Bakwas News

बिहार की सियासी भूचाल : आज दोपहर राज्यपाल से मिलेंगे नीतीश और तेजस्वी

बिहार में नया गठबंधन के आकार लेने और एनडीए में टूट की आहट साफ सुनाई दे रही है। सीएम आवास पर जेडीयू की अहम बैठक हो रही है। इस बीच सूत्रों से  मिल रही जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मिलने के लिए समय मांगा है। राज्यपाल की ओर नीतीश कुमार को दोपहर 1 बजे मिलने का समय दे दिया है। वहीं सूत्रों के अनुसार आज राबड़ी आवास पर चल रही विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार के नाम पर मुहर लग गई है। सूत्रों ने यह भी बताया है कि नीतीश कुमार के साथ तेजस्वी यादव भी राज्यपाल से मिलने जा सकते हैं। इस बीच राजद खेमे से एक बड़ी खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि तेजस्वी यादव ने राजद के सभी विधायकों से समर्थन पत्र पर साइन करवा लिया है। सूत्रों ने बताया है कि तेजस्वी यादव समर्थन पत्र नीतीश कुमार को सौंपेंगे। इस बीच खबर यह भी सामने आ रही है कि बीजेपी मंत्री गठबंधन टूटने से पहले इस्तीफा दे सकते हैं।

बिहार के राजनीतिक गलियारे में किसी के लिए मंगलवार शुभ तो किसी के लिए हो सकता है अशुभ

बिहार के राजनैतिक गलियारे में मंगलवार किसी के लिए शुभ -मंगलवार तो किसी के लिए अशुभ -मंगलवार साबित हो सकता है। राज्य में सियासी सरगर्मी भूचाल बनने की ओर अग्रसर है। एक नए गठबंधन की सुगबुगाहट तेज हो गई है। शाम तक बिहार की सियासत में बड़े फेर-बदल की संभावना जताई जा रही है। इस बीच राबड़ी देवी के आवास पर महागठबंधन की बैठक के लिए विधायक पहुंच गए हैं। पहले सिर्फ राजद विधायक दल की बैठक होनी थी। लेकिन, इसमें माले के विधायक भी पहुंच गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस के विधायक भी बैठक में शामिल हैं। जानकारी के अनुसार जेडीयू और आरजेडी के बीच सौदेबाजी शुरू हो गयी है। गठबंधन बदलने से पहले आरजेडी ने नीतीश कुमार के सामने अपनी शर्त रख दी है। उसके मुताबिक तेजस्वी यादव फिर से बिहार के डिप्टी सीएम बन सकते हैं। तेजस्वी ने समर्थन देने की बात नीतीश तक पहुंचा दी है, लेकिन गृह मंत्रालय भी मांग लिया है। नीतीश लंबे समय से गृह मंत्रालय का जिम्मा अपने पास रखे हुए हैं और कभी किसी डिप्टी सीएम या दूसरे मंत्री को नहीं मिला है। उनके राजनीतिक जीवन के सबसे भरोसेमंद डिप्टी सीएम सुशील मोदी को भी गृह मंत्रालय कभी नहीं मिला। कुल मिलाकर सीन यह बन रहा है कि तमाम तल्खियां भूलकर एक बार फिर से चाचा-भतीजा बिहार के सीएम और डिप्टी सीएम के रूप में एक साथ नजर आ सकते हैं।इधर, राबड़ी आवास पर जारी बैठक में मोबाइल ले जाने से मना किया गया है। आवास के बाहर ही कई विधायकों को अपना मोबाइल सुरक्षाकर्मियों और समर्थकों को थमाते हुए देखा गया। राबड़ी आवास के भीतर विधायकों की गिनती भी की गई है। पूछे जाने पर विधायकों ने बहाने बना दिए।

