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आज से पंचदीपोत्सव पर्व का आगाज, आरोग्यदेव का पूजन

बलिया। कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष त्रियोदशी तिथि को मनाये जाने वाला पर्व धनतेरस पर इस साल बेहद शुभ संयोग है। हालांकि तिथि दो दिन शनिवार व रविवार को पड़ रही है। धनतेरस के साथ ही दीपोत्सव के पंचदिवसीय पर्व का आगाज आज से शुरू हो रहा है। धनतेरस पर्व के महत्व पर प्रकाश डालते हुए  फेफना थाना क्षेत्र के इंदरपुर थम्हनपुरा निवासी आचार्य डॉ. अखिलेश कुमार उपाध्याय ने बताया कि धनतेरस के दिन सोना, चांदी व पीतल के बर्तन या सामान  खरीदना शुभ माना जाता है। परम्परानुसार आयुर्वेद के देवता भगवान धनवंतरि की इसी दिन पूजा होती है। वह समुद्र मंथन के दौरान 14वें रत्न के रूप में बाहर आए थे।  बताया कि शास्त्रों में वर्णन है कि धनतेरस के दिन घर में नयी वस्तु लाने से धन की देवी माता लक्ष्मी और धन के देवता भगवान कुबेर का घर में वास होता है। इस दिन सोना, चांदी पीतल की वस्तुओं को खरीदना शुभ होता है। धनतेरस के दिन ही राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है। इस दिन नया झाड़ू खरीदने की परम्परा है। इसके पीछे मान्यता यह है कि झाड़ू में माता लक्ष्मी का वास होता है, जिन्हें घर में लाने से घर की सभी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है। इस दिन भगवान धनवंतरित के साथ-साथ भगवान गणेश व माता लक्ष्मी व कुबेर की पूजा की जाती है। अखंड दीप जलाने से समाप्त होता है वास्तुदोष बलिया। डॉ. अखिलेश उपाध्याय ने बताया कि पंच दिवसीय दीपोत्सव पर्व के पहले दिन धनतेरस को प्रदोष काल में ईशान कोण में या पूजन स्थान पर गाय के घी या तिल का दीपक यमद्वितीया तक जलाने से घर का वास्तु दोष स्वत: एक वर्ष के लिए समाप्त हो जाता है। वहीं घर में एक वर्ष तक यम का प्रवेश नहीं होता है। इसलिए धनतेरस से यम द्वितीया तक अखंड दीप जलाना चाहिए। पुराणों में इसे पंचदीपोत्सव पर्व के नाम से जाना जाता है। यह है पूजन मुहुर्त धनतेरस 23 अक्तूबर को प्रदोष काल में अभिजीत मुहुर्त 11.40 से 12.25 तक वृषभ काल मुहुर्त शाम 7.15 से 9.12 तक अमृत काल मुहुर्त 7.25 से 8.58 तक आज धनतेरस मनाना शास्त्र सम्मत : डॉ. उपाध्या बलिया। त्रयोदशी तिथि 22 अक्तूबर शनिवार यानि आज 4.34 बजे शुरू हो रही है जो 23 अक्तूबर यानि रविवार को 5.04 बजे तक रहेगी। धनतेरस पर यमराज के निमित दीपदान किया जाता है। धनतेरस का प्रदोष काल शुभ माना जाता है। यह 22 अक्तूबर को यानि पहले ही दिन मिल रहा है। इससे धनतेरस व धनवंतरि जयंती 22 अक्तूबर को मनायी जायेगी। आयुर्वेद की औषधियों के प्रति बढ़ा भरोसा, कारोबार में इजाफा बलिया। कोरोना काल में आयुर्वेद की औषधियां बेहद कारगर साबित हुई है। देशी जड़ी बूटी, दवाओं से लेकर सही आहार-विहार लोग अपनाने लगे। कोविड ने आयुर्वेद के प्रति आमजन का रूझान बढ़ने से कारोबार 25 से 30 प्रतिशत बढ़ गया है। नगर चिकित्सालय के आयुर्वेद चिकित्साधिकारी डॉ. सुभाष यादव ने बताया कि सप्तम आयुर्वेद दिवस के उपलक्ष्य में ‘हर दिन हर घर आयुर्वेद’ के तहत आहार-विहार, ऋत्ुचर्या, दिनचर्या आदि की जानकारी दी गयी। आमजन व छोटे बच्चों को इम्युनिटी बढ़ाने के घरेलू नुस्खे सुझाये गये। बताया कि ठण्ड का मौसम शुरु हो रहा है,वायरल जुखाम एवं बुखार से लोग पीड़ित हो रहे है। इससे बचाव के लिए भाप लेना चाहिए तथा आयुष क्वाथ, संशमनी बटी, त्रिभुवनकीर्ति रस, चौषठप्हरी पिप्पली का सेवन करना चाहिए।

