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विश्व व्यावसायिक  चिकित्सा दिवस पर पश्चिम बंगाल और बिहार में चलाया गया जागरूकता अभियान

विश्व व्यावसायिक  चिकित्सा दिवस पर पश्चिम बंगाल और बिहार में चलाया गया जागरूकता अभियान विश्व व्यावसायिक  चिकित्सा दिवस पर पश्चिम बंगाल और बिहार में  जागरूकता अभियान चलाया गया। कार्यक्रम का उ‌द्घाटन प्रगतिशील दिव्यांगजन संस्थान कोलकाता निदेशक डॉ. ललित नारायण ने किया।  विश्व व्यावसायिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर 21 से 27 अक्टूबर, 2024 तक संस्थान के छात्रों एवं दिव्यांगजनों के लिए क्यों जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।  उ‌द्घाटन सम्बोधन में डॉ. ललित नारायण ने आधुनिक व्यावसायिक चिकित्सा में प्रयोग की जा रही तकनीक के बारे में जानकारी देते हुए व्यावसायिक चिकित्सकों एवं छात्रों को पुनर्वास के क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करने हेतु सुझाव दियें एवं व्यावसायिक चिकित्सकों को दिव्यांगजनों को समर्पण भाव से सेवा प्रदान करने के लिए प्रेरित किया। संस्थान के व्यावसायिक चिकित्सा छात्रों द्वारा उत्साहपूर्ण नुक्कड नाटक के माध्यम से लोगों को व्यावसायिक चिकित्सा के महत्व और दिव्यांगजनों के पुनर्वास में व्यावसायिक चिकित्सक की भूमिका की जानकारी प्रदान की। व्यावसायिक चिकित्सा छात्रों के लिए प्रश्नोत्तरी, वाद-विवाद, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिनमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर अपनी सृजनात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन किया। संस्थान के छात्रों एवं व्यावसायिक चिकित्सा द्वारा पुनर्वासित सफल दिव्यांगजनों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से संस्थान की व्यावसायिक चिकित्सा सेवाओं के महत्व पर मनमोहक प्रदर्शन कर सभी को आकर्षित किया। कार्यक्रम के अंत में संस्थान के निदेशक डॉ ललित नारायण ने प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र एवं विजेताओं को पुरस्कार प्रदान कर उत्साहित किया।

वेदांता ई एस एल स्टील लिमिटेड ने अपने सियालजोरी प्लांट परिसर में रक्तदान शिविर का आयोजन किया

