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मऊ में आहर से बरामद शव की नहीं हो सकी पहचान

मऊ ओपी अंतर्गत महुअरी आहर से शनिवार को आज्ञात व्यक्ति का शव बरामद किया गया। शव की पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल भेज दिया है। मऊ ओपी अध्यक्ष रंजन चौधरी ने बताया कि आहर में शव देखने के बाद ग्रामीणों ने सूचना दी। मृतक व्यक्ति की उम्र करीब 35 वर्ष बतायी गई है। उसने हाफ पैंट और गंजी पहना हुआ था। दाहिने हाथ में राखी और एक लाल रंग का धागा बांध रखा था। पुलिस के अनुसार देखने से शव तीन-चार दिन पुराना लग रहा है और शव की स्थिति खराब होने लगी थी। पुलिस ने मृतक की फोटो और हुलिया विभिन्न माध्यमों से विभिन्न थाना क्षेत्रों में भेजकर शव की पहचान कराने का प्रयास में जुटी है। शनिवार की शाम तक शव की पहचान नहीं हो सकी थी। ओपी अध्यक्ष ने कहा कि पहचान का प्रयास जारी है। आस पास के थानों से मिसिंग रिपोर्ट भी मैच कर पहचान का प्रयास किया जा रहा है। अंदेशा जताया जा रहा कि शव पानी में बहकर कहीं दूसरे स्थान से यहां पहुंची होगी।

टिकारी में शिक्षकों ने दिया अल्टीमेटम, तालाबंदी की चेतावनी

प्रखंड के आदर्श मध्य विद्यालय में शनिवार को टिकारी टेट शिक्षक संघ की बैठक हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर एक सप्ताह में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की ओर से टीईटी शिक्षकों की लंबित मांगें पूरी नहीं हुई तो बीआरसी का घेराव कर तालाबंदी की जाएगी। इस बीच बैठक में राज्य संयोजक नितेश कुमार ने राज्य स्तर पर टीईटी शिक्षक की परेशानियों और संबंधित मुकदमों पर चर्चा की। वहीं, संगठन को मजबूती प्रदान करने की समस्त शिक्षकों से अपील की। इस मौके पर प्रखंड अध्यक्ष जितेंद्र कुमार ने प्रखंड में टीईटी शिक्षकों की काफी पुरानी लंबित मांगों से जिला कमेटी को अवगत कराया, जिसमें वेतन अंतर भुगतान, मातृत्व अवकाश, टीईटी शिक्षकों की सर्विस बुक का निष्पादन कराना शामिल है। बैठक में टीईटी शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार, कोषाध्यक्ष संतोष कुमार, प्रखंड उपाध्यक्ष सुबोध कुमार शांडिल्य, सत्येंद्र सिंह चंद्र, साधना कुमारी, सचिव मो. इरफान, उपसचिव पूजा अवस्थी, प्रवक्ता पवन कुमार मौजूद थे।

गया में आधी रात मेला क्षेत्र में घूमे डीएम, रोशनी सही करने को कहा

पितृपक्ष मेला क्षेत्र में डीएम डॉ. त्यागराजन ने व्यवस्था का आधी रात को जायजा लिया। मेला क्षेत्र में जहां कम रोशनी दिखी वहां मुकम्मल व्यवस्था का निर्देश दिया। मेला क्षेत्र में कहीं भी अंधेरा न रहे इसके लिए विभिन्न स्थलों, सड़कों का निरीक्षण किया गया। डीएम ने गया कॉलेज खेल परिसर को देखा। यहां कुछ स्थानों पर कम रोशनी पायी गई। खेल परिसर पार्किंग स्थल और मुख्य सड़क से खेल परिसर पहुंचने वाले रास्ते में रोशनी की व्यवस्था ठीक करने को कहा गया। इसके अलावा डीएम ने सभी पार्किंग स्थलों को समतल बनाने को कहा। जिससे वाहनों को सुगमता से पड़ाव कराया जा सके। निर्देश दिया गया कि टेंट पंडाल मजबूती से बनाएं। जिसमें पानी और शौचालय की व्यवस्था सही से हो। अधिकारियों ने पुलिस लाइन, शाहमीर तक्या, चांद चौरा होते हुए विष्णुपद देवघाट का जायजा लिया। देवघाट पर और अधिक संख्या में लाइट लगाने को कहा गया। रबर डैम के उपर स्टील ब्रिज पर लाइट और सीताकुंड जाने वाले रास्ते पर बैरिकेडिंग करायी जाएगी। मेला क्षेत्र से कचरा हटाने का निर्देश नगर आयुक्त को दिया गया।