सावन के अंतिम सोमवारी पर बिहार के विभिन शिवालयों में उमड़ी भीड़

श्रावण मास के अंतिम सोमवार पर शिवालयों में श्रद्धालुओं भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने अलग-अलग शिवालयों में जलाभिषेक किया। सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की लाइन लगी रही। इस दौरान शिवालयों में भगवान शंकर के जयकारे गुंजायमान रहे। अंतिम सोमवार को विभिन शिवालयो को विभिन्न प्रकार के फूलों से सजाया गया। सावन के आखिरी सोमवार को सुबह से ही बिहार  के सभी शिवालयों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। सावन के अंतिम सोमवार पर भगवान शंकर का महा रूद्राभिषेक किया गया। बिहार के भोजपुर जिले के पीरो प्रखंड में अवस्थित बहरी महादेव धाम  में सुबह से ही जल चढ़ना प्रारंभ हो गया था। मंदिर में जल चढ़ाने के लिए लोगों को कतार में लगना पड़ा। ससुराल से विदा हुये भोले अंतिम सोमवार के साथ ही भगवान शिव की ससुराल दक्षनगरी में भोले नाथ का वास समाप्त हो गया। भगवान शंकर आज कैलाश लौट जायेंगे। इसी कारण भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए हरिद्वार के सभी शिवालयों में विशेष पूजा-अर्चना, अनुष्ठान, महारूद्राभिषेक, शिवपुराण आदि का आयोजन किया गया। सावन माह शुरू होते ही भगवान शंकर अपनी ससुराल में विराजमान रहकर भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं।

मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, 25 जिलों में हवा के साथ बारिश व वज्रपात की पूर्वानुमान

बिहार में छिटपुट वर्षा की स्थिति बनी हुई है। प्रदेश में मानसून अब फिर से कमजोर पड़ गया है। इस वजह से मूसलाधार बारिश की स्थिति नहीं बन रही है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार सोमवार व मंगलवार को राजधानी समेत प्रदेश के 25 जिलों के एक या दो जगहों पर मेघ गर्जन के साथ हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा का पूर्वानुमान है। सोमवार को प्रदेश के उत्तर-पश्चिम व दक्षिण पश्चिम भागों को छोड़कर प्रदेश के सभी जिलों में वज्रपात और 40-50 किमी प्रतिघंटा से हवा का प्रवाहित होने का अलर्ट है। बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से मौसम में यह बदलाव आएगा। मौसम की यह स्थिति कुछ जगहों पर बुधवार को भी आंशिक रूप से बनी रह सकती है। पिछले 24 घंटे में वैशाली जिले के गोरौल में सर्वाधिक वर्षा 54.6 मिमी दर्ज की गई। वहीं शनिवार की देर शाम और रात राजधानी में 32.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान 38.5 वैशाली और सीतामढ़ी में दर्ज किया गया। वहीं राजधानी का अधिकतम तापमान 34.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। फिलहाल मानसून ट्रफ जैसलमेर, कोटा, दुर्ग होते हुए पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर गुजर रही है। इन जगहों पर अलर्ट सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, पटना, नवादा, गया, शेखपुरा, बेगूसराय, लखीसराय, जहानाबाद, भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर, खगड़िया ।

यूपी में 5 लाख मुस्लिम घरों और सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों पर फहराएगा तिरंगा

यूपी में बीजेपी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष के पूरा होने पर अपने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को बढ़ावा देने के लिए लगभग 5 लाख मुस्लिम घरों, सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों पर तिरंगा फहराने की योजना बनाई है। इस अभियान की शुरुआत 12 अगस्त से हो जाएगी। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष बासित अली ने बकवास न्यूज़  से बात करते हुए कहा कि हम कम से कम 5 लाख मुस्लिम घरों पर तिरंगा फहराने का लक्ष्य बना रहे हैं। पार्टी काडर मदरसों और दरगाहों पर तिरंगा फहराएगा और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करने के लिए तस्वीरें क्लिक करवाएगा। अली ने कहा कि इससे पहले, 2017 में सत्ता में आने के तुरंत बाद, भाजपा ने मदरसों में स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रगान का पाठ और झंडा फहराना अनिवार्य कर दिया था। अभियान को सियासी सफल बनाने की कोशिश  दरअसल बीजेपी ‘पसमांदा’ (मुसलमानों के बीच पिछड़ा समुदाय) के बीच पार्टी की पहुंच बढ़ाने पर जोर दे रही है। ऐसा माना जाता है कि पार्टी ने लगभग 50,000 मुस्लिम बहुल बूथों की पहचान की है जहां वह केंद्र द्वारा शुरू की गई जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता अभियान चलाने की योजना बना रही है। भाजपा सूत्रों ने कहा कि पार्टी का लक्ष्य अपने महत्वाकांक्षी ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को अंजाम देने में धार्मिक रेखाओं में कटौती करना है, जो 4 करोड़ से अधिक घरों और सरकारी कार्यालयों को कवर करना चाहता है। तिरंगे पर राजनीति करने से बचना चाहिए : राजेंद्र चौधरी  विकास पर प्रतिक्रिया देते हुए, समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि भाजपा को तिरंगे पर राजनीति करने से बचना चाहिए। “ये राष्ट्रीय ध्वज है। उसका पूरा सम्मान है…पर किसी तरह का दबाव नहीं डालना चाहिए…जो लोग स्वेछा से लगाना चाहते हैं वो लगाये… तिरंगा फहराएं)।