वेदांता ई एस एल स्टील लिमिटेड ने अपने सियालजोरी प्लांट परिसर में रक्तदान शिविर का आयोजन किया बोकारो  वेदांता ई एस एल स्टील लिमिटेड के सीएसआर विभाग के साथ साझेदारी में ई एस एल स्टील लिमिटेड के कर्मचारी स्वयंसेवी पहल ‘वी फॉर सोसाइटी’ द्वारा शुकवार को वेदांता ई एस एल स्टील लिमिटेड के सियालजोरी प्लांट परिसर में एक स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। बोकारो में सबसे अधिक रक्तदान करने वाला संगठन इस वर्ष मार्च में, ई एस एल स्टील लिमिटेड बोकारो जिले में सबसे अधिक रक्तदान करने वाला संगठन बन गया है। जिसे भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी, बोकारो द्वारा भी प्रमाणित किया गया है। यह रक्तदान शिविर भी भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी, बोकारो और ई एस एल स्टील लिमिटेड सीएसआर के स्वास्थ्य-हस्तक्षेप कार्यान्वयन भागीदार सिटीजन फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित किया गया था। प्लांट परिसर में रक्तदान शिविर में 87 यूनिट रक्तदान की गई । इस स्वैच्छिक रक्तदान कार्यक्रम में संयंत्र के सभी कर्मचारियों ने भाग लिया। जिसमें श्रमिक ,संविदा श्रमिक , तकनीशियन, अधिकारी, व्यावसायिक भागीदार एवं प्रबंधन स्तर के कर्मचारी शामिल रहे। सभी ने इस महान कार्य में अपना योगदान दिया। वहीं कुछ लोग जो कार्यक्रम स्थल पर आए और स्वास्थ्य संबंधी कमियों के कारण रक्तदान नहीं कर पाए, वे काफी निराश हुए। वेदांता की सामाजिक और सामुदायिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता के अनुरूप पहल यह पहल वेदांता ई एस एल स्टील लिमिटेड की सामाजिक और सामुदायिक विकास प्रयासों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ-साथ एक मजबूत कर्मचारी स्वैच्छिक पहल ‘वी फॉर सोसाइटी’ के तहत की गई है। यह पहल कर्मचारियों और व्यावसायिक भागीदारों के बीच सामाजिक जिम्मेदारी की संस्कृति को बढ़ावा देगी, जिससे उन्हें सार्थक सेवा कार्यों में शामिल होने के अवसर मिलेंगे। रक्तदान शिविर स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने और जीवन रक्षक कारणों का समर्थन करने के हमारे उद्देश्य के अनुरूप है। इस अवसर पर उपस्थित अतिथि डॉ. अभय भूषण, सिविल सर्जन, बोकारो ने अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालकर इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर “हमारे जीवन में रक्त कितना महत्वपूर्ण है” विषय के बारे में भी बताया। उन्होंने शिविर में एक यूनिट रक्तदान भी किया। भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी, बोकारो के अध्यक्ष डॉ. बी. के. मिश्रा मुख्य अतिथि थे और उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित लोगों को यह समझाने में मदद की कि रक्तदान इतना महत्वपूर्ण क्यों है और रक्तदान के बाद शरीर कैसे मजबूत होता है। ई.एस.एल. स्टील लिमिटेड के सी.एस.आर. प्रमुख कुणाल दरिपा ने आए हुए सभी लोगों का धन्यवाद किया और इस बात पर भी जोर दिया कि रक्तदान न करने की तुलना में रक्तदान करना अधिक स्वास्थ्यवर्धक है। सामुदायिक कल्याण के प्रति प्रबंधन का दृष्टिकोण इस अवसर पर ई एस एल स्टील लिमिटेड के मुख्य परिचालन अधिकारी रवीश शर्मा ने कहा, “शिविर का प्राथमिक उद्देश्य रक्त की महत्वपूर्ण आवश्यकता को संबोधित करके स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में योगदान देना है। आपातकालीन चिकित्सा देखभाल में रक्त एक महत्वपूर्ण संसाधन है, और इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि स्थानीय अस्पतालों और रक्त बैंकों के पास जीवन बचाने के लिए आवश्यक संसाधन हों। हम उन सभी का भी हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने समाज को वापस देने के लिए हाथ मिलाया और उनकी उदारता से जीवन बचाने और करुणा की भावना को मूर्त रूप देने में मदद मिलेगी। वेदांता ई एस एल में हम एक साथ मिलकर अपने समुदाय पर एक सार्थक प्रभाव डाल रहे हैं।” वी फॉर सोसाइटी का योगदान रक्तदान शिविर में भाग लेने वाले सभी लोग, चाहे वे आयोजन के लिए स्वयंसेवक के रूप में हों, या अपना रक्तदान करने के लिए, या फिर जिन्हें आसपास के लोगों को प्रेरित करने या सही प्रकार की जानकारी और ज्ञान फैलाने के लिए आने के लिए कहा गया था – सभी ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी जो समुदाय के स्वास्थ्य पर ESL स्टील लिमिटेड की ‘वी फॉर सोसाइटी’ पहल के प्रभाव को रेखांकित करती है। ESL स्टील लिमिटेड समाज की बेहतरी और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की प्राप्ति में योगदान देने के लिए भविष्य के प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध है। वी फॉर सोसाइटी के बारे में वी फॉर सोसाइटी ESL CSR की एक कर्मचारी स्वयंसेवी पहल है, जो मूल रूप से एक कार्यस्थल-आधारित पहल है जो कर्मचारियों को समर्थन और प्रोत्साहन प्रदान करती है, ताकि वे एक व्यक्ति या एक समूह के रूप में समुदाय के लिए स्वयंसेवक बन सकें। यह कर्मचारियों को समाज की मदद करने के लिए सशक्त बनाने का एक शानदार तरीका है, क्योंकि वे धर्मार्थ और समुदाय-सुधार पहलों में लगे हुए हैं।

