमार को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार को पश्चिम बंगाल के पूर्वा मेदिनीपुर से गरीब मेधावी छात्र-छात्राओं को वाराणसी घूमाने एक एनजीओ सिगरा के जेपी गेस्ट हाउस में कमरा बुक किया था। दोपहर बाद गेस्ट हाउस के ग्राउंड फ्लोर की डॉरमेट्री में कपड़े चेंज कर रही 20 छात्राओं ने देखा कि वहां सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है । एनजीओ के लोगों को शक हुआ की उनके साथ आई छात्राओं के कपड़े बदलने का वीडियो गेस्ट हाउस में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ है जिसकी शिकायत पर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गेस्ट हाउस का लाइसेंस होगा रद्द एनजीओ की सूचना पर शनिवार को जब पुलिस होटल पहुंचकर डीवीआर ले आई तो छात्राओं के कपड़े बदलने का वीडियो मिला। करतूत सामने आने पर पुलिस और प्रशासन ने सख्ती की है डीवीआर को जांच के लिए पुलिस फोरेंसिक लैब भेजेगी। कार्रवाई के क्रम में अब परेठ कोठी क्षेत्र स्थित जेपी गेस्ट हाउस का लाइसेंस रद्द किया जाएगा। कमिश्नरेट के सीनियर अफसरों ने इंस्पेक्टर सिगरा को कहा है कि गेस्ट हाउस संचालक और मैनेजर का आपराधिक इतिहास खंगाले। आपराधिक इतिहास के आधार पर दोनों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट दें। शनिवार को जब छात्राओं ने एनजीओ के लोगों से बताया की गेस्ट हाउस के ग्राउंड फ्लोर की डॉरमेट्री में जहां कपड़े चेंज कर रहे थे। वहां सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है एनजीओ के लोगों ने गेस्ट हाउस के रिसेप्शन काउंटर पर बैठे मैनेजर से आपत्ति जताई तो उसने कहा कि सीसीटीवी कैमरा बंद है। एनजीओ से जुड़े लोगों को उसकी बात पर विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। इसके साथ ही छात्राओं ने हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस ने हंगामा कर रही छात्राओं को शांत करा कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया था। जब सीसीटीवी का डीवीआर लेकर पुलिस ने जांच शुरू की तो छात्राओं का आरोप सही निकला। सिगरा थाने की पुलिस ने गेस्ट हाउस संचालक प्रदीप कुमार यादव और मैनेजर राजेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। एसीपी चेतगंज विकास श्रीवास्तव ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ पुलिस कठोरतम कार्रवाई करेगी।

एक होटल में महिलाओं और छात्राओं का कपड़ा बदलने के दौरान वीडियो हुआ कैमरे में कैद, होटल संचालक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज

वाराणसी। सिगरा थाना क्षेत्र के कैंट स्टेशन के पास परेडकोठी स्थित होटल मे ठहरी पश्चिम बंगाल की स्वयंसेवी संस्थान की महिलाओ व छात्राओं के कपड़े बदलने का वीडियो होटल के सीसीटीवी कैमरे मे कैद हो गया है। इस मामले मे संस्था ने सिगरा थाने मे रिपोर्ट दर्ज कराई है। होटल के सीसीटीवी कैमरे के डीबीआर की जांच आरोप मे जांच सही पाया गया। पुलिस इस मामले मे होटल संचालक के खिलाफ कारवाई कर रही है। पश्चिम बंगाल प्रान्त के गरीब मेधावी छात्रों के लिए काम करने वाली एनजीओ के पुरुष और महिला सदस्यों के साथ मेधावी छात्र – छात्राए होटल मे ठहरे हुए थे। एनजीओ छात्रों को बनारस भ्रमण पर ले आई थी। बताया जाता है की शनिवार के दिन कुछ महिलाए व छात्राए होटल के ग्राउंड डाक्यूमेट्री मे कपड़े बदल रही थी। तभी उनकी नजर होटल के सीसीटीवी कैमरे पर पड़ी तो उन्हें संदेह हो गया। उन्होंने इसकी एनजीओ संचालक से शिकायत की। एनजीओ संचालक ने होटल संचालक से पूछा की कैमरे बंद या नहीं । इस पर होटल संचालक ने कहाँ की कैमरे बंद है लेकिन संदेह हो चुका था। संदेह पर एनजीओ संचालक ने सिगरा पुलिस को सूचित कर जांच की माँग किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने डीबीआर को कब्जे मे लेकर चेक किया तो उसमे महिलाओ और छात्राओं के कपड़े बदलने का वीडियो था। पुलिस ने एनजीओ संचालक के द्वारा दिए गए तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर करवाई मे जुट गई। मौके पर पहुँचे एसपी चेतगंज विकास श्रीवास्तव ने बताया की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर करवाई किया जा रहा है।

