Bakwas News

बाइक – टेंपो की टक्कर में तीन घायल

बलिया। बैरिया लालगंज मार्ग पर बुधवार की देर रात चांदपुर गांव के सामने जीन बाबा स्थान के पास मोटरसाइकिल और टेंपू की टक्कर में तीन लोग गम्भीर रुप से घायल हो गए। बैरिया की तरफ से आ रहे कमलेश गुप्ता ने घायलों को ई-रिक्शा से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनबरसा पहुंया, जहां दो की स्थिति गंभीर होने पर जिला अस्पताल व वहां से मऊ के लिए रेफर कर दिया गया। वही, अंधेरे का फायदा उठाकर टेंपो चालक भागने में सफल रहा।   बता दें कि नवरात्र मेला के कारण देर रात तक टेम्पो चलती रही। वही रात में में मोटरसाइकिल पर सवार अरविंद गुप्ता (25), अजीत गुप्ता (36) व गुड्डू (22) निवासीगण भुसौला थाना दोकटी, बैरिया की तरफ से अपने घर आ रहे थे। वहीं, लालगंज से सवारी लेकर बैरिया जा रहा टेंपो उनकी बाइक में जीन बाबा स्थान के निकट आमने-सामने भिड़ गया। मोटरसाइकिल सवार अरविंद गुप्ता, अनिल गुप्ता व गुड्डू सड़क पर गिरकर तड़प रहे थे। इसी बीच बैरिया से आ रहे कमलेश कुमार गुप्ता ने तीनों को ई रिक्शा पर लादकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनबरसा पहुंचाया। घटना की जानकारी परिजनों को दी। अरविंद और अनिल को गंभीर चोट आने के कारण चिकित्सकों ने प्राथमिक इलाज के उपरान्त जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।