छठ पर्व एवं दीपावली को लेकर मेहंदिया में शांति समिति की बैठक।

छठ पर्व एवं दीपावली को लेकर मेहंदिया में शांति समिति की बैठक। अंजनी कुमार अवल थाना परिसर मेहंदिया में छठ पर्व एवं दीपावली को लेकर शांति समिति की एक बैठक संपन्न हुई जिसकी अध्यक्षता अंचलाधिकारी सर्वेश कुमार सिन्हा ने किया।लोगो को सम्बोधित करते हुए सर्वेश कुमार सिन्हा ने कहा कि पूर्व की भांति इस बार भी छठ एवं दीपावली पर्व को शांतिपूर्वक संपन्न करना होगा। दीपावली में बुराइयों को जलाया जाता है, और नए कार्य का शुभारंभ किया जाता है ।इस पर्व को भी हमें शांतिपूर्वक संपन्न करना है। किसी तरह की अफवाह पर ध्यान नहीं देना है और समाज में सभी वर्गों ,सभी धर्म के साथ आदर भाव रखना है ।छठ पर्व को लेकर अंचलाधिकारी ने लोगों के एहतियातन निर्देश भी दिए ।उन्होंने कहा कि यह एक आस्था का महापर्व है और इसमें पवित्रता का पूरा-पूरा ख्याल रखा जाता है। इसलिए आपके घर ,अगल-बगल, जहां भी छठ व्रत हो रहे हो वहां हमें सहयोग की भावना रखनी चाहिए । मेरे द्वारा इस पर्व में जो भी बेहतर हो सकता है वह करना चाहिये। मेहंदिया थाना ध्यक्ष राहुल अभिषेक ने कहा कि छठ पर्व एवं दीपावली हिंदुओं का एक महान पर्व है और हम सब को शांतिपूर्वक मनानी चाहिए ।पुलिस प्रशासन का सहयोग भी इस पर्व को शांतिपूर्वक संपन्न कराने में जितना चाहिए हम लोग प्रयास करेंगे। उन्होंने आम आवाम से यह भी अपील किया कि आसामाजिक तत्वों से दूरी बनाए रखें ,अफवाह पर ध्यान ना दें ,पुलिस की जहां आवश्यकता हो सहयोग ले और सभी जाति एवं धर्म के साथ तालमेल बैठकर इस पर्व को संपन्न करें। इस अवसर पर मुखिया आनन्द सिन्हा , मुंद्रिका सिंह यादव, राजदेव पासवान, माले नेता जितेंद्र यादव, सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे। वहीं दूसरी तरफ परासी थाना में भी छठ एवं दीपावली को लेकर शांति समिति की बैठक आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता परासी थाना अध्यक्ष पवन कुमार ने किया। उन्होंने अपने थाना क्षेत्र के लोगों से शांतिपूर्वक छठ एवं दीपावली पर्व मनाने की अपील की साथ ही साथ इस पर्व में पुलिस प्रशासन का सहयोग देने की भी बात किया ।उन्होंने कहा कि पर्व को शांतिपूर्वक संपन्न कराने में पुलिस प्रशासन का जितना सहयोग चाहिए हम आपके साथ मौजूद रहेंगे। इस अवसर पर परासी थाना परिसर में क्षेत्र के काफी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद थे।

थाना परिसर में युवक को शराब पीकर आना पड़ा महंगा भेजा गया जेल

थाना में शराब पी कर युवक को आना पड़ा महंगा गए जेल

अंजनी कुमार

अरवल

अरवल जिले के बंशी हुआशी.शराब पीकर थाना में युवक को आना पड़ा महंगा पूलिस ने भेजा जेल. मामला वंशी थाना की हैं. शुक्रवार को शराब पीकर थाना में पहुंचते ही वंशी गांव निवासी अमरेश शर्मा पिता स्वर्गीय राम जी शर्मा को पूलिस ने गिरफ्तार कर लिया . इस मामले में पूछे जाने पर थानाध्यक्ष संजीव कुमार राय ने बताया कि किसी से झगड़े के आरोप में यह थाना पर आया.जहां पर इसकी जांच कर की गई.जांचोंउपरान्त इसके शरीर में अल्कोहल पाया गया.इन्हें मध्य निषेध अधिनियम संशोधित 2018 के तहत गिरफ्तार किया गया. बताया जा रहा हैं कि शराबी शराब पी कर गांव मुहल्ले में हल्ला गुदाल करता है. मना करने पर लड़ाई झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं. ऐसा ही मामला शुक्रवार को वंशी थाना में आया.जहाँ उलटे शराब के नशे में चूर अमरेश कुमार अपने चहेते जनप्रतिनिधि के साथ थाना पहुंचना महंगा पड़ा.

वंशी.शराब पीकर थाना में युवक को आना पड़ा महंगा पूलिस ने भेजा जेल. मामला वंशी थाना की हैं. शुक्रवार को शराब पीकर थाना में पहुंचते ही वंशी गांव निवासी अमरेश शर्मा पिता स्वर्गीय राम जी शर्मा को पूलिस ने गिरफ्तार कर लिया . इस मामले में पूछे जाने पर थानाध्यक्ष संजीव कुमार राय ने बताया कि किसी से झगड़े के आरोप में यह थाना पर आया.जहां पर इसकी जांच कर की गई.जांचोंउपरान्त इसके शरीर में अल्कोहल पाया गया.इन्हें मध्य निषेध अधिनियम संशोधित 2018 के तहत गिरफ्तार किया गया. बताया जा रहा हैं कि शराबी शराब पी कर गांव मुहल्ले में हल्ला गुदाल करता है. मना करने पर लड़ाई झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं. ऐसा ही मामला शुक्रवार को वंशी थाना में आया.जहाँ उलटे शराब के नशे में चूर अमरेश कुमार अपने चहेते जनप्रतिनिधि के साथ थाना पहुंच महंग पड़ा.