धनतेरस को ले सजा बर्तन बाजार, शनिवार दिन होने से संशय में दुकानदार

बलिया। धनतेरस का त्योहार 22 अक्तूबर यानि शनिवार को है। इस त्योहार पर सोना, चांदी, पीतल, फूल के बर्तन खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। पर्व को लेकर बाजार में बर्तन कारोबारी सलीके से अपने सामान को सजा दिए हैं। लेकिन उनमे शनिवार को बर्तन की खरीदारी लोग करेंगे या नहीं इसको लेकर संशय बना हुआ है। हालांकि धनरतेस का मुहुर्त रविवार यानि 23 अक्तूबर को रहेगी, इससे वह राहत महसूस कर रहे हैं। ‘हिन्दुस्तान’ टीम ने धनतेरस के एक दिन पूर्व यानि शुक्रवार को नगर सहित बैरिया, रसड़ा, बिल्थरारोड, सिकंदरपुर आदि बाजारों में पहुंचकर स्थिति को नजदीक से जानने का प्रयास किया। इस दौरान आकर्षक फैंसी डिजाइन के गहने, बर्तन से दुकान सजे जरूर दिखे, लेकिन ग्राहकों में उत्साह बेहद कम नजर आया। इनसेट एक दिन पहले गुलजार हुआ बाजार बलिया। शहर की हृदयस्थली चौक बाजार स्थित बर्तन की दुकानें सज गयी है। दुकानों पर पीतल, फूल के साथ स्टील के बर्तनों से बाजार सज गया है। ग्राहक भी अपने मन पसंद के बर्तनों का मोल भाव कर रहे हैं ताकि धनतेरस पर इसकी खरीदारी कर सकें। इसके अलावा फुटपाथ पर पूजा में प्रयोग होने वाले पीतल व तांबा के बर्तन फुटपाथी दुकानदार सजा दिए हैं। इसमें पीतल के लक्ष्मी-गणेश की पूर्ति, धूप अगरबती व आरती करने के पात्र आदि हैं। शहर के दुकानों पर फूल के बर्तन 750 रुपये प्रति किलो, तांबा 1250 रुपये, पीतल 650 तथा स्टील 350 से 400 रुपये किलो तक के हैं। इसके अलावा फ्रीज, वाशिंग मशीन भी विभिन्न डिजाइनों में उपलब्ध हैं।

एक सप्ताह बाद किशोरी हार गयी जिंदगी की जंग

बलिया। नगरा थाना क्षेत्र के एक गांव में किशोरी के हाथ के नस काटकर हत्या के प्रयास में घायल किशोरी एक सप्ताह के संघर्ष करने के बाद शुक्रवार को किशोरी जिंदगी की जंग हार गयी तथा इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। इसकी जानकारी होने के बाद उसके गांव के साथ ही अन्य गांवों का माहौल गमीगीन हो गया। करीब एक सप्ताह पहले 14 अक्तूबर की देर शाम घर से मेला देखने निकली 13 वर्षीय किशोरी अगले दिन यानि 15 अक्तूबर को इलाके के सिकरहटा गांव के पास लहुलूहान हाल में पड़ी मिली। सड़क पर टहलने निकली महिलाओं की नजर लड़की पर पड़ी तो भीड़ जुट गयी। इसके बाद उसे स्थानीय पीएचसी व फिर जिला अस्पताल पहुंचाया गया। सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने हालत गंभीर देख लड़की को वाराणसी रेफर कर दिया। इस मामले में किशोरी के पिता की तहरीर पर पुलिस ने ताड़ीबड़ागांव निवासी नौशाद को गिरफ्तार कर लिया।   अगले में मुठभेड़ में उसे गोली लगी इसके बाद इलाज कराकर पुलिस ने उसको जेल भेज दिया। उधर, इलाज के बाद किशोरी की हालत में सुधार होने से न सिर्फ लोग बल्कि पुलिस अधिकारी भी राहत की सांस ले रहे थे। इसी बीच दोपहर बाद उसकी मौत खबर पहुंची तो हर कोई दुखी हो गया। लड़की की मौत के बाद पुलिस भी अलर्ट मोड में आ गयी। अधिकारियों के निर्देश पर किशोरी के गांव में चार थानों की फोर्स को तैनात किया गया है। एएसपी दुर्गा प्रसाद तिवारी का कहना है कि लड़की की मौत दु:खद है। इस मामले में दर्ज हत्या के प्रयास के मुकदमा के हत्या में तरमीम कर दिया जायेगा।

