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बिक्रमगंज से उमराह के लिए आठ लोग रवाना

इस्लाम धर्म और अल्लाह की इबादत में यकीन रखने वाले लोग उमराह के लिए मक्का शहर जाते हैं और अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। विद्युत विभाग बिक्रमगंज मे कार्यरत कार्यपालक सहायक मो आदिल खान ने बताया की हर धर्म में पूजा-पाठ करने का अपना एक तरीका होता है। हिंदू धर्म में ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए जिस तरह से चारधाम यात्रा की जाती है ठीक उसी तरह से इस्लाम को मानने वाले उमराह करते हैं और हज पर जाते हैं। जिस तरह पूजा-पाठ करने से मन को शांति मिलती है ठीक उसी तरह से उमराह करके इस्लाम के मामने वाले सुकून पाते हैं। उमराह करने के लिए लोग सऊदी अरब के सबसे पुराने और पवित्र शहर मक्का जाते हैं। नेता-अभिनेताओं से लेकर एक आम मुसलमान तक, हर वो इंसान जो आर्थिक रूप से समर्थ है और अल्लाह की इबादत में यकीन रखता है, वह उमराह के लिए जरूर जाता है। आगे बताया गया की बिक्रमगंज से कुल आठ लोग उमराह करने के लिए मक्का गए हैं, जिसमे उनके पिता मो अनीस खान एवं हाजी मो कलीमुद्दीन, डॉ महफूज आलम, हसनैन खान, नुसरत आलम, सईद आलम, मो सदरुद्दीन खान, मौलाना ग़ुलाम सरवर का नाम शामिल है।

सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती पर लोगों ने दी श्रद्धांजलि

बिक्रमगंज प्रखंड क्षेत्र के कन्या प्राथमिक विद्यालय नोनहर के प्रांगण में शुक्रवार को सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती मनाई गई। इस मौके पर उपस्थित लोगों ने उनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी तथा उनकी जीवनी की चर्चा करते हुए समाज को एक जुट करने का संकल्प लिया। पूर्व प्रधानाध्यापक रामाकांत देशमुख ने कहा कि सरदार पटेल ने आजादी के बाद पूरे भारत के राजतंत्र को समाप्त कर जनता का राज कायम किया था। अखंड भारत उनकी देन है। जिसे बचा कर रखना हम भारतवासियों का कर्तव्य है। कार्यक्रम को जगनारायण चौधरी, सुरेश चौधरी, पूर्व उपमुखिया विजय कुमार पटेल, सहित कई लोगों ने संबोधित किया। मौके पर अरूण चौधरी, कमलेश चौधरी, भैयालाल पटेल, अयोध्या चौधरी, वार्ड पार्षद राजू चौधरी, सत्यनारायण चौधरी, अशोक चौधरी, राधेश्याम चौधरी, सागर सिंह, पुरूषोत्तम चौधरी, कन्हैया चौधरी, नन्हे मालाकार अच्छेलाल चौधरी सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।

छठ पूजा पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

छठ पूजा के अवसर पर गुरुवार की रात्रि प्रखंड क्षेत्र के नोनहर गांव में छात्र युवा संगठन सौजन्य से कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन दिनारा विधायक विजय मंडल ने फीता काट कर किया। जबकि संचालन छात्र युवा संगठन के अजीत कुमार ने किया। मौके पर प्रखंड प्रमुख बिक्रमगंज राकेश कुमार सिंह उर्फ लाली सिंह, नगर परिषद बिक्रमगंज के पूर्व सभापति रबनवाज खां उर्फ राजू, जिला पार्षद मनोज सिंह, पूर्व मुखिया भागीरथी सिंह, पूर्व मुखिया हिरालाल सिंह, राम वचन सिंह सहित कई लोग मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।कार्यक्रम का शुभारंभ बिरहा सम्राट बल्लू मस्ताना ने छठ मईया के वंदना से किया। इस के बाद एक से बढ़कर एक नये एवं पुराने गीत कलाकार गायक धनंजय शर्मा और गायिका शिवानी सिंह ने प्रस्तुत किए। वादक कलाकार पप्पू शर्मा, लवजी, कामेंद्र ने अपनी कला से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिये।कार्यक्रम को सफल बनाने में छात्र युवा संगठन के सदस्य अरूण सिंह, डब्लू सिंह, मुन्ना गुप्ता, धर्मवीर शर्मा, फिरोज खां, निरंजन गुप्ता, धिरंजन गुप्ता, रंजन पटेल, आशीष कुमार, संजय कुमार, राजू कुमार ने सक्रिय भूमिका निभाई।

