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दुर्गापूजा : इस बार गोलबागीचा में मछली पर विराजमान दिखेंगी मां दुर्गा

शहर में दुर्गापूजा की तैयारी शुरू है। दो साल बाद शहर के नामचीन गोल बागीचा में धूमधाम से मां देवी के पूजनोत्सव की तैयारी है। कोरोना काल के बाद इस साल भव्य मां की प्रतिमा के साथ आकर्षक पंडाल बनेगा। इस बार मछली पर विराजमान मां दुर्गे की प्रतिमा का श्रद्धालु दर्शन-पूजन कर सकेंगे। मछली की तरह से भव्य पंडाल बनाने की योजना है। गोल बागीचा देवी स्थान की सत्यकाम समिति तैयारी में जुट गयी है। पंडाल के लिए बांस-बल्ले आए गए हैं। निर्माण शुरू होगा। गया के मूर्तिकार बनाएंगे मूर्ति और कोलकाता के कलाकार बनाएंगे पंडाल सत्यकाम समिति के अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना की वजह से 2020 और 2021 में ना तो मां की प्रतिमा स्थापित की गई और ना ही पंडाल बना। लेकिन, इस साल 2022 में समिति के लोग उत्साह के साथ तैयारी में लगे हैं। दो दिन पहले ही बैठक में निर्णय हुआ है। बताया कि गया के मूर्तिकार अखिलेश मछली जैसी आकृति पर मां देवी की प्रतिमा का निर्माण करेंगे। एक-दो दिन में मूर्ति निर्माण शुरू हो जाएगा। लेकिन, पंडाल के लिए कोलकाता के कारीगर बुलाए गए हैं। मछली जैसी आकृति वाली पंडाल निर्माण की भी योजना है। भव्य पंडाल के साथ लाइटिंग की भी अच्छी व्यवस्था होगी। यहां भीड़ काफी होती है। इस वजह से सुरक्षा पर भी विशेष नजर रहेगी। तैयारी में समिति के सचिव गौतम कुमार, कोषाध्यक्ष दीपू कुमार, विरेंद्र सिंह, राजेश कुमार सहित सभी सदस्य जोरशोर से लगे हैं। शहर के नामचीन गोल बगीचा में 1965 से प्रतिमा स्थापित कर मां की हो रही पूजा- अर्चना अध्यक्ष संतोष सिंह ने बताया कि गोल बागीचा देवी स्थान के पास सत्यकाम समिति 1965 से मां देवी की प्रतिमा स्थापित पूजा-अर्चना कर रही है। सबसे पहला अध्यक्ष स्व. बिन्देश्वर प्रसाद ने गली में मूर्ति स्थापित कर पूजा-अर्चना शुरू की थी। करीब चार-पांच साल के बाद सड़क पर मूर्ति स्थापित की जाने लगी। बताया कि सिर्फ कोरोना के कारण पिछले दो साल प्रतिमा स्थापित नहीं की गई। सिर्फ कलश स्थापना कर सप्तशती पाठ माता की पूजा की गई। इस बार तो उत्साह के साथ शारदीय नवरात्र में कलश स्थापित कर पाठ शुरू होगी।

