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इंडिया गठबंधन प्रत्याशी श्वेता सिंह ने चास के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों का किया दौरा

बोकारो : बोकारो विधानसभा की इंडिया गठबंधन प्रत्याशी श्वेता सिंह ने विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया।इस जनसंपर्क अभियान में चाकुलिया पंचायत अंतर्गत चाकुलिया,चास कॉलेज चास, बगडेगा,मूर्त्तिटांड़,रामडीह, भेलवाटांड़,कुर्मीडीह के बाद काशीझरिया पंचायत अंतर्गत योगीडीह,संथालडीह,ओझाडीह, कुरमा,बेलडीह,खेरगोंडा,काशीझरिया,झरना,बाजूडीह,झरना,मोदीडीह,नवाझरिया के पश्चात भालसुंदा ग्राम में भव्य जागरण का उद्घाटन किया और छठ व्रतियों के बीच में सूप वितरण किया।इस अवसर पर प्रत्याशी ने छठ महापर्व की क्षेत्र वासियों को शुभकामना देते हुए मां से सबकी खुशहाली की कामना की।क्षेत्र प्रवास के दौरान आम जनता का भरपूर समर्थन मिला और सभी ने एक स्वर में इंडी गठबन्धन प्रत्याशी को जिताने का आशीर्वाद दिया।श्वेता सिंह ने कहा कि क्षेत्र में छात्रों,विद्युत,पेयजल,किसानों के व्याप्त समस्याओं को सुलझाने का अथक प्रयास किया जाएगा।हमारे परिवार ने हमेशा क्षेत्र वासियों को अपने परिवार की तरह माना है और हमेशा  जनता के सुख दुख में खड़े रहने का संस्कार स्व समरेश सिंह दादा से मिला है। स्व समरेश सिंह दादा के विकसित बोकारों के सपने को साकार करने के लिए आप सभी के बीच इंडी गठबन्धन के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रही हू और उम्मीद करती हू कि आप सभी अपने बेटी को आशीर्वाद देने में पीछे नहीं हटेंगे।

गांधीनगर के श्मशान घाट में पंचतत्व में विलीन हुईं पीएम मोदी की मां

पीएम मोदी की मां हीराबा के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दे दी गई है। गांधीनगर के श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया। बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबा का निधन हो गया। पीएम मोदी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से यह सूचना दी गई। पीएम मोदी के ट्विटर हैंडल से पोस्ट करते हुए लिखा गया, ‘शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों में विराम… मां में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है। मैं जब उनसे 100वें जन्मदिन पर मिला तो उन्होंने एक बात कही थी, जो हमेशा याद रहती है कि काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से।’ मां के निधन के बाद पीएम मोदी अहमदाबाद पहुंचे। यूएन मेहता अस्पताल के एक बयान में कहा गया है, ‘हीराबा मोदी का निधन शुक्रवार तड़के (30 दिसंबर) 3.30 बजे (सुबह) इलाज के दौरान हुआ। मां का स्थान कोई नहीं ले सकता: नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी की मां श्रीमती हीरा बेन जी का निधन दुखद। मां का निधन असहनीय और अपूरणीय क्षति होता है। मां का स्थान दुनिया में कोई नहीं ले सकता। दिवंगत आत्मा की चिर शांति तथा प्रधानमंत्री श्री मोदी जी एवं उनके परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां का निधन, पीएम ने ट्वीट कर दी जानकारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीरा बा मोदी का शुक्रवार को निधन हो गया. वे 100 साल की थीं. हीरा बा ने अहमदाबाद के यूएन मेहता अस्पताल में अंतिम सांस ली. हीरा बा को मंगलवार शाम अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पीएम मोदी ने ट्वीट कर मां हीरा बा को श्रद्धांजलि दी. पीएम की मां हीरा बा को मंगलवार को अचानक से सांस लेने में दिक्कत होने लगी थी. इसके अलावा उन्हें कफ की शिकायत भी थी. इसके बाद उन्हें आनन-फानन में अहमदाबाद के यूएन मेहता अस्पताल के कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती करा दिया गया. डॉक्टरों ने उनकी मां का एमआरआई और सीटी स्कैन किया. गुरुवार को अस्पताल की ओर से बयान जारी कर बताया गया था कि उनकी तबीयत में सुधार है. लेकिन शुक्रवार सुबह उनका निधन हो गया.