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occupational  थेरेपी: स्वास्थ्य सेवा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ – *डॉ. ललित नारायण*

occupational  थेरेपी: स्वास्थ्य सेवा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ – *डॉ. ललित नारायण*   Occupational थेरेपी (ओटी) एक हेल्थ केयर प्रोफेशन है जिसने शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक चुनौतियों का सामना कर रहे लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण सुधार किया है। रोज़मर्रा की गतिविधियों में भाग लेने की क्षमता को बढ़ावा देकर, ओटी का उद्देश्य लोगों की जीवन गुणवत्ता में सुधार करना और उनकी स्वतंत्रता व कार्यात्मक पुनर्वास को बढ़ाना है। उक्त बातें दिल्ली शाखा, अखिल भारतीय व्यावसायिक चिकित्सक संघ के संयोजक डॉ. ललित नारायण ने कहा । उन्होंने कहा कि हर साल 27 अक्टूबर को मनाए जाने वाले वर्ल्ड ऑक्यूपेशनल थेरेपी डे पर, इस क्षेत्र को स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। आइए हम ओटी के इतिहास, इसके महत्व, विभिन्न स्थितियों में इसके प्रभाव और भारत में इसकी वर्तमान स्थिति पर ध्यान दें। ऑक्यूपेशनल थेरेपी का संक्षिप्त इतिहास ऑक्यूपेशनल थेरेपी की शुरुआत 20वीं सदी की शुरुआत में हुई थी। यह इस विचार के प्रति प्रतिक्रिया स्वरूप विकसित हुई कि शारीरिक बीमारी या चोट से उबरने वाले लोग अपने पुनर्वास के हिस्से के रूप में अर्थपूर्ण गतिविधियों में भाग लेने से लाभ उठा सकते हैं। यह पेशा प्रथम विश्व युद्ध के बाद गति पकड़ा, जब सैनिकों को शारीरिक और मानसिक चोटों के साथ समाज में फिर से शामिल होने के लिए विशेष देखभाल की आवश्यकता थी। इस क्षेत्र के कुछ प्रमुख हस्तियों में एलेनोर क्लार्क स्लेगल, जो हबिट ट्रेनिंग विकसित करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता थीं, और डॉ. विलियम रश डनटन, जिन्होंने थेरेपी के रूप में ऑक्यूपेशन पर जोर दिया, शामिल हैं। समय के साथ, ओटी ने मानसिक स्वास्थ्य, बाल चिकित्सा देखभाल, वृद्धावस्था, और विभिन्न पुरानी बीमारियों के पुनर्वास जैसे क्षेत्रों में विस्तार किया और धीरे-धीरे वैश्विक स्तर पर बहु-शास्त्रीय स्वास्थ्य सेवा टीमों का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया। ऑक्यूपेशनल थेरेपी की भूमिका और महत्व ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट सभी आयु वर्ग के व्यक्तियों के साथ काम करते हैं, जो रोज़मर्रा के कार्यों को करने की क्षमता को प्रभावित करने वाली बाधाओं को दूर करने में उनकी मदद करते हैं। वे रोगी की आवश्यकताओं के आधार पर व्यक्तिगत उपचार विकसित करते हैं, चाहे वह अनुकूल उपकरणों का उपयोग हो, नए कौशल सीखना हो, या मोटर कार्यों को फिर से प्राप्त करना हो। ओटी स्वभाव से समग्र है, जो न केवल शारीरिक दुर्बलताओं को बल्कि भावनात्मक, सामाजिक और संज्ञानात्मक चुनौतियों को भी संबोधित करता है। स्वास्थ्य सेवा में ओटी का महत्व अतुलनीय है। यह निम्नलिखित स्थितियों में रोगियों की मदद करता है: चोट या सर्जरी के बाद पुनर्वास: पोस्ट-सर्जिकल मरीज, खासकर जोड़ों के प्रत्यारोपण या चोट के बाद, ओटी का सहारा लेते हैं ताकि वे अपनी गतिशीलता और कार्यक्षमता को पुनः प्राप्त कर सकें। न्यूरोलॉजिकल स्थितियाँ: स्ट्रोक से प्रभावित व्यक्ति, ब्रेन इंजरी, मल्टीपल स्क्लेरोसिस और सेरेब्रल पाल्सी वाले लोग ओटी से मोटर कौशल पुनः सीखने, संज्ञानात्मक कार्यों को सुधारने और स्वतंत्रता बढ़ाने में मदद पाते हैं। बाल चिकित्सा देखभाल: विकासात्मक देरी, ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर या सीखने की अक्षमता वाले बच्चे ओटी के साथ काम करते हैं ताकि वे अपने मोटर कौशल, संवेदी