गया में 80 नशेड़ी और 22 शराब बेचने वाले धराए

उत्पाद विभाग के विशेष छापेमारी अभियान में 102 लोग पकड़े गए। इसमें 80 पीने वाले और 22 शराब बेचने वाले शामिल हैं। गिरफ्तार में 14 महिला भी शामिल हैं। अलग-अलग मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार सभी को जेल भेजा गया। उत्पाद सहायक आयुक्त प्रेम प्रकाश ने बताया कि औरंगाबाद जिले के एक्साइज अधिकारियों के साथ मिलकर शनिवार को जिले भर में पांच टीम बनाकर विशेष छापेमारी अभियान चलाया गया। सदर, शेरघाटी, टिकारी, नीमचकबथानी अनुमंडल के साथ एक्साइज चेक पोस्ट पर विशेष कार्रवाई की गई। छापेमारी में कुल 102 लोग पकड़े गए। सदर अनुमंडल में 29 पकड़े गए। इसमें 19 पीने और 10 बेचने वाले पकड़े गए। 25 लीटर देसी शराब पकड़ी गई। इसी तरह शेरघाटी अनुमंडल में कुल 25 में 22 पीने वाले और 3 शराब बेचने वाले धराए। 3 लीटर शराब भी जब्त की गई। बथानी में 21 गिरफ्तार किए गए। 12 पीने और 9 बेचने वाले शामिल हैं। 16 लीटर देसी शराब पकड़ी गई। बताया कि चेक पोस्ट पर 14 लोग पकड़े गए। सभी शराब पीने वाले हैं। चेक पोस्ट पर इंस्पेक्टर दीपक कुमार सिंह, सदर अनुमंडल में इंस्पेक्टर जनार्दन प्रसाद, बथानी में एसआई सुशील आनंद, टिकारी में एएसआई प्रभा कुमारी व शेरघाटी में एएसआई मो. शमशाद के नेतृत्व में अभियान चला

गया में स्थानांतरण के बावजूद केस का प्रभार न देने वाले 22 दरोगा पर प्राथमिकी दर्ज

स्थानांतरण के बावजूद ऐसे दारोगा को अपने- अपने जगह आए दूसरे दारोगा को केस न सौपना महंगा पड़ा। शहर के सिविल लाइन थाना में ऐसे 22 एसआई व एएसआई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। इन दारोगाओं की कारगुजारी ऐसी है कि 14 साल पुराने केस भी स्थानांतर के बावजूद दुसरे को नही सौंपा। इन सभी 22 दारोगा के पास 195 केस हैं, जिनमें 31 गंभीर मामलों के केस हैं। इन कांडो में दो साल से लेकर 14 साल तक के पुराने केस हैं, जो अभी तक उनकी जगह आए दूसरे प्रभारियों को नहीं सौंपा गया है। अब इस मामले में सिविल लाइन थाना के अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार की ओर से ही प्राथमिकी शुक्रवार को दर्ज की गयी है। पीड़ितों को नही मिल पा रहा उचित न्याय इस संबंध में सिविल लाइन थानाध्यक्ष अब्दुल गफ्फार ने बताया कि सिविल लाइन थाना में पूर्व में पदस्थापित एसआई व एएसआई के द्वारा कई कांडों का प्रभार स्थानांतरण के बाद अभी तक नहीं दिया गया है, जिस कारण उक्त काड़ों में साक्ष्य नष्ट हो रहे हैं। इतना ही नही, समय पर अंतिम प्रपत्र समर्पित नहीं होने के कारण वादी को उचित न्याय नहीं मिल पा रहा है। उक्त लंबित कांडों के वादी इधर-उधर घूम रहे हैं और काफी परेशान हैं। ऐसी परिस्थिति में उक्त अनुसंधानकर्ताओं की ओर से स्थानातरण के बाद प्रभार अभी तक नहीं देना उचित प्रतीत नहीं होता है। लंबित काडों का प्रभार लेने के लिए पुलिस मुख्यालय से सभी जिला में स्पष्ट आदेश कई बार दिया गया है। पुलिस मुख्यालय पटना के वरीय पदाधिकारीयों निर्देशों के बावजूद इन दारोगा अनुपालन नहीं किया। ऐसे में इनके खिलाफ कार्रवाई करते हुये प्राथमिकी दर्ज की गयी है। 22 आईओ के पास 195 केस है लंबित इन 22 आईओ के पास 195 केस ऐसे हैं, जिसका प्रभार नहीं दिया गया है। इस कारण इन लोगों पर कार्रवाई की गई है। जिनलोगों पर कार्रवाई की गयी है, उनमें इंस्पेक्टर हरि ओझा, एसआई रंजन कुमार, रामकृष्ण बैठा, विजय पासवान, मानमती सिन्हा, कृष्ण कुमार 2, अखिलेश सिंह प्रसिद्ध कु. सिंह, दुर्गेश गहलौत, विनय कुमार राय, परमहंस सिंह, लालमुनी दुबे, दिलीप कुमार सिंह, दीपक कुमार, दिलेश्वर महतो, अशोक चौधरी, गौरव सिन्धु, अखिलेश्वर शर्मा व एएसआई अवधेश सिंह, किशोर कुमार झा, हरिहर बैठा, प्रदीप पासवान शामिल हैं, जिन्होने वर्षो बीत जाने के बाद भी केस का प्रभार स्थानांतरण के बावजूद नहीं भेजा।