पूर्वांचल में गंगा किनारे के छह जिलों में प्राकृतिक खेती

मिर्जापुर, चंदौली, भदोही, सोनभद्र, गाजीपुर व बलिया शामिल 10 हजार 550 हेक्टेयर में खेती, तेजी से बन रहा कलस्टर चार वर्ष में एक हेक्टेयर पर 15 हजार का प्रोत्साहन किसानों को गाय पालने की होगी अनिवार्यता बलिया। पूर्वांचल के आधा दर्जन गंगा के किनारे बसे जिलों में प्राकृतिक खेती कराने के लिए इन जनपद के कृषि विभाग तैयारी में पूर्ण रूप से जुट गया है। इनमें मिर्जापुर, चंदौली, भदोही, सोनभद्र, गाजीपुर व बलिया के 29 ब्लॉकों में 10 हजार 550 हेक्टेयर में गोवंश आधारित प्राकृतिक खेती का रकबा निर्धारित किया गया है। कृषि विभाग ब्लॉकवार कलस्टर बन रहा है। खेती करने वाले किसानों को गाय रखना आवश्यक है, खेती रसायनमुक्त देशी पद्धति से होगी। किसानों को प्रोत्साहन के रूप में प्रति हेक्टेयर चार वर्षों में 15 हजार रुपये दिया जायेगा। अधिक ऊपज के लालच में किसान रासायनिक उर्वरक व कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग कर उत्पादन तो बढ़ा लिए हैं। लेकिन भूमि की उपजाऊ शक्ति निरंतर कमी होती जा रही है या यूं कहें उत्पादन स्थित हो गया है। रसायनों के प्रयोग से इन अनाजों को ग्रहण करने वाले लोग विभिन्न बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं। वहीं पर्यारण संतुलन भी  बिगड़ता जा रहा है। सरकार पर्यावरण संरक्षण व देशी बीजों से गोवंश आधारित देशी पद्धति से फसल उत्पादन की योजना शुरू की है, यह प्राचीन भारतीय पद्धति है। ऐसी खेती में गोबर की खाद, कम्पोस्ट, फसलों के अवशेष और प्रकृति में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के खनिजों के माध्यम से पौधों को पोषक तत्व दिए जायेंगे ताकि पर्यावरण की शुद्धता व भूमि का प्राकृतिक स्वरूप बना रहे। प्राचीन बीज की ही होगी बुआई बलिया। प्राकृतिक खेती में हाब्रिड का प्रयोग करने की मनाही रहेगी। किसान प्राचीन समय से बुआई के लिए प्रयोग हो रहे घर के बीज ही प्राकृतिक तरीके से बोयेंगे। इसमें गंगा किनारे खासकर बोए जाने वाले मक्का, ज्वार, बाजरा, मंडुआ, रागी, कोदो, चीना, सांवा, टांगुन, कुटकी के साथ ही दलहनी में तीसी, सरसो, सब्जियों में देशी प्रजाति के टमाटर, गोभी, बैगन, मरीचा की खेती करायी जानी है। वैसे अपने यहां 1960 से पूर्व इस विधि से खेती होती रही है। कलस्टर में तैनात होंगे प्रशिक्षक बलिया। कृषि विभाग की ओर से प्रत्येक कलस्टर में किसानों को प्राकृतिक तौर तरीके से खेती के गुर सिखाने के लिए प्रत्येक कलस्टर में विशेषज्ञ प्रशिक्षक(फील्ड एग्रीकल्चर) तैनात किए जायेंगे। यह किसानों को गोवंश आधारित देशी पद्धति से खेती के गुर सिखाने के साथ ही इन्हें गोमूत्र, गोबर से फसलों में पोषक तत्व दिए जाने के सलीके बतायेंगे। गोवंश आधारित देशी पद्धति से आयेगी समृद्धि बलिया। भारत कृषि प्रधान देश है और गोवंश आधारित खेती किसानी से बड़ा उत्पादन लेता रहा है। गुलामी के दौर में इसका पराभव होना शुरू हो गया। आजादी के बाद हरित क्रांति से खाद्यान्न में आत्मनिर्भता तो हो गये। लेकिन इसमें प्रयोग होने वाले हानिकारक रसायनों का दुष्प्रभाव से बच नहीं पाये। ऐसे में प्राकृति खेती आमजन के साथ ही पर्यावरण के लिए अति आवश्यक है। परम्परागत गोवंश आधारित खेती से ही देश की निरोगतापूर्ण समृद्धि मिल सकेगी। मिट्टी की सेहत जांच कराना जरूरी बलिया। प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को मिट्टी की सेहत का जांच कराना आवश्यक है। किसान निजी लैब व कृषि विभाग से सम्पर्क कर जांच करवा सकते हैं। इससे मिट्टी में किस तत्व की कमी है इसकी जानकारी मिल सकेगी। इसके बाद उस तत्व के लिए गोबर, गोमूत्र के साथ प्रकृति के किस खनिज को मिलाया जायेगा यह विशेषज्ञ बतायेंगे। इससे मिट्टी की बिगड़ी सेहत ठीक होकर प्राकृतिक स्वरूप में आयेगी और पैदावार बढ़ेगा। जिलों के ब्लॉकवार प्राकृतिक खेती का लक्ष्य जनपद ब्लॉक            लक्ष्य हेक्टेयर में सोनभद्र                       2 1000 भदोही                         2 1000 मिर्जापुर                      8 450 चंदौली                        3 1000 गाजीपुर                      9 4600 बलिया                        5 2500

