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कुख्यात मुख्तार अंसारी के 2 साले ने कोर्ट में किया सरेंडर, भेजा गया जेल

गाजीपुर। मुख्तार अंसारी के दोनों साले सरजील रजा उर्फ आतिफ व अनवर शहजाद ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शरद कुमार चौधरी की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है। कोर्ट ने इनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करते हुए न्यायिक अभिरक्षा में दोनों को जेल भेज दिया। नंदगंज क्षेत्र में सरकारी भूमि पर दोनों ने न सिर्फ कब्जा किया था, बल्कि उसपर निर्माण भी किया था। मामले में इनके खिलाफ आरोप तय होने के बाद से ही पुलिस इनकी सरगर्मी से तलाश कर रही थी। मुख्तार अंसारी और उसके रिश्तेदारों की मुश्किलें अब और बढ़ने वाली है। इसी डर से उसके दोनों सालों ने कोर्ट में आत्मसर्मण किया। आतिफ ने 31 अगस्त और अनवर ने 1 सितंबर को आत्मंसर्मण किया था। प्रशासन आतिफ और अनवर की भी कई संपत्ति कुर्क कर चुका है। नंदगंज के फतेहउल्लाहपुर में गोदाम बनाया था। यहां पहुंचने के लिए दोनों ने मिलकर न सिर्फ सरकारी ताल पर कब्जा जमा लिया, बल्कि ताल को पाटकर गोदाम तक आने-जाने के लिए रास्ते का निर्माण करा दिया। इसी मामले में इनके खिलाफ आरोप तय हुआ था। हालांकि प्रशासन ताल को कब्जा से मुक्त कराने के साथ ही गोदाम को भी कुर्क कर चुका है। पुलिस अधीक्षक रोहन पी. बोत्रे ने बताया कि नंदगंज के मामले में दाेनों ने आत्मसमर्पण किया है। पुलिस व प्रशासन की टीम इनकी और संपत्ति को भी चिह्नित करने का काम कर रही है। जिसे गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क करने की कार्रवाई की जाएगी। बताया कि माफिया के अवैध तरीके से अर्जित की संपत्ति के खिलाफ प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की जा रही है।

कवच प्रणाली से जुड़ेगा डीडीयू-गया-प्रधान खांटा रेल सेक्शन

पूर्व मध्य रेल की ओर से मिशन रफ्तार के तहत कवच प्रणाली पर काम शुरू कर दी गई है। 208 करोड़ रुपए की लागत से डीडीयू-गया- प्रधानखांटा तक ट्रेनों के संचलन में संरक्षा को बढ़ावा देने व क्षमता में वृद्धि के लिए स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली ‘‘कवच‘‘ लाया जा रहा है। चार चरणों में पूरी होने वाली इस परियोजना के प्रथम चरण मे सोननगर से गया का कार्य प्रारंभ होगा। इस पूरी परियोजना को वर्ष 2024 के अंत तक पूरा कर लेने का लक्ष्य है। होमन्यूज़ ब्रीफफोटोवीडियोदेशराज्यक्रिकेटमनोरंजनकरियरविदेशधर्मबिजनेसगैजेट्सऑटोलाइफस्टाइल आपके लिए खासवायरलखेलओपिनियनजोक्सक्राइम हिंदी न्यूज़बिहारगयाकवच प्रणाली से जुड़ेगा डीडीयू-गया-प्रधानखांटा रेल सेक्शन कवच प्रणाली से जुड़ेगा डीडीयू-गया-प्रधानखांटा रेल सेक्शन पूर्व मध्य रेल की ओर से मिशन रफ्तार के तहत कवच प्रणाली पर काम शुरू कर दी गई है। 208 करोड़ रुपए की लागत से डीडीयू-गया- प्रधानखांटा तक ट्रेनों के संचलन… Newswrapहिन्दुस्तान टीम,गयाSat, 03 Sep 2022 07:00 PM हमें फॉलो करें ऐप पर पढ़ें पूर्व मध्य रेल की ओर से मिशन रफ्तार के तहत कवच प्रणाली पर काम शुरू कर दी गई है। 208 करोड़ रुपए की लागत से डीडीयू-गया- प्रधानखांटा तक ट्रेनों के संचलन में संरक्षा को बढ़ावा देने व क्षमता में वृद्धि के लिए स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली ‘‘कवच‘‘ लाया जा रहा है। चार चरणों में पूरी होने वाली इस परियोजना के प्रथम चरण मे सोननगर से गया का कार्य प्रारंभ होगा। इस पूरी परियोजना को वर्ष 2024 के अंत तक पूरा कर लेने का लक्ष्य है। लगभग 417 किलोमीटर लंबे डीडीयू- गया-मानपुर-प्रधानखांटा रेलखंड भारतीय रेल के दिल्ली-हावड़ा रेलखंड के व्यस्तम मार्ग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह रेलखंड उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड राज्य से होकर गुजरता है। इस रेलखंड पर 08 जंक्शन स्टेशन सहित कुल 77 स्टेशन, 79 लेवल क्रॉसिंग गेट और 07 इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नल हैं । इस रेलखंड पर सभी प्रकार के मिश्रित यातायात यथा माल ढुलाई, मेल-एक्सप्रेस, पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन किया जाता है । वर्तमान में इस रेलखंड पर 100 से 130 किमी प्रति घंटा की गति स्वीकृत है तथा मिशन रफ्तार के तहत इसे बढ़ाकर 160 किमी प्रति घंटा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस संबंध में रेलवे ट्रैक के सुदृढ़ीकरण का कार्य भी तीव्रगति से जारी है। ‘कवच‘ एक टक्कर रोधी तकनीक है। यह प्रौद्योगिकी रेलवे को शून्य दुर्घटनाओं के अपने लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगी। यह प्रौद्योगिकी माइक्रो प्रोसेसर, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम और रेडियो संचार के माध्यमों से जुड़ा रहता है । यह तकनीक एक निश्चित दूरी के भीतर उसी ट्रैक पर दूसरी ट्रेन का पता लगाती है तो ट्रेन के इंजन में लगे उपकरण के माध्यम से निरंतर सचेत करते हुए स्वचालित ब्रेक लगाने में सक्षम है।