माँ की ममता शर्मसार :- एक माँ ने अपनी 3 बेटियों की गला दबाकर की हत्या, पुलिस ने किया गिरफ्तार

बिहार के बक्सर से ममता को शर्मसार करने वाला खौफनाक मामला सामने आया है। यहां एक मां ने अपनी ही तीन मासूम बच्चियों की हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि तीन दिन पहले ही आरोपी महिला की देवरानी को बेटा हुआ था। खुद के बेटा नहीं होने पर वह डिप्रेशन में थी और फिर गुरुवार देर रात सोते वक्त अपनी तीन बच्चियों का गला दबाकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला बक्सर जिले के ब्रह्मपुर स्थित गायघाट गांव का है। आरोपी महिला ने पुलिस के सामने अपनी तीनों लड़कियों की गला दबाकर हत्या करने की बात कबूल ली है। आरोपी की पहचान पिंकी देवी के रूप में हुई है। उसका पति सुनील कुमार यादव बाहर नौकरी करता है। गुरुवार देर रात को उसने अपनी 11 साल की बेटी पूनम कुमारी, 8 साल की बबली और 6 साल की रोनी उर्फ खूशबू का बारी-बारी से कत्ल कर दिया। एएसपी ने बयान जारी कर बताया कि आरोपी महिला के तीन बेटियां थी और एक भी बेटा नहीं था, इसलिए वह डिप्रेशन में थी। तीन दिन पहले जब उसकी देवरानी को बेटा हुआ, तो वह अंदर ही अंदर घुटने लगी। इसके बाद उसने अपनी ही बेटियों की जान लेने का खौफनाक कदम उठा लिया। आरोपी महिला को पुलिस अभिरक्षा में भेज दिया गया है। पुलिस फिलहाल आगे की कार्रवाई में जुटी है। इस वारदात से गांव के लोग भी हैरान हैं।

नागदेवता की आराधना से विश्व को मिलेगी शांति और धन की होगी बारिश – तांत्रिक आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी

हम सभी जानते हैं नाग पंचमी  का त्‍यौहार सावन (श्रावण) के महीने  में आता है। प्रचलित हिंदु मान्‍यता के अनुसार पृथ्वी शेषनाग के फन पर टिकी है और भगवान शिव जी भी सर्प माला को पहने रहते हैं इसलिये सर्प को देवता के रूप में पूजा जाता है। भारत में नागों की पूजा करने का एक वैज्ञानिक कारण भी है, खेतों में फसलों को नुकसान पहुॅचानें वाले चूहे आदि जीवों का सर्प नष्‍ट कर देता है, जिससे किसानों की फसल सुरक्षित रहती है। एक कहानी केे अनुसार एक सर्प ने भाई बनकर अपनी बहन की सुरक्षा की थी और भाई का फर्ज निभाया था, इसलिये इस दिन महिलायें नागों को दूध पिलाती हैं और उसमें प्रार्थना करती हैं उनकी और उनके परिवार की सुुरक्षा करें। सर्प ही धन की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं और इन्हें गुप्त, छुपे और गड़े धन की रक्षा करने वाला माना जाता है. नाग, मां लक्ष्मी की रक्षा करते हैं । जो हमारे धन की रक्षा में हमेशा तत्पर रहते हैं इसलिए धन-संपदा व समृद्धि की प्राप्ति के लिए नाग पंचमी मनाई जाती है। इस दिन श्रीया, नाग और ब्रह्म अर्थात शिवलिंग स्वरुप की आराधना से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है और साधक को धनलक्ष्मी का आशिर्वाद मिलता है । हर साल सावन के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नागपंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस बार 02 अगस्त 2022 को देशभर में नागपंचमी मनाई जाएगी. इस दिन नाग देवता के 12 स्वरूपों की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि नाग देवता की पूजा करने और रुद्राभिषेक करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं और मनचाहा वरदान देते हैं।  मान्यता यह भी है कि इस दिन सर्पों की पूजा करने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं। प्राचीन धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, अगर किसी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष हो तो उसे नागपंचमी के दिन भगवान शिव और नागदेवता की पूजा करनी चाहिए। कालसर्प योग यज्ञ का आरम्भ या समाप्ति पंचमी, अष्टमी, दशमी या चुतुर्दशी तिथिवार चाहें जो भी हो, भरणी, आद्र्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, उत्तराषाढ़ा, अभिजित एवं श्रवण नक्षत्र श्रेष्ठ माने जाते हैं। परन्तु जातक की राशि से ग्रह गणना का विचार करना परम आवश्यक होता है। यह हैं नाग पंचमी पूजा विधि नाग पंचमी  के दिन घर के सभी दरवाजों पर खड़िया (पाण्डु/सफेदे) से छोटी-छोटी चौकोर जगह की पुताई की जाती है और कोयले को दूध में घिसकर मुख्‍यत दरवारों बाहर दोनों तरफ, मंदिर के दरवाजे पर और पूजा घर  में नाग देवता के चिन्ह (फोटो) बनाये जाते हैं, आज-कल यह फोटो बाजारों में मिलते हैं, जिन्‍हें आप इस्‍तेमाल कर सकते हैं। नागों की पूजा गाय का दूध और धान की लावा  से की जाती हैं और इस दिन नागों को दूध पिलाने की परंपरा है। जिसके लिये खेतों में या किसी ऐसे स्‍थान पर जहॉ सर्प होने की संभावना हो वहॉ एक कटोरी में दूध और धान की लावा रखा जाता है।  ऐसे करें नागपंचमी की पूजन सबसे पहले प्रात: घर की सफाई कर स्नान कर लें। इसके बाद प्रसाद के लिए सेवई और चावल बना लें। इसके बाद एक लकड़ी के तख्त पर नया कपड़ा बिछाकर उस पर नागदेवता की मूर्ति या तस्वीर रख दें। फिर जल, सुगंधित फूल, चंदन से अर्ध्य दें।  नाग प्रतिमा का दूध, दही, घृ्त, मधु ओर शर्कर का पंचामृ्त बनाकर स्नान कराएं।  प्रतिमा पर चंदन, गंध से युक्त जल अर्पित करें।  नये वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, हरिद्रा, चूर्ण, कुमकुम, सिंदूर, बेलपत्र, आभूषण और पुष्प माला, सौभाग्य द्र्व्य, धूप दीप, नैवेद्ध, ऋतु फल, तांबूल चढ़ाएं…आरती करें… अगर काल सर्पदोष है तो इस मंत्र का जाप करें: ”ऊँ कुरुकुल्ये हुं फट स्वाहा” ऐसे करें कालसर्प पूजन… प्रातःकाल स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजा के स्थान पर कुश का आसन स्थापित करके सर्व प्रथम हाथ में जल लेकर अपने ऊपर व पूजन सामग्री पर छिड़कें, फिर संकल्प लेकर कि मैं कालसर्प दोष शांति हेतु यह पूजा कर रहा हूं। अतः मेरे सभी कष्टों का निवारण कर मुझे कालसर्प दोष से मुक्त करें। तत्पश्चात् अपने सामने चौकी पर एक कलश स्थापित कर पूजा आरम्भ करें। कलश पर एक पात्र में सर्प-सर्पनी का यंत्र एवं कालसर्प यंत्र स्थापित करें। साथ ही कलश पर तीन तांबे के सिक्के एवं तीन कौड़ियां सर्प-सर्पनी के जोड़े के साथ रखें, उस पर केसर का तिलक लगायें, अक्षत चढ़ायें, पुष्प चढ़ायें तथा काले तिल, चावल व उड़द को पकाकर शक्कर मिश्रित कर उसका भोग लगायें, फिर घी का दीपक जला कर निम्न मंत्र का उच्चारण करें… ऊं नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथिवीमनु। ये अंतरिक्षे ये दिवितेभ्यः सर्पेभ्यो नमः स्वाहा।। राहु का मंत्र – ऊं भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः। इसके बाद सर्वप्रथम गणपति जी का  पूजन करें, नवग्रह पूजन करें, कलश पर रखी समस्त नाग-नागिन की प्रतिमा का पूजन करें व रूद्राक्ष माला से उपरोक्त कालसर्प शांति मंत्र अथवा राहू के मंत्र का उच्चारण एक माला जाप करें। उसके पश्चात् कलश में रखा जल शिवलिंग पर किसी मंदिर में चढ़ा दें। प्रसाद नंदी (बैल) को खिला दें, दान-दक्षिणा व नये वस्त्र ब्राह्मणों को दान करें। कालसर्प दोेष वाले जातक को इस दिन व्रत अवश्य करना चाहिए। तांत्रिक आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि अग्नि पुराण में लगभग 80 प्रकार के नाग कुलों का वर्णन मिलता है, जिसमें अनन्त, वासुकी, पदम, महापध, तक्षक, कुलिक, कर्कोटक और शंखपाल यह प्रमुख माने गये हैं।  स्कन्दपुराण, भविष्यपुराण तथा कर्मपुराण में भी इनका उल्लेख मिलता है। जानिए क्यों करवाएं नागपंचमी पर पूजन… यदि आपकी कुंडली में कालसर्प  योग (दोष), अंगारक दोष/यिग, या चाण्डाल दोष एवम ग्रहण दोष अथवा पित्र दोष है और उसके कारण आपके जीवन में (कई कामों में) विघ्न पड़ रहा है तो परेशान न हों।  नाग पंचमी का दिन कालसर्प योग(दोष), अंगारक दौड़, पितृदोष एवम ग्रहण दोष तथा चाण्डाल दोष जैसे दोषों की शांति के लिए बेहद फलदायी होता है। तांत्रिक आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि राहू के जन्म नक्षत्र ‘भरणी’ के देवता काल हैं एवं केतु के जन्म नक्षत्र ‘अश्लेषा’ के देवता सर्प हैं। अतः राहू-केतु के जन्म नक्षत्र देवताओं के नामों को जोड़कर “कालसर्प योग” कहा जाता है। राशि चक्र में 12 राशियां हैं, जन्म पत्रिका में 12 भाव हैं एवं 12 लग्न हैं। इस तरह कुल 144+144 = 288 कालसर्प … Read more