108 कन्याओं का सेवा भारती सदस्यों ने किया पूजन

बलिया। संस्कार केन्द्रों द्वारा पिछड़े क्षेत्रों, सेवा बस्तियों व गांवों के बच्चों में संस्कार पैदा कर रही सेवा भारती बलिया ईकाई द्वारा शहर के चौक-विजय सिनेमा रोड स्थित अग्रवाल धर्मशाला में कन्या पूजन के कार्यक्रम का आयोजन करके दुर्गा स्वरूप 108 कन्याओं का पूजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र सेवा प्रमुख श्री नवल जी व विशिष्ठ अतिथि के रूप में सेवा भारती के प्रांत अध्यक्ष प्रोफेसर रामकृष्ण उपाध्याय शामिल हुए। अध्यक्षता सेवा भारती के जिलाध्यक्ष ई.गोपाल कृष्ण सिन्हा द्वारा व संचालन सेवा भारती के जिला मंत्री श्री अजय कुमार गुप्ता द्वारा किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्षेत्र सेवा प्रमुख श्री नवल जी ने कन्याओं के पूजन पर कहा कि सेवा भारती समाज में गरीब, वंचित, पीड़ित, उपेक्षित, वनवासी, गिरिवासी, आदिवासी जनता में शिक्षा, संस्कार, स्वास्थ्य, समरसता का भाव पैदा करते हुए उन्हें स्वावलंबी बनने बनाने का प्रयास करता है और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संपूर्ण समाज में समानता और समरसता के लिए प्रयास करता है। उन्होंने आगे बताया कि हर पुरुष के मन में कन्याओं के प्रति श्रद्धा व सम्मान का भाव होना चाहिए। जब मन में श्रद्धा का भाव होगा तो कन्या सभी जगह सुरक्षित रहेगी। कोख में भी और समाज में भी। आज देश में छोटी छोटी बालिकाओं के साथ जघन्य घटनाएं हो रही हैं, जिससे बालिकाओं को बहुत से स्थानों पर असुरक्षा का अनुभव होता है। हमें उन्हें सशक्त बनाना है। विशिष्ट अतिथि प्रो. रामकृष्ण उपाध्याय ने बताया कि वैदिक काल से ही हमारे समाज में नारियों के प्रति श्रद्धा का भाव रहा है। जिस घर, परिवार, समाज में नारियों का सम्मान होता है, देवता भी वहीं निवास करते हैं। नर सेवा ही नारायण सेवा है। बलिया के सुदूर, पिछड़े, सेवा बस्तियों में संस्कार केंद्र के माध्यम से शिक्षा व संस्कार देते हुए समाज को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य करता है। इस दौरान दुर्गा स्वरूप 108 कन्याओं का पूजनव आरती हुआ तथा कन्याओं की स्कूल बैग, कॉपी, पेंसिल, रबर के साथ भव्य विदाई दी गई इस अवसर पर श्री अरविंद उपाध्याय जी की टीम द्वारा भजन प्रस्तुत किया गया।अंत में 108 कन्याओं का जोर का स्वरूप में आरती कर कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बलिया नगर के मा.सह नगर संघचालक श्री परमेश्वरनश्री, सेवा भारती के संरक्षक श्री प्रमोद सर्राफ व सेवा भारती के कोषाध्यक्ष रघुनाथ प्रसाद सोनी का विशेष योगदान रहा। इस कन्या पूजन के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बलिया जिले के माननीय जिला संघचालक श्री भृगु जी, गोरक्ष प्रांत के सह प्रांत कार्यवाह श्री विनय जी, सेवा भारती के पद्मदेव पाठक, अनुज सरावगी, आनंद गुप्ता, डॉ प्रदीप श्रीवास्तव, एडवोकेट रामगोपाल अग्रवाल,दीपक अग्रवाल, डॉ आशीष अग्रवाल, प्रवीण, आदि के साथ सैकड़ों कार्यकर्ता व गणमान्य लोग उपस्थित उपस्थित रहे।

मां की आराधना वन्दना में बारिश ने डाला खलल

बलिया। सोमवार की शाम आधी तेज आंधी-पानी के चलते मां का पूजन-अर्चन करने दुर्गा पंडालों में पहुंचे भक्तों को कठिनाई होती नजर आयी। शहर के मिड्ढी स्थित प्रतिमा स्थल के पास जल जमाव हो गया। हालांकि अधिकांश स्थानों पर वाटप्रुफ पंडाल के चलते खास दिक्कत नहीं हुई। लेकिन आस-पास चाट-पौकड़ी के दुकान लगाये लोगों का कारोबार प्रभावित हुआ।