वाराणसी कमिश्नर बनाए गए कौशलराज शर्मा, डीएम का अतिरिक्त प्रभार भी रहेगा

वाराणसी। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा को वाराणसी का मंडला आयुक्त बनाया गया है साथ ही उनके पास जिलाधिकारी का अतिरिक्त प्रभार भी रहेगा। निवर्तमान कमिश्नर दीपक अग्रवाल की केंद्र मे प्रतीनियुक्ति के बाद शासन ने आयुक्त वाराणसी मंडल के पद पर उनकी नियुक्ति की है। वाराणसी के कमिश्नर रहे दीपक अग्रवाल का केंद्र मे ज्वाइंट सेकेट्री के पद पर तबादला कर दिया गया है। उन्हें रिलीव कर उनके स्थान पर जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा को मण्डलायुक्त पद पर नियुक्त किया है। कौशलराज शर्मा का आयुक्त पद पर पहले ही प्रमोशन हो चुका था उनका प्रयागराज मंडल के मंडलायुक्त के पद पर स्थानांतरण भी हुआ था लेकिन कुछ समय बाद उनका स्थानांतरण रोक दिया गया।

जेल के अंदर दर्शन हेतु बनाया काशी विश्वनाथ धाम, गुनाहो के लिए मांगते है माफ़ी

वाराणसी। नव्य भव्य श्रीकाशी विश्वनाथ धाम की महिमा अब जेल की चाहदीवारियों के भीतर तक पहुँच गई है। नियम के तहत जिला जेल के बंदी जब बाबा के दर्शन के लिए जब बाबा विश्वनाथ के धाम तक नहीं पहुँच पाए तो उन्होंने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का चित्र ही जेल की दीवारों पर उकेर दिया और हर रोज बाबा का दर्शन दीवारों पर बने चित्र से करते है। पीएम मोदी के ड्रीम प्रोडक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम के विस्तारित और सौंदर्यकरण होने के बाद इसकी महिमा देश विदेशो तक पहुंची तो शिव भक्तो का हुजूम बाबा के धाम मे उमड़ पड़ा। बाबा के दरबार की महिमा जिला जेल तक पहुंची लेकिन कानून की बंदिशों के चलते जेल के बंदी बाबा के धाम तक नहीं जा सकते लेकिन जहाँ चाह वहाँ राह के उदाहरण को चरितार्थ करते हुए बंदीयों ने बाबा विश्वनाथ की तस्वीर हूबहू जेल की दीवारों पर बना दी। अब अधिकांश बंदी आस्था के साथ बाबा के इसी दरबार मे रोजाना हाजिरी लगाते है। कैदी यहाँ अपने गुनाहो की माफ़ी भी मांगते है यही नहीं बंदीयों ने संतकबीर जन्मस्थालीय तुलसीदास व भगवान बुद्ध की उपदेश स्थालीय सारनाथ काशी के घाट की विश्व प्रसिद्ध आरती समेत काशी की छटा दीवारों पर उकेरी है।  वाराणसी जिला जेल अधिक्षक अरुण कुमार सक्सेना ने बताया की अमृत महोत्सव के तहत कैदीयों ने बनारस के प्रमुख स्थलों को जेल कैम्पस की दीवारों पर उकेरा है। थ्री डी तस्वीरों को तीन बंदीयों ने तीन महीने मे तैयार किया है। बंदी कलाकारों की माँग पर इसमें प्रयोग आने वाली सीमेंट रेत रंग और अन्य सामग्री जेल अधिक्षक ने उपलब्ध कराई है। पेंटिंग बनाने वाले तीन कैदी राक्षस बच्चन द्रवीण, भोलाराम व मनीष शर्मा ने बनाया है साथ ही कुछ कैदीयों ने भी इस नेक काम मे सहयोग किया है। जेल के कैदीयों का कहना है की काशी विश्वनाथ धाम की पेंटिंग बनाने और प्रतिदिन दर्शन करने से मन को सुकून और शाँति मिलती है।