मानसून की बेरुखी से सहमे किसान, बलिया में 30 प्रतिशत ही हुई धान की रोपाई

इस वर्ष मानसून की बेरुखी ने सारे जानकारों और मौसविदों के पूर्वानुमानों को ध्वस्त कर दिया है।विगत जून महीने से ही लगातार मौसमविदों ने भविष्यवाणी करनी शुरू कर दी कि इस बार मानसून अपने निर्धारित समय से पूर्व पहुंचेगा और 100%बारिश होगी । मौसम विज्ञानियों की भविष्यवाणी को सुनकर किसानों के मन मयूर नाचने लगे।किसानों ने अच्छी मानसून की आवग देखकर खरीफ की फसल धान की तैयारी में जुट गए। किसानों ने ताबड़तोड़ धान की नर्सरी (बेहन) लगा दी । किसान नर्सरी लगाकर मानसून आने की प्रतीक्षा करने लगे दिन ,सप्ताह और माह,और नक्षत्रे बीत गये लेकिन मानसून का दूर दूर तक कोई अतापता नही है। मानसून की इस बेरुखी से किसान सहमे हुए हैं उन्हें समझ मे नही आ रहा है कि क्या किया जाए ? अगर हम पूरे पंदह ब्लॉक की बात करे तो अवर्षण के कारण अभी तक मात्र 20-30% ही धान की रोपाई हो पाई है। अब जबकि धान की नर्सरी रोपाई के लिए बिल्कुल तैयार हो कर खराब हो रही है। कई ऐसी प्रजातियों की नर्सरी है जो अगर समय रहते इनकी रोपाई नही हुई तो इनकी पैदावार नही के बराबर हो जाएगी । किसानों का कहना है कि जिस तरह से मौसम का रुख है इसे देखकर तो यही लगता है कि बारिश के अभी दूर दूर तक कोई आसार नहीं नजर आ रहें हैं। इन किसानों की माने तो आज भले ही विज्ञान अपने को काफी आगे बता रहा है लेकिन पहले जमाने के कृषि एवं मौसमविद घाघ कवि की कहवाते एकदम सटीक बैठती हैं । आज जो मौसम का रुख है इसके संबंध में घाघ कवि ने कहा है कि -“दिन में बदर रात निबदर पुरुआ बहे झब्बर झब्बर ,घाघ कहे कुछ अनहोनी होई कुँआ खोदके धोबी धोइ ।।” अर्थात दिन में बदली और रात में आसमान का साफ होना साथ ही पुरवइया हवा का तेज बहना यह संकेत है कि बारिश नही होगी और ताल तलैया सब सूखे रहेंगे । कुँआ खोदकर धोबी लोगो को कपड़ा धोना पड़ेगा ।घाघ कवि की ये पंक्तियां आज एक दम सटीक बैठ रही हैं यही कारण है कि किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा रही हैं । मानसून के बेरुखी के साथ साथ नहर व बिजली ने भी मुंह मोड़ा एकतरफ जहाँ किसान मानसून के रूठने से काफी परेशान हैं ।वही किसानों के लिए बिजली और नहरे कोढ़ में खाज बनी हुई हैं ।धान की नर्सरी तैयार होने के बाद मानसून के न आने के बावजूद भी किसान उसके आने केआश नही छोड़े हैं और उसी आस में निजी संसाधनों से पानी की कमी दूर करने का प्रयास कर रहें है । महंगे डीजल पम्पसेट को चलाकर किसान खेतो में पलेवा लगाकर धान की रोपाई करा रहे हैं।