Bakwas News

मेनू Close
Close

राष्ट्रीय अल्प बचत अभिकर्ता संघ ने मुख्य डाकघर सासाराम में दिया धरना

रोहतास जिला से विशेष संवाददाता चंद्रमोहन चौधरी की रिपोर्ट राष्ट्रीय अल्प बचत अभिकर्ता संघ ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय सासाराम में मुख्य डाकघर के समक्ष अपनी मांग के समर्थन में घेराव किया। संघ के जिला अध्यक्ष राम आशीष सिंह के नेतृत्व में पहुंचे दर्जनों अभी कर्ताओं ने जोरदार तरीके से विरोध प्रदर्शन भी किया। अभिकर्ताओं ने बताया कि उनके खाते से अवैध तरीके से चीफ पोस्ट मास्टर जनरल की ओर से रुपए की निकासी करा ली गई है। इस के संदर्भ में अभिकर्ताओं को किसी प्रकार की कोई सूचना डाकघर द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई। जिसके विरोध में आक्रोशित अभिकर्ता जिला मुख्यालय सासाराम स्थित मुख्य डाकघर पहुंच घेराव किया। घेराव के दौरान चीफ पोस्ट मास्टर जनरल ने बताया कि निवेशकों से उनके एसबीआई खाता से सीधा निवेश कराया गया है। जबकि इस प्रक्रिया में चेक बुक का उपयोग अनिवार्य था। इस स्थिति में कमीशन की राशि अभिकर्ताओ की खाते से रिकवरी की गई है। जिस पर अध्यक्ष ने बताया कि इस तरह के नियमावली आने पर अभिकर्ताओं को विभाग द्वारा सूचना उपलब्ध कराया जाना था। लेकिन अधिकारियों ने इस संदर्भ में किसी प्रकार की कोई सूचना अभिकर्ताओं को नहीं दिया। जिसके कारण पुराने प्रक्रिया के अंतर्गत निवेश कार्य सुचारू रूप से होता रहा। कमीशन की राशि पुनः उनके खाते में स्थानांतरित करने का अपील किया गया है। ऐसा नहीं किए जाने पर बड़ा आंदोलन संघ द्वारा किया जाएगा। कार्यक्रम में गीता देवी, केदार साह, नीलम देवी, पुष्पा कुमारी, लालबाबू प्रसाद, सीमा पंडित, विनोद कुमार गुप्ता, सुभाष प्रसाद, मुकेश कुमार एवं दिवाकर द्विवेदी सहित दर्जनों कार्यकर्ता शामिल हुए।

मुख्यमंत्री टोला संपर्क योजना बिक्रमगंज में फ्लाप, आजादी के सात दशक बाद भी दर्जन भर गांव संपर्क पथ से वंचित

