बलिया। शारदीय नवरात्र के अष्टमी तिथि पर सोमवार को मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप का पूजन-अर्चन व प्रार्थना कर भक्तों ने कुष्टों से निवारण की गुहार लगायी। इस स्वरूप में मातारानी शिवजी को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। मां का यह स्वरूप सभी रूपों में सुंदर, शांत व कोमल है। भक्तों ने मां का नारियल से भोग लगाया। कुछ भक्तों ने अष्टमी तिथि को कन्या पूजन किया गया। मान्यता है कि महागौरी स्वरूप में मां आठ वर्ष की उम्र में ही कठोर तप करने लगी थी।
इस क्रम में सेवा भारती जिला इकाई की ओर से शहर के चौक-सिनेमा रोड स्थित अग्रवाल धर्मशाला में दुर्गा स्वरूप 108 कन्याओं का पूजन किया गया। मुख्य अतिथि आरएसएस के पूर्वी यूपी क्षेत्र के सेवा प्रमुख नवल ने कन्याओं पूजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सेवा भारती समाज में गरीब, वंचित, पीड़ित, उपेक्षित, वनवासी, गिरिवासी, आदिवासी जनता में शिक्षा, संस्कार, स्वास्थ्य, समरसता का भाव पैदा करते हुए उन्हें स्वावलंबी बनने बनाने का प्रयास करता है। उन्होंने कहा कि हर पुरुष के मन में कन्याओं के प्रति श्रद्धा व सम्मान का भाव होना चाहिए। जब मन में श्रद्धा का भाव होगा तो कन्या सभी जगह सुरक्षित रहेगी। विशिष्ट अतिथि प्रो. रामकृष्ण उपाध्याय ने बताया कि वैदिक काल से ही हमारे समाज में नारियों के प्रति श्रद्धा का भाव रहा है। जिस घर, परिवार, समाज में नारियों का सम्मान होता है, देवता भी वहीं निवास करते हैं। कन्या पूजन के दौरान संगीत शिक्षक अरविंद उपाध्याय की टीम ने भजन प्रस्तुत कर सबको विभोर कर दिया। इस मौके पर ई.गोपाल कृष्ण सिन्हा, अजय कुमार गुप्त, परमेश्वरनश्री, प्रमोद सर्राफ, रघुनाथ प्रसाद सोनी, भृगुजी, विनय, पद्मदेव पाठक, अनुज सरावगी, आनंद गुप्त, डॉ प्रदीप श्रीवास्तव, रामगोपाल अग्रवाल, दीपक अग्रवाल, डॉ आशीष अग्रवाल, प्रवीण आदि थे।
यश प्राप्ति को नौवें स्वरूप की आज करें आराधना
बलिया। शारदीय नवरात्र के नौवें व अंतिम दिन चार अक्तूबर यानि मंगलवार को मां के सिद्धिदात्री स्वरूप के पूजन का विधान है। डॉ. अखिलेश उपाध्याय ने बताया कि मातारानी के इस स्वरूप के पूजन से भक्त को मृत्यु भय से मुक्ति, यश व धन की प्राप्ति होती है। मां को तिल का भोग लगाना व घी का दीपक जलाने से मां सिद्धिदात्री अति शीघ्र प्रसन्न होकर भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करती हैं।
आज कुमारी पूजन कर व्रत का संकल्प करें पूर्ण
बलिया। जिले के इंदरपुर थम्हनपुरा निवासी आचार्य डॉ. अखिलेश उपाध्याय ने कहा कि नवरात्रि में नवमी तिथि को हवन तथा कुमारी पूजन का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है। इसके बिना व्रत का संकल्प पूर्ण नहीं माना जाता है। शास्त्रों में वर्णन है कि जो भक्त कुमारी कन्याओं को अन्न, वस्त्र तथा जल अर्पण करता है उसका अन्न मेरु के समान और जल समुद्र के समान अक्षुण्ण तथा अनन्त होता है।
डॉ. उपाध्याय ने बताया कि मंत्रमहोदधि में दस कन्याओं के पूजन का विधान बताया गया है। एक वर्ष की उम्र वाली बालिका संध्या, दो वर्ष की कन्या, सरस्वती, तीन वर्ष की त्रिधामूर्ति, चार वर्ष की काली का, पांच वर्ष की कुब्जा, नौ वर्ष की कलसंदर्भा, दसवें वर्ष में अपराजिता, ग्यारहवें वर्ष में रूद्राणी, बारहवें वर्ष में भैरवी मानी जाती है। कुमारी कन्याओं का पूजन यजमान द्वारा षोडशोपचार विधि से करना चाहिए। बताया कि कुमारी कन्याओं को अन्न द्वारा प्रसन्न करने से त्रिभुवन को तृप्त करने का फल मिलता है। कुलीन कन्याओं को अन्न, वस्त्र और द्रव्य से प्रसन्न करने से त्रिभुवन को तृप्त करने का फल मिलता है। कुमारी कन्याओं को पुष्पांजलि अर्पित करने से वह पुण्य करोड़ों सुवर्णमय मेरु के समान हो जाता है और मेरु के दान का पुण्य यजमान को तत्काल ही प्राप्त हो जाता है।
पंडालों में ‘मातारानी’ के दर्शन को उमड़ा सैलाब
बलिया। शारदीय नवरात्र के अष्टमी तिथि पर सोमवार को पंडालों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। शहर, कस्बा व गांवें में सप्तरंगी विद्युत झालरों में सजे मां दरबार में पहुंचे देवी भक्तों ने मत्था टेक अपने व परिवार के कुशलता की कामना की। भक्ति संगीतों के प्रसारण से वातावरण देवीमय हो उठा। मेला के दूसरे दिन बाजारों चाट-पकौड़ी से लगायत आइसक्रीम का बच्चों ने खूब लुप्त उठाया तो बुजुर्गों ने जलेबी का स्वाद चखते नजर आए।
शक्तिधाम पर दर्शन को लगी लम्बी कतार
बलिया। लालगंज क्षेत्र के शक्तिधाम दुर्गा मंदिर पर मातारानी के दर्शन पूजन के लिए महिला व युवतियों की कतार सोमवार की अल सुबह से लग गयी। श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर नारियल फोड़ मन्नत मांगी। मंदिर पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने गुप्त दान दिया। दोपहर में मंदिर बंद होने के बाद भी धूप में भीड़ डटी रही। पुन: दो बजे मंदिर खुलते ही दर्शन-पूजन शुरू हो गया। शाम को आरती के समय 5100 से अधिक नारियल तोड़े गये।
आकर्षण बने कुरकुरे से बने पंडाल
लालगंज बाजार में सेंटल बैंक के पास पंडाल में कुरकुरा के पैकेट से बेहतरीन सजावट की गयी है। पंडाल के सामने रंगीन फौव्वारा और क्रेन पर लगे रिकार्डिंग कैरे से श्रद्धालुओं का दर्शन-पूजन का लाइव दिखाया जा रहा है।
प्राचीन भारत की झलक के बीच ‘मातारानी’ का दीदार
बलिया। शहर के चित्तू पांडेय चौराहे के पास नवयुवक बाल कमेटी की ओर से पूजा पंडाल में प्राचीन भारत की झलक दिख रही है। देवी भक्त मातारानी के दर्शन के साथ ही प्राचीन भारत की झलक का दीदार कर रहे हैं। इसमें भाप का रेलवे इंजन से लगायत बैलगाड़ी, तांगा व उपला पर खाना बनाने की पोस्टल लगाई गयी है।