इस आस में कि आज नही तो कल हो सकता है मानसून हम पर प्रसन्न हो जाये और हमारी खरीफ की फसल धान की पैदावार अच्छी हो जाये । परंतु दूसरी तरफ सरकार के तरफ सर उपलब्ध कराए जाने वाले संसाधनों के लगातार दगा देने के कारण किसानों की हालत और खस्ता हो गई है। आज कोई भी नहर अपने मानक के अनुरूप नही चल रही है । प्रायः हर नहरो में गेज से नीचे पानी या सप्ताह में एक या दो दिन ही पानी किसानों को मिल रहा है जिससे किसानों की बात बनने वाली नही है। यही हाल बिजली का है सप्ताह में अक्सर तीन दिन बिजली गायब रहती है या 24 घंटे में 6- 7 घंटे ही मिल पाती है जो मिलती भी है । वो भी है उसमें लगातार ट्रिपिंग या लो बोल्टेज की समस्या बनी रहती है । जिससे किसानों के बिजली चलित पम्पसेट नही चल पाते और किसान बेचारा बिजली विभाग और सरकार को कोस कर चुप हो जाता है । किसानों का कहना है कि अगर मानसून नही भी आया है लेकिन अगर नहरो में पानी और बिजली समय से उपलब्ध रहते तो हमारी परेशानियां काफी हद तक कम हो सकती थी । पानी के आभाव में रोपे गए धान के खेतों में पड़े दरार जिन किसानों की धान की नर्सरी तैयार हो चुकी हैं वो येन केन रूप से उनकी रोपाई तो कर रहें हैं लेकिन बारिश न होने और जमीन के अंदर जलस्तर के नीचे चले जाने के कारण खेतो की नमी तुरंत चटक जा रही है ।जिसके कारण खेतो में लंबे लंबे दरार पड़ जा रहे हैं । ऊपर से तेज धूप और गर्मी के चलते धान की नवजात फसल झुलसने लग जा रही है । नहरो में पानी और बिजली का आभाव भी खेतो की नमी गायब करने में बड़ा योगदान कर रहा है । अगर नहरो में पानी तथा बिजली होते तो किसान रोपे गए धान की आराम से सिंचाई कर लेते। अब जिले को सुखा ग्रस्त घोषित करने की मांग शुरू बलिया। लगातार अवर्षण की स्थिति एवं मानसून की बेरुखी के साथ साथ मात्र 20 से 30 प्रतिशत तक धान की रोपाई को देखते हुए अब लोगो के जेहन में सूखे की आशंका उत्पन्न हो गई है। धीरे धीरे ही सही लेकिन किसानों से लगायत बुद्धिजीवी वर्गों तथा राजनैतिक दलों के नेताओ द्वारा बलिया को सूखाग्रस्त घोषित करने की माँग उठने लगी है साथ ही किसानों को आर्थिक सहायता के साथ साथ कृषि ऋण माफी एवं वसूली रोकने की भी मांग होने लगी है। किसानों सहित अनेको लोगो ने प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित कर सूखा ग्रस्त घोषित करने की मांग की है।

राजस्थान : भरतपुर में मजहब की दीवार तोड़ मुस्लिम लड़की ने हिन्दू लड़के से की शादी