रोहतास जिला से विशेष संवाददाता चंद्रमोहन चौधरी की रिपोर्ट बिक्रमगंज। मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना बिक्रमगंज प्रखंड क्षेत्र में पूरी तरह से फ्लॉप है। आाज भी प्रखंड क्षेत्र में दर्जन भर से अधिक टोला व बसाव क्षेत्र संपर्क पथ से वंचित है। यहां रहने वाले लोग बरसात के चार माह मुख्यालय से कटे रहते है। मार्ग नहीं होने के कारण यहां के लोगों को आने जाने या खेती की सामग्री अपने घर या खेतों तक ले जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।   ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, थ्रेसर या अन्य कृषि उपकरण इनके गांव तक नहीं पहुंच पाते है। जिससे समय से फसल लगाने या उत्पाद घर तक पहुंचने में कठिनाई होती है। गौरतलब हो कि 28 अक्टूबर वर्ष 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना का शुभारंभ किया गया था। इस योजना के तहत सभी 100 की आबादी वाले टोला को मुख्य पथ तक जोड़ने की योजना थी। प्रारंभ में इसके लिए 100 करोड़ राशि खर्च करना था। बाद में जिसे बड़ा कर 730 करोड़ कर दिया गया। इस योजना में 2020 तक 4643 टोला के 3977 किलोमीटर सड़क निर्माण किये जाने थे। निर्धारित अवधी समाप्त हो गया है। लेकिन बिक्रमगंज प्रखंड के घंसियां कला पंचायत सोहरनिया, यादव टोला, पाल टोला, मधुबन टोला, घुसियां खुर्द पंचायत के कंडाडीह टोला, गोपालपुर, कहुआरा सहित दर्जन भर से अधिक टोला एवं बसाव क्षेत्र है, जहां संपर्क पथ नहीं है। आज भी लोग मुख्यालय से कटे हुए है। पक्की सड़क नहीं होने के कारण यहां आने जाने के लिए लोगों को साधन आसानी नहीं मिलते है। सबसे अधिक परेशानी बरसात के दिनों में होती है। इन गांवों को संपर्क प्रखंड मुख्यालय या आसपास के बाजार से पूरी तरह से कट जाता है। लोगों को आवश्यक सामग्री या खेती के लिए उर्वरक, बीच आदि लाने में भारी परेशानी होती है। लोग कीचड़ से होकर सिर पर या साइकिल पर किसी तरह आवश्यक सामग्री बाजार से अपने घर लाते है। कहते है अधिकारी कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य प्रमंडल-2 मदन मोहन प्रसाद ने बताया कि कार्य पूरा करने की अवधी का विस्तार किया गया है। निर्धारित अवधी में कार्य पूर्ण किये जाने का निर्देश जारी किया गया है।

मिठाई बनी जानलेवा : मेले में मिठाई खाने के बाद 15 लोग बीमार, 2 लोगों की मौत, जाँच में जुटे अधिकारी

अरवल जिले के करपी थाना क्षेत्र के रोहाई गांव में फूड प्वाइजनिंग से करीब 15 लोग बीमार हो गए। मंगलवार की देर शाम दशहरा मेला में लगी दुकान में खाना खाने से अचानक लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी। जिसे ग्रामीणों के सहयोग से अरवल सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। बीमार पड़ने वालों में 9 बच्चे हैं। सभी करपी थाना क्षेत्र के केश्वर बिगहा, बाजीतपुर और बारा गांव के रहने वाले हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार आसपास के गांव के बच्चे दुर्गा पूजा में मेला घूमने के लिए गए थे। इस दौरान बाजार में ब्रेड और मिठाई खाई थी जिसके बाद वे लोग मेला घूम कर घर चले गए। मंगलवार की देर रात बारी बारी से बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। जिसके बाद सभी बच्चों को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों द्वारा सभी बच्चों का इलाज किया जा रहा है। वहीं अरवल के इटवा गांव निवासी बाबूलाल बिंद और उसके बेटे कल्लू कुमार की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। लोगों ने बताया कि बाबूलाल बिंद मंगलवार को काम करने के लिए बैदराबाद बाजार में गया था जहां लिट्टी खाया था और घर में आकर सो गया था। देर रात अचानक तबीयत बिगड़ी और घर पर ही बाबूलाल बिंद की मौत हो गई। लोगों ने बाबूलाल के मौत पर फूड प्वाइजनिंग की आशंका जताई है। बाबू लाल के पुत्र कल्लू को बेहोशी की हालत में सदर अस्पताल लाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सदर अस्पताल के डॉक्टर महेंद्र प्रसाद ने बताया कि बच्चे को बेहोशी हालत में अस्पताल में लाया गया था जिसकी मौत हुई है। बच्चे में फूड प्वाइजन का कोई लक्षण नहीं है। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने गांव पहुंचकर शव को कब्जे में ले लिया है। पोस्टमार्टम के बाद है खुलासा होगा कि बाप-बेटे की मौत फूड प्वाइजनिंग से या किसी अन्य कारण से हुई है। फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए लोगों का सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है। इलाज के दौरान डॉक्टर ने बताया कि बीमार हुए लोगों में 9 बच्चे हैं इसलिए स्थिति नाजुक है। अगले 24 घंटे में रिकवरी की उम्मीद की जा रही है। बीमार हुए सभी लोग अभी खतरे से बाहर हैं। पीड़ित बच्चों के परिजनों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस मामले की जांच की जानी चाहिए और लापरवाही बरतने वाले दुकानदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए। 