निरंतर जलवायु परिवर्तन से कृषि स्थिरता हो रही है बाधित: कुलपति

दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के जीवन विज्ञान विभाग ने जलवायु परिवर्तन और सतत कृषि (सीसीएसए-2022) विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का उद्घाटन बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (बीएएसयू) के कुलपति प्रो. रामेश्वर सिंह, सीयूएसबी के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह और कुलसचिव कर्नल राजीव कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से किया। प्रो. केएन सिंह ने कहा कि निरंतर जलवायु परिवर्तन से कृषि स्थिरता बाधित हो रही है, ऐसे में खाद्य सुरक्षा के लिए वैज्ञानिक प्रयासों की भूमिका अहम हो जाती है। उन्होंने कृषि को नियमित पाठ्यक्रम के रूप में अध्ययन करने के महत्व को साझा करते हुए सीयूएसबी में कृषि और विकास स्कूल की स्थापना करने की मंशा जाहिर की। प्रो. रामेश्वर सिंह ने प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों में कृषि स्थिरता की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत में धारणीय कृषि के लिए कम अवधि और जलवायु अनुकूल फसलों के महत्व पर जोर दिया। स्कूल ऑफ अर्थ, बायोलॉजिकल एंड एनवायर्नमेंटल साइंसेज के डीन प्रो. प्रधान पार्थ सारथी ने जलवायु परिवर्तन पर बिहार राज्य कार्य योजना में सीयूएसबी की भूमिका के बारे में भी बताया। डॉ. राम प्रताप सिंह, प्रमुख, जीवन विज्ञान विभाग ने जलवायु परिवर्तन और कुक्कुट उत्पादन से संबंध में अपने विचार रखे। सहायक प्राध्यापक डॉ. गौतम कुमार, डॉ. राजेश कुमार रंजन, डॉ. किरण कुमारी सिंह ने भी जलवायु परिवर्तन के विभिन्न आयामों को साझा किया। मालूम हो कि जीवन विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. गौतम कुमार को भारत सरकार के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) के वैज्ञानिक सामाजिक जिम्मेदारी (एसएसआर) नीति के तहत वित्त पोषित परियोजना के अंतर्गत इस कार्यशाला को समर्थन दिया गया था।

फतेहपुर में बोलेरो व बाइक से तस्करी कर लाये जा रहे 1000 लीटर महुआ शराब बरामद

फतेहपुर थाना क्षेत्र सिदरिया गांव के पास जंगली रास्ते से पुलिस ने 1000 लीटर महुआ निर्मित शराब बरामद की है। साथ ही मौके से शराब के धंधा में प्रयुक्त एक बोलेरो और दो बाइक भी जब्त की है। हालांकि तस्कर भागने में सफल रहे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि झारखंड इलाके से गोपीमोड़ के रास्ते सिदरिया होते हुए चार पहिया और दो पहिया वाहन से भारी मात्रा में शराब की तस्करी कर लाये जाने की गुप्त सूचना मिली थी। सूचना पर प्रभारी थानाध्यक्ष श्याम सुंदर पासवान और एएसआई सुशील कुमार सिंह पुलिस बल के साथ थाना क्षेत्र के सिदरिया गांव के पास जंगल के रास्ते में घेराबंदी कर एक बोलेरो और दो बाइक को पकड़ा। वाहनों की जांच करने पर बोलेरो पर लदे बोरों में पॉलीथिन में पैक रहे 800 लीटर तथा दोनों बाइकों पर बंधे बोरों से पॉलिथीन में बंद 200 लीटर महुआ निर्मित शराब बरामद हुआ। इसके बाद शराब के साथ ही बोलेरो और दोनों बाइक को भी जब्त कर लिया गया। हालांकि तस्कर पुलिस देख वाहनों को छोड़कर भागने में सफल रहे। पुलिस उत्पाद अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