नववर्ष की जश्न को फीका कर सकती है कोरोना की चौथी लहर, सरकार अलर्ट

देश में जनवरी मध्य से कोरोना मामले बढ़ने की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग इलाज के साथ रोकथाम के लिए तमाम एहितयाती उपायों पर मंथन कर रहा है। मंगलवार को प्रदेश भर के अस्पतालों में इलाज की तैयारियों की माक ड्रिल के बाद बुधवार को आयोजित समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने नववर्ष के जश्न पर रोक लगाने पर डाक्टरों का मंतव्य जाना। उनकी चिंता थी कि बोधगया में लोगों का जमावड़ा लगने के कारण कोरोना के मामले बढ़े हैं, ऐसे में नववर्ष के जश्न से खतरा और बढ़ सकता है। हालांकि, डाक्टरों ने जश्न पर रोक लगाने के बजाय मास्क और शारीरिक दूरी के नियम को अनिवार्य रूप से लागू कराने की सलाह दी है। उनका कहना था कि रोक लगाने के बावजूद लोग आदतन जश्न मनाएंगे और खतरे में आ सकते हैं। एहतियात के साथ जश्न मनाने का नियम लागू कराने से बड़ी आबादी को सुरक्षित रखा जा सकता है। समीक्षा बैठक में शामिल एम्स, आइजीआइएमएस, पीएमसीएच, एनएमसीएच समेत सभी मेडिकल कालेजों के प्राचार्य-अधीक्षक और सिविल सर्जनों का मानना था कि कोरोना से निपटने में सरकार के स्तर से तमाम तैयारियां दुरुस्त हैं। कोराेना से कैसे बचना है इसकी बाबत हर शख्स को जागरूक किया जा चुका है। अब यह आमजन के हाथ में है कि वह कोरोना अनुकूल व्यवहार जैसे मास्क पहनना, अंजान सतह छूने के बाद मुंह-नाक व आंख को छूने के पहले साबुन से हाथ धोने, बेवजह यात्रा न करने या भीड़भाड़ वाली जगहों पर नहीं जाना और शारीरिक दूरी जैसे नियमों का पालन कर कोरोना से सुरक्षित रहें। अपर मुख्य सचिव ने सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे रेड अलर्ट मोड में रहें और कोरोना जांच की संख्या को बढ़ाएं। कोरोना उपचार में जिस सामान, दवा की कमी हो अभी बीएमएसआइसीएल से मंगवा लें। कोविड डेडिकेटेड हास्पिटल रहे एनएमसीएच को अधिक संख्या में बेड तैयार रखने को कहा गया। पीएमसीएच को बाथरूम व आक्सीजन कंटेनर समेत अन्य सुविधाएं दुरुस्त रखने को कहा गया। इसके अलावा लखीसराय, अररिया, मुंगेर, बांका जैसे जिलों को कमियां दूर करने का निर्देश दिया गया।

झारखंड में एक लाख करोड़ से ज्यादा की राशि हुई खर्च, हेमंत सरकार के पास हिसाब नहीं, अब मची खलबली