गया में मांग पूरा नहीं होने के विरोध में निगम कर्मियों ने सरकार का फूंका पुतला

11 सूत्री मांग को लेकर नगर निगम कर्मियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल शनिवार को भी जारी रहा। गया जल आपूर्ति शाखा एवं गया नगर निगम कर्मचारियों ने मांग पूरा नहीं होने के विरोध के शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व प्रधान सचिव आनंद किशोर का पुतला शहर भ्रमण कराते हुए मोक्ष धाम विष्णु नगरी में ले जाकर दहन किया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि सफाईकर्मी का वेतन बढ़ोतरी, अपनी सुरक्षा की गारंटी और निजीकरण के प्रयासों पर रोक लगाने आदि की मांग पर हड़ताल पर हैं। इन मुद्दों पर सरकार को विचार करना चाहिए। बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ व संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर हड़ताली कर्मचारियों ने नगर निगम स्टोर से जुलूस निकाला जो शहर के मुख्य मार्ग स्वराजपुरी, काशीनाथ मोड़, समाहरणालय, नगर निगम कार्यालय, कोइरी बारी, नादरागंज, चांद चौरा होते हुए विष्णुपद गया जहां उसे जलाया गया। इस दौरान सभा हुई। सभा को नेताओं ने संबोधित किया। गया शहर की स्थिति हुई नारकीय निगम कर्मियों के 27 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से शहर की स्थिति नारकीय हो गई है। कूड़े कचरे का उठाव पूरी तरह से ठप है। इसके कारण कचरे का ढेर पसरा हुआ है तथा गंदगी का आलम बना हुआ है। इसके कारण लोगो को काफी परेशान होना पड़ रहा है।