बांकेबाजार में शॉर्ट सर्किट से दुकान में लगी आग, सामान जलकर खाक

बांकेबाजार थाने के स्थानीय मुख्यबाजार में शनिवार दोपहर एक कपड़ा दुकान में आग लग गई। अगलगी की इस घटना में हजारों रुपए की संपत्ति जल गयी। आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। दुकान में आग तब लगी जब दुकान बंद थी। अगलगी की सूचना स्थानीय ग्रामीणों ने दुकान मालिक को दी। पीड़ित दुकान मालिक पननियां गांव के रहनेवाले पुलकित कुमार घटना की सूचना पर दुकान पहुंचे। वहां पर मौजूद ग्रामीणों के सहयोग से आपको किसी तरह बुझाया गया। तब तक दुकान में रखा सारा सामान जलकर खाक हो गया। दुकान मालिक पुलकित कुमार ने बताया कि करीब एक माह से कपड़ा दुकान बंद था। दुकान में सोलर प्लेट से बैटरी का तार जुड़ा था। संभावना है शार्ट सर्किट से ही दुकान में आग लगी है। स्थानीय ग्रामीण विनय अग्रवाल, विशाल कुमार आदि ने पीड़ित दुकान मालिक को शासन से उचित मुआवजा देने की मांग की है। इधर, दुकान मालिक ने करीब 50 हजार रुपए से अधिक की संपत्ति अगलगी की घटना में नुकसान होने का दावा किया है।

बोधगया में बौद्ध मठ से चार क्विंटल के घंटा की हुई चोरी

बोधगया के मस्तीपुर में स्थित खुवा बूंचुम ताई टेंपल स्तूप के नजदीक लगे चार क्विंटल के पित्तल के घंटा को शुक्रवार की अज्ञात चोरों ने चोरी कर ली। शनिवार की सुबह जब बौद्ध मठ रहने वाले भिक्षु कमरे से बाहर परिसर में ही टहलने निकले तो देखा कि घंटा गायब है। दोनों पिलर को क्षतिग्रस्त कर घंटा को उसमें से निकाला गया है। साथ ही चोरों ने बौद्ध मठ के मुख्य द्वार पर लगे सीसीटीवी कैमरे के वायर को भी काट दिया। ताकि उसकी करतूत कैमरे में कैद नहीं हो सके। हालांकि बौद्ध मठ प्रबंधन द्वारा चोरी की घटना की जानकारी बोधगया थाना की पुलिस को दी गयी। बौद्ध मठ के सचिव विनय भंते ने बताया कि देखने से प्रतीत होता है कि चोर चहारदीवारी के तरफ से कूदकर अंदर घुसा है और चोरी की घटना को अंजाम दिया है। चोरों की संख्या भी पांच-छह से अधिक की रही होगी। तभी वो लोग मंदिर के अंदर से चार क्विंटल का वजनदार घंटा को चारदीवारी से के ऊपर से ही निकालकर किसी गाड़ी से ले गया होगा। चोरी गया घंटा का अनुमानित कीमत लगभग ढाई लाख रुपये आंकी गयी है। सूचना के बाद बोधगया थाना की पुलिस ने बौद्ध मठ पहुंचकर घटना की छानबीन की। बोधगया थानाध्यक्ष रूपेश कुमार सिन्हा ने बताया कि लिखित शिकायत के आधार पर पुलिस घटना की छानबीन में जुटी है।

नागदेवता की आराधना से विश्व को मिलेगी शांति और धन की होगी बारिश – तांत्रिक आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी

हम सभी जानते हैं नाग पंचमी  का त्‍यौहार सावन (श्रावण) के महीने  में आता है। प्रचलित हिंदु मान्‍यता के अनुसार पृथ्वी शेषनाग के फन पर टिकी है और भगवान शिव जी भी सर्प माला को पहने रहते हैं इसलिये सर्प को देवता के रूप में पूजा जाता है। भारत में नागों की पूजा करने का एक वैज्ञानिक कारण भी है, खेतों में फसलों को नुकसान पहुॅचानें वाले चूहे आदि जीवों का सर्प नष्‍ट कर देता है, जिससे किसानों की फसल सुरक्षित रहती है। एक कहानी केे अनुसार एक सर्प ने भाई बनकर अपनी बहन की सुरक्षा की थी और भाई का फर्ज निभाया था, इसलिये इस दिन महिलायें नागों को दूध पिलाती हैं और उसमें प्रार्थना करती हैं उनकी और उनके परिवार की सुुरक्षा करें। सर्प ही धन की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं और इन्हें गुप्त, छुपे और गड़े धन की रक्षा करने वाला माना जाता है. नाग, मां लक्ष्मी की रक्षा करते हैं । जो हमारे धन की रक्षा में हमेशा तत्पर रहते हैं इसलिए धन-संपदा व समृद्धि की प्राप्ति के लिए नाग पंचमी मनाई जाती है। इस दिन श्रीया, नाग और ब्रह्म अर्थात शिवलिंग स्वरुप की आराधना से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है और साधक को धनलक्ष्मी का आशिर्वाद मिलता है । हर साल सावन के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नागपंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस बार 02 अगस्त 2022 को देशभर में नागपंचमी मनाई जाएगी. इस दिन नाग देवता के 12 स्वरूपों की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि नाग देवता की पूजा करने और रुद्राभिषेक करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं और मनचाहा वरदान देते हैं।  मान्यता यह भी है कि इस दिन सर्पों की पूजा करने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं। प्राचीन धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, अगर किसी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष हो तो उसे नागपंचमी के दिन भगवान शिव और नागदेवता की पूजा करनी चाहिए। कालसर्प योग यज्ञ का आरम्भ या समाप्ति पंचमी, अष्टमी, दशमी या चुतुर्दशी तिथिवार चाहें जो भी हो, भरणी, आद्र्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, उत्तराषाढ़ा, अभिजित एवं श्रवण नक्षत्र श्रेष्ठ माने जाते हैं। परन्तु जातक की राशि से ग्रह गणना का विचार करना परम आवश्यक होता है। यह हैं नाग पंचमी पूजा विधि नाग पंचमी  के दिन घर के सभी दरवाजों पर खड़िया (पाण्डु/सफेदे) से छोटी-छोटी चौकोर जगह की पुताई की जाती है और कोयले को दूध में घिसकर मुख्‍यत दरवारों बाहर दोनों तरफ, मंदिर के दरवाजे पर और पूजा घर  में नाग देवता के चिन्ह (फोटो) बनाये जाते हैं, आज-कल यह फोटो बाजारों में मिलते हैं, जिन्‍हें आप इस्‍तेमाल कर सकते हैं। नागों की पूजा गाय का दूध और धान की लावा  से की जाती हैं और इस दिन नागों को दूध पिलाने की परंपरा है। जिसके लिये खेतों में या किसी ऐसे स्‍थान पर जहॉ सर्प होने की संभावना हो वहॉ एक कटोरी में दूध और धान की लावा रखा जाता है।  ऐसे करें नागपंचमी की पूजन सबसे पहले प्रात: घर की सफाई कर स्नान कर लें। इसके बाद प्रसाद के लिए सेवई और चावल बना लें। इसके बाद एक लकड़ी के तख्त पर नया कपड़ा बिछाकर उस पर नागदेवता की मूर्ति या तस्वीर रख दें। फिर जल, सुगंधित फूल, चंदन से अर्ध्य दें।  