संशोधित दिव्यांगता मूल्यांकन दिशानिर्देशों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम 6 से 7 मार्च 2025 तक 8वां बैच का उद्धघाटन आज दिनांक ६ मार्च, २०२५ को हॉल नंबर-7, बिस्व बांग्ला कन्वेंशन सेंटर, बिस्वा बांग्ला सारनी, ब्लॉक-डीजी, न्यू टाउन, कोलकाता में किया गया. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) द्वारा स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डी.जी.एच.एस.), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। इसका उद्देश्य अंडमान और निकोबार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के चिकित्सको को 12 मार्च, 2024 को अधिसूचित संशोधित दिव्यांगता मूल्यांकन दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए प्रशिक्षित करना है, जिसमें दिव्यांगता मूल्यांकन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण पर जोर दिया गया है।
सुश्री संघमित्रा घोष, प्रधान सचिव, महिला एवं बाल विकास तथा सामाजिक कल्याण विभाग पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में दिव्यांगजन समाज में अपना पक्ष बेहतर तरीके से रखने की स्थिति में हैं, साथ ही उन्होंने अवगत कराया कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा डिजिटल दिव्यांगता मूल्यांकन की शुरूआत भी की चुकी है।
श्री राजीव शर्मा, संयुक्त सचिव, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार ने मुख्यांश सम्बोधन में प्रशिक्षण कार्यक्रम और संशोधित दिव्यांगता मूल्यांकन दिशानिर्देशों के बारे में जानकारी दी तथा दिव्यांगता मूल्यांकन और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और समाज कल्याण विभाग के बीच समन्वय पर जोर दिया।
श्री नारायण स्वरूप निगम, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने सम्बोधन में पश्चिम बंगाल सरकार की विशिष्ट दिव्यांगता पहचान-पत्र (यू.डी.आई.डी.) की प्रगति के बारे में जानकारी प्रदान की।
उद्दघाटन कार्यक्रम में डॉ. सुनीता मंडल, सहायक महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, स्वास्थ्य एवं महिला कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, जैसे वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थीं तथा संबंधित दिव्यांगताओं के विशेषज्ञ डॉ. शेफाली गुलाटी (एम्स, दिल्ली), डॉ. अरुणभा चक्रवर्ती (एल.एच.एम.सी., दिल्ली), डॉ. मीना चंद्रा (आर.एम.एल.एच., दिल्ली), डॉ. पंकज वर्मा (सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली), डॉ. तुफान कांति दोलाई (एन.आर.एस. मेडिकल कॉलेज, कोलकाता), डॉ. मनुश्री गुप्ता (सफदरजंग, अस्पताल, दिल्ली), डॉ. हरि प्रकाश पुरी (आर.एम.एल.एच., दिल्ली), डॉ. मोहित कटारूका (एम्स कल्याणी), डॉ. गौतम कामिला (एम्स, दिल्ली), श्री प्रभाकर उपाध्याय (एल.एच.एम.सी., दिल्ली) दिव्यांगता के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डालेंगे और संशोधित मूल्यांकन दिशानिर्देशों में उल्लिखित दिव्यांगताओं पर अपने अनुभवों को साझा किया
दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वय डा. ललित नारायण, निदेशक, राष्ट्रीय गतिशील दिव्यांगजन संस्थान, कोलकाता एवं उनकी टीम द्वारा किया गया।