प्रसंस्करण और सामाजिक एकीकरण में सुधार कर सकें। मानसिक स्वास्थ्य: ओटी मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, चिंता, अवसाद और तनाव को प्रबंधित करने के लिए रणनीतियाँ प्रदान करता है और व्यक्तियों को काम या स्कूल में वापस लौटने में मदद करता है। पुरानी बीमारी का प्रबंधन: गठिया, पार्किंसन रोग या सीओपीडी जैसी पुरानी स्थितियों वाले व्यक्ति ओटी से अपनी बदलती क्षमताओं को अपनाना और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना सीखते हैं। स्वतंत्रता को बढ़ावा देकर और आवश्यक दैनिक गतिविधियों में भागीदारी सक्षम करके, ओटी देखभालकर्ताओं और स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों पर भार को कम करता है और व्यक्तियों को समृद्ध जीवन जीने में सक्षम बनाता है। ऑक्यूपेशनल थेरेपी से लाभान्वित होने वाली स्थितियाँ ऑक्यूपेशनल थेरेपी हस्तक्षेप से कई चिकित्सा और विकासात्मक स्थितियाँ लाभान्वित हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैं: स्ट्रोक और न्यूरोलॉजिकल विकार: ओटी स्ट्रोक पीड़ितों को मोटर कौशल, संतुलन और समन्वय पर काम करके स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद करता है। ऑर्थोपेडिक चोटें: फ्रैक्चर, जोड़ों के प्रत्यारोपण या सर्जरी के बाद, ओटी ताकत और गति की सीमा को पुनः प्राप्त करने में सहायता करता है। विकासात्मक देरी: बच्चे जिनके पास सूक्ष्म मोटर कठिनाइयाँ, संवेदी प्रसंस्करण विकार या विकासात्मक मील के पत्थर प्राप्त करने में देरी होती है, वे ओटी से लाभान्वित होते हैं। मानसिक स्वास्थ्य विकार: अवसाद, चिंता, या पीटीएसडी (पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर) से जूझ रहे लोग ओटी की मदद से मुकाबला करने की रणनीतियाँ सीख सकते हैं और अर्थपूर्ण गतिविधियों में लौट सकते हैं। वृद्धावस्था की स्थितियाँ: डिमेंशिया या गतिशीलता के मुद्दों वाले वृद्ध मरीजों को ओटी से दैनिक जीवन कौशल बनाए रखने और गिरने से बचने में सहायता मिलती है। विश्व ऑक्यूपेशनल थेरेपी दिवस ऑल इंडिया ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट्स एसोसिएशन, दिल्ली शाखा के संयोजक डॉ. ललित नारायण के अनुसार, वर्ल्ड ऑक्यूपेशनल थेरेपी डे, जो 27 अक्टूबर को मनाया जाता है, ओटी की वैश्विक भूमिका और प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। यह दिन ओटी के उस महत्व को उजागर करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, जो शारीरिक या मानसिक चुनौतियों के बावजूद लोगों को अपना सर्वश्रेष्ठ जीवन जीने में मदद करता है। इस दिन को शैक्षिक कार्यक्रमों, अभियानों और कार्यशालाओं के माध्यम से ओटी की परिवर्तनकारी क्षमता के बारे में जानकारी फैलाने के लिए चिह्नित किया जाता है। हर साल की तरह, इस साल भी पूरे देश में ओटी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न गतिविधियों की योजना बनाई गई है। भारत में ऑक्यूपेशनल थेरेपी ऑल इंडिया ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट्स एसोसिएशन, दिल्ली शाखा के सह-संयोजक डॉ. नीरज मिश्रा के अनुसार, भारत में ओटी एक बढ़ता हुआ क्षेत्र है, लेकिन इसे अभी भी सीमित जागरूकता और पहुंच जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। भारत में गैर-संचारी रोगों, आघात और जन्मजात विकारों का एक बड़ा बोझ है, जिन सभी को ओटी हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है। इन चुनौतियों के बावजूद, भारत में ओटी सेवाओं की मांग में पुनर्वास केंद्र, बाल चिकित्सा देखभाल इकाइयाँ और मानसिक स्वास्थ्य क्लीनिक ओटी के मूल्य को पहचान रहे हैं, लेकिन अधिक आउटरीच और संसाधनों की आवश्यकता बनी हुई है। हाल ही में गठित राष्ट्रीय … Read more

भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही मानव जीवन का होता है कल्याण- स्वामी श्री राम प्रपन्नाचार्य जी महाराज

भागवतकथा कथा से ही मानव का कल्याण- रामप्रपन्नाचार्य भागवतकथा मेहंदिया श्रीमद् भागवत कथा मानव का कल्याण करने वाली है पावन कथा जीवन को संवार कर सुख समृद्धि शांति व ईश्वर के प्रति भक्ति भावना को बढ़ाने वाली है। धन की भक्ति ,भोग की भक्ति, तज कर भगवान की भक्ति में रमने से मानव जीवन का उद्धार संभव है उक्त बातें मंगलवार को कोयल भूपत ग्राम में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के दौरान स्वामी श्री राम प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने कही। उन्होंने कहा की कथा का अनुकरण नहीं श्रवण करने का विषय है ।कथा श्रवण से अपार चेतना का संचार होते रहता है और मानव ऊर्जावान होता है। उन्होंने कहा कि परमात्मा हम सब के हृदय में बास करते हैं। जो आत्मा है वही भगवान है ।भगवान का कान से श्रवण ,बाणी से कीर्तन ,मन से स्मरण करना चाहिये इसमें निष्ठा आवश्यक है।यह मनुष्य का सबसे बड़ा साधन है। धन के लिए धनी से मिलना पड़ता है वैसे ही भक्ति के लिए सच्चे भक्त से मिलना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब-जब सृष्टि पर विपत्ति या संकट आता है तब तक श्री हरि अवतार में जन्म लेकर इसे दूर करते हैं ।भगवान विष्णु का वामन अवतार भी इसी उद्देश्य से हुआ था। भगवान विष्णु के वामन अवतार इंद्रदेव को स्वर्ग का राज पाट लौटने के लिए और अति बलशाली दैत्य राज बली के घमंड को तोड़ने के लिए भगवान विष्णु को वावन यानी ऋविक्रम के रूप में लेना पड़ा था और राजा बलि से तीन पग भूमि का मांग किया ।इस पर राजा बलि को आश्चर्य हुआ और सोचा यह छोटा ब्राह्मण तीन पग धरती में क्या करेगें? वे कहते हैं यह तो बहुत बड़ी थोड़ी जमीन है इस पर राजा बलि ने उन्हें तीन पग भूमि देने का संकल्प कर वचन दिया ।इस पर भगवान वामन ने अपना विराट रूप धारण कर लिया इसके बाद एक पग में सभी लोक, दूसरे में धरती नाप लेते हैं। अब राजा बलि के सामने वचन निभाने का संकट आ गया कि अब वह वचन कैसे निभाएं तो उन्होंने अपना सर सामने कर दिया भगवान वामन ने तीसरा पग राजा बलि के सिर पर रख बलिका कल्याण कर दिया दिया। इसके बाद स्वर्ग देवताओं को लौटा दिया। और राजा बलि को पाताल लोक भेज दिया उनकी दानवीरता से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु वरदान मांगने को कहा। इस पर बली भगवान से अपने पास दिन-रात दीव्यलोक में रहने का वर मांगते हैं ।बचन पालन करते हुए भगवान राजा बलि के द्वारपाल बन जाते हैं हालांकि बाद में माता लक्ष्मी ने राजा बलि से बर मांग कर भगवान को भी मुक्त कराया। कथा श्रवण के दौरान काफी संख्या में कोयल भूपत सहित द दर्जनों गांव के सैकड़ो की संख्या में स्त्री पुरुष श्रद्धालु भक्त मौजूद थे

आमस के गायत्री चेतना मन्दिर में करवा चौथ का किया आयोजन

करवा चौथ व्रत पर रविवार को आमस के सुग्गी-चंडीस्थान गायत्री चेतना केन्द्र में दंपति पूजन उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यहां पति-पत्नी साथ बैठकर गायत्री माता की पूजा-अर्चना कर एक-दूसरे की सलामती की दुआएं मांगी। शांति कूंज हरिद्वार के अरूण पाठक ने विधि-विधान व गायत्री मंत्र जाप से दंपतियों की पूजा कराई। उपवास रख पूजन कार्यक्रम में पति-पत्नी सज-धज कर पहुंचे थे। डॉ. सतिश सिंह व आलोक कुमार ने बताया कि इस पूजन का मुख्य उदेश्य दांपत्य जीवन को मजबूत बनाना है। एक साथ पूजा में शामिल होने से एक-दूसरे का संबंध प्रगाढ होता है। पूजन में राजेश सिंह, कविता सिंह, राजेश ठाकुर, रेणु देवी, पप्पू वर्णवाल, ज्योति देवी, जगदेव प्रजापत, विणा देवी, प्रेम कुमार गागर, जयमाला देवी, प्रभात वर्णवाल, अनिता रानी, वृजरानी देवी आदि शामिल रहे।    

