बोधगया में गांधी चौक के पास बुधवार की सुबह पीपल के विशाल पेड़ की दो बड़ा टहनी एक साथ फुटपाथी दुकानों पर गिर गया। टहनी के गिरते ही आसपास में अफरातफरी मच गया और लोग इधर-उधर भागने लगे। लेकिन ठेला पर व सड़क किनारे लगे फल, सब्जी आदि अन्य घरेलू सामानों का लगभग चार-पांच दुकान गिरे हुए पेड़ की टहनी से दब गया और सामान भी बर्बाद हो गया। साथ ही फल विक्रेता गोदाम रोड निवासी मो. शमीर उर्फ काजू का बाइक पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और दूसरा फल विक्रेता मो. अख्तर को हल्की चोटें लगी। जिसके बाद उसे बोधगया सीएचसी में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि प्रतिदिन की तरह फुटपाथी दुकानदार अपनी-अपनी दुकानें लगा रहे थे। इसी बीच एक साथ पेड़ का दो टहनी टूटकर बीच सड़क पर गिर गया। जिसके कारण कुछ दुकानदारों को आर्थिक नुकसान भी पहुंचा और आवागमन भी कुछ देर के लिए प्रभावित हुआ। इसके बाद वहां मौजूद लोगों द्वारा मामले की सूचना बोधगया नगर परिषद कार्यालय व थाना को दिया गया। लोगों ने कहा कि सुबह का समय होने के कारण गांधी चौक के पास भीड़भाड़ कम था। नहीं तो और कुछ देर बाद वहां पर पेड़ या टहनी गिरता तो वहां पर एक बड़ा हादसा हो सकता था। लेकिन किसी तरह वह टल गया और लोग बाल-बाल बच गए। लगभग दो घंटे बाद नगर परिषद की टीम ने बीच सड़क पर गिरे टहनी को काटकर हटाया। इसके आवागमन सामान्य हुआ। बतादें की लाल पत्थर व गांधी चौक के आसपास से अतिक्रमण हटाने की काफी प्रशासनिक कोशिश हुई। खुद एसडीओ व एसडीपीओ ने कमान संभाला और अतिक्रमणकारियों को हटाया। लेकिन वह करवाई महज खानापूर्ति बनकर रह गया। अगर समय रहते गांधी चौक को अतिक्रमणमुक्त नहीं कराया गया तो कभी भी अनहोनी हो सकती है।
अवधेश राय हत्याकांड : मूल केस डायरी गायब कराने के मामले में मुख्तार अंसारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज
गाजीपुर। 31 साल पुराने चर्चित अवधेश राय हत्याकांड की मूल केस डायरी गायब कराने मामले में माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। कैंट इंस्पेक्टर प्रभु कांत के अनुसार कचहरी के कर्मचारियों से मिलीभगत कर साजिशन मूल केस डायरी गायब कराने के आरोप में मुख्तार अंसारी सहित अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। अवधेश राय हत्याकांड की सुनवाई वाराणसी के विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए सियाराम चौरसिया की अदालत में हो रही है। मामले में मूल केस डायरी की जगह छाया प्रति पर ही केस की सुनवाई हो रही है। दो दिन पहले इस केस में नया मोड़ आया और हत्याकांड के मुख्य आरोपी मुख्तार अंसारी ने साक्ष्यों के मूलपत्रों की बजाय छायाप्रति के आधार पर ट्रायल चलाने पर आपत्ति उठाई है। वाराणसी सत्र न्यायालय के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती देकर ट्रायल पर रोक लगाने की मांग की है। अवधेश राय हत्याकांड के मुकदमे में सुनवाई के लिए बीते सोमवार को चश्मदीद साक्षी विजय कुमार पांडेय को बिना जिरह वापस लौटना पड़ा। बचाव पक्ष के अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने अदालत में जिरह से पहले प्रयागराज की अदालत में विचाराधीन मुकदमे की मूल पत्रावली के मुआयने और एसएसपीजी अस्पताल से अवधेश राय के मेडिकल लीगो से जुड़े कागजात मंगवाने की मांग की थी। मामले में 22 जुलाई को सुनवाई होनी है। विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए) सियाराम चौरसिया की अदालत में विचाराधीन मुकदमे में गवाह विजय कुमार पांडेय से बचाव पक्ष की ओर से जिरह की जानी थी। इसके पूर्व ही बचाव पक्ष के अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर चश्मदीद साक्षी से शेष जिरह करने से पूर्व प्रयागराज की अदालत में विचाराधीन सरकार बनाम राकेश न्यायिक व अन्य के मुकदमे में मूल पत्रावली के मुआयने व एसएसपीजी अस्पताल से अवधेश राय के मेडिकल लीगो संबंधित प्रपत्र मंगवाने के बाबत समय देने की मांग की। इस पर वादी के अधिवक्ता अनुज यादव व विकास सिंह के साथ अभियोजन की ओर से एडीजीसी ज्योति शंकर उपाध्याय ने आपत्ति की। अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तिथि 22 जुलाई नियत कर दी। बता दें कि तीन अगस्त 1991 को लहुराबीर स्थित आवास के गेट पर ही अवधेश राय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अवधेश राय के भाई अजय राय ने मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, भीम सिंह, कमलेश सिंह व राकेश न्यायिक समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।