छठ व्रतियों ने की खरना पूजा, अस्ताचलगामी भगवान भाष्कर को अर्घ्य कल

बिक्रमगंज अनुमंडल क्षेत्र में लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ के दूसरे दिन बुधवार को छठ व्रतियों ने खरना पूजन विधि विधान से संपन्न की । दोपहर बाद से ही छठ व्रती विभिन्न छठ घाटों और जलाशयों पर स्नान व पूजन के लिए पहुंची थीं । शाम में विशेष पूजन के बाद छठ माता को प्रसाद अर्पित कर छठ व्रतियों ने खीर का महाप्रसाद ग्रहण किया । हजारों की संख्या में छठ माता के भक्त छठ पूजन करने वाले रिश्तेदारों एवं पड़ोसियों के घर पहुंचे और महाप्रसाद ग्रहण किया । छठ पूजन करने वाले घरों और उसके आसपास भी विद्युत सज्जा देखने को मिली । बताते चलें कि खरना के बाद छठ व्रतियों का 36 घंटे का कठिन उपवास शुरू हो गया । 7 नवंबर को छठ घाटों पर पहुंचकर व्रती अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य प्रदान करेंगे । इसके बाद 8 नवंबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही उनका व्रत संपन्न होगा । बुधवार को छठ व्रतियों सहित लोगों ने फलों और आवश्यक पूजन सामग्रियों की जमकर खरीदारी की । इस बीच छठ घाटों को अंतिम रूप से साफ-सफाई के बाद सजा दिया गया है । व्रतियों और भक्तों की सुविधा को लेकर सभी छठ पूजा समितियां शहर और आसपास के इलाकों में सक्रिय हैं ।

विद्युत विभाग के अधिकारियों ने किया छठ घाट का निरीक्षण

लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर सहायक विद्युत अभियंता बिक्रमगंज राज कुमार के साथ जेई बिक्रमगंज नवदीप गोयल के द्वारा संयुक्त रुप से नगर परिषद बिक्रमगंज अंतर्गत विभिन्न छठ घाटों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के क्रम मे छठ घाट स्थल पर बिजली व्यवस्था व छठ व्रतियों की सुविधाओं की जानकारी ली गयी। सहायक विद्युत अभियंता बिक्रमगंज के द्वारा बताया गया कि आस्था के चार दिवसीय छठ महापर्व पर व्रतियों को छठ घाटों पर विद्युत सम्बंधित किसी तरह की परेशानी न हो इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विद्युत अनुरक्षण एवं संपोषण संबंधित कार्यों का निरीक्षण हेतु कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है। नियंत्रण कक्ष 2 दिनों अर्थात 7 एवं 8 नवंबर के लिए बनाये गए हैं। इस दौरान निर्वाध विद्युत आपूर्ति हेतु विद्युत आपूर्ति अवर प्रमंडल, बिक्रमगंज के विभिन्न प्रशाखा क्षेत्रान्तर्गत सभी छठ घाटों पर भी कर्मियों को प्रतिनियुक्त की जाएगी, जो नियंत्रण कक्ष से समन्वय स्थापित करते हुए निर्वाध विद्युत आपूर्ति बहाल करने में सहयोग करेंगे।

नहाय खाय के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व प्रारंभ

नहाय-खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ मंगलवार से आरंभ हो गया। नहाय-खाय के अगले दिन बुधवार को पूरे दिन निर्जला उपवास रख व्रती संध्या काल खरना करेंगे। इसके अगले दिन सात नवंबर गुरुवार को महापर्व छठ का पहला अर्घ अस्ताचलगामी सूर्य को अर्पित किया जायेगा। सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ अर्पण के संग सूर्योपासना का यह महापर्व शुक्रवार को संपन्न होगा। इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास व्रती खंडित करेंगे। इसकी तैयारी लोगों ने लगभग पूरी कर ली है। नहाय-खाय के दिन सुबह व्रती पवित्र जल से स्नान किये। भगवान सूर्य को अर्घ देने के पश्चात पूजा-अर्चना किये। नया परिधान धारण कर व्रती नहाय-खाय पूरा किये।महिलाएं नाक से सिंदूर कर पूजन की। नहाय-खाय के लिए व्रती के संग घर की अन्य महिलाएं मिट्टी के नये चूल्हे पर अरवा भोजन पकायी। इसमें अरवा चावल का भात, मूंग की दाल, कद्दू की सब्जी, अन्य सब्जी, तरूआ आदि पकाया गया। संध्या काल में मिट्टी के चूल्हे पर ही खुद धो-कूटकर तैयार गेहूं के आटा की रोटी और सब्जी बनायी और उसे ग्रहण किया। इधर महज दो दिन शेष रहने के कारण छठ घाटों की सफाई में श्रद्धालु खुद जुट गये हैं। अपने अर्घ को घाट पर सजाने एवं भगवान सूर्य को अर्पित करने के लिए घाट तैयार कर रहे हैं। शहर में नगर परिषद प्रशासन की ओर से की गयी सफाई के बाद खुद कुदाल, खुरपी आदि लेकर युवाओं की टोली घाटों पर पहुंच सफाई में जुट गयी। वहीं घाटों की साज-सज्जा भी शुरू हो गयी है। वातावरण पारंपरिक छठ गीतों के बोल से गुंजायमान होने लगा है।