नाग प्रतिमा का दूध, दही, घृ्त, मधु ओर शर्कर का पंचामृ्त बनाकर स्नान कराएं।  प्रतिमा पर चंदन, गंध से युक्त जल अर्पित करें।  नये वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, हरिद्रा, चूर्ण, कुमकुम, सिंदूर, बेलपत्र, आभूषण और पुष्प माला, सौभाग्य द्र्व्य, धूप दीप, नैवेद्ध, ऋतु फल, तांबूल चढ़ाएं…आरती करें… अगर काल सर्पदोष है तो इस मंत्र का जाप करें: ”ऊँ कुरुकुल्ये हुं फट स्वाहा” ऐसे करें कालसर्प पूजन… प्रातःकाल स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजा के स्थान पर कुश का आसन स्थापित करके सर्व प्रथम हाथ में जल लेकर अपने ऊपर व पूजन सामग्री पर छिड़कें, फिर संकल्प लेकर कि मैं कालसर्प दोष शांति हेतु यह पूजा कर रहा हूं। अतः मेरे सभी कष्टों का निवारण कर मुझे कालसर्प दोष से मुक्त करें। तत्पश्चात् अपने सामने चौकी पर एक कलश स्थापित कर पूजा आरम्भ करें। कलश पर एक पात्र में सर्प-सर्पनी का यंत्र एवं कालसर्प यंत्र स्थापित करें। साथ ही कलश पर तीन तांबे के सिक्के एवं तीन कौड़ियां सर्प-सर्पनी के जोड़े के साथ रखें, उस पर केसर का तिलक लगायें, अक्षत चढ़ायें, पुष्प चढ़ायें तथा काले तिल, चावल व उड़द को पकाकर शक्कर मिश्रित कर उसका भोग लगायें, फिर घी का दीपक जला कर निम्न मंत्र का उच्चारण करें… ऊं नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथिवीमनु। ये अंतरिक्षे ये दिवितेभ्यः सर्पेभ्यो नमः स्वाहा।। राहु का मंत्र – ऊं भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः। इसके बाद सर्वप्रथम गणपति जी का  पूजन करें, नवग्रह पूजन करें, कलश पर रखी समस्त नाग-नागिन की प्रतिमा का पूजन करें व रूद्राक्ष माला से उपरोक्त कालसर्प शांति मंत्र अथवा राहू के मंत्र का उच्चारण एक माला जाप करें। उसके पश्चात् कलश में रखा जल शिवलिंग पर किसी मंदिर में चढ़ा दें। प्रसाद नंदी (बैल) को खिला दें, दान-दक्षिणा व नये वस्त्र ब्राह्मणों को दान करें। कालसर्प दोेष वाले जातक को इस दिन व्रत अवश्य करना चाहिए। तांत्रिक आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि अग्नि पुराण में लगभग 80 प्रकार के नाग कुलों का वर्णन मिलता है, जिसमें अनन्त, वासुकी, पदम, महापध, तक्षक, कुलिक, कर्कोटक और शंखपाल यह प्रमुख माने गये हैं।  स्कन्दपुराण, भविष्यपुराण तथा कर्मपुराण में भी इनका उल्लेख मिलता है। जानिए क्यों करवाएं नागपंचमी पर पूजन… यदि आपकी कुंडली में कालसर्प  योग (दोष), अंगारक दोष/यिग, या चाण्डाल दोष एवम ग्रहण दोष अथवा पित्र दोष है और उसके कारण आपके जीवन में (कई कामों में) विघ्न पड़ रहा है तो परेशान न हों।  नाग पंचमी का दिन कालसर्प योग(दोष), अंगारक दौड़, पितृदोष एवम ग्रहण दोष तथा चाण्डाल दोष जैसे दोषों की शांति के लिए बेहद फलदायी होता है। तांत्रिक आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि राहू के जन्म नक्षत्र ‘भरणी’ के देवता काल हैं एवं केतु के जन्म नक्षत्र ‘अश्लेषा’ के देवता सर्प हैं। अतः राहू-केतु के जन्म नक्षत्र देवताओं के नामों को जोड़कर “कालसर्प योग” कहा जाता है। राशि चक्र में 12 राशियां हैं, जन्म पत्रिका में 12 भाव हैं एवं 12 लग्न हैं। इस तरह कुल 144+144 = 288 कालसर्प … Read more

