Bakwas News

सरहुल पूजा आज से , पहले दिन मछली और केकड़ा पकड़ने की परंपरा*

*सरहुल पूजा आज से , पहले दिन मछली और केकड़ा पकड़ने की परंपरा*   *आदिवासियों के महापर्व सरहुल की शुरुआत सोमवार 31 मार्च से हो रही है. हातमा के जगलाल पाहन ने बताया है कि पहले दिन सरना समुदाय के लोग उपवास पर रहेंगे. इसी दिन मछली और केकड़ा भी पकड़ा जायेगा. युवा तालाब, पोखर, चुआं या आसपास के जलस्रोतों के पास जाकर मछली और केकड़ा पकड़ेंगे. घर के मुखिया शाम को पुरखों का स्मरण करेंगे और उन्हें पकवान और तपावन आदि अर्पित करेंगे. शाम में जल रखाई पूजा होगी. इसके लिए पाहन दो नये घड़ों में तालाब या नदी से पानी लाकर साफ-सुथरा किये गये सरना स्थल पर लाकर रखेंगे* *क्यों दी जाती है 5 मुर्गे-मुर्गियों की बलि ?* *इसी पूजा के दौरान 5 मुर्गे-मर्गियों की बलि दी जायेगी. इनमें सफेद मुर्गे की बलि सृष्टिकर्ता के नाम पर दी जायेगी. लाल मुर्गे की बलि हातू बोंगा (ग्राम देवता) के नाम पर, जल देवता (इकिर बोंगा) के नाम पर माला मुर्गी, पूर्वजों के नाम पर लुपुंग या रंगली मुर्गी और बुरी आत्माओं को शांत कराने के लिए काली मुर्गी की बलि दी जायेगी* *मछली और केकड़ा पकड़ने की परंपरा* *आदिवासी समाज का मानना है कि मछली और केकड़ा ही पृथ्वी के पूर्वज हैं. समुद्र के नीचे पड़ी मिट्टी को ऊपर लाकर ही पृथ्वी बनी. इसका पहला प्रयास मछली और केकड़े ने ही किया था. सरहुल का पहला दिन इन्हीं को समर्पित होता है. पकड़े गये केकड़े को रसोई घर में ऊपर टांग दिया जाता है. कुछ महीने बाद इनके चूर्ण को खेतों में इस मनोकामना के साथ छींट दिया जाता है कि जैसे केकड़े की कई भुजाएं होती हैं, उसी तरह खेतों में फसलों की भरपूर बालियां हों* *

*सीएचओ सम्मान समारोह सह आदर्श दंपत्ति सम्मेलन का आयोजन सदर अस्पताल बोकारो में किया गया