श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर किया गया वस्त्र का वितरण।

श्रद्धांजलि सभा का हुआ आयोजन, गणमान्य लोगों हुए शामिल अंजनी कुमार अरवल अरवल जिले के कलेर प्रखंड अंतर्गत  उसरी में डीह निवासी स्वर्गीय रामाधार शर्मा एवं प्रतिमा देवी का श्राद्ध कर्म में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया । इस अवसर पर गरीबों के बीच वस्त्र वितरीत किए गये । इस श्रंद्धाजलि सभा मे सबसे पहले दिवंगत रामाधार शर्मा एवं प्रतिमा देवी के तैल चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित किया गया ।इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि जीवन मरण एक शाश्वत सत्य है लोग अपनी इच्छा से जीवन व्यतीत करते हैं लेकिन परमात्मा की इच्छा से अपने कर्मों से समाज में याद किए जाते हैं। जीवन के समय ही मनुष्य की मृत्यु की तिथि निर्धारित कर दी जाती हैं स्वर्गीय रामाधार शर्मा जीवन भर गरीबों के लिए उनके कल्याण के लिए काम किया इतना ही नहीं धर्म के प्रचार में भी वह हमेशा समाज में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। समाज के सभी वर्गों की पढ़ाई लिखाई करने के लिए प्रेरित करते थे तथा उनकी आर्थिक मदद भी किया करते वे ।पर्यावरण के रक्षा के लिए वे बर्षो पूर्व में चिंतित रहते थे ।पेड़ लगाने में तत्पर होकर वे लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करते थे । इस अवसर पर सैकड़ों गरीब गुरबे लोगों के बीच वस्त्र भी वितरीत किए गए। श्रद्धांजलि व्यक्त करने वालों में जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि सुधीर शर्मा भरत शर्मा, भाकपा माले के त्रिभुवन शर्मा समेत कई गण्यमान्य लोग मौजूद थे।

सांस्कृतिक कार्यक्रम में मुखिया को किया गया सम्मानित।

लोदीपुर में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन मुखिया ने किया उद्घाटन  सांस्कृतिक कार्यक्रम देता है लोगों में आपसे भाईचारे का संदेश। अंजनी कुमार अरवल अरवल जिले के कलेर प्रखंड अंतर्गत मैनपूरा पंचायत के लोदीपुर में विगत लगभग 50 वर्षों से शक्ति की देवी मां दुर्गा की पूजा हर्षोल्लास एवं सौहार्द के वातावरण में संपन्न होते आ रहा रहा है ।भारतीय संस्कृति वीरता की पूजक है, शौर्य की उपासक है व्यक्ति और समाज के रक्त में वीरता प्रकट हो इसलिए दशहरा का उत्सव रखा जाता है। उप्रयुक्त बातें लोदीपुर में आयोजित शक्ति की देवी मां दुर्गा का पर्व दशहरा के अवसर पर लोदीपुर में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर मैनपुरा पंचायत के मुखिया अशोक कुमार शर्मा ने कहा। उन्होंने कार्यक्रम में आए लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अश्विन शुक्ल दशमी को विजयदशमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है।   दशहरा का पर्व 10 प्रकार के पापों काम ,क्रोध ,लोभ ,मोह, मद, मनसर, अहंकार ,आलस हिंसा और चोरी जैसे अवगुणों को छोड़ने की प्रेरणा हमें देता है। इस दिन भगवान राम ने राक्षस रावण का वध कर माता सीता को उसकी कैद से छुड़ाया था और सारा समाज भय मुक्त हुआ था। रावण को मारने से पूर्व राम ने दुर्गा की आराधना की थी ।मां दुर्गा ने उनकी पूजा से प्रसन्न होकर उन्हें विजय का वरदान दिया था ।उन्होंने यह भी कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन से लोगों में आपसी सौहार्द्र एवं भाईचारे की भावना जागृत होती है। इस कार्यक्रम में लोदीपुर ग्राम के जितेंद्र गुप्ता ,अजय सिंह एवं अखिलेश शर्मा ने मुखिया द्वारा सामाजिक क्षेत्र में किए गए कार्यों के लिए 51000 रूपए का माला डालकर सम्मानित किया और मुखिया द्वारा किए गए कार्यों की सराहना किया। इस अवसर पर सरपंच वीरेंद्र चंद्रवंशी, विनोद कुमार ,बिजेंद्र पंडित ,डोमन चौधरी, मनोज सिंह, संजय यादव अरुण यादव अब्बास अंसारी प्रमोद यादव प्रमोद साव उपेंद्र भगत सहित दर्जनों लोगों ने सभा को संबोधित किया। वहीं सैकड़ो की संख्या में लोगों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का जमकर लुत्फ उठाया।