राँची। झारखंड में बीते 16 साल के दौरान विभिन्न विभागों के जरिए खर्च की गई करोड़ों की राशि का हिसाब सरकार को नहीं मिला है, सरकार विकास योजनाओं सहित अन्य मदों में विभिन्न विभागों को राशि तो लगातार जारी करती रही, पर राशि का किस तरह और कितना उपयोग हुआ, इसका सही-सही ब्योरा सरकार को नहीं मिल पाया है।राज्य सरकार ने माना है कि कुल एक लाख तीन हजार चार सौ उनसठ करोड़ (103459.14) करोड़ की राशि का हिसाब नहीं मिल पाया है वही राज्य में कुल 39 हजार से अधिक योजनाओं या मदों में दी गई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं उपलब्ध है। सबसे ज्यादा ग्रामीण विकास विभाग में 14361.00 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं है, इसी तरह कृषि विभाग 611 करोड़, ऊर्जा में 9234 करोड़, नगर विकास विभाग सहित अन्य विभागों में भी बड़ी राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किया गया है। जब इसका खुलासा झारखंड के मुख्य सचिव झारखंड सुखदेव सिंह के पत्र से हुआ है, जो उन्होंने सभी विभागों के सचिवों को लिखा है उन्होंने उपयोगिता प्रमाण लंबित रहने पर चिंता जतायी है वही सीएस ने कहा कि कई निर्देश के बाद भी बड़ी राशि का हिसाब बकाया है, जो गंभीर विषय है। सीएस ने यह भी कहा है कि झारखंड के वित्त विभाग द्वारा बार-बार स्मारित किये जाने के बावजूद लंबित उपयोगिता प्रमाण-पत्र समर्पित नहीं किया जाना यह दर्शाता है कि आपके विभाग द्वारा इस संबंध में गंभीर प्रयास नहीं किया गया। वही महालेखाकार झारखंड द्वारा उपयोगिता प्रमाण पत्र (यूसी) सबमिट करने की ऑनलाइन व्यवस्था भी सितंबर 2019 से प्रभावी है। सीएस ने ऑनलाइन सबमिशन कर रिपोर्ट देने को कहा है। उधर व्यक्तिगत रुचि लेकर उपयोगिता प्रमाण पत्र देने का निर्देश मुख्य सचिव ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव,प्रधान सचिव,सचिवों को व्यक्तिगत रुचि लेकर लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र अविलंब समर्पित करने का आदेश दिया है। सीएस ने कहा कि अगर सचिव रुचि लेंगे और लगातार मॉनिटरिंग करेंगे तो लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र में अपेक्षित कमी हो सकेगी। एजी की रिपोर्ट से मिली जानकारी दरअसल, महालेखाकार लेखा एवं हकदारी झारखंड ने 26 जुलाई 2022 को ही सीएस को एक पत्र लिखा था और पूरी विवरणी दी थी। यह बात सामने आई कि 2006-07 से 2020-21 तक कुल 103459.14 करोड़ की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र विभिन्न विभागों में लंबित है। क्या है उपयोगिता प्रमाण पत्र उपयोगिता प्रमाण पत्र यानी खर्च का सही हिसाब-किताब इसे दिए बिन आगे की राशि नहीं दी जाती है क्योंकि रुपये प्राप्त करने वाले पदाधिकारी-विभाग के लिए यह नियम है कि वे ट्रेजरी कोड के तहत प्रपत्र भर के उपयोगिता प्रमाण पत्र एक साल के अंदर जमा कर दें कि कितनी राशि खर्च हुई है और कितनी बची है। इसकी प्रति एकाउंटेंट जनरल झारखंड को भेजनी होती है।उपयोगिता प्रमाण पत्र वित्तीय प्रबंधन की ट्रांसपेरेंसी को स्थापित करता है। प्रत्येक वर्ष        –        राशि करोड़ में 2012-13                  2685 1239.47 2013-14                  936 11235.61 2014-15                  1320 1564.44 2015-16                  2134 5354.78 2016-17                  8902 9573.72 2017-18                  4868 14497.51 2018-19                  3968 18591.51 2019-20                  4441 17044.72 2020-21                  4735 18710.47 2021-22                   5075 15406.55  कुल: 39064 103459.14

झारखंड में KCC अस्पताल ने 8 लोगों की आंखे छीन ली

जमशेदपुर स्थित केसीसी आइ अस्पताल के लापरवाही की वजह 3 लोगों के आंखों की रोशनी चली गयी. दरअसल मामला ये है कि जिले से 45 किलोमीटर दूर घाटशिला अनुमंडल क्षेत्र का कीताडीह गांव है. 11 माह पूर्व मुफ्त में आंख के इलाज के नाम पर गांव के 8 बुजुर्गों की आखों का इलाज किया गया. हालांकि इस मामले में साकची पुलिस ने कालीमाटी रोड स्थित केसीसी आइ अस्पताल के संचालक समेत अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया है.जानकारी के अनुसार, केसीसी आइ अस्पताल को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभ मिलता है. इसके बदले उनको गांवों से लोगों को लाकर मोतियाबिंद का इलाज कराना होता है. एजेंट और सहायिका के माध्यम से यह अस्पताल लोगों को लाकर इलाज करता है और फिर उनको वापस भेज देता है. पूरे मामले में एक सिंडिकेट के काम करने की आशंका है.

