Bakwas News

सभी जीवों के प्रति दयाभाव दर्शाता है नागपंचमी

भगवान शंकर का प्रिय महीना सावन व्रत व त्योहारों की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। इसी महीने के शुक्ल पक्ष पंचमी को नागपंचमी का त्योहार मनाया जाता है। घर-घर में दूध-लावा चढ़ाकर नागदेव का पूजन-अर्चन किया जाता है। नाग पंचमी का त्योहार सनातन धर्म में निहित सभी जीवों के प्रति दया भाव को प्रदर्शित करता है। कुछ स्थानों पर इस दिन कुश्ती दंगल का आयोजन होता है। फेफना थाना क्षेत्र के इंदरपुर थम्हनपुरा निवासी आचार्य डॉ. अखिलेश उपाध्याय ने नागपंचमी त्योहार की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भविष्यपुराण के ब्रह्म पर्व के अनुसार सावन शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को कच्चा दूध, धान का लावा बासुकी, तक्षक, कालिया-मणिभद्र, ऐरावत, कार्कोटक व धनंजय नामक सर्पों का नाम उच्चारण करते हुए चढ़ाकर नमन करना बताया गया है। ऐसे पूजन-अर्चन करने से वर्ष भर सर्प से भय नहीं रहता है। नागपंचमी का त्योहार देश भर में विविध नामों से मनाया जाता है। इस दिन नागदेव के दर्शन करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है। ऐसे करें नागदेव की पूजा आचार्य डॉ. अखिलेश उपाध्याय ने बताया कि नाग पंचमी पर घर को गाय के गोबर से घिरौंदा बनाना चाहिए। इसके बाद मिट्टी या सामर्थ्य के अनुसार सोना-चांदी का नाग-नागिन बनाकर षोडोपचार विधि से पूजन-अर्चन करते हुए दूध व धान का लावा चढ़ाकर नागदेव से अपने व परिवार की रक्षा का गुहार लगाना चाहिए।

बलिया : निर्वाचन आयोग के निर्देश पर आधार नम्बर एकत्रीकरण अभियान की शुरूआत

निर्वाचन आयोग के निर्देश पर आधार नंबर एकत्रीकरण अभियान की शुरूआत हुई। इसके लिए टीडी कालेज के राजेन्द्र प्रसाद सभागार में कार्यक्रम हुआ। मुख्य अतिथि एडीएम राजेश सिंह ने अभियान का शुभारम्भ किया। एडीएम ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने के क्रम में भारत निर्वाचन आयोग का यह एक मजबूत कदम है। इससे प्रॉक्सी एवं फर्जी मतदान को रोकने में मदद मिलेगी। सरकार का लक्ष्य है कि 31 मार्च 2023 तक अभियान को पूरा कर लेना है। उन्होंने लोगों से इसमें सहयोग की अपील की। इस दौरान टीडी कालेज के प्राचार्य डॉ. ओमप्रकाश सिंह, एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अनिल आदि थे।

ड्रग विभाग की टीम ने सीयर में दवा दुकानों का किया जांच, लिया नमूना

ड्रग विभाग की टीम ने  सीएचसी सीयर के आसपास संचालित तीन दवा की दुकानों की जांच किया। ड्रग इंस्पेक्टरों ने कुछ दवाओं का नमूना लेकर जांच के लिये भेजा। कार्रवाई करने वाली टीम में एसडीएम राजेश गुप्ता, जिले के डीआई सिद्वेश्वर शुक्ल के अलावे डीआई आजमगढ़ सीमा वर्मा, डीआई मऊ राघवेंद्र प्रताप सिंह, लिपिक रविशंकर पांडेय आदि थे।

बलिया : बैरिया पुलिस ने वाहन चोरी का आरोपित को किया गिरफ्तार, भेजा जेल

बैरिया पुलिस ने  ने छपरा (बिहार) के रिविलगंज थाना क्षेत्र के गोरिया छपरा निवासी विकास यादव  को गिरफ्तार कर लिया । पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया। बताया जाता है कि कुछ दिनों पहले इलाके से हुई ट्रैक्टर-ट्राली चोरी की घटना में वह आरोपित था। उसके गिरोह के दो सदस्यों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। उसका एक अन्य साथी बिहारी यादव अब भी पुलिस की पकड़ से दूर है।