*सीएचओ सम्मान समारोह सह आदर्श दंपत्ति सम्मेलन का आयोजन सदर अस्पताल बोकारो में किया गया   *योग्य दंपत्तियों को प्रशस्ति पत्र व पुरस्कार देकर किया गया सम्मानित* *बेहतर प्रदर्शन करने वाले सीएचओ को कार्य सुलभ के लिए दिया गया लैपटॉप* *डीसी बोकारो श्रीमती विजया जाधव के निर्देश पर सदर अस्पताल सभागार में किया गया समारोह का आयोजन* *डीसी बोकारो श्रीमती विजया जाधव के निर्देशानुसार सोमवार को सदर अस्पताल सभागार में आदर्श दंपत्ति सम्मेलन सह सीएचओ सम्मान समारोह का आयोजन किया गया* *मौके पर सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद, सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अरविंद कुमार ,डीपीएम दीपक कुमार , डीपीसी मनोज कुमार महतो, डीएएम अमित कुमार सिंहा डीडीएम कंचन कुमारी, सभी ब्लॉक के बीटीसी, सहिया दीदी आदि*उपस्थित थे* *समारोह में सभी नौ प्रखंडों से योग्य दंपत्ति, जिन्होंने दो बच्चों के बाद ऑपरेशन कर लिया है एवं दो बच्चों के बीच में तीन साल का अंतर रखा। उन्हें सम्मानित करने का कार्य किया गया* *समारोह में प्रत्येक प्रखंड से आएं तीन योग्य दंपतियों ने हिस्सा* लिया। जिन्हें सम्मान स्वरूप *प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार देकर सम्मानित* किया गया।* *सम्मान पाने वाले दंपतियों में* *जरीडीह प्रखंड से रेखा कुमारी, सरिता देवी एवं जुगनी देवी।* *चंदनकियारी प्रखंड*से सूची स्मिता एवं सरिता देवी। बेरमो प्रखंड से पूनम, छोटी देवी एवं पूजा देवी। पेटरवार प्रखंड से ममता देवी। नावाडीह प्रखंड से आशा देवी एवं गायत्री देवी। कसमार प्रखंड से सुनीता देवी, सरिता देवी एवं सुषमा देवी शामिल रहीं।* *वहीं सीएचओ सामान समारोह में बेहतर कार्य करने वाले सीएचओ को प्रशस्ति पत्र एवं कार्यालय कार्य हेतु लैपटॉप देकर सम्मानित किया गया* *सम्मान पाने वाले सीएचओ में सीएचओ लक्ष्मी कुमारी, आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) चांपी सीएचओ सोनी बंक, आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) चांदो, सीएच ओ अनुराधा,आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) अरजुआ,सीएचओ अजंलीना, आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) चिलगड्डा सीएच ओ अनीता, आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) घटियाली सीएचओ विद्या रानी, आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) अदखुडी सीएचओ अजीमुन निशा, आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) अंगवांली एवं सीएचओ चदंना कुमारी,आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) बलरामपुर शामिल रहीं*  

गायत्री महायज्ञ के दीक्षा संस्कार में उमड़े श्रद्धालु

गायत्री महायज्ञ के दीक्षा संस्कार में उमड़े श्रद्धालु बिक्रमगंज बुधवार को 24 कुंडीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ का कार्यक्रम अपने निर्धारित समयानुसार प्रातः बेला में करीब 6 बजे ध्यान साधना एवं प्रज्ञा योग व्यायाम के साथ शुरू हुआ । तत्पश्चात दीक्षा संस्कार में सैकड़ो की संख्या में मां-बहन समेत सभी पुरुषों को भी गायत्री महामंत्र से शांतिकुंज हरिद्वार से आए हुए आचार्य ने दीक्षित किया । टोली नायक खेमचंद विशाल ने व्यक्ति निर्माण, परिवार निर्माण एवं समाज निर्माण पर विशेष प्रकाश डाला । साथ ही साथ युग निर्माण के रचनात्मक कार्यों जैसे कुरीति उन्मूलन, सत्य प्रवृत्ति संवर्धन, नशा निवारण ,वृक्षारोपण साधना, स्वाध्याय एवं स्वास्थ्य शिक्षा की चर्चा की । शांतिकुंज हरिद्वार से आए भाई विकास गायत्री परिवार को सफल एवं सशक्त बनाने हेतु संगठन पर विशेष रूप से चर्चा की तथा मानव में देवत्व का उदय एवं धरती पर स्वर्ग का अवतरण का सूर्योदय से उदाहरण दिया । इस पुनीत गायत्री महायज्ञ में जिन देवतुल्य कार्यकर्ताओं ने अपनी अहम भूमिका निभाई उनमें सर्वश्री दिनेश शर्मा,प्रेम शंकर ओझा, वरिष्ठ परिजन हरिद्वार उपाध्याय, शिक्षक जयप्रकाश सिंह ,नवीन चंद्र शाह, राकेश शर्मा, संतोष कुमार, रवि रंजन कुमार, चंदन कुमार सिंह, श्रीनाथ सिंह ,सुरेंद्र प्रसाद ,निर्भय कुमार, अरविंद कुमार ,चितरंजन सिंह,पुनीता देवी,सुशील उपाध्याय ,सुशील सिंह, सुनैना देवी, कृष्णा देवी ,पुष्पा पटेल, माधुरी ,शांति ,गीतांजली देवी, पार्वती देवी, सुदर्शन प्रसाद वैश्य सहित अन्य श्रद्धालु लोग मौजूद रहे । बुधवार की शाम प्रवचन एवं दीप महायज्ञ के साथ -साथ नशा निवारण ,राष्ट्र समर्थ और सशक्त कैसे बने पर विशेष चर्चा होगी । कार्यक्रम का समापन गायत्री महामंत्र एवं शांति पाठ के साथ संपन्न हुआ ।