स्कूल पहुँचा लंगूर, पिछले पांच दिनों से छात्रों के साथ बेंच पर बैठ कर रहा है पढाई

झारखंड के हजारीबाग में एक दिलचस्प घटना सामने आई है। जिले के दानुआ गांव एक लंगूर पिछले पांच दिन से स्कूल में पढ़ने के लिए आ रहा है। वह बच्चों के साथ बैठकर ठीक उसी तरह टीचर की पूरी बात सुनता है जैसे सचमुच स्टूडेंट ही हो। इंटरनेट पर लंगूर के क्लास लेने की तस्वीर और वीडियो वायरल है। लोग तरह-तरह के कॉमेंट कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में लंगूर क्लास में पढ़ाई करता दिख रहा है। बताया जा रहा है कि यह वीडियो झारखंड में हजारीबाग जिले के अपग्रेडेड प्लस टू हाई स्कूल दनुआ गांव का है। स्कूल स्टाफ ने बताया कि एक लंगूर अचानक स्कूल में आ गया। पहले दिन उसने सातवीं क्लास में आगे की बेंच पर बैठकर पूरी क्लास की। वह ध्यान से टीचर की बातें सुनता रहा। उसने किसी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की। मंगलवार को भी वह स्कूल में आया और 9वीं क्लास में बैठा। पिछले 5 दिन से वह सुबह ही स्कूल पहुंच जाता है। हालांकि, बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित प्रिंसिपल रतन कुमार वर्मा ने वन विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया। वन विभाग की एक टीम ने लंगूर को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वे असफल रहे। बताया जा रहा है कि इस दौरान लंगूर जंगल की ओर चला गया।

गढ़वा के एक युवक के ऊपर एक समुदाए के लोगों ने पेट्रोल डालकर जलाने का किया प्रयास

झारखंड के दुमका जिले के बाद गढ़वा जिले में एक युवक को दूसरे समुदाय द्वारा पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जलाने की कोशिश की गयी है। हालांकि इस हादसे में युवक की जान बच गयी है लेकिन वह बुरी तरह से झुलस गया है। युवक को नगर उंटारी अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे गढ़वा सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। ये युवक नगर उंटारी थाना क्षेत्र के चितविश्राम गांव निवासी दीपक सोनी है। घटना की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी योगेंद्र कुमार दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली। इस घटना में दूसरे पक्ष के कसमुद्दीन अंसारी का पैर भी आंशिक रूप से जल गया है.

आशिक ने एकतरफा प्यार में युवती को पेट्रोल छिड़क जिन्दा जलाया, ईलाज के दौरान मौत

शाहरुख ने एकतरफा प्यार में जिस अंकिता को जिंदा जलाया था अब उस लड़की ने दम तोड़ दिया है। शनिवार-रविवार की रात करीब 2 बजे रांची के रिम्स अस्पताल में अंकिता ने अंतिम सांस ली है। बुरी तरह जल चुकी अंकिता ने 5 दिन तक जिंदगी की जंग लड़ी। लेकिन आखिरकार वो यह जंग हार गई और उसकी मौत हो गई है। अंकिता ने शाहरुख के एकतरफा प्यार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। जिसके बाद शाहरुख ने गुस्से में आकर अंकिता पर पेट्रोल डाल उसे जिंदा ही आग के हवाले कर दिया था। बुरी तरह झुलसी अंकिता को इलाज के लिए रांची स्थित रिम्स ले जाया गया था। जहां अब 5 दिन बाद उसने दम तोड़ दिया है। मरने से पहले अंकिता ने शाहरुख की दरिंदगी का खुलासा किया था। बुरी तरह जल चुकी लड़की ने मजिस्ट्रेट के सामने जो बयान दिये थे वो बेहद चौंकाने वाले थे। मजिस्ट्रेट के सामने दिये गये बयान में लड़की ने कहा था कि आरोपी ने करीब 10 दिन पहले उनके मोबाइल पर उन्हें फोन किया था। फोन पर आरोपी उससे जबरन दोस्ती करने के लिए कह रहा था। लड़की के मुताबिक, ‘सोमवार की रात करीब 8 बजे उसने मुझे दोबारा फोन किया। उसने मुझसे कहा कि अगर मैंने उससे बातचीत नहीं की तो वो मुझे मार देगा। मैंने अपने पिता को इस धमकी के बारे में जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि वो निश्चित तौर से लड़के के परिजनों से मंगलवार को बातचीत करेंगे। रात को खाना खाने के बाद हम सोने चले गए। मैं दूसरे कमरे में सो रही थी। मंगलवार की सुबह, मुझे मेरी पीठ में दर्द महसूस हुई तथा मुझे जलने की बू भी आई। जब मैंने आखें खोली तो उसे दौड़ कर भागते हुए देखा।’ मैं दर्द की वजह से चीखने लगी और मैं अपने पिता के कमरे में गई। परिजनों ने किसी तरह आग बुझाई और मुझे लेकर अस्पताल पहुंचे। बता दें कि बुरी तरह झुलसी पीड़िता ने बड़ी मुश्किल से यह बयान दिया था।