नगमा – नरेन्द्र का प्यार   राजस्थान के भरतपुर में एक मुस्लिम लड़की ने धर्म की दहलीज से बाहर जाकर एक हिंदू लड़के से प्यार किया और फिर दोनों ने शादी कर ली। अब दोनों की जान खतरे में पड़ गई है। लड़की का पिता दोनों को मार डालना चाहता है और एक बार इसकी कोशिश भी कर चुका है। लड़की के पिता ने अपने ऑटो से दोनों को कुचलने की कोशिश की। हालांकि, किसी तरह वह जान बचाकर भागने में कामयाब रहे। घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है।   भरतपुर के एक मोहल्ले में नगमा को पड़ोसी नरेंद्र सैनी से प्यार हो गया। मजहब अलग होने की वजह से लड़की के परिवार को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। नगमा ने घर से भागकर इसी साल 22 फरवरी को कोर्ट में नरेंद्र से शादी कर ली। शादी से नाराज होकर अब नगमा के पिता और रिश्तेदार दोनों की जान के दुश्मन बन गए हैं। उन्हें लगातार धमकिया दी जा रही हैं। उन पर एक बार जानलेवा हमला भी हो चुका है। लेकिन किसी तरह भागकर नगमा और नरेंद्र ने अपनी जान बचा ली थी। नगमा ने पति के साथ प्रशासन से लगाई गुहार हालांकि, नगम और नरेंद्र पर लगातार खतरा बरकरार है। दोनों को हर वक्त इस बात का डर सताता रहता है कि उनकी जान जा सकती है। इसी डर की वजह से नगमा और नरेंद्र सैनी ने जिला कलेक्टर के पास जाकर अपनी जान बचाने की गुहार लगाई है। नगमा ने कहा, ”कलेक्टर साहब मैं मुस्लिम हूं और मैंने हिंदू लड़के से शादी कर ली है, लेकिन अब मेरे पिता व मेरे मजहब के लोग हमारे दुश्मन बन गए हैं। वे लोग हम दोनों को जान से मार देना चाहते हैं । मैं गर्भवती हूं इसलिए मेरी और मेरी कोख में पल रहे बच्चे व पति की जान बचाने के लिए सुरक्षा मुहैया कराई जाए। अस्पताल से लौटते वक्त हमला  नरेंद्र 28 जुलाई को गर्भवती पत्नी नगमा को दिखाकर अस्पताल से बाइक पर सवार होकर घर जा रहा था। तभी सूरजपोल चौराहे के पास नगमा के पिता और परिजनों ने ऑटो से उनको टक्कर मारने की कोशिश की। यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है।   क्या कहना है प्रशासन का अतिरिक्त जिला कलेक्टर बीना महावर ने कहा कि दोनों पति पत्नी ने प्रार्थना पत्र दिया है कि उन्हें परिजनों से जान का खतरा है। इसलिए जिला एसपी को पत्र प्रेषित कर कहा गया है कि पति पत्नी की जान की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

नागदेवता की आराधना से विश्व को मिलेगी शांति और धन की होगी बारिश – तांत्रिक आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी

हम सभी जानते हैं नाग पंचमी  का त्‍यौहार सावन (श्रावण) के महीने  में आता है। प्रचलित हिंदु मान्‍यता के अनुसार पृथ्वी शेषनाग के फन पर टिकी है और भगवान शिव जी भी सर्प माला को पहने रहते हैं इसलिये सर्प को देवता के रूप में पूजा जाता है। भारत में नागों की पूजा करने का एक वैज्ञानिक कारण भी है, खेतों में फसलों को नुकसान पहुॅचानें वाले चूहे आदि जीवों का सर्प नष्‍ट कर देता है, जिससे किसानों की फसल सुरक्षित रहती है। एक कहानी केे अनुसार एक सर्प ने भाई बनकर अपनी बहन की सुरक्षा की थी और भाई का फर्ज निभाया था, इसलिये इस दिन महिलायें नागों को दूध पिलाती हैं और उसमें प्रार्थना करती हैं उनकी और उनके परिवार की सुुरक्षा करें। सर्प ही धन की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं और इन्हें गुप्त, छुपे और गड़े धन की रक्षा करने वाला माना जाता है. नाग, मां लक्ष्मी की रक्षा करते हैं । जो हमारे धन की रक्षा में हमेशा तत्पर रहते हैं इसलिए धन-संपदा व समृद्धि की प्राप्ति के लिए नाग पंचमी मनाई जाती है। इस दिन श्रीया, नाग और ब्रह्म अर्थात शिवलिंग स्वरुप की आराधना से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है और साधक को धनलक्ष्मी का आशिर्वाद मिलता है । हर साल सावन के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नागपंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस बार 02 अगस्त 2022 को देशभर में नागपंचमी मनाई जाएगी. इस दिन नाग देवता के 12 स्वरूपों की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि नाग देवता की पूजा करने और रुद्राभिषेक करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं और मनचाहा वरदान देते हैं।  मान्यता यह भी है कि इस दिन सर्पों की पूजा करने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं। प्राचीन धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, अगर किसी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष हो तो उसे नागपंचमी के दिन भगवान शिव और नागदेवता की पूजा करनी चाहिए। कालसर्प योग यज्ञ का आरम्भ या समाप्ति पंचमी, अष्टमी, दशमी या चुतुर्दशी तिथिवार चाहें जो भी हो, भरणी, आद्र्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, उत्तराषाढ़ा, अभिजित एवं श्रवण नक्षत्र श्रेष्ठ माने जाते हैं। परन्तु जातक की राशि से ग्रह गणना का विचार करना परम आवश्यक होता है। यह हैं नाग पंचमी पूजा विधि नाग पंचमी  के दिन घर के सभी दरवाजों पर खड़िया (पाण्डु/सफेदे) से छोटी-छोटी चौकोर जगह की पुताई की जाती है और कोयले को दूध में घिसकर मुख्‍यत दरवारों बाहर दोनों तरफ, मंदिर के दरवाजे पर और पूजा घर  में नाग देवता के चिन्ह (फोटो) बनाये जाते हैं, आज-कल यह फोटो बाजारों में मिलते हैं, जिन्‍हें आप इस्‍तेमाल कर सकते हैं। नागों की पूजा गाय का दूध और धान की लावा  से की जाती हैं और इस दिन नागों को दूध पिलाने की परंपरा है। जिसके लिये खेतों में या किसी ऐसे स्‍थान पर जहॉ सर्प होने की संभावना हो वहॉ एक कटोरी में दूध और धान की लावा रखा जाता है।  ऐसे करें नागपंचमी की पूजन सबसे पहले प्रात: घर की सफाई कर स्नान कर लें। इसके बाद प्रसाद के लिए सेवई और चावल बना लें। इसके बाद एक लकड़ी के तख्त पर नया कपड़ा बिछाकर उस पर नागदेवता की मूर्ति या तस्वीर रख दें। फिर जल, सुगंधित फूल, चंदन से अर्ध्य दें।  