ईएसएल ने राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस सप्ताह 2025 मना अपनी सुरक्षा और जागरूकता के प्रति प्रतिबद्धता दिखाया/ दोहराया

ईएसएल ने राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस सप्ताह 2025 मना अपनी सुरक्षा और जागरूकता के प्रति प्रतिबद्धता दिखाया/ दोहराया बोकारो. ईएसएल ने सुरक्षा, कर्मचारी कल्याण और सामुदायिक जागरूकता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करने के उद्देश्य से प्रभावशाली कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2025 को सफलतापूर्वक मनाया। सप्ताह भर चलने वाले इस समारोह में विविध गतिविधियाँ शामिल थीं, जिसमें कर्मचारी, नेतृत्व और स्थानीय समुदाय शामिल थे। उद्घाटन समारोह में नेतृत्व दल ने सुरक्षा संपर्क, दीप प्रज्ज्वलन और ध्वजारोहण के माध्यम से कार्यक्रम का सम्मान किया, जो सुरक्षित कार्य वातावरण को बढ़ावा देने के लिए ईएसएल की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रतीक है। कार्यक्रम में सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डालने वाला भाषण और 200 से अधिक सदस्यों द्वारा ली गई सुरक्षा शपथ शामिल थी। जिसका समापन पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने वाले वृक्षारोपण समारोह के साथ हुआ। सुरक्षा सप्ताह के हिस्से के रूप में, आरएमएचएस से 47 खता तक सुरक्षा जागरूकता रैली में 700 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया, जिसमें सुरक्षित प्रथाओं के बारे में जागरूकता फैलाई गई। इसके अतिरिक्त, मधुनिया हाई स्कूल और योगीडीह हाई स्कूल में एक सीएसआर गतिविधि ने 200 से अधिक छात्रों को अग्नि सुरक्षा, विद्युत सुरक्षा और ऑफ-साइट सुरक्षा प्रोटोकॉल पर इंटरैक्टिव सत्रों के माध्यम से शामिल किया, जिससे युवा पीढ़ी में सुरक्षा चेतना को बढ़ावा मिला। इसके अलावा, ईएसएल ने खजाना खोज प्रतियोगिता, सुरक्षा नारा और पोस्टर प्रतियोगिता और ऑफ़लाइन क्विज़ का भी आयोजन किया। जिसमें 700 से अधिक कर्मचारियों ने भाग लिया। इन गतिविधियों को विभागों में सुरक्षा प्रथाओं को सुदृढ़ करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन क्विज़, वीडियोग्राफी प्रतियोगिता और खतरे की खोज गतिविधियों में 250 से अधिक ईएसएल कर्मचारियों ने भाग लिया। जिससे सुरक्षा सतर्कता की संस्कृति को बढ़ावा मिला। ESL के सुरक्षा मानकों को लगातार बेहतर बनाने के लिए मूल्यवान जानकारी एकत्र करने के लिए एक सुरक्षा प्रतिक्रिया कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। सुरक्षा और जागरूकता के प्रति ईएसएल की प्रतिबद्धता इस अवसर पर बोलते हुए, ईएसएल के केंद्रीय इंजीनियरिंग और एचएसईएस के निदेशक तपेश चंद्र नस्कर ने कहा, “ईएसएल में, सुरक्षा केवल प्राथमिकता नहीं है; यह हमारी कार्य संस्कृति में अंतर्निहित एक मुख्य मूल्य है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस हमारे कर्मचारियों, भागीदारों और समुदाय के लिए एक सुरक्षित और संरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता का एक शक्तिशाली अनुस्मारक है। आकर्षक गतिविधियों और जागरूकता पहलों के माध्यम से, हमारा लक्ष्य एक ऐसी मानसिकता विकसित करना है जहाँ सुरक्षा दूसरी प्रकृति बन जाए। एक संगठन के रूप में, हम उच्चतम सुरक्षा मानकों को बनाए रखना जारी रखेंगे और सकारात्मक बदलाव लाएंगे।” राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के समापन समारोह की अध्यक्षता डिप्टी सीईओ और डब्ल्यूटीडी रवीश शर्मा ने की और इसमें 250 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। समारोह में सड़क सुरक्षा पर एक सुरक्षा संपर्क, दीप प्रज्ज्वलन, एक नुक्कड़ नाटक और रचनात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से जागरूकता फैलाने के लिए एक सुरक्षा गीत प्रदर्शन शामिल था। कार्यक्रम का समापन नेतृत्व टीम द्वारा एक संक्षिप्त संबोधन और सभी प्रतियोगिता विजेताओं को पुरस्कार वितरण के साथ हुआ। वेदांता ईएसएल के बारे में: झारखंड के बोकारो जिले के सियालजोरी गांव में स्थित, वेदांता ईएसएल स्टील उत्पादों का एक अग्रणी निर्माता है। इसके पास 1.5 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) का ग्रीनफील्ड एकीकृत स्टील प्लांट है जो पिग आयरन, बिलेट्स, TMT बार, वायर रॉड और डक्टाइल आयरन पाइप का उत्पादन करता है। यह प्लांट निर्धारित पर्यावरण मानकों के अनुरूप काम करता है, जो विश्व स्तरीय सेवाओं और उत्पादों की पेशकश करने के लिए प्रतिष्ठित निर्माताओं से अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञता और समाधान लाता है।