डिप्टी सीएम बृजेश पाठक होंगे गड़हा महोत्सव के मुख्य अतिथि

बलिया। भरौली में होने वाले बहुचर्चित एवं बहुप्रतीक्षित स्व हरिशंकर राय स्मृति गड़हा महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में सूबे के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक शामिल होंगे। विशिष्ट अतिथियों के रूप में कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही,परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, अनिल राजभर, खेल कूद युवा कल्याण मंत्री गिरीश चंद्र यादव, आयुष एवं खाद्य मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु दानिश आजाद, बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त, राज्य सभा सदस्य नीरज शेखर , पूर्व मंत्री उपेन्द्र तिवारी, विधायिका केतकी सिंह सहित यूपी बिहार के अनेक मंत्री विधायक शामिल होंगे। उक्त बातों की जानकारी गड़हा विकास मंच के अध्यक्ष चन्द्र मणि राय ने दी। गड़हा महोत्सव का आयोजन 4 एवं 5 नवंबर को भरौली में होना है। 4 नवम्बर को पहले दिन कृषि मेला, स्वास्थ्य शिविर एवं गीत संगीत की प्रतियोगिता ट्वेंटी ट्वेंटी का आयोजन दिन में होगा जबकि दूसरे दिन रात में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।

डीएम ने किसान दिवस पर सुनी समस्या

बलिया। प्रत्येक माह के तीसरे बुधवार को किसान दिवस का आयोजन होता है। इस संदर्भ में जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट सभागार में किसानों और संबंधित अधिकारियों की सम्मिलित बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य किसानों की समस्याओं को सुनना और उसका निराकरण करना था। किसानों ने जिलाधिकारी के समक्ष अपनी बात रखी और कहा कि उन्हें समय से सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए जिससे कि वह अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकें। जिलाधिकारी ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों के यहां जो भी मीटर लगे हैं उनकी जांच कराई जाए अगर वह सही है तो उनसे किसी भी प्रकार का दबाव डालकर बिल न वसूला जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि 17 ब्लॉकों के कर्मचारियों को ट्रेंड करके विद्युत रीडिंग के लिए भेजा जाए। उन्होंने कहा कि जो भी फार्म गलत तरीके से किसानों से बिल वसूली करेगी उसे ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि बैंकों द्वारा जो भी लोन दिया जाता है उनका सर्च चार्ज समाचार पत्रों में निकाला जाए जिससे कि किसानों को इसकी जानकारी हो सके। जनपद में इस समय 44 क्रय केंद्र है जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी क्रय केंद्र ठीक से और इमानदारी पूर्वक कार्य करें जिससे कि किसानों को बिचौलियों से बचाया जा सके। जिलाधिकारी ने मंडी सचिव को फटकार लगाते हुए कहा कि किसानों को कूपन इमानदारी पूर्वक वितरित किए जाएं। बैठक में कृषि विभाग के अधिकारी और सभी अग्रणी किसान उपस्थित थे।