अभियंत्रण महाविद्यालय अरवल में विज्ञान प्रदर्शनी शशं वो वो थे पुरस्कार वितरण समारोह का हुआ आयोजन

अभियांत्रण महाविद्यालय में विज्ञान प्रदर्शनी ‘विज्ञान मेला’ का भव्य आयोजन  अंजनी कुमार अरवल राजकीय अभियांत्रण महाविद्यालय, अरवल में विज्ञान और नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से “विज्ञान मेला” का आयोजन किया गया। इस मेले में महाविद्यालय के छात्रों ने अपनी विज्ञान और प्रौद्योगिकी से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य छात्रों को वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करना और उन्हें अपने विचारों को व्यावहारिक रूप से प्रस्तुत करने का मंच प्रदान करना है। इस विज्ञान प्रदर्शनी में छात्रों ने रोबोटिक्स, सोलर एनर्जी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, पर्यावरण संरक्षण, और नवाचार से संबंधित विभिन्न प्रोजेक्ट्स प्रदर्शित किए। यह मेला न केवल छात्रों के लिए सीखने का अवसर बना, बल्कि उन्हें अपनी रचनात्मकता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को पेश करने का बेहतरीन मौका भी मिला। **संयोजक आर्येन्द्र किशोर भारद्वाजऔर **सह-संयोजक डॉ. शैलेन्द्र पंडित** ने इस मेले के सफल आयोजन के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि विज्ञान मेला का उद्देश्य छात्रों में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देना है, ताकि वे समाज में विज्ञान के महत्व को समझ सकें और उसमें योगदान दे सकें। महाविद्यालय के **मीडिया प्रभारी एवं सहायक प्राध्यापक संतोष कुमार** ने बताया कि इस विज्ञान मेले में छात्रों की उत्साही भागीदारी ने यह साबित किया कि आज के युवा वैज्ञानिक सोच के प्रति बेहद जागरूक और प्रेरित हैं। उन्होंने कहा, “इस प्रकार के आयोजन छात्रों को न केवल अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा को उजागर करने का अवसर प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें प्रौद्योगिकी और अनुसंधान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करते हैं।” प्रदर्शनी के अंत में छात्रों के उत्कृष्ट प्रोजेक्ट्स को पुरस्कार और प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो॰ प्रणव कुमार* ने छात्रों के इस अद्वितीय प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से छात्रों की सृजनशीलता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को एक नई दिशा मिलती है। ‘विज्ञान मेला ने छात्रों और दर्शकों दोनों को प्रेरित किया और विज्ञान की महत्ता पर एक सकारात्मक प्रभाव डाला। महाविद्यालय प्रबंधन ने भविष्य में भी इस तरह के आयोजनों की निरंतरता बनाए रखने का संकल्प लिया है, ताकि छात्रों की वैज्ञानिक सोच और रचनात्मकता को और अधिक सशक्त किया जा सके। इस विज्ञान प्रदर्शनी में छात्रों ने रोबोटिक्स, सोलर एनर्जी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, पर्यावरण संरक्षण ,और नवाचार से संबंधित विभिन्न प्रोजेक्ट प्रदर्शित किया ।या मेला न केवल छात्रों के लिए सीखने का अवसर बन बल्कि उन्हें अपनी रचनात्मक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को पेश करने का बेहतरीन मौका भी मिला। इस विज्ञान मेले में विज्ञान प्रोजेक्ट प्रतियोगिता में मोहम्मद सैफुल्लाह प्रथम एवं सृष्टि सिंह ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया ।वहीं टेक्सटाइल कला प्रतियोगिता में पूजा कुमारी प्रथम स्थान मुस्कान कुमारी द्वितीय स्थान एवं भारती कुमारी तृतीय स्थान प्राप्त किया। एग्रो प्रोडक्ट प्रतियोगिता में पल्लवी कुमारी शिल्पा प्रथम स्थान शाहीन परवीन द्वितीय एवं खुशबू कुमारी तृतीय स्थान प्राप्त किया ।वही समूह विज्ञान प्रोजेक्ट में रोशन उज्जवल की टीम प्रथम राजेश कुमार की टीम द्वितीय एवं प्रकाश कुमार की टीम तृतीय स्थान प्राप्त किया मौके पर सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी जिला जनसंपर्क पदाधिकारी प्राचार्य राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय अरवल के साथ अन्य लोग उपस्थित रहे।