बोधगया : नदी तटीय मार्ग पर अमवां गांव के पास कांवरियों से भरा एक कमांडर जीप अनियंत्रित होकर पलटा, एक की मौत

बोधगया में भगवान बुद्ध के दर्शन के लिए आ रहे कांवरियों से भरा एक कमांडर जीप अनियंत्रित होकर पलट गया। जिसमें सिवान जिले के एक कांवरिया जितेन्द्र सिंह उम्र करीब 42 वर्ष की मौत हो गयी। वहीं छह कांवरिया घायल हो गए। गाड़ी पर 15 कांवरिया सवार थे। घटना गया-बोधगया नदी तटीय मार्ग पर अमवां गांव के समीप  घटित हुई। पुलिस व एम्बुलेंस पहुंचने में थोड़ा विलंब होने पर स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए और सड़क को जामकर कर आगजनी की। कांवरियों का यह ग्रुप सिवान जिले के एनएच नगर हसनपुरा थाना अंतर्गत सैदपुरा गांव के रहने वाले हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गया से बोधगया की दिशा में तेजगति में आ रहे अनियंत्रित कमांडर जीप अमवां ब्रेकर के पास अचानक सड़क किनारे पलट गया। ड्राइवर का नियंत्रण बिगड़ने के कारण यह हादसा हुआ। जिसमें जीप के नीचे दब जाने एक कांवरिया की मौत हो गयी और छह कांवरिया घायल हो गए। घटना की सूचना मिलते ही बोधगया थानाध्यक्ष रूपेश कुमार सिन्हा दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और आक्रोशित लोगों को समझाबुझाकर शांत कराया। सीएचसी से एम्बुलेंस के पहुंचते ही सभी छह घायलों इलाज के लिए मगध मेडिकल अस्पताल भेजा गया। ये सभी कांवरिया नालंदा व राजगीर से घूमकर बोधगया आ रहे थे। घायलों में नीतीश कुमार, तेजप्रताप, अनुज सिंह, नीरज सिंह, योगेंद्र सिंह व रामपुकार प्रजापति शामिल हैं। वहीं कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद मृतक जितेन्द्र सिंह शव को पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल अस्पताल भेजा गया। थानाध्यक्ष रूपेश कुमार सिन्हा बताया कि पोस्टमार्टम के बाद मृतक के शव को परिजनों को सौंप दिया गया है।  