सीबीआई का चला डंडा : बिहार व झारखण्ड में राजद के कई दिग्गजों के घरों पर मारी छापा

बिहार से लेकर झारखंड तक केंद्रीय एजेंसियों ने बुधवार सुबह ही ताबड़तोड़ छापेमारी की है। सीबीआई ने रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले में पटना में आरजेडी के एमएलसी सुनील सिंह के घर पर छापेमारी की है। सुनील सिंह को लालू प्रसाद यादव के करीबी नेताओं में शुमार किया जाता है। यह ऐक्शन ऐसे वक्त में हुआ है, जब विधानसभा में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार फ्लोर टेस्ट साबित करने वाली है। आरजेडी के सांसद अशफाक करीब के घर पर भी छापेमारी की गई है। कहा यह भी जा रहा है कि सीबीआई ने राजद सांसद फैयाज अहमद और पूर्व एमएलसी सुबोध राय के आवास पर भी रेड की है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। बिहार के अलावा झारखंड के खनन घोटाले को लेकर ईडी सक्रिय है। केंद्रीय एजेंसी ने सीएम हेमंत सोरेन के प्रतिनिधि और विधायक पंकज मिश्रा से पूछताछ के बाद छापेमारी की है। झारखंड की राजधानी रांची समेत कई ठिकानों पर ईडी ने एक साथ छापेमारी की है। अवैध खनन और उगाही के मामले में ईडी के ऐक्शन से झारखंड का सियासी पारा चढ़ गया है। ईडी ने प्रेम प्रकाश के ठिकानों पर भी छापेमारी की है, जिसने नेताओं से अच्छे संपर्क बताए जाते हैं। फिलहाल झामुमो की ओर से इस पर कोई रिएक्शन नहीं आया है। लेकिन बिहार में आरजेडी ने छापेमारी को भाजपा की शरारत बताया है। आरजेडी ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियां भाजपा की पार्टनर के तौर पर काम कर रही हैं। आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि इसे ईडी, आईटी या सीबीआई का छापा कहना गलत है। यह भाजपा की ही रे़ड है। ये सभी एजेंसियां भाजपा के तहत ही काम करती हैं। इनके दफ्तर भाजपा की स्क्रिप्ट पर ही काम करते हैं। आज बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना है और यह क्या हो रहा है? यह तो होना ही था। उन्होंने कहा कि भाजपा को इस बात की खुन्नस है कि कैसे नीतीश कुमार ने उनका साथ छोड़कर जनता के हित में गठबंधन में बदल लिया। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन जनता के हित के लिए किया गया है। छापेमारी का सामना कर रहे आरजेडी के एमएलसी सुनील सिंह ने भी भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह छापेमारी भाजपा के इशारे पर जानबूझकर कराई गई है। इसका कोई मतलब नहीं है। ये लोग यह सोचकर ऐसा कर रहे हैं कि छापेमारी के डर से कुछ विधायक उनके साथ आ जाएंगे।