शातिर अपराधी पुलिस के साथ मुठभेड़ मे हुआ घायल, पुलिस अभिरक्षा में चल रही है ईलाज

वाराणसी। फूलपुर थाना क्षेत्र के नेशनल कालेज के पास पाँच दिनों पहले गैंगवार मे अमन यादव की हत्या व कृपाशंकर को घायल करने के वारदात को अंजाम देने वाले जौनपुर जिले के शातिर अपराधी सदानन्द यादव ऊर्फ झग्गड़ पुलिस मुठभेड़ मे घायल हो गया। मुठभेड़ फूलपुर थाना क्षेत्र के करखियाव गाँव के पास हुईं। पुलिस ने घायल बदमाश को अस्पताल मे भर्ती कराई है। सदानन्द जौनपुर जिले के केराकत थाना क्षेत्र के कटहरी गाँव का निवासी है मुठभेड़ के दौरान अँधेरे का फायदा उठाकर भागे उसके साथी की पुलिस को तलाश है। जानकारी के अनुसार पुलिस टीम को मुखबिर के माध्यम से सूचना मिली की पिछले दिनों फूलपुर थाना क्षेत्र के नेशनल कालेज के पास हत्या की घटना को अंजाम देने वाले शातिर अपराधी सदानन्द अपने दोस्तों के साथ करखीयाव गाँव की ओर आने वाला है। मुखबिर द्वारा सूचना पाकर पुलिस उसी स्थान पर बदमाशों का इंतजार करने लगी कुछ देर बाद जौनपुर की तरफ से बाईक सवार आते युवको को पुलिस ने रोका तो बदमाश अपने आपको पुलिस से घिरा देखकर भागने लगे बदमाशों को भागता देख पुलिस ने उन्हें चारो तरफ से घेर लिया। बड़ागांव थाना प्रभारी अश्वनी चतुर्वेदी, फूलपुर थाना प्रभारी अभिषेक राय, क्राइम ब्राँच प्रभारी सुनील सिंह व स्वाट टीम प्रभारी मनीष मिश्र की टीम ने घेराबंदी कर बदमाशों को ललकारा। जवाब मे बदमाशो ने पुलिस टीम पर फायरिंग करना शुरू कर दिया।पुलिस की जवाबी फायरिंग मे शातिर बदमाश सदानन्द के दाहिनी पैर मे गोली लगी और वह जमीन पर गिर पड़ा। इसके बाद पुलिस टीम घायल अपराधी को ईलाज के लिए अस्पताल भेजवाया और दूसरी टीम मौके का फायदा उठाकर भागे उसके साथी की तलाश मे जुट गई। मालूम हो की कुछ ही दिनों पहले जौनपुर जिले के केराकत थाना क्षेत्र के मीरपुर गाँव निवासी अमन यादव, सदानन्द यादव गिरोह के द्वारा मारा गया था वही गोरख ऊर्फ कृपाशंकर देवकली गाँव का निवासी था और अभी घायल अवस्था मे अस्पताल मे भर्ती है! गिरोह मे दो फाड़ हुआ तो शुरू हो गया गैंगवार फूलपुर थाना क्षेत्र के नेशनल कालेज के पास अमन की हत्या व कृपाशंकर को गोली मारने वाले सदानन्द का संगठित गिरोह है। इस गिरोह मे इसी की गोली से घायल कृपाशंकर व अमन भी शामिल थे। लूट की माल के बटवारो व असलहो की हेरा फेरी के कारण गिरोह मे दरार पड़ गई और सदानन्द इन दोनों के जान का जानी दुश्मन बन गया। कभी साथ मे अपराध करने वाली गिरोह के दो फाड़ हो जाने के बाद कृपाशंकर ऊर्फ गोरख पर फायरिंग व अमन पर हत्या की घटना सदानन्द गिरोह का तीसरा हमला था। कृपाशंकर भी शातिर अपराधी है इसे जौनपुर जरायम जगत मे कृपाशंकर नहीं गोरख के नाम से लोग जानते है।