राष्ट्रपति पद की द्रौपदी मुर्मू ने ली शपथ, कहा : आज मैं खुद को भारत का नेतृत्व करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रही हूं

शपथ ग्रहण समारोह के मौके पर द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ‘आज मैं खुद को भारत का नेतृत्व करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। मैं आज देश की महिलाओं और युवाओं को याद दिलाती हूं कि मेरे लिए उनके हित सर्वोपरि हैं। मेरे सामने राष्ट्रपति पद की ऐसी महान विरासत है, जिसने दुनिया में भारत के लोकतंत्र की प्रतिष्ठा को मजबूत किया है। संविधान के आलोक में मैं पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्य का निर्वहन करूंगी। मेरे लिए लोकतांत्रिक आदर्श और समस्त देशवासी ऊर्जा का स्रोत रहेंगे।’ उन्होंने इस दौरान कारगिल विजय दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं भी दीं। बता दे कि द्रौपदी मुर्मू ने देश की पहली महिला आदिवासी के तौर पर राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली है। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने उन्हें शपथ दिलवाई। इस दौरान द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि मेरे लिए महिलाओं के हित सर्वोपरि होंगे। इसके साथ ही दलितों, पिछड़ों और गरीबों के हितों के लिए भी काम करने की बात कही। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की शक्ति ने मुझे यहां तक पहुंचाया। देश के गरीब आदिवासी, दलित और पिछड़े मुझमें अपना प्रतिबिंब देख सकते हैं। मेरे इस निर्वाचन में पुरानी लीक से हटकर आज के दौर में आगे बढ़ने वाले युवाओं का भी योगदान शामिल हैं। द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मैं देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हूँ जिसका जन्म आज़ाद भारत में हुआ है।