जिलाधिकारी ने ददरी मेला और छठ पर्व की तैयारियों को लेकर की बैठक

बलिया। जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने आने वाले ददरी मेला और छठ पर्व की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में की। बैठक का उद्देश्य ददरी मेला में होने वाली तैयारियों और उसकी सुरक्षा व्यवस्था को पहले से ही मजबूत बनाना था। जिलाधिकारी ने बताया कि पशुओं में चल रहे लंपी डिजीज के चलते इस बार ददरी मेले में पशु मेला नहीं लगेगा। ददरी मेला अपनी दो  बातो के लिए जाना जाता है एक पशु मेला और दूसरा मीना बाजार। लंपी डिजिज के चलते पशु मेला तो नहीं लगेगा लेकिन मीना बाजार की रौनक पहले की तरह ही बनी रहेगी। इस संबंध में उन्होंने ईओ नगरपालिका को निर्देश दिया कि मेले की तैयारी पहले से ही कर ली जाए और वहां पर साफ सफाई की व्यवस्था करा ली जाए। स्वास्थ्य विभाग को  निर्देश दिया कि मेले में स्वास्थ्य कैंप लगाए जाएं और एंबुलेंस की व्यवस्था की जाए । विद्युत विभाग को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि मेले में प्रकाश की समुचित व्यवस्था हो लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि कहीं भी कटे-फटे तार पड़े ना हो क्योंकि इनसे लोगों को करंट लगने का डर बना रहता है। नगर पालिका को उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लगा कर घाटों की सफाई कर ली जाए क्योंकि ददरी मेले और छठ पर्व के दिन लोग भारी मात्रा में घाटों पर स्नान करने के लिए आते हैं। वहां पर महिलाओं के लिए शौचालय, कपड़े बदलने के कैम्प आदि पहले से तैयार कर लिया जाए। साथ ही घाटों पर बैरिकेटिंग कर दी जाए। जिससे कि किसी प्रकार की परेशानी ना हो। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी तहसीलों के एसडीएम भी अपने-अपने तहसील क्षेत्र में घाटों पर साफ सफाई की व्यवस्था करवा लें और कहीं पर भी पशु मेला न लगने दें। जनपद से सटे तहसीलों के उप जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि जनपद में कहीं से भी पशु बाहर से ना आने पाए। मेले में आने वाले दुकानदारों को दुकानें आवंटित करते समय पूरी पारदर्शिता बरतने का निर्देश जिलाधिकारी ने दिया। पुलिस अधीक्षक राजकरण नैयर ने मेले की सुरक्षा को लेकर निर्देश दिया कि सभी सीओ अपने अपने क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दे। साथ ही मेले में पुलिस बल की पर्याप्त व्यवस्था रहेगी। सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। लाउडस्पीकर से लोगों को सूचित किया जाता रहेगा। साथ ही खोया-पाया कैंप भी लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी कैमरे न केवल मेला परिसर में लगाया जाए बल्कि आने जाने वाले रास्तों, पार्किंग आदि पर भी लगाया जाए। उन्होंने परिवहन विभाग से कहा कि क्योंकि इस बार मेला कोरोना के बाद लग रहा है इस कारण मेले में भीड़ अधिक होगी अतः परिवहन विभाग गाड़ियों की संख्या बढ़ा दे। बैठक में सीएमओ जयंत कुमार,अपर पुलिस  अधीक्षक दुर्गा प्रसाद तिवारी के अतिरिक्त सभी उप जिलाधिकारी, सीओ और विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।