करहसी में किया गया सत्य हरिचंद्र नाटक का मंचन

दिनारा प्रखंड के करहसी गांव में आदर्श नवयुवक संघ, श्री महालक्ष्मी पूजा कमेटी द्वारा सत्य हरिश्चंद्र नाटक का मंचन किया गया। जिसका उद्घाटन भाजपा नेता सह द डीपीएस स्कूल बिक्रमगंज के संचालक, अनाथों के नाथ अखिलेश कुमार एवं करहसी पंचायत के मुखिया धनंजय कुमार ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। भाजपा नेता अखिलेश कुमार ने सभी को महालक्ष्मी पूजा तथा छठ पूजा की बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि बड़े सौभाग्य की बात है कि राजा हरिश्चंद्र पर आधारित नाटक अपने जिला से भी संबंध रखता है। राजा हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व के नाम पर अपने जिला का नाम रोहतास रखा गया है। मुखिया धनंजय कुमार ने भी संबोधित करते हुए कमिटी और क्षेत्रवासियों को बधाईयां दी। इस दौरान आदर्श नवयुक संघ, श्री महालक्ष्मी पूजा कमिटी के अध्यक्ष अनिल राय, उपाध्यक्ष मंटू राम, कोषाध्यक्ष विनोद कुमार गुप्ता, कमिटी संचालक गुरुवर रामप्रवेश राय, निर्देशक शिवसुंदर राय, प्रबंधक गुलशन राय, धनजी गुप्ता, अंशु कुमार, मंच संचालक मनीष सिंह, ओम नारायण राय, वीर बहादुर, नौलाख राय, सतीश, मित्र, धनंजय, ब्रजेश, गोलू, शैलेश मिश्रा, गुड्डू सिंह, दीपक चौरसिया, मुन्ना कुशवाहा, प्रकाश सिंह, अनीश सिंह आदि लोग उपस्थित थे।

जश्न-ए-आमद-ए-रसूल कांफ्रेंस का किया गया आयोजन

बिक्रमगंज शहर में घोसियाँ कला रोड में स्थित गुलजारबाग में रात जश्ने आमद-ए-रसूल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसकी शुरुआत तिलावते कलाम-ए-पाक के साथ नाते नबी से की गई। यूपी के अम्बेडकर नगर से आए हजरत मुफ्ती अंजुम रजा हक्कानी साहब ने कहा कि नबी-ए-करीम की उम्मत सभी उम्मतों में अफजल है। सारे नबियों मे हमारे नबी सबसे अफजल-ओ-आला हैं। अल्लाह ने अपना महबूब नबी को दुनिया में भेजकर हम सब पर बड़ा एहसान किया है। जिंदगी भर इबादत करकर भी इस एहसान का बदला पूरा नहीं किया जा सकता। हम लोग इसका जितना भी शुक्र अदा करें वो कम ही कम है। इसके बाद कोलकाता से आए हजरत अमन रजा कादरी साहब ने कहा कि जब हुजूर की पैदाइश हुई, उस वक्त फरिश्तों ने तीन झंडे लगाए, एक झंडा मगरिब में, दूसरा झंडा मशरिक में और तीसरा झंडा खाना-ए-काबा की छत पर लगाया। 12 रबी-उल-अव्वल के दिन झंडा लगाना फरिश्तों कि सुन्नत में है। आखिर में उन्होंने रोजाना कम से कम दिन में 313 बार दरूद शरीफ पढ़ने को जिंदगी का जरूरी अमल बनाने की बात कही। झारखंड से आए हसन फैजी ने बताया कि जहां कुरान शरीफ की तिलावत होती है, वहां हर वक्त अल्लाह की रहमतों का नुजूल रहता है। मदरसे में हर वक्त तलबा कुरान शरीफ पढ़ते हैं तो उस मोहल्ले पर लगातार रहमते बरसती रहती हैं। मदरसा रसूल अल्लाह का घर है और इसमें पढ़ने वाले तलबा मेहमाने रसूल हैं। इसलिए मदरसों से और तलबा से जो मोहब्बत करता है। उनकी इज्जत करता है और जो इनकी परवाह करता है वो बहुत खुशनसीब होता है। बताया कि उलेमा कि सोहबत में बैठना भी एक इबादत है। आखिर में बच्चों को दीन से जोड़ने की अपील उन्होंने की। सलात-ओ-सलाम व दुआ के साथ कॉन्फ्रेंस का समापन हुआ। इससे पूर्व नात-ए-पाक अजमत रजा भागलपुरी और शमशो कमर कलकतवी ने पेश की जबकि संचालन हसन फैजी झारखंडी ने किया।इस दौरान कांग्रेस के रोहतास जिला उपाध्यक्ष मो. अय्यूब खान, जसीम बाबा, राजा खान, टिंकू खान, टीपू खान, मीर खान, प्रिंस, अरमान खान, डॉ. अकील अहमद, डॉ.जावेद अली, इम्तेयाज अहमद,सगीर खान, हिफजूल रहमान, बबलू खान, इस्लाहुद्दीन खान, शमसाद खान, सोनू खान,डॉ. के आलम, साबिर खान, बंटी खान आदि समेत मदरसे के तलबा और बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