मोहनिया नगर निकाय चुनाव में गलत शपथ पत्र लगाकर एक महिला प्रत्याशी उतरी चुनाव मैदान में

कैमूर में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है । नगर निकाय चुनाव को लेकर बिहार राज्य चुनाव आयोग ने साफ कह दिया है कि 2008 के बाद जिनके पास दो से ज्यादा बच्चे होंगे वो चुनाव नही लड़ेंगे। लेकिन मोहनिया में एक महिला प्रत्याशी ने गलत शपथ पत्र लगाकर चुनावी मैदान ताल ठोक दी है। जानिए पूरा मामला क्या है  मोहनियां नगर निकाय निर्वाचन 2022 के निर्वाची पदाधिकारी अनुमण्डल पदाधिकारी मोहनियां द्वारा दिनांक 21 सितंबर को नामनिर्देशन पत्रों की छंटनी के समय नियम का पालन नहीं किया गया। मोहनियां वार्ड नंबर13 से प्रत्याशी श्रीमती रीता देवी पति श्री सोहन सिंह की तीन संतानें हैं जिनमें प्रथम दो संतान जुड़वा हैं जिनकी जन्म तिथि विद्यालय रजिस्टर में दिनांक 12.07.2008 दर्ज है। उनके द्वारा विद्यालय में जमा आधार कार्ड में भी जुड़वा बच्चों की जन्म तिथि 2008 हीं दर्ज है। तीसरे बच्चे की जन्म तिथि 2009 में दर्ज है। नगर निकाय निर्वाचन संबंधी चुनाव आयोग के निर्देश के तहत 2008 में दो बच्चे जन्म लेने के बाद तीसरा बच्चा उत्पन्न करनेवाले व्यक्ति नगर निकाय चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित हैं।   उक्त प्रत्याशी रीता देवी द्वारा चुनाव आयोग को भ्रमित कर चुनाव लड़ने की मंशा से अपने जुड़वा बच्चों का फर्जी आधार कार्ड तथा शपथ पत्र दाखिल किया गया जिसमें जुड़वा बच्चों की जन्म तिथि 2006 में दिखाई गई है। इस गड़बड़ी क जानकारी होने पर आवेदक द्वारा जुड़वा बच्चों के विद्यालय शारदा ब्रजराज +2 उच्च विद्यालय मोहनियां से सूचना के अधिकार के तहत बच्चों के नामांकन रजिस्टर एवं आधार कार्ड कि मांग कि गई और विद्यालय द्वारा विधिवत सूचना दिया गया कि उनकी जन्मतिथि दिनांक 12.07.2008 है। विद्यालय के उक्त सूचना के प्रति के साथ एक आवेदन लेकर वार्ड नंबर 13 के मतदाता अधिवक्ता संजय कुमार सिंह निर्वाची पदाधिकारी से दिनांक 20.09.2022 को मिले एवं नियमानुसार कारवाई की मांग किए। लेकिन निर्वाची पदाधिकारी ने आवेदन रिसीव करने से मना कर दिया। उसके बाद श्री सिंह ने निर्वाची पदाधिकारी के आफिशियल मेल आईडी पर आपत्ति भेज दिया। आज दिनांक 21.09.2022 को नाम निर्देशन पत्रों के छंटनी के समय उस वार्ड से प्रत्याशी सुमन कुमारी ने उक्त सभी कागजात के साथ आवेदन देकर निर्वाची पदाधिकारी से प्रत्याशी रीता देवी का नामांकन पत्र नियमानुसार खारिज करने का मांग किया। लेकिन निर्वाची पदाधिकारी ने आवेदन लेने से इंकार करते हुए रीता देवी का नामांकन स्वीकृत कर लिया। निर्वाची पदाधिकारी द्वारा यह कारवाई इस निमित्त जारी चुनाव आयोग के निर्देश का स्पष्ट उल्लंघन है तथा पक्षपातपूर्ण है। आवेदक ने इसके विरुद्ध जिला पदाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी कैमूर एवं बिहार राज्य चुनाव आयोग को साक्ष्यों सहित आवेदन भेजकर उचित कारवाई की मांग किया है।