24 जुलाई को यानि आज रेलवे ने 221 ट्रेनों को किया रद्द, चेक करे स्टेटस

आईआरसीटीसी की वेबसाइट के अनुसार, कैंसिल की गई ट्रेनों की लिस्ट में देश भर के कई शहरों से चलने वाली ट्रेनें शामिल हैं। जो यात्री आज यात्रा कर रहे हैं वे रद्द की गई ट्रेनों की पूरी सूची national transporter’s official website पर देख सकते हैं। अगर आप यात्रा करने वाले हैं और आज आपकी ट्रेन है तो आपके लिए यह खबर काम की हो सकती है। दरअसल, भारतीय रेलवे ने रविवार 24 जुलाई को कई ट्रेनों को कैंसिल कर दिया है। आईआरसीटीसी की वेबसाइट के अनुसार, रविवार को कुल 221 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। बता दें कि देश के कई हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। यही वजह है कि कैंसिल की गई ट्रेनों में ज्यादातर ट्रेनें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों की रद्द की गई है। ऐसे चेक करें ट्रेन का स्टेटस कैंसिल ट्रेनों की लिस्ट चेक करने के लिए आप enquiry.indianrail.gov.in/mntes/ की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं। यहां आपको दाईं तरफ में Exceptional Trains ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आपको Cancel Train List, Reschedule या फिर Divert ट्रेनों की लिस्ट पर क्लिक करके चेक कर सकते हैं। देखें, 24 जुलाई रविवार को रद्द की गई ट्रेनों की लिस्ट 00913 , 01539 , 01540 , 01605 , 01606 , 01607 , 01608 , 01609 , 01610 , 03035 , 03036 , 03058 , 03083 , 03085 , 03086 , 03087 , 03094 , 03095 , 03096 , 03097 , 03098 , 03502 , 03549 , 03657 , 03658 , 04129 , 04130 , 04181 , 04182 , 04183 , 04194 , 04601 , 04602 , 04647 , 04648 , 04685 , 04686 , 04699 , 04700 , 04883 , 05137 , 05169 , 05170 , 05334 , 05366 , 05445 , 05446 , 06429 , 06430 , 06846 , 06977 , 06980 , 07519 , 07906 , 07907 , 09071 , 09072 , 09108 , 09109 , 09110 , 09113 , 09483 , 09484 , 09501 , 09502 , 10101 , 10102 , 11027 , 11421 , 11422 , 12824 , 12929 , 12930 , 13033 , 14235 , 14893 , 15232 , 17267 , 17268 , 18109 , 18202 , 18258 , 19035 , 19036 , 19426 , 20972 , 22167 , 22620 , 22910 , 22929 , 22930 , 22959 , 22960 , 31411 , 31414 , 31617 , 31622 , 31711 , 31712 , 36033 , 36034 , 37211 , 37216 , 37246 , 37247 , 37253 , 37256 , 37305 , 37306 , 37307 , 37308 , 37312 , 37319 , 37327 , 37330 , 37335 , 37338 , 37343 , 37348 , 37411 , 37412 , 37415 , 37416 , 37611 , 37614 , 37657 , 37658 , 37741 , 37746 , 37782 , 37783 , 37785 , 37786 , 47105 , 47109 , 47110 , 47111 , 47112 , 47114 , 47116 , 47118 , 47120 , 47129 , 47132 , 47133 , 47135 , 47136 , 47137 , 47138 , 47139 , 47140 , 47150 , 47153 , 47164 , 47165 , 47166 , 47170 , 47176 , 47187 , 47189 , 47190 , 47191 , 47192 , 47195 , 47203 , 47210 , 47220, 66002, 66004, 66015, 66016, 66016, 93002.

जहानाबाद की अनीता शादी के 13 साल बाद दारोगा बन पेश की मिसाल

जहानाबाद की अनीता की सफलता की कहानी दिलचस्पी  है इसलिए क्योंकि शादी के 1-2 नहीं बल्कि 13 साल बाद उन्होंने दारोगा की वर्दी हासिल की है। बता दे कि  बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग ने दारोगा और सार्जेंट के लिए हुई परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है. इस परीक्षा में कुल 2213 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं, जिसमें दरोगा के लिए 1998 और सार्जेंट के 215 उम्मीदवार शामिल थे। दारोगा की परीक्षा में 742 और सार्जेंट में 84 महिलाएं सफल हुई है। उसी सफल अभ्यर्थियों में से एक जहानाबाद की अनीता भी है। अनीता के पति जहानाबाद के होरिलगंज मोहल्ला स्थित तंग गलियों में आटा चक्की की मशीन चलाते हैं। संतोष आटा चक्की के माध्यम से किसी तरह अपनी पत्नी और दो बच्चों का परिवार चला रहे थे लेकिन पत्नी को गृहस्थी में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। 13 साल पहले अनीता की शादी हुई थी और उसके बाद वो हाउस वाइफ बन गईं।  इस दौरान अनीता को दो बेटे भी हुए लेकिन शादी के बाद भी अनीता ने पढाई कायम रखी और बच्चों के जन्म के बाद उन्होंने नौकरी की तैयारी शुरू कर दी। इस दौरान उनके पति ने घर का जिम्मा संभाला.। अनीता ने पहले सिपाही की नौकरी हासिल की और अब उसी विभाग में दारोगा बन गईं। शनिवार को अनीता के  घर पहुचे बकवास न्यूज के टीम को अनीता ने बताया की कि शादी के 10 साल बाद उन्होंने कुछ करने की ठानी और पहले पुलिस ज्वाइन कर अपना दमखम दिखाया।  हौसलों को थोड़ा बल मिला और 2020 में जब दारोगा की वैकेंसी निकली तो उन्होंने ठान लिया कि अब यही नौकरी करनी है। रोहतास में आरक्षी के पद पर नौकरी करते हुए अनीता ने पहले पीटी फिर फिजिकल निकाला और फाइनली एसआई की नौकरी ले ली।रिजल्ट निकलने के बाद जब अनीता जहानाबाद पहुंचीं तो परिजनों ने माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर स्वागत किया। अनीता की सफलता ये संदेश देती है कि हर सफलता के पीछे आपकी सोच और विचार का बहुत बड़ा योगदान होता है। कोई भी काम करने से पूर्व यदि आपके मन में उत्साहहीनता या असफलता के भाव और विचार आते हैं तो निश्चित जानिए आप कभी सफल नहीं हो सकते है। ये दृढ़ संकल्प ही था कि शादी के 13 साल बाद दो बच्चों की मां ने वैसी नौकरी पाई जिसमें मानसिक के साथ शारीरिक रूप से मजबूत होना जरूरी है – अनीता, दारोगा, बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग 