बलिया : सिकंदरपुर पुलिस के हत्थे चढ़ा दुष्कर्म का आरोपी

सिकंदरपुर पुलिस  ने दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट के आरोपी को  गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपित को जेल भेज दिया। पुलिस का कहना है कि कुछ दिनों पहले एक गांव के व्यक्ति ने करमौता निवासी सुभाष गोंड पर नाबालिग पुत्री के साथ दुष्कर्म करने का अरोप लगाया था। इस मामले में दुराचार के साथ ही पाक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर पुलिस आरोपी की तलाश कर रही थी। एसओ सिकन्दरपुर पंकज सिंह का कहना है कि आरोपित सुभाष को बस स्टेशन चौराहा से गिरफ्तार कर लिया गया। उनका कहना है कि कार्रवाई करने वाली टीम में निरीक्षक अपराध रामायण सिंह, सिपाही राजकुमार यादव, आलोक शुक्ला आदि थे।

बलिया : बाढ़ की संभावना देख सामान सुरक्षित पहुंचाने में जुटे गंगा नदी के तटवर्ती लोग

बलिया। जिले में गंगा नदी के जलस्तर में सोमवार को भी बढ़ाव का क्रम जारी है। हालांकि रफ्तार में काफी कमी भी आयी है। बावजूद कटान प्रभावित क्षेत्र के लोगों की मुश्किलें कायम है। कटान की जद में आए मकानों से लोग अपने घरेलू सामानों को सुरक्षित करने में लगे हैं। गायघाट गेज पर सोमवार शाम चार बजे नदी का जलस्तर 56.250 मीटर दर्ज किया गया। नदी में आधा सेमी प्रति घंटे का बढ़ाव बना हुआ है। पिछले दिनों के अनवरत हुए बढ़ाव के बाद नदी गायघाट गेज पर अपने चेतावनी बिन्दु 56.615 मीटर से मात्र 36 सेमी नीचे बह रही है। यहां खतरा बिन्दु 57.615 मीटर है। उधर, चेतावनी बिन्दु के करीब पहुंच चुकी नदी ने तटवर्ती क्षेत्र के लोगों की धड़कनें बढ़ा दी है। सबसे विकट स्थिति सदर तहसील के बनिया व सोनार टोला के साथ ही बैरिया के सुघरछपरा, गोपालपुर, उदयीछपरा, दूबेछपरा के लोगों की हो रही है। यहां नदी पिछले चार वर्षों से कहर बरपा रही है। हालांकि इस बीच बाढ़ खण्ड यहां पर करीब दो अरब की लागत की परियोजना के तहत बचाव कार्य कर चुका है। बावजूद बस्तियों को माकूल सुरक्षित नहीं कर पाया है। उधर, कटान की जद में आये बनिया टोला रामगढ़ के पीड़ित सोमवार को भी अपने घरेलू सामानों को सुरक्षित स्थान ले जाते दिखे। पिछले वर्ष नदी यहां के दो आशियानों को धराशायी कर चुकी है। हालांकि बाढ़ खण्ड देर से ही सही, बचाव कार्य शुरू करा दिया है लेकिन पीड़ितों में पूर्व की आपदा दहशत फैलाए हुए है।

नागदेवता की आराधना से विश्व को मिलेगी शांति और धन की होगी बारिश – तांत्रिक आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी

हम सभी जानते हैं नाग पंचमी  का त्‍यौहार सावन (श्रावण) के महीने  में आता है। प्रचलित हिंदु मान्‍यता के अनुसार पृथ्वी शेषनाग के फन पर टिकी है और भगवान शिव जी भी सर्प माला को पहने रहते हैं इसलिये सर्प को देवता के रूप में पूजा जाता है। भारत में नागों की पूजा करने का एक वैज्ञानिक कारण भी है, खेतों में फसलों को नुकसान पहुॅचानें वाले चूहे आदि जीवों का सर्प नष्‍ट कर देता है, जिससे किसानों की फसल सुरक्षित रहती है। एक कहानी केे अनुसार एक सर्प ने भाई बनकर अपनी बहन की सुरक्षा की थी और भाई का फर्ज निभाया था, इसलिये इस दिन महिलायें नागों को दूध पिलाती हैं और उसमें प्रार्थना करती हैं उनकी और उनके परिवार की सुुरक्षा करें। सर्प ही धन की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं और इन्हें गुप्त, छुपे और गड़े धन की रक्षा करने वाला माना जाता है. नाग, मां लक्ष्मी की रक्षा करते हैं । जो हमारे धन की रक्षा में हमेशा तत्पर रहते हैं इसलिए धन-संपदा व समृद्धि की प्राप्ति के लिए नाग पंचमी मनाई जाती है। इस दिन श्रीया, नाग और ब्रह्म अर्थात शिवलिंग स्वरुप की आराधना से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है और साधक को धनलक्ष्मी का आशिर्वाद मिलता है । हर साल सावन के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नागपंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस बार 02 अगस्त 2022 को देशभर में नागपंचमी मनाई जाएगी. इस दिन नाग देवता के 12 स्वरूपों की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि नाग देवता की पूजा करने और रुद्राभिषेक करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं और मनचाहा वरदान देते हैं।  मान्यता यह भी है कि इस दिन सर्पों की पूजा करने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं। प्राचीन धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, अगर किसी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष हो तो उसे नागपंचमी के दिन भगवान शिव और नागदेवता की पूजा करनी चाहिए। कालसर्प योग यज्ञ का आरम्भ या समाप्ति पंचमी, अष्टमी, दशमी या चुतुर्दशी तिथिवार चाहें जो भी हो, भरणी, आद्र्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, उत्तराषाढ़ा, अभिजित एवं श्रवण नक्षत्र श्रेष्ठ माने जाते हैं। परन्तु जातक की राशि से ग्रह गणना का विचार करना परम आवश्यक होता है। यह हैं नाग पंचमी पूजा विधि नाग पंचमी  के दिन घर के सभी दरवाजों पर खड़िया (पाण्डु/सफेदे) से छोटी-छोटी चौकोर जगह की पुताई की जाती है और कोयले को दूध में घिसकर मुख्‍यत दरवारों बाहर दोनों तरफ, मंदिर के दरवाजे पर और पूजा घर  में नाग देवता के चिन्ह (फोटो) बनाये जाते हैं, आज-कल यह फोटो बाजारों में मिलते हैं, जिन्‍हें आप इस्‍तेमाल कर सकते हैं। नागों की पूजा गाय का दूध और धान की लावा  से की जाती हैं और इस दिन नागों को दूध पिलाने की परंपरा है। जिसके लिये खेतों में या किसी ऐसे स्‍थान पर जहॉ सर्प होने की संभावना हो वहॉ एक कटोरी में दूध और धान की लावा रखा जाता है।  ऐसे करें नागपंचमी की पूजन सबसे पहले प्रात: घर की सफाई कर स्नान कर लें। इसके बाद प्रसाद के लिए सेवई और चावल बना लें। इसके बाद एक लकड़ी के तख्त पर नया कपड़ा बिछाकर उस पर नागदेवता की मूर्ति या तस्वीर रख दें। फिर जल, सुगंधित फूल, चंदन से अर्ध्य दें।  