बोधगया : नदी तटीय मार्ग पर अमवां गांव के पास कांवरियों से भरा एक कमांडर जीप अनियंत्रित होकर पलटा, एक की मौत

बोधगया में भगवान बुद्ध के दर्शन के लिए आ रहे कांवरियों से भरा एक कमांडर जीप अनियंत्रित होकर पलट गया। जिसमें सिवान जिले के एक कांवरिया जितेन्द्र सिंह उम्र करीब 42 वर्ष की मौत हो गयी। वहीं छह कांवरिया घायल हो गए। गाड़ी पर 15 कांवरिया सवार थे। घटना गया-बोधगया नदी तटीय मार्ग पर अमवां गांव के समीप  घटित हुई। पुलिस व एम्बुलेंस पहुंचने में थोड़ा विलंब होने पर स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए और सड़क को जामकर कर आगजनी की। कांवरियों का यह ग्रुप सिवान जिले के एनएच नगर हसनपुरा थाना अंतर्गत सैदपुरा गांव के रहने वाले हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गया से बोधगया की दिशा में तेजगति में आ रहे अनियंत्रित कमांडर जीप अमवां ब्रेकर के पास अचानक सड़क किनारे पलट गया। ड्राइवर का नियंत्रण बिगड़ने के कारण यह हादसा हुआ। जिसमें जीप के नीचे दब जाने एक कांवरिया की मौत हो गयी और छह कांवरिया घायल हो गए। घटना की सूचना मिलते ही बोधगया थानाध्यक्ष रूपेश कुमार सिन्हा दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और आक्रोशित लोगों को समझाबुझाकर शांत कराया। सीएचसी से एम्बुलेंस के पहुंचते ही सभी छह घायलों इलाज के लिए मगध मेडिकल अस्पताल भेजा गया। ये सभी कांवरिया नालंदा व राजगीर से घूमकर बोधगया आ रहे थे। घायलों में नीतीश कुमार, तेजप्रताप, अनुज सिंह, नीरज सिंह, योगेंद्र सिंह व रामपुकार प्रजापति शामिल हैं। वहीं कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद मृतक जितेन्द्र सिंह शव को पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल अस्पताल भेजा गया। थानाध्यक्ष रूपेश कुमार सिन्हा बताया कि पोस्टमार्टम के बाद मृतक के शव को परिजनों को सौंप दिया गया है।  

राष्ट्रपति पद की द्रौपदी मुर्मू ने ली शपथ, कहा : आज मैं खुद को भारत का नेतृत्व करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रही हूं

शपथ ग्रहण समारोह के मौके पर द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ‘आज मैं खुद को भारत का नेतृत्व करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। मैं आज देश की महिलाओं और युवाओं को याद दिलाती हूं कि मेरे लिए उनके हित सर्वोपरि हैं। मेरे सामने राष्ट्रपति पद की ऐसी महान विरासत है, जिसने दुनिया में भारत के लोकतंत्र की प्रतिष्ठा को मजबूत किया है। संविधान के आलोक में मैं पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्य का निर्वहन करूंगी। मेरे लिए लोकतांत्रिक आदर्श और समस्त देशवासी ऊर्जा का स्रोत रहेंगे।’ उन्होंने इस दौरान कारगिल विजय दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं भी दीं। बता दे कि द्रौपदी मुर्मू ने देश की पहली महिला आदिवासी के तौर पर राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली है। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने उन्हें शपथ दिलवाई। इस दौरान द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि मेरे लिए महिलाओं के हित सर्वोपरि होंगे। इसके साथ ही दलितों, पिछड़ों और गरीबों के हितों के लिए भी काम करने की बात कही। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की शक्ति ने मुझे यहां तक पहुंचाया। देश के गरीब आदिवासी, दलित और पिछड़े मुझमें अपना प्रतिबिंब देख सकते हैं। मेरे इस निर्वाचन में पुरानी लीक से हटकर आज के दौर में आगे बढ़ने वाले युवाओं का भी योगदान शामिल हैं। द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मैं देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हूँ जिसका जन्म आज़ाद भारत में हुआ है।