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी विवाद-शिवलिंग की जांच पर आपत्ति के लिए मुस्लिम पक्ष ने माँगा समय, अगली सुनवाई 11अक्टूबर को

वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर मे मिले कथित शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच के मामले मे शुक्रवार के दिन जिला जज एके विश्ववेश की अदालत मे सुनवाई हुईं। मुस्लिम पक्ष शिवलिंग के जांच का पहले से ही विरोध कर रहा है जबकि हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन जांच की माँग को दोहराते हुए अपना स्पष्टीकरण दिया।मुस्लिम पक्ष ने शिवलिंग के जांच के समर्थन मे दिए गए प्रार्थना पत्र पर अपनी आपत्ति दाखिल करने के लिए अदालत से समय माँग लिया है। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को आपत्ति दाखिल करने का समय देते हुए सुनवाई की अगली तिथि 11अक्टूबर निर्धारित की है। ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के दौरान 16 मई को हिन्दू पक्ष ने शिवलिंग मिलने का दावा किया था जबकि मुस्लिम पक्ष उसे फ़ौव्वारा बता रहा है। इस मामले मे हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन की ओर से शिवलिंग की कार्बन डेंटिंग या अन्य विधी से जांच कराने की माँग की गई है। इस बिन्दु पर पिछले तीन तारीखों पर सुनवाई हो चुकी है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट मे 64 लोगो के मौजूद रहने की इजाजत मिली। सुनवाई दोपहर 2:16 मिनट पर शुरू हुईं।अदालत मे हिन्दू पक्ष की ओर से कहाँ गया की हमारी ओर से कार्बन डेंटिंग या अन्य वैज्ञानिक विधियों से शिवलिंग की जांच कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया है। जांच इसलिए जरूरी है की यह साबित हो सके की वह शिवलिंग है या नहीं क्योंकि मुस्लिम पक्ष पहले से फ़ौव्वारा होने का दावा कर रहा है। इस मामले मे मुस्लिम पक्ष जांच का विरोध कर रहा है जबकि हिन्दू पक्ष की एक महिला वादिनी के वकील की तरफ से कोर्ट मे कार्बन डेंटिग का विरोध किया गया है।मुस्लिम पक्ष द्वारा आपत्ति दाखिल करने के लिए समय माँग लेने के बाद सुनवाई के लिए अगली तिथि निर्धारित कर दी गई है। हालांकि शिवलिंग की जांच के मामले मे आज फैसला आने की लोगो ने उम्मीद लगा रखी थी इसलिए का कचहरी मे सुबह से ही गहमागहमी बनी हुईं थी। सुनवाई के बाद कोर्ट से निकले हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया की अदालत मे हमने अपना स्पष्टीकरण दे दिया है कोर्ट को अधिकार है की शिवलिंग की सत्यता जानने के लिए वह उचित विधि से जांच कराने के लिए कमीशन गठित कर सकती है।चुकी इस पर आपत्ति के लिए मुस्लिम पक्ष ने समय माँग लिया है इसलिए अब 11अक्टूबर को मुस्लिम पक्ष को आपत्ति दाखिल करने के बाद ही कोर्ट अपना निर्णय सुना सकती है।