पितृपक्ष मेले को लेकर स्टेशन रोड की नौ दुकानों में छापेमारी

पितृपक्ष मेले में आने वाले पिंडदानियों को शुद्ध खाने-पीने की वस्तु उपलब्ध कराने को लेकर जिला प्रशासन की कार्रवाई चल रही है। लगातार दूसरे दिन शनिवार को खाद्य संरक्षा और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने स्टेशन रोड की नौ प्रतिष्ठानों में छापेमारी की। होटलों में खाने-पीने के सामान के साथ ही कीचेन की भी जांच की। गंदे कीचन की सफाई करने के साथ खाद्य पदार्थों को ढंक कर रखने को कहा। सभी कर्मियोन को मास्क, ग्लब्स व टोपी पहनकर काम करने का निर्देश दिया गया। जांच में नौ दुकानों से 12 तरह के सेम्पल लिए। सभी नमूनों की जांच करायी जाएगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। खाद्य संरक्षा पदाधिकारी मुकेश कश्यप ने बताया कि सिविल सर्जन रंजन कुमार सिंह व टीम के साथ शनिवार को स्टेशन रोड स्थित श्याम नंदन प्रसाद के गौतम होटल, शुद्ध मारवाड़ी भोजनालय में छापेमारी की गई। गंदा कीचेन देखकर अधिकारी भड़क उठे। यहां से दाल और मसाला के सेम्पल लिए गए। इसके बाद ओमकार नाथ गुप्ता के होटल गौरव में जांच की। यहां से आटा, मैदा और मिर्च पाउडर के नमूने लिए गए। नवीन कुमार गुप्ता के मे. आनंद भोजनालय से आटा नूडल्स और खोवा के सेम्पल, होटल मनीषा से एमडीएच मिट मसाला व पीपर, अमरनाथ सिंह के अमरनाथ भोजनालय, गोपाल प्रसाद के होटल क्लासिक, सोमनाथ गुप्ता के अन्नपूर्णा होटल, जितेंद्र कुमार विष्णु भोजनालय और आलोक कुमार आलोक भोजनालय की जांच की गई। टीम में खाद्य संरक्षा पदाधिकारी और सीएस के अलावा आपूर्ति निरीक्षक निलेश कुमार व मुकेश विश्वकर्मा आदि शामिल रहे। खाद्य संरक्षा पदाधिकारी मुकेश कश्यप ने बताया कि सभी नमूनों को जांच के लिए कोलकाता भेजा जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

मऊ में आहर से बरामद शव की नहीं हो सकी पहचान

मऊ ओपी अंतर्गत महुअरी आहर से शनिवार को आज्ञात व्यक्ति का शव बरामद किया गया। शव की पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल भेज दिया है। मऊ ओपी अध्यक्ष रंजन चौधरी ने बताया कि आहर में शव देखने के बाद ग्रामीणों ने सूचना दी। मृतक व्यक्ति की उम्र करीब 35 वर्ष बतायी गई है। उसने हाफ पैंट और गंजी पहना हुआ था। दाहिने हाथ में राखी और एक लाल रंग का धागा बांध रखा था। पुलिस के अनुसार देखने से शव तीन-चार दिन पुराना लग रहा है और शव की स्थिति खराब होने लगी थी। पुलिस ने मृतक की फोटो और हुलिया विभिन्न माध्यमों से विभिन्न थाना क्षेत्रों में भेजकर शव की पहचान कराने का प्रयास में जुटी है। शनिवार की शाम तक शव की पहचान नहीं हो सकी थी। ओपी अध्यक्ष ने कहा कि पहचान का प्रयास जारी है। आस पास के थानों से मिसिंग रिपोर्ट भी मैच कर पहचान का प्रयास किया जा रहा है। अंदेशा जताया जा रहा कि शव पानी में बहकर कहीं दूसरे स्थान से यहां पहुंची होगी।

टिकारी में शिक्षकों ने दिया अल्टीमेटम, तालाबंदी की चेतावनी

प्रखंड के आदर्श मध्य विद्यालय में शनिवार को टिकारी टेट शिक्षक संघ की बैठक हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर एक सप्ताह में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की ओर से टीईटी शिक्षकों की लंबित मांगें पूरी नहीं हुई तो बीआरसी का घेराव कर तालाबंदी की जाएगी। इस बीच बैठक में राज्य संयोजक नितेश कुमार ने राज्य स्तर पर टीईटी शिक्षक की परेशानियों और संबंधित मुकदमों पर चर्चा की। वहीं, संगठन को मजबूती प्रदान करने की समस्त शिक्षकों से अपील की। इस मौके पर प्रखंड अध्यक्ष जितेंद्र कुमार ने प्रखंड में टीईटी शिक्षकों की काफी पुरानी लंबित मांगों से जिला कमेटी को अवगत कराया, जिसमें वेतन अंतर भुगतान, मातृत्व अवकाश, टीईटी शिक्षकों की सर्विस बुक का निष्पादन कराना शामिल है। बैठक में टीईटी शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार, कोषाध्यक्ष संतोष कुमार, प्रखंड उपाध्यक्ष सुबोध कुमार शांडिल्य, सत्येंद्र सिंह चंद्र, साधना कुमारी, सचिव मो. इरफान, उपसचिव पूजा अवस्थी, प्रवक्ता पवन कुमार मौजूद थे।