नाग प्रतिमा का दूध, दही, घृ्त, मधु ओर शर्कर का पंचामृ्त बनाकर स्नान कराएं।  प्रतिमा पर चंदन, गंध से युक्त जल अर्पित करें।  नये वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, हरिद्रा, चूर्ण, कुमकुम, सिंदूर, बेलपत्र, आभूषण और पुष्प माला, सौभाग्य द्र्व्य, धूप दीप, नैवेद्ध, ऋतु फल, तांबूल चढ़ाएं…आरती करें… अगर काल सर्पदोष है तो इस मंत्र का जाप करें: ”ऊँ कुरुकुल्ये हुं फट स्वाहा” ऐसे करें कालसर्प पूजन… प्रातःकाल स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजा के स्थान पर कुश का आसन स्थापित करके सर्व प्रथम हाथ में जल लेकर अपने ऊपर व पूजन सामग्री पर छिड़कें, फिर संकल्प लेकर कि मैं कालसर्प दोष शांति हेतु यह पूजा कर रहा हूं। अतः मेरे सभी कष्टों का निवारण कर मुझे कालसर्प दोष से मुक्त करें। तत्पश्चात् अपने सामने चौकी पर एक कलश स्थापित कर पूजा आरम्भ करें। कलश पर एक पात्र में सर्प-सर्पनी का यंत्र एवं कालसर्प यंत्र स्थापित करें। साथ ही कलश पर तीन तांबे के सिक्के एवं तीन कौड़ियां सर्प-सर्पनी के जोड़े के साथ रखें, उस पर केसर का तिलक लगायें, अक्षत चढ़ायें, पुष्प चढ़ायें तथा काले तिल, चावल व उड़द को पकाकर शक्कर मिश्रित कर उसका भोग लगायें, फिर घी का दीपक जला कर निम्न मंत्र का उच्चारण करें… ऊं नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथिवीमनु। ये अंतरिक्षे ये दिवितेभ्यः सर्पेभ्यो नमः स्वाहा।। राहु का मंत्र – ऊं भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः। इसके बाद सर्वप्रथम गणपति जी का  पूजन करें, नवग्रह पूजन करें, कलश पर रखी समस्त नाग-नागिन की प्रतिमा का पूजन करें व रूद्राक्ष माला से उपरोक्त कालसर्प शांति मंत्र अथवा राहू के मंत्र का उच्चारण एक माला जाप करें। उसके पश्चात् कलश में रखा जल शिवलिंग पर किसी मंदिर में चढ़ा दें। प्रसाद नंदी (बैल) को खिला दें, दान-दक्षिणा व नये वस्त्र ब्राह्मणों को दान करें। कालसर्प दोेष वाले जातक को इस दिन व्रत अवश्य करना चाहिए। तांत्रिक आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि अग्नि पुराण में लगभग 80 प्रकार के नाग कुलों का वर्णन मिलता है, जिसमें अनन्त, वासुकी, पदम, महापध, तक्षक, कुलिक, कर्कोटक और शंखपाल यह प्रमुख माने गये हैं।  स्कन्दपुराण, भविष्यपुराण तथा कर्मपुराण में भी इनका उल्लेख मिलता है। जानिए क्यों करवाएं नागपंचमी पर पूजन… यदि आपकी कुंडली में कालसर्प  योग (दोष), अंगारक दोष/यिग, या चाण्डाल दोष एवम ग्रहण दोष अथवा पित्र दोष है और उसके कारण आपके जीवन में (कई कामों में) विघ्न पड़ रहा है तो परेशान न हों।  नाग पंचमी का दिन कालसर्प योग(दोष), अंगारक दौड़, पितृदोष एवम ग्रहण दोष तथा चाण्डाल दोष जैसे दोषों की शांति के लिए बेहद फलदायी होता है। तांत्रिक आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि राहू के जन्म नक्षत्र ‘भरणी’ के देवता काल हैं एवं केतु के जन्म नक्षत्र ‘अश्लेषा’ के देवता सर्प हैं। अतः राहू-केतु के जन्म नक्षत्र देवताओं के नामों को जोड़कर “कालसर्प योग” कहा जाता है। राशि चक्र में 12 राशियां हैं, जन्म पत्रिका में 12 भाव हैं एवं 12 लग्न हैं। इस तरह कुल 144+144 = 288 कालसर्प … Read more

