कृषि विज्ञान केंद्र बिक्रमगंज में कृषि निर्यात क्षमता संवर्धन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कृषक उत्पादक संघ के सदस्यों एवं किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम मार्केटिंग एवं निर्यात पर आधारित था। कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डा.शोभा रानी, जिला प्रबंधक नाबार्ड सुनील कुमार एवं डी एन त्रिपाठी, सहायक प्रबंधक एपीडा द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉक्टर शोभा रानी ने संबोधित करते हुए कहा कि रोहतास जिले में मसाला, मेंथा तेल, सोना चूर चावल मोटे अनाज, इत्यादि के बाजारीकरण एवं निर्यात की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। कोई भी किसान कंपनी बनाकर इन सामग्रियों का मूल्यवर्धित उत्पाद तैयार कर निर्यात कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के प्रबंधक डी एन त्रिपाठी ने कहा कि इस संस्था की स्थापना दिसंबर, 1985 में संसद द्वारा पारित कृषि और प्रसंस्कृत उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण अधिनियम के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा की गई थी। उन्होंने कहा कि एपीडा भारत से बाहर अनुसूचित उत्पादों के विपणन में सुधार लाने का कार्य करती है। निर्यातोन्मुख उत्पादन का प्रोत्साहन और अनुसूचित उत्पादों का विकास का कार्य करती है। रोहतास जिले में अनेकों उत्पाद को निर्यात किया जा सकता है। उन्होंने एपीडा के द्वारा किए जा रहे हैं निर्यात हेतु सहयोगों की विस्तार पूर्वक से चर्चा की। कोई भी किसान उत्पादक संगठन या किसान अपनी कंपनी बनाकर सोनाचूर चावल, मसाले अथवा मेंथा तेल को निर्यात कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में जिला प्रबंधक नाबार्ड सुनील कुमार ने बताया कि जिले में लगभग 12 एफपीओ नाबार्ड द्वारा प्रायोजित हैं। जो जिले में अच्छा बिजनेस कर रहे हैं। उन्होंने उपस्थित कृषकों को निर्यात में होने वाले वित्तीय खर्चो की विस्तृत रूप से जानकारी दी एवं बताया कि इसमें नाबार्ड सहयोग कर सकती है। कार्यक्रम के दौरान वैज्ञानिक आर के जलज, डॉ रमाकांत सिंह, डॉक्टर रतन कुमार, एवं एचपी शर्मा, अभिषेक कौशल, सुबेश कुमार इत्यादि मौजूद रहे।