वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर मे मिले कथित शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच के मामले मे शुक्रवार के दिन जिला जज एके विश्ववेश की अदालत मे सुनवाई हुईं। मुस्लिम पक्ष शिवलिंग के जांच का पहले से ही विरोध कर रहा है जबकि हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन जांच की माँग को दोहराते हुए अपना स्पष्टीकरण दिया।मुस्लिम पक्ष ने शिवलिंग के जांच के समर्थन मे दिए गए प्रार्थना पत्र पर अपनी आपत्ति दाखिल करने के लिए अदालत से समय माँग लिया है। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को आपत्ति दाखिल करने का समय देते हुए सुनवाई की अगली तिथि 11अक्टूबर निर्धारित की है।
ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के दौरान 16 मई को हिन्दू पक्ष ने शिवलिंग मिलने का दावा किया था जबकि मुस्लिम पक्ष उसे फ़ौव्वारा बता रहा है। इस मामले मे हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन की ओर से शिवलिंग की कार्बन डेंटिंग या अन्य विधी से जांच कराने की माँग की गई है। इस बिन्दु पर पिछले तीन तारीखों पर सुनवाई हो चुकी है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट मे 64 लोगो के मौजूद रहने की इजाजत मिली। सुनवाई दोपहर 2:16 मिनट पर शुरू हुईं।अदालत मे हिन्दू पक्ष की ओर से कहाँ गया की हमारी ओर से कार्बन डेंटिंग या अन्य वैज्ञानिक विधियों से शिवलिंग की जांच कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया है। जांच इसलिए जरूरी है की यह साबित हो सके की वह शिवलिंग है या नहीं क्योंकि मुस्लिम पक्ष पहले से फ़ौव्वारा होने का दावा कर रहा है।
इस मामले मे मुस्लिम पक्ष जांच का विरोध कर रहा है जबकि हिन्दू पक्ष की एक महिला वादिनी के वकील की तरफ से कोर्ट मे कार्बन डेंटिग का विरोध किया गया है।मुस्लिम पक्ष द्वारा आपत्ति दाखिल करने के लिए समय माँग लेने के बाद सुनवाई के लिए अगली तिथि निर्धारित कर दी गई है।
हालांकि शिवलिंग की जांच के मामले मे आज फैसला आने की लोगो ने उम्मीद लगा रखी थी इसलिए का कचहरी मे सुबह से ही गहमागहमी बनी हुईं थी। सुनवाई के बाद कोर्ट से निकले हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया की अदालत मे हमने अपना स्पष्टीकरण दे दिया है कोर्ट को अधिकार है की शिवलिंग की सत्यता जानने के लिए वह उचित विधि से जांच कराने के लिए कमीशन गठित कर सकती है।चुकी इस पर आपत्ति के लिए मुस्लिम पक्ष ने समय माँग लिया है इसलिए अब 11अक्टूबर को मुस्लिम पक्ष को आपत्ति दाखिल करने के बाद ही कोर्ट अपना निर्णय सुना सकती है।