गया में आधी रात मेला क्षेत्र में घूमे डीएम, रोशनी सही करने को कहा

पितृपक्ष मेला क्षेत्र में डीएम डॉ. त्यागराजन ने व्यवस्था का आधी रात को जायजा लिया। मेला क्षेत्र में जहां कम रोशनी दिखी वहां मुकम्मल व्यवस्था का निर्देश दिया। मेला क्षेत्र में कहीं भी अंधेरा न रहे इसके लिए विभिन्न स्थलों, सड़कों का निरीक्षण किया गया। डीएम ने गया कॉलेज खेल परिसर को देखा। यहां कुछ स्थानों पर कम रोशनी पायी गई। खेल परिसर पार्किंग स्थल और मुख्य सड़क से खेल परिसर पहुंचने वाले रास्ते में रोशनी की व्यवस्था ठीक करने को कहा गया। इसके अलावा डीएम ने सभी पार्किंग स्थलों को समतल बनाने को कहा। जिससे वाहनों को सुगमता से पड़ाव कराया जा सके। निर्देश दिया गया कि टेंट पंडाल मजबूती से बनाएं। जिसमें पानी और शौचालय की व्यवस्था सही से हो। अधिकारियों ने पुलिस लाइन, शाहमीर तक्या, चांद चौरा होते हुए विष्णुपद देवघाट का जायजा लिया। देवघाट पर और अधिक संख्या में लाइट लगाने को कहा गया। रबर डैम के उपर स्टील ब्रिज पर लाइट और सीताकुंड जाने वाले रास्ते पर बैरिकेडिंग करायी जाएगी। मेला क्षेत्र से कचरा हटाने का निर्देश नगर आयुक्त को दिया गया।

निरंतर जलवायु परिवर्तन से कृषि स्थिरता हो रही है बाधित: कुलपति

दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के जीवन विज्ञान विभाग ने जलवायु परिवर्तन और सतत कृषि (सीसीएसए-2022) विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का उद्घाटन बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (बीएएसयू) के कुलपति प्रो. रामेश्वर सिंह, सीयूएसबी के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह और कुलसचिव कर्नल राजीव कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से किया। प्रो. केएन सिंह ने कहा कि निरंतर जलवायु परिवर्तन से कृषि स्थिरता बाधित हो रही है, ऐसे में खाद्य सुरक्षा के लिए वैज्ञानिक प्रयासों की भूमिका अहम हो जाती है। उन्होंने कृषि को नियमित पाठ्यक्रम के रूप में अध्ययन करने के महत्व को साझा करते हुए सीयूएसबी में कृषि और विकास स्कूल की स्थापना करने की मंशा जाहिर की। प्रो. रामेश्वर सिंह ने प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों में कृषि स्थिरता की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत में धारणीय कृषि के लिए कम अवधि और जलवायु अनुकूल फसलों के महत्व पर जोर दिया। स्कूल ऑफ अर्थ, बायोलॉजिकल एंड एनवायर्नमेंटल साइंसेज के डीन प्रो. प्रधान पार्थ सारथी ने जलवायु परिवर्तन पर बिहार राज्य कार्य योजना में सीयूएसबी की भूमिका के बारे में भी बताया। डॉ. राम प्रताप सिंह, प्रमुख, जीवन विज्ञान विभाग ने जलवायु परिवर्तन और कुक्कुट उत्पादन से संबंध में अपने विचार रखे। सहायक प्राध्यापक डॉ. गौतम कुमार, डॉ. राजेश कुमार रंजन, डॉ. किरण कुमारी सिंह ने भी जलवायु परिवर्तन के विभिन्न आयामों को साझा किया। मालूम हो कि जीवन विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. गौतम कुमार को भारत सरकार के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) के वैज्ञानिक सामाजिक जिम्मेदारी (एसएसआर) नीति के तहत वित्त पोषित परियोजना के अंतर्गत इस कार्यशाला को समर्थन दिया गया था।

