वाराणसी। नव्य भव्य श्रीकाशी विश्वनाथ धाम की महिमा अब जेल की चाहदीवारियों के भीतर तक पहुँच गई है। नियम के तहत जिला जेल के बंदी जब बाबा के दर्शन के लिए जब बाबा विश्वनाथ के धाम तक नहीं पहुँच पाए तो उन्होंने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का चित्र ही जेल की दीवारों पर उकेर दिया और हर रोज बाबा का दर्शन दीवारों पर बने चित्र से करते है।
पीएम मोदी के ड्रीम प्रोडक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम के विस्तारित और सौंदर्यकरण होने के बाद इसकी महिमा देश विदेशो तक पहुंची तो शिव भक्तो का हुजूम बाबा के धाम मे उमड़ पड़ा। बाबा के दरबार की महिमा जिला जेल तक पहुंची लेकिन कानून की बंदिशों के चलते जेल के बंदी बाबा के धाम तक नहीं जा सकते लेकिन जहाँ चाह वहाँ राह के उदाहरण को चरितार्थ करते हुए बंदीयों ने बाबा विश्वनाथ की तस्वीर हूबहू जेल की दीवारों पर बना दी।
अब अधिकांश बंदी आस्था के साथ बाबा के इसी दरबार मे रोजाना हाजिरी लगाते है। कैदी यहाँ अपने गुनाहो की माफ़ी भी मांगते है यही नहीं बंदीयों ने संतकबीर जन्मस्थालीय तुलसीदास व भगवान बुद्ध की उपदेश स्थालीय सारनाथ काशी के घाट की विश्व प्रसिद्ध आरती समेत काशी की छटा दीवारों पर उकेरी है। वाराणसी जिला जेल अधिक्षक अरुण कुमार सक्सेना ने बताया की अमृत महोत्सव के तहत कैदीयों ने बनारस के प्रमुख स्थलों को जेल कैम्पस की दीवारों पर उकेरा है। थ्री डी तस्वीरों को तीन बंदीयों ने तीन महीने मे तैयार किया है।
बंदी कलाकारों की माँग पर इसमें प्रयोग आने वाली सीमेंट रेत रंग और अन्य सामग्री जेल अधिक्षक ने उपलब्ध कराई है। पेंटिंग बनाने वाले तीन कैदी राक्षस बच्चन द्रवीण, भोलाराम व मनीष शर्मा ने बनाया है साथ ही कुछ कैदीयों ने भी इस नेक काम मे सहयोग किया है। जेल के कैदीयों का कहना है की काशी विश्वनाथ धाम की पेंटिंग बनाने और प्रतिदिन दर्शन करने से मन को सुकून और शाँति मिलती है।