पापों से मुक्ति को देवी के महागौरी स्वरूप की आराधना

बलिया। शारदीय नवरात्र के अष्टमी तिथि पर सोमवार को मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप का पूजन-अर्चन व प्रार्थना कर भक्तों ने कुष्टों से निवारण की  गुहार लगायी। इस स्वरूप में मातारानी शिवजी को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। मां का यह स्वरूप सभी रूपों में सुंदर, शांत व कोमल है। भक्तों ने मां का नारियल से भोग लगाया। कुछ भक्तों ने अष्टमी तिथि को कन्या पूजन किया गया। मान्यता है कि महागौरी स्वरूप में मां आठ वर्ष की उम्र में ही कठोर तप करने लगी थी। इस क्रम में सेवा भारती जिला इकाई की ओर से शहर के चौक-सिनेमा रोड स्थित अग्रवाल धर्मशाला में दुर्गा स्वरूप 108 कन्याओं का पूजन किया गया। मुख्य अतिथि आरएसएस के पूर्वी यूपी क्षेत्र के सेवा प्रमुख नवल ने कन्याओं पूजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सेवा भारती समाज में गरीब, वंचित, पीड़ित, उपेक्षित, वनवासी, गिरिवासी, आदिवासी जनता में शिक्षा, संस्कार, स्वास्थ्य, समरसता का भाव पैदा करते हुए उन्हें स्वावलंबी बनने बनाने का प्रयास करता है। उन्होंने कहा  कि हर पुरुष के मन में कन्याओं के प्रति श्रद्धा व सम्मान का भाव होना चाहिए। जब मन में श्रद्धा का भाव होगा तो कन्या सभी जगह सुरक्षित रहेगी। विशिष्ट अतिथि प्रो. रामकृष्ण उपाध्याय ने बताया कि वैदिक काल से ही हमारे समाज में नारियों के प्रति श्रद्धा का भाव रहा है। जिस घर, परिवार, समाज में नारियों का सम्मान होता है, देवता भी वहीं निवास करते हैं। कन्या पूजन के दौरान संगीत शिक्षक अरविंद उपाध्याय की टीम ने भजन प्रस्तुत कर सबको विभोर कर दिया। इस मौके पर ई.गोपाल कृष्ण सिन्हा, अजय कुमार गुप्त, परमेश्वरनश्री, प्रमोद सर्राफ, रघुनाथ प्रसाद सोनी, भृगुजी, विनय, पद्मदेव पाठक, अनुज सरावगी, आनंद गुप्त, डॉ प्रदीप श्रीवास्तव, रामगोपाल अग्रवाल, दीपक अग्रवाल,  डॉ आशीष अग्रवाल, प्रवीण आदि थे। यश प्राप्ति को नौवें स्वरूप की आज करें आराधना बलिया। शारदीय नवरात्र के नौवें व अंतिम दिन चार अक्तूबर यानि मंगलवार को मां के सिद्धिदात्री स्वरूप के पूजन का विधान है। डॉ. अखिलेश उपाध्याय ने बताया कि मातारानी के इस स्वरूप के पूजन से भक्त को मृत्यु भय से मुक्ति, यश व धन की प्राप्ति होती है। मां को तिल का भोग लगाना व घी का दीपक जलाने से मां सिद्धिदात्री अति शीघ्र प्रसन्न होकर भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करती हैं। आज कुमारी पूजन कर व्रत का संकल्प करें पूर्ण बलिया। जिले के इंदरपुर थम्हनपुरा निवासी आचार्य डॉ. अखिलेश उपाध्याय ने कहा कि नवरात्रि में नवमी तिथि को हवन तथा कुमारी पूजन का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है। इसके बिना व्रत का संकल्प पूर्ण नहीं माना जाता है। शास्त्रों में वर्णन है कि जो भक्त कुमारी कन्याओं को अन्न, वस्त्र तथा जल अर्पण करता है उसका अन्न मेरु के समान और जल समुद्र के समान अक्षुण्ण तथा अनन्त होता है। डॉ. उपाध्याय ने बताया कि मंत्रमहोदधि में दस कन्याओं के पूजन का विधान बताया गया है। एक वर्ष की उम्र वाली बालिका संध्या, दो वर्ष की कन्या, सरस्वती, तीन वर्ष की त्रिधामूर्ति, चार वर्ष की काली का, पांच वर्ष की कुब्जा, नौ वर्ष की    कलसंदर्भा, दसवें वर्ष में अपराजिता, ग्यारहवें वर्ष में रूद्राणी, बारहवें वर्ष में भैरवी मानी जाती है। कुमारी कन्याओं का पूजन यजमान द्वारा  षोडशोपचार विधि से करना चाहिए। बताया कि कुमारी कन्याओं को अन्न द्वारा प्रसन्न करने से त्रिभुवन को तृप्त करने का फल मिलता है। कुलीन कन्याओं को अन्न, वस्त्र और द्रव्य से प्रसन्न करने से त्रिभुवन को तृप्त करने का फल मिलता है। कुमारी कन्याओं को पुष्पांजलि अर्पित करने से वह पुण्य करोड़ों सुवर्णमय मेरु के समान हो जाता है और मेरु के दान का पुण्य यजमान को तत्काल ही प्राप्त हो जाता है। पंडालों में ‘मातारानी’ के दर्शन को उमड़ा सैलाब बलिया। शारदीय नवरात्र के अष्टमी तिथि पर सोमवार को पंडालों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। शहर, कस्बा व गांवें में सप्तरंगी विद्युत झालरों में सजे मां दरबार में पहुंचे देवी भक्तों ने मत्था टेक अपने व परिवार के कुशलता की कामना की। भक्ति संगीतों के प्रसारण से वातावरण देवीमय हो उठा। मेला के दूसरे दिन बाजारों चाट-पकौड़ी से लगायत आइसक्रीम का बच्चों ने खूब लुप्त उठाया तो बुजुर्गों ने जलेबी का स्वाद चखते नजर आए। शक्तिधाम पर दर्शन को लगी लम्बी कतार बलिया। लालगंज क्षेत्र के शक्तिधाम दुर्गा मंदिर पर मातारानी के दर्शन पूजन के लिए महिला व युवतियों की कतार सोमवार की अल सुबह से लग गयी। श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर नारियल फोड़ मन्नत मांगी। मंदिर पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने गुप्त दान दिया। दोपहर में मंदिर बंद होने के बाद भी धूप में भीड़ डटी रही। पुन: दो बजे मंदिर खुलते ही दर्शन-पूजन शुरू हो गया। शाम को आरती के समय 5100 से अधिक नारियल तोड़े गये। आकर्षण बने कुरकुरे से बने पंडाल लालगंज बाजार में सेंटल बैंक के पास पंडाल में कुरकुरा के पैकेट से बेहतरीन सजावट की गयी है। पंडाल के सामने रंगीन फौव्वारा और क्रेन पर लगे रिकार्डिंग कैरे से श्रद्धालुओं का दर्शन-पूजन का लाइव दिखाया जा रहा है। प्राचीन भारत की झलक के बीच ‘मातारानी’ का दीदार बलिया। शहर के चित्तू पांडेय चौराहे के पास नवयुवक बाल कमेटी की ओर से पूजा पंडाल में प्राचीन भारत की झलक दिख रही है। देवी भक्त मातारानी के दर्शन के साथ ही प्राचीन भारत की झलक का दीदार कर रहे हैं। इसमें भाप का रेलवे इंजन से लगायत बैलगाड़ी, तांगा व उपला पर खाना बनाने की पोस्टल लगाई गयी है।

वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मां शेरेवाली का दीदार

विधि-विधान पूजन के साथ खुला मातारानी का पट नवरात्र के सप्तमी तिथि पर मां कालरात्रि का हुआ पूजन बलिया। शारदीय नवरात्र सातवें दिन रविवार को भगवती के कालरात्रि स्वरूप का पूजन-अर्चन देवी भक्तों ने विधि-विधान से किया। सप्तमी तिथि पर परम्परानुसार पूजा पंडालों में स्थापित मां दुर्गा प्रतिमा का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधि-विधान से पूजन-अर्चन के साथ आमजन के दर्शन के लिए पट खुल गया। इस  मां शेरावाली के जयकारों व गाजे-बाजे के साथ आरती में सैकड़ों की संख्या में देवी भक्त शामिल हुए। सुबह से मंदिरों व घरों में दुर्गा सप्तशती पाठ के साथ ही दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की कतार व जयकारों से संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो उठा। भक्तों ने मां कालरात्रि का विधि-विधान से पूजन किया। शहर जापलिनगंज दुर्गा मंदिर के  शहर से सटे ब्रह्माईन देवी स्थित ब्रह्माणी देवी मंदिर, कपुरी स्थित कपिलेश्वरी भवानी मंदिर, मंगला भवानी मंदिर पर भारी संख्या में भक्तों ने दर्शन-पूजन कर अपने व परिवार के कुशलता की कामना किया। हिसं बिल्थरारोड के अनुसार नवरात्र के सप्तमी तिथि पर रविवार को देवी मंदिरों में पूजन-अर्चन के लिए श्रद्धालु नर-नारियों की भीड़ सुबह से जुटनी शुरू हो गयी। सुबह से ही क्षेत्र के सोनाडीह स्थित भागेश्वरी- परमेश्वरी मंदिर, चंदाडीह स्थित मातूजी महारानी मंदिर पर भक्तों की लम्बी कतार लग गयी। दर्शन-पूजन करने पहुंचे श्रद्धालुओं ने नारियल, चुनरी, पुष्प, प्रसाद आदि चढ़ाकर परिवार के कुशलता की कामना किया।   जिले के 623 पंडालों में दर्शन-पूजन को उमड़ी भीड़ शारदीय नवरात्र के सप्तमी तिथि पर रविवार को यूं तो सुबह से ही पट खोलने का मुहुर्त था। लेकिन अधिकांश पंडालों में दोपहर बाद ही मातारानी का पट वैदिक विधि से पूजन-अर्चन कर खुला। पूजा पंडालों में मातारानी के दर्शन-पूजन के लिए महिला पुरुष के साथ ही बच्चों उत्साह से पहुंचे। मां दुर्गा का दीदार होते ही जयकारा लगाने लगे। ध्वनि विस्तारक यंत्रों से मां की आरती, चालीसा के साथ ही गाजे-बाजे से पूरा वातावरण मां के भक्ति में लीन हो उठा। हालांकि दशहरा मेले के पहले दिन होने से बच्चों की भीड़ कुछ कम नजर आयी। सोमवार से श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने की उम्मीद दुकानदारों में है। जिले के 623 स्थानों पर पंडाल में मां दुर्गा की प्रतिमा रखी गयी है। वहीं जनपद के 13 दुर्गा मंदिर हैं। इन सभी जगह रविवार को सप्तमी तिथि पर पूजन-अर्चन के बीच श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। प्रशासनिक आंकड़ों की मानें तो शहर कोतवाली क्षेत्र में 30 स्थानों पर पंडाल में मां दुर्गा की प्रतिमा रखी गयी है। वहीं दुबहर थाना क्षेत्र के 12, गड़वार के60, सुखपुरा के 28, फेफना के 28 नरहीं के 15, चितबड़ागांव के 25, बैरिया के 43, हल्दी के 28, दोकटी के 17, रेवती के 35, बांसडीह के 37, बांसडीहरोड के 18, सहतवार के 24, मनियर के 13, सिकंदरपुर के 27, खेजुरी के 14, पकड़ी के 16, रसड़ा के 58, नगरा के 25, भीमपुरा के 32 व उभांव थाना क्षेत्र के  52 स्थानों पर स्थापित  दुर्गा प्रतिमा का पट आमजन के दर्शन के लिए खुल गया।

कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी ने किया ध्वजारोहण, गोष्ठी का हुआ आयोजन

बलिया। जिले में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती धूमधाम से मनाई गई। जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने कलेक्ट्रेट में ध्वजारोहण किया। इसके बाद गांधी जी व शास्त्री जी के चित्र का अनावरण करते हुए दीप जलाकर व माल्यार्पण कर दोनों महापुरुषों को नमन किया। इस अवसर पर कलेक्ट्रेट सभागार में एक गोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमें रामधुन के गायन के बाद दोनों महापुरुषों के व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। जिलाधिकारी ने कहा कि गांधी व्यक्ति नहीं, बल्कि विचार थे।  गांधी जी हमेशा दूसरे की पीड़ा को समझने का प्रयास करते थे। जीवन के हर क्षेत्र से जुड़े लोगों को आज यह आकलन करने की आवश्यकता है कि उस कसौटी पर हम कितना खरे उतर रहे हैं। इस भावना से काम करें तो सबका जीवन सुखद बीतेगा। जय जवान-जय किसान जैसे ऊर्जावान नारे के उद्घोषक शास्त्री जी की बात की जाए तो वह असली कर्मयोगियों में एक थे। उनका कद जितना छोटा था, व्यक्तित्व उतना ही बड़ा। जिलाधिकारी ने आवाह्न किया कि इन दोनों महापुरुषों के बताए रास्ते पर हम चलने का प्रयास करें तो जीवन अवश्य सफल होगा। इस अवसर पर सीआरओ अनिल अग्निहोत्री, एडीएम राजेश सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट प्रदीप कुमार, सेनानी रामविचार पांडेय व साहित्यकार शिवकुमार कौशिकेय ने भी अपने विचार व्यक्त किए। गोष्ठी में समस्त कलेक्ट्रेट कर्मी थे।

