अरहर में उरद की अंतर्वर्ती खेती खूब होता है उत्पादन – डॉ. पंकज तिवारी
आमस (गया) धर्मेन्द्र कुमार सिंह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के स्थापना दिवस पर मंगलवार को गया जिले के आमस कृषि विज्ञान केन्द्र में किसानों को एक दिवसीय ट्रेनिंग दी गई। वैज्ञानिक सुनील चौधरी व डॉ. पंकज तिवारी ने ट्रेनिंग के माध्यम से सौ दिवसीय कार्ययोजना और मोटे अनाज के उत्पादन के बारे में किसानों को जानकारी दी। इसके अलावा अरहर में उरद की अंतर्वर्ती खेती, पशु चारे के लिए बाजरे की खेती, फसलों में जैव उर्वरकों का सही प्रयोग के बारे में विस्तार से बताया। डॉ. पंकज तिवारी ने फसलों में अधिक से अधिक नैनो यूरीया व डीएपी के प्रयोग पर जोर दिया। कहा एक बार अपने फसलों में नैनो उर्वरक का प्रयोग कर देखें, फिर आदत सी पड़ जाएगी। इसके फायदे कभी भूलेंगे नहीं। मड़ूआ व धान की खेती में सावधानी और उत्पादन पर भी जोर दिया। वहीं इफको के सहायक प्रबंधक दिलीप कुमार व प्रभात कुमार ने मोटे अनाज की खेती पर जोर दिया। कहा मोटे अनाजों के प्रयोग से ही हमारे पूर्वज स्वस्थ रहा करते थे। हमें भी अपनाने व खेती करने की जरूरत है। किसानों द्वारा खेती-बारी से संबंधित पूछे गए सवालों का वैज्ञानिक सुनील चौधरी ने सही जवाब देकर संतुष्ट किया। ट्रेनिंग में कपिलदेव प्रसाद, रामप्रवेश यादव, बिगन यादव, जगदीश पासवान, सुनीता देवी, सरीता, जगदेव यादव आदि किसान रहे।