नाग प्रतिमा का दूध, दही, घृ्त, मधु ओर शर्कर का पंचामृ्त बनाकर स्नान कराएं।  प्रतिमा पर चंदन, गंध से युक्त जल अर्पित करें।  नये वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, हरिद्रा, चूर्ण, कुमकुम, सिंदूर, बेलपत्र, आभूषण और पुष्प माला, सौभाग्य द्र्व्य, धूप दीप, नैवेद्ध, ऋतु फल, तांबूल चढ़ाएं…आरती करें… अगर काल सर्पदोष है तो इस मंत्र का जाप करें: ”ऊँ कुरुकुल्ये हुं फट स्वाहा” ऐसे करें कालसर्प पूजन… प्रातःकाल स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजा के स्थान पर कुश का आसन स्थापित करके सर्व प्रथम हाथ में जल लेकर अपने ऊपर व पूजन सामग्री पर छिड़कें, फिर संकल्प लेकर कि मैं कालसर्प दोष शांति हेतु यह पूजा कर रहा हूं। अतः मेरे सभी कष्टों का निवारण कर मुझे कालसर्प दोष से मुक्त करें। तत्पश्चात् अपने सामने चौकी पर एक कलश स्थापित कर पूजा आरम्भ करें। कलश पर एक पात्र में सर्प-सर्पनी का यंत्र एवं कालसर्प यंत्र स्थापित करें। साथ ही कलश पर तीन तांबे के सिक्के एवं तीन कौड़ियां सर्प-सर्पनी के जोड़े के साथ रखें, उस पर केसर का तिलक लगायें, अक्षत चढ़ायें, पुष्प चढ़ायें तथा काले तिल, चावल व उड़द को पकाकर शक्कर मिश्रित कर उसका भोग लगायें, फिर घी का दीपक जला कर निम्न मंत्र का उच्चारण करें… ऊं नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथिवीमनु। ये अंतरिक्षे ये दिवितेभ्यः सर्पेभ्यो नमः स्वाहा।। राहु का मंत्र – ऊं भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः। इसके बाद सर्वप्रथम गणपति जी का  पूजन करें, नवग्रह पूजन करें, कलश पर रखी समस्त नाग-नागिन की प्रतिमा का पूजन करें व रूद्राक्ष माला से उपरोक्त कालसर्प शांति मंत्र अथवा राहू के मंत्र का उच्चारण एक माला जाप करें। उसके पश्चात् कलश में रखा जल शिवलिंग पर किसी मंदिर में चढ़ा दें। प्रसाद नंदी (बैल) को खिला दें, दान-दक्षिणा व नये वस्त्र ब्राह्मणों को दान करें। कालसर्प दोेष वाले जातक को इस दिन व्रत अवश्य करना चाहिए। तांत्रिक आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि अग्नि पुराण में लगभग 80 प्रकार के नाग कुलों का वर्णन मिलता है, जिसमें अनन्त, वासुकी, पदम, महापध, तक्षक, कुलिक, कर्कोटक और शंखपाल यह प्रमुख माने गये हैं।  स्कन्दपुराण, भविष्यपुराण तथा कर्मपुराण में भी इनका उल्लेख मिलता है। जानिए क्यों करवाएं नागपंचमी पर पूजन… यदि आपकी कुंडली में कालसर्प  योग (दोष), अंगारक दोष/यिग, या चाण्डाल दोष एवम ग्रहण दोष अथवा पित्र दोष है और उसके कारण आपके जीवन में (कई कामों में) विघ्न पड़ रहा है तो परेशान न हों।  नाग पंचमी का दिन कालसर्प योग(दोष), अंगारक दौड़, पितृदोष एवम ग्रहण दोष तथा चाण्डाल दोष जैसे दोषों की शांति के लिए बेहद फलदायी होता है। तांत्रिक आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि राहू के जन्म नक्षत्र ‘भरणी’ के देवता काल हैं एवं केतु के जन्म नक्षत्र ‘अश्लेषा’ के देवता सर्प हैं। अतः राहू-केतु के जन्म नक्षत्र देवताओं के नामों को जोड़कर “कालसर्प योग” कहा जाता है। राशि चक्र में 12 राशियां हैं, जन्म पत्रिका में 12 भाव हैं एवं 12 लग्न हैं। इस तरह कुल 144+144 = 288 कालसर्प … Read more