काव नदी में मछली पकड़ने गया व्यक्ति की महाजाल में फंस कर गिरने से मौत

काराकाट थाना क्षेत्र के इटढियां गांव के समीप काऊ नदी की फॉल में मछली पकड़ने गए एक व्यक्ति की अपने ही जाल में फस कर गिरने से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि रविवार की सुबह करीब 11:30 बजे इटढियां गांव निवासी स्वर्गीय बैजू सिंह यादव के 41 वर्षीय पुत्र रामकेश्वर यादव इटढिया काऊ नदी की फॉल में महाजाल लेकर मछली मारने के लिए गया था। नदी में महाकाल फेकने की क्रम में पानी में गिर गया । जिससे उनकी मौत हो गई । घटना के दौरान आसपास के लोग मृतक की शव को काऊ नदी से बाहर निकला । घटना की खबर सुनते ही मृतक के परिजनों में कोहराम मच गया । सूचना पर पहुंची काराकाट पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेते हुए उनके परिजनों के समक्ष पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्टम कराने के लिए सदर अस्पताल सासाराम भेज दिया । जानकारी देते हुए थानाध्यक्ष फूलदेव चौधरी ने बताया कि मृतक रामकेश्वर यादव के शव को पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्टम करने के लिए सासाराम भेज दिया गया है ।

Bikramganj में भाई-दूज का पर्व श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया

बिक्रमगंज प्रखंड क्षेत्र में भाई की लंबी उम्र की कामना के लिए बहनों ने भाई-दूज का पर्व श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया। प्रखंड के सभी गांव व नगर में गोवर्धन बनाकर बहनों ने पूरे विधि विधान से पूजा-पाठ किया और चाना व नैवेद्य चढ़ाए। इसके साथ ही बहनों ने कथा सुनी, साथ ही साथ भाई के लंबी उम्र की कामना की। प्रखंड क्षेत्र के काराकाट, गोडारी, करूप, जयश्री, संसार डिहरी, मोथा सहित सभी गावों में बड़ी ही श्रद्धापूर्वक भाई-दूज का पर्व मनाया गाय। वहीं नगर पंचायत के गोडारी माइंड स्क्वायर परिसर में सुबह से ही महिलाएं एकत्रित होकर बड़ी ही विधिविधान से पूजा पाठ करते हुए दिखाई दी। महिलाओं ने एक गोला बनाकर बीच में गोधन बनाया और उसके बाद पूजा पाठ की शुरुआत की। अंत में महिलाओं ने आरती की और एक दूसरे को प्रसाद वितरण किया। महिलाओं में सबिता देवी, दया देवी, स्वेत रंजनी, रंभा, पलक, सोनाली जानकारी देते हुए बताया की परंपरा के अनुसार सभी बहने सबसे पहले अपने भाइयों को प्रतीकात्मक रूप से मृत्यु का श्राप दिया और फिर अपनी जीभ पर कांटा चुभाकर इस श्राप का प्रायश्चित किया। इसके बाद गोबर के प्रतीकात्मक गोधन को कूटते हुए अपने भाइयों की सुरक्षा की कामना की। इसके उपरांत भाइयों ने अपनी सामर्थ्य अनुसार बहनों को उपहार भेंट किए। कुरूर गांव निवासी पंडित नंदजी दुबे ने बताया की एक बार यम और यमनी संसार में ऐसे व्यक्ति के खोज में विचरण कर रहे थे की जिसकी बहन उन्हें कभी श्रापित और अपशब्द नहीं कहा हो। ऐसे भाई को वो अपने साथ यमलोक ले जाना चाहते थे। विचरण के दौरान उन्हें एक ऐसा व्यक्ति भी मिला, लेकिन जब इसकी जानकारी उसके बहन को हुई तो उसने अपने भाई की रक्षा के लिए उसे श्राप दिया और अपशब्द भी कहे। तब यमराज और यमनी उसके भाई के प्राण नहीं हर सके। बस तभी से यह परम्परा चली आ रही है।