बिक्रमगंज में धूमधाम से मनाया गया होलिका दहन का पर्व रात 11:26 पर विधि-विधान से हुआ दहन, बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालु

बिक्रमगंज प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में होलिका दहन का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। पुरोहितों ने रात 11 बजकर 26 मिनट पर विधिवत मंत्रोच्चार के साथ होलिका दहन कराया। कार्यक्रम से पहले महिलाओं ने पूजा-अर्चना की। कई परिवार अपने नवजात बच्चों को होलिका के समक्ष ढूंढ पूजन के लिए लेकर आए। होलिका दहन से पूर्व रंगबिरंगी आतिशबाजी का आयोजन भी किया गया। होलिका दहन में तिथि, भद्रा और शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा गया। मुख्यालय के सासाराम रोड महावीर मंदिर, तेंदुनी, धारूपर, धनगाईं, समेत शहर के विभिन्न स्थानों पर होलिका दहन हुआ। आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में नगरवासी और मातृशक्ति मौजूद रही। होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। इस अवसर पर नई फसल को अग्नि में भूना जाता है। लोग भूने हुए अनाज को प्रसाद के रूप में घर ले जाते हैं।

बिक्रमगंज में धूमधाम से मनाया गया होलिका दहन का पर्व रात 11:26 पर विधि-विधान से हुआ दहन, बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालु

बिक्रमगंज प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में होलिका दहन का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। पुरोहितों ने रात 11 बजकर 26 मिनट पर विधिवत मंत्रोच्चार के साथ होलिका दहन कराया। कार्यक्रम से पहले महिलाओं ने पूजा-अर्चना की। कई परिवार अपने नवजात बच्चों को होलिका के समक्ष ढूंढ पूजन के लिए लेकर आए। होलिका दहन से पूर्व रंगबिरंगी आतिशबाजी का आयोजन भी किया गया। होलिका दहन में तिथि, भद्रा और शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा गया। मुख्यालय के सासाराम रोड महावीर मंदिर, तेंदुनी, धारूपर, धनगाईं, समेत शहर के विभिन्न स्थानों पर होलिका दहन हुआ। आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में नगरवासी और मातृशक्ति मौजूद रही। होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। इस अवसर पर नई फसल को अग्नि में भूना जाता है। लोग भूने हुए अनाज को प्रसाद के रूप में घर ले जाते हैं।