बलिया : गंगा के बढ़ते जलस्तर से सहमे तटवर्ती क्षेत्र के लोग, मची अफरातफरी

रामगढ़ क्षेत्र में गायघाट गेज पर गंगा चेतावनी बिन्दु के काफी करीब पहुंच चुकी है। जल स्तर में शनिवार आधी रात से 6 सेमी प्रति घन्टे का तीव्र बढ़ाव शुरू हो गया। इसके बाद बाढ़ व कटान प्रभावित क्षेत्र के लोगों मे अफरा-तफरी का माहौल बन गया है। कटान भी तेज हो गया है। आरोप है कि जिम्मेदारों ने आपदा काल में पीड़ितों को अपने हाल पर छोड़ दिया है। गायघाट गेज पर रविवार सुबह आठ बजे नदी का जलस्तर 55.870 मीटर दर्ज किया गया। नदी मे 6 सेमी प्रति घन्टे का बढ़ाव हो रहा है। शनिवार शाम चार बजे नदी का जल स्तर 55.070 मीटर था। इस प्रकार नदी मे पिछले 16 घन्टे में 80 सेमी की वृद्धि दर्ज की गयी। नदी यहां चेतावनी बिन्दु 56.615 मीटर से मात्र 74 सेमी नीचे बह रही है। यहा खतरा बिन्दु 57.615 मीटर पर दर्ज है। चेतावनी बिन्दु के करीब पहुंच चुकी नदी की लहरें कटान प्रभावित सुघरछपरा, दूबेछपरा, उदयीछपरा के पास उत्पात मचाना शुरू कर दिया है। इन क्षेत्रों मे शनिवार से कटान तेज हो गया है। इससे ग्रामीणों मे अफरा-तफरी का माहौल है। उधर नदी के बाढ़ का पानी मौजा धर्मपूरा, मझौवा, शुक्लछपरा, बेलहरी, गायघाट आदि के 50 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल मे फैली सब्जी की फसल को नष्ट कर दिया है।

बलिया : पुरानी पेंशन बहाली लागू होने तक जारी रहेगा अटेवा का संघर्ष

पेंशन बचाओ मंच (अटेवा) की सदस्यता अभियान बैठक रविवार को टीडी कालेज के सभागार में हुई। मुख्य अतिथि संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष व विन्ध्य जोन प्रभारी सत्येन्द्र राय ने कहा कि प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली और निजीकरण के विरुद्ध अटेवा का संघर्ष लक्ष्य प्राप्ति तक जारी रहेगा। इस आंदोलन को धार देने के लिए उन्होंने सभी से सहयोग की अपील की। विशिष्ट अतिथि प्रदेश मंत्री विजय प्रताप यादव ने कहा कि पेंशन हमारा हक़ है और इसको हम लेकर रहेंगे। बैठक के दौरान जिला कार्यकारिणी का विस्तार भी किया गया। इसमें दिनेश प्रसाद, मलय पांडे व डा. अनिल कुमार को जिला संगठन मंत्री, विनय राय को जिला प्रवक्ता व राजीव गुप्त को कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया। बैठक को संजय पांडे, संजीव सिंह, चित्रलेखा सिंह, लाल बहादुर शर्मा, लक्ष्मण सिंह, पंकज सिंह, वंदना गुप्त आदि ने संबोधित किया। अध्यक्षता डॉ. ब्रजेश सिंह व संचालन राकेश मौर्या ने किया। समीर पांडे ने सबका आभार जताया। बैठक में मुन्नू राम, गीता सिंह, कविता सिंह, सुधा मिश्रा, डॉ. मंजीत सिंह, रामजी वर्मा, रंजना सिंह, संध्या पाण्डेय, गणेश सिंह, अभिषेक राय, हरेंद्र, कवींद्र यादव, रविकांत तिवारी आदि थे।

बलिया : हर घर तिरंगा अभियान के तहत पूर्ति विभाग ने लगाए पोस्टर

हर घर तिरंगा अभियान के तहत पूर्ति विभाग की ओर से रविवार को कार्यक्रम का आयोजन नीलम गैस एजेंसी पर किया गया। अभियान के प्रचार वाहन का जिला पूर्ति अधिकारी रामजतन यादव ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। डीएसओ ने बताया कि इस अभियान के जरिए राशन कार्ड धारकों, गैस सिलेंडर उपभोक्ताओं, पेट्रोल डीजल उपभोक्ताओं को जोड़कर आजादी के अमृत महोत्सव के बारे में जागरूक करना है। 11 से 17 अगस्त तक चलने वाले हर घर तिरंगा अभियान अधिक से अधिक लोगों से प्रतिभाग करने की अपील करना है। इस मौके पर पेट्रोल पम्प संचालक, कोटेदार, गैस वितरक आदि थे।