चाक पर दीयों का आकार देने में जुटे कुम्भकार

कोविड काल के बाद पहली बार बफर बिक्री की उम्मीद आंवा लगाने से लगायत बर्तन तैयार करने की होड़ बलिया। दीपों का त्योहार दीपावली वैसे 24 अक्तूबर को है। लेकिन चार दिन पहले से ही दीपोत्सव का बाजार सजने लगा है। हर कोई अच्छे कारोबार को लेकर उत्साहित है। ऐसी ही उम्मीद कुम्हारों जो मिट्टी के दीपक बनाकर बेचते हैं, उनमें भी बनी हुई है। दीपावली पर घर-घर दीपक जलाने की परंपरा है। लिहाजा इस पर्व पर दीपों की मांग बढ़ जाती है। कुम्भकार सपरिवार पूरे मनोयोग से दीपक बनाने में जुटे हुए हैं। लेकिन उनको बिजली झालरों के प्रति बढ़ते आकर्षण से मन में चिंता भी है कि चाइनिज दीपकों के आकर्षण कहीं उनके परिश्रम पर पानी न फेर दे। बता दें कि दीपावली और छठ पूजा पर मिट्टी के दीपक, बर्तन की मांग अधिक रहती है। पिछले चार दशकों से मिट्टी के बर्तन और दीया बनाते आ रहे दयाछपरा निवासी मंगनी कुम्हार इस बार भी दीपावाली को लेकर वह पूरे परिवार के साथ इस कार्य में जुटे है। उनका कहना है कि दीपावली और छठ पूजा पर मिट्टी के दीपक,बर्तन की मांग रहती है लोगों की मांग पूरी करने के लिए इस उम्र में भी हम पसीना बहा रहे हैं। दयाछपरा के ही फूलचंद का कहना है कि तेजी से बढ़ती महंगाई के चलते उनके व्यवसाय में मुनाफा नहीं रह गया है। चीनी दीपक और झालरों के प्रति प्रभावित किया है उम्मीद है कि इस बार लोग दीपक खरीदेंगे। मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कबेला ने बताया कि पूरा परिवार मिलकर इस मिट्टी से दीया, ढकनी, घड़ा, कलश, चुक्कड़, कटोरी सहित अन्य चीजें बनाते हैं। यह काम पीढ़ियों से करते हैं। महंगाई में जितना लागत लगती है वहीं निकल रहा है कमाई तो पता ही नहीं चलता। वर्तमान समय में दीये को बिक्री तो होती है, लेकिन उतनी नहीं हो पाती है जितनी होनी चाहिए। छठ के लिए बनने वाली कोशी, ढकनी व दीपक सहित अन्य खिलौने भी बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। जितेन्द्र  का कहना है कि मिट्टी का दीया और बर्तन बेचकर ही परिवार का भरण-पोषण होता है। इलेक्ट्रिक झालरों से व्यवसाय प्रभावित हुआ है। फिर जिस तरह लोग अपनी परंपराओं की ओर लौटने की बात कह रहे हैं, उससे हमारे दीपक की बिक्री इस बार अच्छी होने की उम्मीद है। उपला, लकड़ी के हिसाब से मिट्टी बर्तनों का नहीं बढ़ा दाम बलिया। कुम्हारी का कार्य करने वाले नवका गांव निवासी रामचंद्र का कहना है कि शहर हो या गांव उपला (गोइठा) व लकड़ी का भाव तो समय-समय पर बढ़ते गया। लेकिन उस हिसाब से मिट्टी से बने बर्तनों का भाव नहीं बढ़ा। पहले बैल से खेती होती थी तो उपला नि:शुल्क या फिर बेहद सस्ते मूल्य पर मिलते थे। आज गांव में भी उपला खोजे नहीं मिलता है मिलता भी है तो चार से पांच रुपये प्रति पीस, लकड़ी सात से आठ रुपये किलो मिलता है। जबकि मिट्टी जो देहातों में बिना खरीदे मिलती थी अब पांच सौ रुपये ट्राली मिलने लगी है। वहीं बदलते परिवेश में लोगों का रूझान इलेक्ट्रानिक झालरों के प्रति बढ़ते जा रहा है। लिहाजा कुम्हकारों का पैतृक धंधा धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। घरेलू उद्योगों के बढ़ावा से जगी उम्मीद बलिया। पैतृक कारोबार को संभाले नवका गांव निवासी रामईश्वर का कहना है कि सरकार द्वारा पारम्परिक व्यवसाय के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं से मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों के दिन बहुरने की उम्मीद जगी है। कारोबार के लिए उद्योग विभाग से ऋण, प्रशिक्षण व मोटरयुक्त चाक आदि मिलने लगा है। ऐसे में पैतृक धंधे से जुड़े लोगों में एक नई उम्मीद जगी है।

स्कूल का ताला तोड़कर चोरी

बलिया। बांसडीहरोड थाना क्षेत्र के जैदोपुर स्कूल का ताला तोड़कर एमडीएम का हजारों रुपये मुल्य का सामान चोरी करने के दो आरोपितों को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से चोरी के अधिकांश सामानों को भी बरामद कर लिया। पुलिस का कहना है कि पूछताछ के बाद दोनों आरोपितों को जेल भेज दिया गया।   इलाके के प्राथमिक विद्यालय जैदोपुर का ताला तोड़कर चोर 15 अक्तूबर की रात एमडीएम के बर्तन आदि समेट ले गये। इसकी जानकारी होने के बाद पुलिस मामले की छानबीन करने में जुटी हुई थी। इसी बीच पुलिस ने मंगलवार को इलाके के छितौनी मंदिर के पास से सहतवार थाना क्षेत्र के बलेऊर निवासी रामाधीन राय तथा सहतवार टाउन एरिया के वार्ड संख्या एक निवासी छोटेलाल सोनार उर्फ आत्मा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके पास से चोरी के दो भगोना, 31 थाली, 20 ग्लास, कुकर, बाल्टी व दो अग्निशमन यंत्र तथा चाकू बरामद किया। एसओ राजकपूर सिंह का कहना है कि पूछताछ के बाद केस दर्ज कर चोरी के दोनों आरोपितों को जेल भेज दिया गया। कार्रवाई करने वाली पुलिस टीम में एसआई जयप्रकाश कुशवाहा, सिपाही शोभित कुमार, आलोक कृष्ण वर्मा आदि थे।