कोतवाल की कुर्सी पर विशेश्वरगंज में काशी के काल भैरव बाबा का लम्बे समय से कब्ज़ा

बाबा काल भैरव की कहानी कोतवाल की जुबानी  काल भैरव बाबा की कृपा से ही काशी में पुलिस वाले अपराध को करते है कंट्रोल  उत्तर प्रदेश में एक पुलिस स्टेशन ऐसा भी है कि जहां थानेदार की कुर्सी पर आज तक किसी अधिकारी ने बैठने की हिम्मत नहीं जुटाई। जी हां, वाराणसी के एक थाने में थानेदार की कुर्सी पर बाबा काल भैरव अपना आसन पिछले कई सालों से जमाए हुए हैं। अफसर बगल में कुर्सी लगाकर बैठते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि सालों से इस स्टेशन के IAS, IPS नहीं आया।  तो इसलिए अपनी कुर्सी पर नहीं बैठते थानेदार वाराणसी के विश्वेश्वरगंज स्थित कोतवाली पुलिस स्टेशन के प्रभारी का कहना है कि ये परंपरा पिछले कई सालों से चली आ रही है। यहां कोई भी थानेदार जब तैनाती में आया तो वो अपनी कुर्सी पर नहीं बैठा। कोतवाल की कुर्सी पर हमेशा काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव विराजते हैं। लोगों का मानना है कि आने-जाने वालों पर बाबा खुद नजर बनाए रखने के कारण भैरव बाबा को वहां का कोतवाल भी कहा जाता है। बाबा की इतनी मान्यता है कि पुलिस भी बाबा की पूजा करने से पहले कोई काम शुरु नही करती। पूरी काशी नगरी का लेखा-जोखा बाबा के पास माना जाता है कि बाबा विश्वनाथ ने पूरी काशी नगरी का लेखा-जोखा का जिम्मा काल भैरव बाबा को सौंप रखा है। यहां तक कि बाबा की इजाजत के बिना कोई भी व्यक्ति शहर में प्रवेश नहीं कर सकता है। पिछले 18 सालों से तैनात एक कॉन्स्टेबल का कहना है कि मैंने अभी तक किसी भी थानेदार को अपनी कुर्सी पर बैठते नहीं देखा। बगल में कुर्सी लगाकर ही प्रभारी निरीक्षक बैठता है। हालांकि, इस परंपरा की शुरुआत कब और किसने की, ये कोई नहीं जानता। लोगों का ऐसा मानना है कि यह परंपरा कई सालों पुरानी ही है। बाबा की मान्यता माना जाता है कि साल 1715 में बाजीराव पेशवा ने काल भैरव मंदिर बनवाया था। यहां आने वाला हर बड़ा प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी सबसे पहले बाबा के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेता है। बता दें कि काल भैरव मंदिर में हर दिन 4 बार आरती होती है। जिसमें रात के समय होने वाली आरती सबसे प्रमुख होती हैं। आरती से पहले बाबा को स्नान कराकर उनका श्रृंगार किया जाता है। खास बात यह है कि आरती के समय पुजारी के अलावा मंदिर के अंदर किसी को जाने की इजाजत नहीं होती। बाबा को सरसों का तेल चढ़ता है। साथ ही एक अखंड दीप बाबा के पास हमेशा जलता रहता है।

उत्तर प्रदेश में लेखापाल की परीक्षा में एसटीएफ ने साल्वर गैंग के 21 लोगों को किया गिरफ्तार, भेजा जेल

उत्तर प्रदेश में रविवार को होने वाली लेखपाल भर्ती की परीक्षा में प्रदेश के विभिन्न जिलों से एसटीएफ ने साल्वर गैंग के 21 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह सभी दूसरे के स्थान पर परीक्षा दे रहे थे और नकल कराने के प्रयास में लगे थे। इन 21 में सरगना भी शामिल है। एसटीएफ की इस कार्यवाही से साल्वर गैंग में हड़कम्प की स्थिति बनी है। राजस्व लेखपाल भर्ती की रविवार को मुख्य परीक्षा में अभ्यर्थियों से काफी धन लेकर साल्वर बैठाने तथा अन्य माध्यमों से प्रदेश के विभिन्न परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा को बाधित करने के प्रयास में बड़ी कार्यवाही की है। एसटीएफ ने इस मामले में साल्वर्स, नकल कराने के गैंग लीडर्स तथा अभ्यर्थियों सहित 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से कई साल्वर बिहार के भी हैं। उत्तर प्रदेश एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि यूपी लेखपाल भर्ती परीक्षा में धांधली के मामले में पूरे प्रदेश में अभी तक कुल 21 लोगों को विभिन्न थानों से गिरफ्तार किया गया है। प्रयागराज से भी विजय कांत पटेल नाम सरगना की गिरफ्तारी की गई है। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने रविवार को अयोध्या, अलीगढ़, आगरा, बरेली, मेरठ, गोरखपुर, प्रयागराज, मुरादाबाद, झांसी, कानपुर नगर, लखनऊ के साथ वाराणसी के कुल 501 परीक्षा केन्द्रों पर अपनी टीम का जाल डाल दिया था। पहली पाली में परीक्षा दस से 12 बजे तक तथा दूसरी पाली में दो से चार बजे तक थी। एसटीएफ की टीम ने जिलों में एलआइयू से परीक्षा को लेकर इनपुट मांगा था। इसके आधार पर 21 लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर उनको जेल भेजा गया है।         किया गया। परीक्षा में नकल कराने के लिए सक्रिय साल्वर गैंग को उत्तर प्रदेश एसटीएफ की चपलता के कारण पकड़ा गया।