बिक्रमगंज में धूमधाम से मनाया गया होलिका दहन का पर्व रात 11:26 पर विधि-विधान से हुआ दहन, बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालु

बिक्रमगंज प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में होलिका दहन का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। पुरोहितों ने रात 11 बजकर 26 मिनट पर विधिवत मंत्रोच्चार के साथ होलिका दहन कराया। कार्यक्रम से पहले महिलाओं ने पूजा-अर्चना की। कई परिवार अपने नवजात बच्चों को होलिका के समक्ष ढूंढ पूजन के लिए लेकर आए। होलिका दहन से पूर्व रंगबिरंगी आतिशबाजी का आयोजन भी किया गया।होलिका दहन में तिथि, भद्रा और शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा गया। मुख्यालय के सासाराम रोड महावीर मंदिर, तेंदुनी, धारूपर, धनगाईं, समेत शहर के विभिन्न स्थानों पर होलिका दहन हुआ। आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में नगरवासी और मातृशक्ति मौजूद रही। होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। इस अवसर पर नई फसल को अग्नि में भूना जाता है। लोग भूने हुए अनाज को प्रसाद के रूप में घर ले जाते हैं।

एनआईएलडी, कोलकाता ने 10 मार्च, 2025 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया।

एनआईएलडी, कोलकाता ने 10 मार्च, 2025 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। कार्यक्रम की शुरुआत एनआईएलडी के निदेशक डॉ. ललित नारायण ने मंत्री श्री सौगाता बनर्जी, डिप्टी डायरेक्टर (एडमिनिस्ट्रेशन), और मुख्य अतिथि डॉ. पायल राय चौधरी दत्त की उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलन करके की। इस अवसर पर डॉ. ललित नारायण ने महिला कर्मचारियों के लिए एक प्रेरक भाषण दिया, और श्री सौगाता बनर्जी, डीडीए, एनआईएलडी ने मुख्य भाषण दिया। श्रीमती सुभ्रा श्रीमानी, लेक्चरर कम एएनएस, एचओडी विभाग नर्सिंग ने उद्घाटन भाषण दिया। डॉ. पायल राय चौधरी ने विषय पर एक सत्र प्रस्तुत किया। डॉ. ललित नारायण ने महिला कर्मचारियों को पुरस्कार प्रदान करके इस दिन को विशेष बनाया। एनआईएलडी कर्मचारियों द्वारा एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। प्रतिभागियों को संवेदनशील बनाने के लिए उद्धरण लिखित गुब्बारे भी प्रदर्शित किए गए और समाज से बुराइयों को दूर करने के लिए प्रतीकात्मक रूप से फोड़े गए। कुल 120 एनआईएलडी कर्मचारी और छात्रों ने इस कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम का समन्वय एसईआर विभाग और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समिति द्वारा किया गया था।

शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने किया मंत्री का पुतला दहन जय कुमार चौधरी, मंत्री, बिहार सरकार का पुतला दहन किया गया

शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने किया मंत्री का पुतला दहन जय कुमार चौधरी, मंत्री, बिहार सरकार का पुतला दहन किया गया ज्ञातव्य हो कि चौधरी ने विधानमंडल में संबद्ध डिग्री कॉलेज के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतनमान के प्रश्न विधायको तथा सदस्य ,विधान परिषदों के जबाब शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के खिलाफ बयान दिया था, गलत ढंग से बयान देने के खिलाफ इनका पुतला दहन इन्दु तपेश्वर सिंह महिला कालेज बिक्रमगंज रोहतास के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों ने किया पुतला दहन कार्यक्रम बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर किया गया इसमें डॉ पुष्पा रसिक,डॉ रबिन्द्र कुमार, डॉ मनोज कुमार सिंह , डॉ पुष्पा सिंह, डॉ बिपिन बिहारी सिंह, डॉ इफ्तेखार अहमद, डॉ हरेन्द्र कुमार सिंह, डॉ उमेश सिंह, डॉ रेणु कुमारी, डॉ सन्तोष कुमार प्रो तेजनरायण सिंह, डॉ बिनोद कुमार सिंह तथा रामाकांत सिंह, किसलय सिंह , असगर आलम आदि ने भाग लिया। शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों में भारी आक्रोश है अगर सरकार वेतनमान नहीं देती है तो 20 मार्च 2025 को विधानमंडल घेराव किया जाएगा