गंगा मे डूब रहे तीन भाइयो मे एक नदी मे समाया, दो को युवती ने बचाया

बलिया। जिले के रामगढ़ में एनएच-31 के किमी 27.990 के पास स्थित स्पर के नोज पर रविवार सुबह मां के साथ स्नान करने पहुंचे सगे तीन भाई नदी मे डूबने लगे। पास ही स्नान कर रही गांव की ही युवती ने बड़ी मशक्कत के बाद तैरते हुये दो को तो बचा लिया। इस प्रयास मे एक मासूम गहरे पानी मे समाते हुए ओझल हो गया। अपनी आंखो के सामने अपने लाल को तड़पे हुये नदी मे समाते देख वेवश मां बेसुध है। उधर, सूचना के बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों की उदाशीनता से आक्रोषित ग्रामीणों ने एनएच जाम कर दिया। बैरिया थाना क्षेत्र के गंगौली निवासी राजू सिंह की पत्नी रिंकू अपने तीन बेटों (अतुल -17, अमन -13 व सूरज -9) के साथ सुबह 6 बजे नहाने बस्ती के सामने गंगा घाट पहुंची थी। बताया जाता है कि मां स्पर पर साथ लाये कपडे को धोने लगी और बेटे नहाने लगे। इसी बीच सगे तीन भाइयो मे से एक डूबने लगा। जिसे बचाने के चक्कर मे तीनो ही गहरे पानी मे समाते हुये डूबने लगे। इनको बचाने के प्रयास मे 14 वर्षीय आयुषी पुत्री कृष्णा सिंह भी डूबने लगी। जिसे पास नहा रही एक महिला ने आयुषी को तो बाहर निकाल लिया किन्तु अंदर जाने का साहस नही कर पायी। डूब रहे बेटों पर नजर पड़ते ही मां दहाड़े मारने लगी। शोर सुनकर पास नहा रही बस्ती के ही 22 वर्षीय पूजा ने गजब का साहस दिखाते हुये नदी मे छलांग लगा दी। तैरते हुये कड़ी मशक्कत के बाद अतुल व अमन को तो नदी से बाहर खींच लायी। इस बीच ही 9 वर्षीय सूरज आंखो से ओझल हो गया। इस प्रयास मे पूजा खुद डुबते बची। उधर, प्रसाशनिक अधिकारियों पर उदाशीनता का आरोप लगाते हुये ग्रामीणों ने एनएच जाम कर दिया। बताया कि सूचना के चार घंटे बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नही पहुंचा। जिससे नदी मे गुम मासूम के तलाश का प्रयास भी नही हो पा रहा है। जाम की सूचना पर पहुंचे एसओ बैरिया धर्मबीर सिंह ने आक्रोषित लोगो को समझाते हुये जाम  समाप्त कराने का प्रयास किया। सफलता नही मिली। कुछ देर बाद ही एसडीएम बैरिया आत्रेय मिश्र, सीओ उस्मान थानाध्यक्ष धर्मबीर सिंह आदि ने मौके पर पहुंच बताया कि गोरखपुर से एनडीआरएफ की टीम पहुंचने वाली है इसके बाद करीब एक घंटे तक चला जाम समाप्त हुआ। हर जुबा पर पूजा के हौसले की तारीफ बलिया। गंगा नदी मे डूब रहे तीन सगे भाइयों मे से दो की जान बचाने वाली पूजा की दिलेरी भरी बहादुरी की चर्चाए क्षेत्र के हर किसी के जुबा पर था। इस प्रयास मे वह खुद भी डूबने से बची। किन्तु हिम्मत न हारी। पुरे आत्म विश्वास के साथ बताया कि तीसरे मासूम दिखा ही नही, अपितु उसे भी बचा ली होती। बैरिया थाना क्षेत्र के गंगौली निवासी एडवोकेट हरीशंकर की 22 वर्षीय बेटी पूजा अपनी मां के साथ बस्ती के सामने गंगा स्नान को गयी थी। अभी बाहर ही बैठी थी कि बच्चों के डूबने का शोर उठा। देखा कि कुछ बच्चे गहरे पानी मे डूब रहे है। इनमे से एक बच्ची को गांव की महिला बचाने का प्रयास कर रही है। और सब हक्के-बक्के दहशत मे खड़े थे। जैसे सबको काठ मार गया हो। प्रत्यक्षदर्शीयो के अनुसार इस बीच पूजा ने गजब की दिलेरी दिखायी। खुद की जान की परवाह किये बिना डुबते बच्चों को बचाने को नदी मे छलांग लगा दी। हालांकि तब तक तीनो मासूम फिसलते हुये गहरे पानी मे चले गये। इसके बाद भी शक्ति का रूप धारण कर चुकी पूजा हिम्मत नही हारी। और तैरकर एक-एक कर डुबते दो बच्चों (अतुल व अमन) को बाहर खींच लिया। हिन्दुस्तान से बात करते हुये बहादुर बिटिया ने बताया कि इस प्रयास मे डूब रहे बच्चे एक बार उस पर ही हावी होते दिखे। और बचाने के प्रयास मे खुद भी डुबते हुये तीन चार घूंट पानी भी पी लिया। किन्तु इसके बाद भी घबराहट व डर से इतर उम्मीद नही छोडी। बताया कि तैरते हुये डुबकी लगाकर उनकी पकड़ से खुद को आजाद किया। इसके बाद सिर के बाल पकड़ एक-एक कर दोनों को बाहर धकेला। बताया कि डुबते बच्चों को देख पता न कहा से मेरे अंदर एक अलग शक्ति का संचार हो गया था। बस जूनून था कि सबको बचाना है। किन्तु सूरज को न बचा पाने की कसक स्पष्ट झलक रही थी। बताया कि पलक झपकते ही ऐसा ओझल हुआ कि दिखा ही नही। पूजा ने ग्रेजुएसन की शिक्षा पीजी कालेज दूबेछपरा से पूरी की है। पिता वकील तथा मां गृहणी है।