बड़ी खबर : कांवड़ियों को बेकाबू डंपर ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में रौंदा, 6 श्रद्धालुओं की मौत

यूपी के हाथरस के पास एक बेकाबू डंपर ने कांवड़ियों को रौंद दिया। इस दुर्घटना में 6 कांवड़ियों की दर्दनाक मौत हो गई है। कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेकर ग्‍वालियर जा रहे थे। घटना में 2 लोग गम्‍भीर रूप से घायल थे। बताया जा रहा है कि 5 लोगों की मौत घटनास्‍थल पर ही हो गई थी। एक ने अस्‍पताल में दम तोड़ा। एक घायल का आगरा में इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि ये कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेकर मध्‍य प्रदेश के ग्‍वालियर जा रहे थे। पांच कांवड़िए 28 वर्षीय जबर सिंह पुत्र सुलतान सिंह, 30 वर्षीय रणवीर पुत्र अमर सिंह, 30 वर्षीय मनोज पाल पुत्र मोहन सिंह, 30 वर्षीय रमेश पाल पुत्र नाथूराम और नरेश पाल पुत्र रामनाथ की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि विकास पुत्र प्रभु दयाल और अभिषेक गंभीर रूप से घायल हो गए। इलाज के दौरान विकास ने भी दम तोड़ दिया।  पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। एडीजी आगरा का कहना है कि जल्द ही डंपर ड्राइव को पकड़ लिया जाएगा। हाथरस के सादाबाद थाना क्षेत्र के हाथरस-आगरा मार्ग पर बढ़ार चौराहे के पास यह दुर्घटना हुई। शुक्रवार और शनिवार की रात करीब ढाई बजे एक बेकाबू तेज रफ्तार डंपर ने कांवड़ियों के जत्‍थे को रौंद दिया। इस हादसे में 5 कांवड़ियों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि दो अन्‍य गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्‍हें इलाज के लिए सबसे पहले नजदीक के अस्‍पताल ले जाया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद आगरा मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया। बताया जा रहा है क‍ि घायलों में से भी एक की मौत हो गई । मिली जानकारी के अनुसार कांवड़ियों का ये जत्‍था ग्वालियर के थाना उटीला के अंतर्गत आने वाले गांव बागी खुर्द से हरिद्वार गया था। वहां गंगाजल लेकर जत्‍था वापस ग्‍वालियर लौट रहा था। हादसे की सूचना पर हाथरस के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए। सूचना पर एडीजी आगरा राजीव कृष्ण व डीआईजी अलीगढ़ सहित एसपी विकास कुमार वैदय मौके पर पहुंचे। घायलों को बचाने के लिए तत्‍काल राहत कार्य शुरू किया गया। मृतकों के परिवारीजनों को सूचना दी जा रही है।