विप्रकुल की सेवा करने से मिलता है मोक्ष

बलिया। संदीपाचार्य ‘मधुकर महाराज ने सोमवार की शाम बैरिया तहसील क्षेत्र के नवकागांव में चल रहे नौ दिवसीय रूद्रमहायज्ञ में जनकरपुर के सीता स्वयंबर में धनुषयज्ञ प्रसंग की कथा सुनाकर श्रोताओं को मुग्ध कर दिया। महाराज ने श्रद्धालुओं को बताया कि राजा जनक द्वारा आयोजित स्वयंवर में धनुष तोड़ने के लिए देश-विदेश से आए सभी राजाओं ने अपना बल प्रयोग किया। लेकिन धनुष को तोड़ना तो दूर कोई हिला भी नहीं पाया। चूकि उनको अपने बल पर अभिमान था। जबकि श्रीराम माता सीता की तरफ तिरछी नजर से देखे तो उन्हें प्रेम में पुलकित पाया कि यह शुभ मुहूर्त जानकर गुरु विश्वामित्र ने राम को धनुष तोड़ने की आज्ञा दी और गुरु के आशीर्वाद से उन्हें सफलता मिली।   कथा को गति देते हुए ‘मधुकर महाराज ने मानस की चौपाई ‘विश्वामित्र समय शुभ जानी। बोले अति सनेह मय बानी, उठहु राम भंजहु भव चापा, मेटहु तासु जनक परितापा। इसके बाद श्रीराम पहले गुरु को प्रणाम करने के बाद धनुष को प्रणाम करके उठा लिए परंतु किसी ने धनुष को तोड़ते हुए नहीं देखा। गोस्वामी जी रामचरितमानस में लिखते हैं ‘ लेत चढ़ावत खैचत गाढ़े, काहुं न लखा देख सब ठाढे,तेहि छन राम मध्य धनु तोरा, भरे भुवन धुनि घोर कठोरा…। गुरु को व धनुष को प्रणाम करते तो सबने देखा, लेकिन श्रीराम द्वारा धनुष उठाते, चाप चढ़ाते किसी ने नहीं देखा। महाराज ने बताया कि शिवजी का धनुष जहाज का प्रतीक है। जबकि श्रीराम के भुजाओं का बल समुद्र यानि अथाह है। लिहाजा धनुष टूटने से जनक का संताप दूर हुआ। धनुष के टूटते ही जहां सखियां मंगल गीत गाने लगी। वहीं मां जानकी सोच त्याग कर आनंद में विभोर हो गयी।   पीठाधीश्वर वेंकटेश प्रपन्नाचार्य महाराज ने भागवत के चौथे स्कंद की कथा में श्रोताओं को बताया कि ब्राह्मण कुल की नित्य सेवा करने से शीघ्र ही चित्त शुद्ध हो जाता है और मनुष्य को ज्ञान और अभ्यास के बैगर ही परम शांति यानि मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। इस मौके पर पूर्व न्यायाधीश शिव ध्यान सिंह, बलवंत सिंह, संतोष सिंह, रामनाथ सिंह, रवि प्रताप सिंह, सेवक वीरेंद्र सिंह, प्रकाश तिवारी, गुप्तेश्वर सिंह, बिजली राम आदि सैकड़ों श्रोता भक्ति सागर में देर रात तक गोता लगाते रहे।

मंत्रीद्वय ने बाढ़ पीड़ितों में बांटी राहत सामग्री

बलिया। प्रदेश सरकार के कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही व राज्यमंत्री दयाशंकर मिश्र ने बांसडीह विधायक केतकी सिंह के साथ मंगलवार की देर सायं बांसडीह तहलील के रेंगहा के सैकड़ो बाढ़ पीड़ितो के बीच खाद्यान्न बाटने के उपरांत चांदपुर डाक बंगले एडीएम,एसडीएम के अलावे सिंचाई विभाग के आला अफसरो के साथ बैठक कर बाढ़ पीड़ितो को हर संभव मद्द करने का निर्देश दिया।उन्होंने बाढ़ ग्रस्त इलाके चांदपुर,रामपुर नम्बरी,सुअरहा के बाढ़ पीड़ितो के दर्द को सुना तथा सहयोग करने का आश्वासान दिया।