110 जातियों के हक और अधिकार के लिए हमेशा लड़ते रहूंगा, इसके लिए कुर्बानी देने के लिए भी तैयार हूं – रामबली सिंह चंद्रवंशी
अरवल । राजद के एमएलसी रामबली सिंह चंद्रवंशी ने कहा है कि दल के प्रति कोई बात नहीं करनी है परंतु 2015 में अति पिछड़ों के सर्वमान्य नेता जननायक कर्पूरी ठाकुर ने अति पिछड़ों को मुख्य धारा में लाने का कई प्रयास किया उसमें से एक आरक्षण भी था 1978 में 94 जातियों को आरक्षण दिया गया बाद के कालखंड में जब लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री रहे तो 21 जातियों को शामिल किया गया नीतीश कुमार 15 जातियों को शामिल किया हद तो तब हो गई। जब 2015 में अपेक्षाकृत संपन्न जातियां तेली तंबोली दांगी को अति पिछड़ों में शामिल कर दिया गया और मूल अति पिछड़ा के अधिकार को हकमारी कर दिया गया जैसे बकरी के बाड़ में शेर को डाल दिया गया इस हालात को लेकर पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया वहां से न्याय नहीं मिला तो सुप्रीम कोर्ट ले गए जो अभी लंबित है इस आंदोलन को तेज करने के लिए 2 अक्टूबर 23 को करपुरीग्राम इटौंधिया से पदयात्रा किया और समापन मिलर स्कूल में किया गया इसी को लेकर राजद के नेताओं को नागवार गुजरा ,और दल विरोधी कार्य करने का मुझ पर आरोप लगाया गया। मैं तो 110 जातियों की उथान अधिकार और विकास के लिए कार्य कर रहा हूं जबकि दल इसको दूसरे रूप में लिया दल को चाहिए था कि मैंने जो समस्या उठाया उसके समाधान की दिशा में पहल करता लेकिन उल्टे समस्या उठाने वाले को कत्ल करने पर आमदा है और सभापति महोदय को सदस्यता खत्म करने के लिए लिख कर दिया गया है। सभी लोग जानते हैं कि दल की सदस्यता और सदन की सदस्यता समाप्त करने के लिए अलग-अलग प्रावधान है मैंने नहीं पार्टी का कोई ह्विप का उलघन किया और न सदस्यता छोड़ी और ना पार्टी विरोधी कार्य किया तो किस आधार पर मेरी सदस्यता समाप्त करने के लिए लिखा गया मैं किसी भी हद तक जाने को तैयार हूं लेकिन 110 जातियों की आवाज को हमेशा उठाते रहूंगा।