दिव्यांगता मूल्यांकन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण पर जोर दिया गया

संशोधित दिव्यांगता मूल्यांकन दिशानिर्देशों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम 6 से 7 मार्च 2025 तक 8वां बैच का उद्धघाटन आज दिनांक ६ मार्च, २०२५ को हॉल नंबर-7, बिस्व बांग्ला कन्वेंशन सेंटर, बिस्वा बांग्ला सारनी, ब्लॉक-डीजी, न्यू टाउन, कोलकाता में किया गया. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) द्वारा स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डी.जी.एच.एस.), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। इसका उद्देश्य अंडमान और निकोबार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के चिकित्सको को 12 मार्च, 2024 को अधिसूचित संशोधित दिव्यांगता मूल्यांकन दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए प्रशिक्षित करना है, जिसमें दिव्यांगता मूल्यांकन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण पर जोर दिया गया है। सुश्री संघमित्रा घोष, प्रधान सचिव, महिला एवं बाल विकास तथा सामाजिक कल्याण विभाग पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में दिव्यांगजन समाज में अपना पक्ष बेहतर तरीके से रखने की स्थिति में हैं, साथ ही उन्होंने अवगत कराया कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा डिजिटल दिव्यांगता मूल्यांकन की शुरूआत भी की चुकी है। श्री राजीव शर्मा, संयुक्त सचिव, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार ने मुख्यांश सम्बोधन में प्रशिक्षण कार्यक्रम और संशोधित दिव्यांगता मूल्यांकन दिशानिर्देशों के बारे में जानकारी दी तथा दिव्यांगता मूल्यांकन और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और समाज कल्याण विभाग के बीच समन्वय पर जोर दिया। श्री नारायण स्वरूप निगम, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने सम्बोधन में पश्चिम बंगाल सरकार की विशिष्ट दिव्यांगता पहचान-पत्र (यू.डी.आई.डी.) की प्रगति के बारे में जानकारी प्रदान की। उद्दघाटन कार्यक्रम में डॉ. सुनीता मंडल, सहायक महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, स्वास्थ्य एवं महिला कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, जैसे वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थीं तथा संबंधित दिव्यांगताओं के विशेषज्ञ डॉ. शेफाली गुलाटी (एम्स, दिल्ली), डॉ. अरुणभा चक्रवर्ती (एल.एच.एम.सी., दिल्ली), डॉ. मीना चंद्रा (आर.एम.एल.एच., दिल्ली), डॉ. पंकज वर्मा (सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली), डॉ. तुफान कांति दोलाई (एन.आर.एस. मेडिकल कॉलेज, कोलकाता), डॉ. मनुश्री गुप्ता (सफदरजंग, अस्पताल, दिल्ली), डॉ. हरि प्रकाश पुरी (आर.एम.एल.एच., दिल्ली), डॉ. मोहित कटारूका (एम्स कल्याणी), डॉ. गौतम कामिला (एम्स, दिल्ली), श्री प्रभाकर उपाध्याय (एल.एच.एम.सी., दिल्ली) दिव्यांगता के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डालेंगे और संशोधित मूल्यांकन दिशानिर्देशों में उल्लिखित दिव्यांगताओं पर अपने अनुभवों को साझा किया दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वय डा. ललित नारायण, निदेशक, राष्ट्रीय गतिशील दिव्यांगजन संस्थान, कोलकाता एवं उनकी टीम द्वारा किया गया।