डीएम ने बैरिया तहसील में सुनी जनता की फरियाद

बलिया। जनता की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के उद्देश्य से जनपद की सभी तहसीलों में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन हुआ। जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने बैरिया तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में प्रतिभाग करते हुए जनता की फरियाद सुनी। उन्होंने हर एक शिकायतकर्ताओं की बात सुनते हुए उनके शिकायती पत्र को संबंधित अधिकारियों को सौंपते हुए यह निर्देश दिया कि समयान्तर्गत व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित कराएं। उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर निस्तारण में अनावश्यक विलंब की शिकायत मिली तो जवाबदेही तय करते हुए कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।   इस अवसर पर राशन, पेंशन, अवैध कब्जा, भूमि विवाद आदि से जुड़े मामले आए। जिलाधिकारी ने सभी की शिकायतों को सम्बंधित अधिकारियों को समाधान करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि जहां विवाद की स्थिति हो, वहां पुलिस व राजस्व विभाग की टीम मौका मुआयना करके सही व्यक्ति को न्याय दिलाएं। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक  राजकरण नैयर,उप जिला अधिकारी अत्रेय मिश्रा सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।   रानीगंज । सम्पूर्ण समाधान दिवस पर करीब 11:30 पर जैसे पहुँची पहले जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल का आगमन तहसील सभागार में हुआ तो सबसे पहले जन अधिकार सुरक्षा समिति जगदेवा के अध्यक्ष रामजी यादव उर्फ उतिल यादव के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में पहुँचे लोगों ने गांव लगे पानी टंकी से शुद्ध जल की आपूर्ति सुनिश्चित कराने व पंचायत के करीब 40%  लोगो मे बाढ़ राहत सामग्री वितरित नही करने के साथ ही गांव के कोटेदार प्रदीप कुमार सिंह पर खाद्यान्न के कालाबाजारी करने व पूर्ति अधिकारी के मिलीभगत से कोटेदार को बचाने का आरोप लगाया और मांग किया कि तत्काल प्रभाव से कोटेदार व पुरतिनिरिक्षक को निलंबित करने व विधिक कार्रवाई की मांग की।साथ ही बिजली के जर्जर हाई टेंशन टार को बदलने सहित छः मांगो को लेकर जिलाधिकारी को पत्रक सौपा।वही करण छपरा निवासी अशोक सिंह ने पुलिस कप्तान के समक्ष अपनी चोरी की बाइक बरामदी की मांग रखी।

बाइक पलटने से तीन घायल, एक का हालत गंभीर

बलिया। चितबड़ागांव थाना क्षेत्र के नफरेपुर गांव के पास शुक्रवार की रात करीब नौ बजे तेज रफ्तार बाइक असंतुलित होकर सड़क के किनारे पलट गई। हादसे में बाइक सवार स्थानीय थाना क्षेत्र के मुड़ासन निवासी 18 वर्षीय सतीश सिंह, 18 वर्षीय विकास सिंह व 19 वर्षीय अभिषेक सिंह घायल हो गए। तीनों घायलों को स्थानीय सीएचसी पहुंचाया गया। जहां पर उनका उपचार कराया गया। इसमें सतीश की हालत गंभीर होने पर डाक्टरों ने सदर अस्पताल रेफर कर दिया।