फतेहपुर में बोलेरो व बाइक से तस्करी कर लाये जा रहे 1000 लीटर महुआ शराब बरामद

फतेहपुर थाना क्षेत्र सिदरिया गांव के पास जंगली रास्ते से पुलिस ने 1000 लीटर महुआ निर्मित शराब बरामद की है। साथ ही मौके से शराब के धंधा में प्रयुक्त एक बोलेरो और दो बाइक भी जब्त की है। हालांकि तस्कर भागने में सफल रहे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि झारखंड इलाके से गोपीमोड़ के रास्ते सिदरिया होते हुए चार पहिया और दो पहिया वाहन से भारी मात्रा में शराब की तस्करी कर लाये जाने की गुप्त सूचना मिली थी। सूचना पर प्रभारी थानाध्यक्ष श्याम सुंदर पासवान और एएसआई सुशील कुमार सिंह पुलिस बल के साथ थाना क्षेत्र के सिदरिया गांव के पास जंगल के रास्ते में घेराबंदी कर एक बोलेरो और दो बाइक को पकड़ा। वाहनों की जांच करने पर बोलेरो पर लदे बोरों में पॉलीथिन में पैक रहे 800 लीटर तथा दोनों बाइकों पर बंधे बोरों से पॉलिथीन में बंद 200 लीटर महुआ निर्मित शराब बरामद हुआ। इसके बाद शराब के साथ ही बोलेरो और दोनों बाइक को भी जब्त कर लिया गया। हालांकि तस्कर पुलिस देख वाहनों को छोड़कर भागने में सफल रहे। पुलिस उत्पाद अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

सीयूएसबी: तीन प्राध्यापकों की होगी नियुक्ति, मिलेगा 1.15 लाख वेतन

दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) में डॉ. अंबेडकर सेंटर फॉर एक्सीलेंस (डीएसीई) के तहत संचालित होने वाले निशुल्क सिविल सर्विसेज कोचिंग के लिए प्रोफेसरों की नियुक्ति होगी। अकादमिक रूप से कुशल, यूपीएससी-सिविल सेवा कोचिंग का अनुभव के साथ योग्य उम्मीदवार 10 सितम्बर 2022 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। कोचिंग के लिए कुल तीन प्राध्यापकों के लिए संविदा के आधार पर आवेदन आमंत्रित किया गया है, जिसमें सामाजिक विज्ञान से दो संकाय सदस्यों और विज्ञान पृष्ठभूमि से एक संकाय सदस्य की आवश्यकता है। प्राध्यापकों की नियुक्ति अस्थाई/सह-टर्मिनस आधार पर की जाएगी तथा मासिक वेतन 1,15,000/ रुपए दिए जायेंगे। प्रदर्शन के आधार पर संकाय सदस्यों का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट पर www.cusb.ac.in/dace योग्यता तथा नियुक्ति संबंधी जानकारी को प्राप्त कर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। संकाय सदस्य के लिए आवश्यक योग्यताएं सामाजिक विज्ञान के संकाय सदस्य के लिए आवश्यक योग्यताएं यथा- भूगोल में मास्टर डिग्री (विशेषज्ञता: भारतीय भूगोल, विश्व भूगोल) या इतिहास में मास्टर डिग्री (प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक भारतीय इतिहास के साथ विशेषज्ञता) या राजनीति विज्ञान और संबद्ध विषयों में मास्टर डिग्री / लोक प्रशासन में मास्टर डिग्री या भारतीय अर्थशास्त्र में विशेषज्ञता के साथ अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री होनी चाहिए। इसी तरह विज्ञान से संकाय सदस्य के लिए आवश्यक योग्यताएं यथा- विज्ञान के किसी भी क्षेत्र में मास्टर डिग्री (भौतिकी, रसायन विज्ञान, प्राणी विज्ञान, वनस्पति विज्ञान/ जीव विज्ञान, गणित/ पर्यावरण विज्ञान) या विज्ञान में कोई अन्य प्रासंगिक क्षेत्र)। इसके अलावा सिविल सेवा मेंस की लिखित परीक्षा में सम्मिलित हुआ हो। विशेषज्ञता के प्रासंगिक क्षेत्र में तीन साल का शिक्षण अनुभव, सिविल सेवा परीक्षा के साक्षात्कार में उपस्थित हुए, पीएच.डी. प्रासंगिक विषय में, सामान्य अध्ययन और सामान्य पढ़ाने का अनुभवज्ञान/सिविल सेवा योग्यता परीक्षा (सीएसएटी) और उम्र 65 वर्ष से कम उच्च प्रतिष्ठित प्रकाशनों के साथ अनुसंधान का अनुभव होना चाहिए।