कमिश्नर की तेलगू भाषा का ज्ञान आई भटकी महिला के काम, आंध्रा की भटकी महिला को उसके परिजनों से मिलवाया

वाराणसी। आंध्र प्रदेश से काशी विश्वनाथ धाम दर्शन करने आई राजलक्ष्मी नामक महिला मन्दिर मे दर्शन करने के बाद बाहर निकलते समय अपने परिवार वालो से बिछड़ गईं। काफी देर के बाद महिला भटकते भटकते गोदौलिया चौराहे पर बने पुलिस बूथ पर पहुंची वहा आस पास के लोगो से उसने अपना नाम राजलक्ष्मी बताई पर महिला तेलगू भाषा मे बात कर रही थी। इसलिए लोगो को उसकी बात समझ मे नहीं आई लोगो ने उसको पुलिस के पास ले गए। पिकेट बूथ पर मौजूद पुलिस वालो को भी महिला की भाषा नहीं समझ मे आ रही थी जब इसकी जानकारी पुलिस कमिश्नररेट वाराणसी ए सतीश गणेश को हुई तो वो सीधे गोदौलिया पुलिस बूथ पहुँच गए। पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने महिला से तेलगू भाषा मे बातचीत की और पब्लिक एड्रेस पर तेलगू भाषा मे ही सूचना प्रसारित किया। सूचना पाकर महिला के बेटे सतीश कुमार भागे भागे पुलिस पिकेट बूथ पर पहुँचा और अपनी मां को सुरक्षित पाकर सतीश के चेहरे ख़ुशी खिल उठे। पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने महिला के परिजनों से फराट्टेदार तेलगू भाषा मे बातचीत करते हुए कमिश्नर ने भटकी महिला के बेटे को उसकी मां से मिला दिया।भटकी महिला राजलक्ष्मी के बेटे सतीश कुमार ने वाराणसी पुलिस को दिल से धन्यवाद देते हुए पुलिस कमिश्नर को बिग सैल्यूट भी दिया।

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी विवाद की सुनवाई, आज आ सकता है फैसला

वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन और विग्रहो को संरक्षीत करने वाली याचिका पर सुनवाई आज यानी 7अक्टूबर को होंगी। इस मामले मे हिन्दू पक्ष की ओर से जिला जज की अदालत मे कार्बन डेंटिंग व अन्य वैज्ञानिक विधियों से शिवलिंग की जांच के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया है अदालत इस पर सुनवाई के दौरान आज फैसला सुना सकती है। मालूम हो की श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन के लिए हिन्दू धर्म से पांच महिलाओ की तरफ से कोर्ट मे वाद दाखिल किया गया है। इनमे से एक महिला राखी सिंह के अधिवक्ता की ओर से कार्बन डेंटिंग का विरोध किया गया है इस पर मुस्लिम पक्ष ने भी आपत्ति जताई है। हालांकि हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने स्पष्ट कर दिया है की उन्होंने सिर्फ कार्बन डेंटिग की माँग नहीं की है। उन्होंने कहाँ की जांच की जो विश्वसनीय विधी हो उसे अपनाया जाए। इस मुक़दमे मे दोनों पक्ष को ओर से अपना पक्ष रखा जा चुका है! गौरतलब हो की ज्ञानवापी मुकदमे से जुड़े वाद की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट मे भी हो रही है!

भरत मिलाप : चारो भाईयों का मिलन देख सजल हुई लोगो की आँखें 

वाराणसी।नाटी इमली मैदान मे विश्व प्रसिद्ध भरत मिलाप धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ। श्री चित्रकूट रामलीला समिति की ओर से विश्व प्रसिद्ध भरत मिलाप साढ़े चार सौ साल से भी अधिक समय से लीला की परम्परा का निर्वाहन किया जा रहा है। नाटी इमली का भरत मिलाप मैदान अयोध्या मे तब्दील हो चुका था जैसे ही राम व लक्ष्मन को भरत और शत्रुधन ने देखा तो वो दोनों नग्गे पैर ही उनकी ओर दौड़ पड़े।   नेमियों ने प्रभु की राह मे फूल बिछाए और मिलन की नयनाभीराम झांकी को आँखों मे संजोने के लिए टकटकी लगा ली। गोधुली (शाम) बेला मे हुई नयनाभीराम झांकी के दौरान जैसे भगवान श्रीराम ने भाई भरत को गले से लगाया तो चारो और जय श्रीराम और हर हर महादेव के जयघोष गुजने लगे। इस अद्भुत दृश्य को देख नेमियों की आँखे सजल हो गई। लक्खा मेले मे शुमार नाटी इमली के इस भरत मिलाप मे आस्था और श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा था। मैदान श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था। यहाँ तक की मैदान के चारो तरफ मकानों से श्रद्धांलु टकटकी लगाए चारो भाईयो के मिलन के दृश्य को देखने के लिए उत्साहित दिखे। इसके बाद स्वरूपों की आरती उतारी गई और जब शोभायात्रा निकली तो पुष्पवर्षो होने लगी। भरत मिलाप मे काशी परिवार के कुंवर अनंत नारायण सिंह पहुँचे थे। उन्होने लीला स्थल चित्रकूट पर भगवान श्रीराम, लक्ष्मण व माता सीता के दर्शन किए। इस दौरान काशी की जनता ने कुंवर का हर हर महादेव के उद्घोष से स्वागत किया। इसके बाद हनुमान जी ने चित्रकूट से अयोध्या के लिए प्रस्थान किया। हनुमान जी भरत जी को संदेश देते है की भगवान श्रीराम अयोध्या की सीमा पर आ गए है यह सुनते ही भरत जी हनुमान जी के साथ अयोध्या की सीमा पर जाने की तैयारी कर देते है। भरत मिलाप के दौरान परम्परा का निर्वहन किया गया और कुंवर अनंत नारायण सिंह ने सोने की गिन्नी दी।

आजादी से पहले का बना थाना होगा ध्वस्त, नीलामी की प्रक्रिया पूर्ण

वाराणसी। आजादी से पहले का बना मिर्जामुराद थाना भवन जल्द ही ध्वस्त किया जायेगा फिलहाल दूसरे भवन मे थाना शिफ्ट कर दिया गया है। भवन के ध्वस्तिकरण के लिए नीलामी की प्रक्रिया पुरी कर दी गई है। कार्यदायी संस्था की ओर से भवन को ध्वस्त करने के साथ ही समतलीयकरण कराया जाएगा। मिर्जामुराद का थाना भवन सन 1939 मे बना था। पहले थाना प्रभारी रामनारायण उपाध्याय थे। थाना भवन जर्जर होने की वजह से आए दिन बड़े हादसे की संभावना बनी रहती थी। इसी वजह से थाना को ध्वस्तीकरण करने का शासन द्वारा फैसला लिया गया है। फिलहाल भवन मे रहने वाले पुलिस कर्मियों को दूसरे भवन मे शिफ्ट कर दिया गया है और वही से विभाग का काम काज हो रहा है। भवन की नीलामी की प्रक्रिया पुरी कर ली गई है जल्द ही भवन को ध्वस्त कर दिया जाएगा। नीलामी की प्रक्रिया एसडीएम (न्यायिक) ज्ञान प्रकाश, एएसपी नीरज पाण्डेय, सीओ (बड़ागांव) अजय श्रीवास्तव व थाना प्रभारी निरीक्षक राजीव सिंह की मौजूदगी मे सम्पन्न कराई गई। एक लाख रुपए तक बोली लगाने वाली कार्यदायी संस्था को काम सौपा गया है। संस्था की ओर से भवन को ध्वस्त करने के साथ ही मलबा का समतलीय करण कराया जाएगा। इसी स्थान पर थाने का नया भवन बनाया जाएगा।