बिहार में एक ऐसा थाना जहां थानेदार नही बल्कि कुर्सी टेबल ही करती है थानेदारी

औरंगाबाद। जिले का क्रीम कहे जानेवाला बारुण थाना जो कि हमेशा से शुर्खियो में रहा है। कभी पिला सोना यानी कि बालू और कभी थाने के पीछे दारू का खेल। जी हां हम बात कर रहे हैं बारुण थाना की जहां सरकार ने जिनके कंधे पर आम जनों की सुरक्षा की जिम्मेवारी दी है मगर उनकी थोड़ी सी लापरवाही आम जनों के लिए भारी पड़ सकता है । यह वीडियो औरंगाबाद जिला के क्रीम कहे जाने वाले बारुण थाना की है।   जिसे हम मॉडल थाना के रूप में भी जानते हैं। लेकिन इस थाने में अधिकारी नहीं मिलेंगे और ना ही कोई ड्यूटी में तैनात मिलेगा। यहां तक की ऑडी ड्यूटी भी यहां किसी को नहीं लगाई जाती जबकि नियम यह कहता है शिफ्ट चेंज होने पर जिसकी डयूटी होती है जबतक वह नही आता तबतक पहले वाले साहब को रहना अनिवार्य है। मगर इस थाने में ऐसा रूल नही है। जिसका खामियाजा किसी काम से थाने में आये ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है। अपने काम से ग्रामीण तो थाने जरूर आते हैं मगर थाने में साहब को न देखकर बैरंग वापस लौट जाते है । क्योंकि थाने में साहब नही सिर्फ खाली कुर्सी और टेबल पड़े है जो कि थाने चलाने का काम कर रहे है। इसका जांच करनेवाला भी कोई नहीं है।   इस बारे में जब ग्रामीणों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मैं घंटों से आकर थाने में बैठा हूं मुझे अपनी अग्नियास्त्र का सत्यापन कराना है लेकिन यहां तो कोई साहब उपलब्ध है ही नहीं ना तो थाना प्रभारी है और ना ही कोई ऑडी ड्यूटी में ही उपलब्ध है । हां वहां अंदर में 2 चौकीदार और एक मुंशी एक रूम में बैठे दिख रहे थे हालांकि जब उनसे इस बारे में बात की गई की थाने में आज ऑडी ड्यूटी पर भी लोग नहीं है तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा डेरा में गए हुए हैं एक से दो घंटे के बाद ही आएंगे जबकि नियमानुसार ऑडी ड्यूटी 24 घंटा दी जाती है 1 मिनट के लिए भी थाने को खाली छोड़ने का प्रावधान नहीं है मगर यहां थाना प्रभारी तथा पुलिसकर्मी की लापरवाही साफ झलक रही है जो अपने खुद सुरक्षित नहीं है वह आम जनों को क्या सुरक्षा प्रदान करेंगे।

अररिया में नाबालिग से दुष्कर्म कर हत्या, शव को नग्न अवस्था में खेत में फेंका

अररिया के रानीगंज थाना क्षेत्र के नारायणपुर में बीती रात जितिया के मेले से 9 वर्षीय बच्ची लापता हो गयी जिसका शव आज घर के बगल के खेत से हीं नग्न अवस्था में बरामद हुआ है। प्रथम दृष्टि में मामला दुष्कर्म कर हत्या का प्रतीत हो रहा है। पीड़ित बच्ची के परिजनों का कहना है कि बच्ची के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया है और उसकी निर्मम हत्या कर दी। वहीं अररिया SDPO पुष्कर कुमार ने बताया कि बच्ची की हत्या हुई है और मेडिकल बोर्ड का गठन किया जा रहा है। इस बड़ी घटना के बाद इलाके में सनसनी फैली हुई है और गाँव में आक्रोश व्याप्त है। घटना पर अररिया सांसद ने दुख जताते हुए अविलंब हत्यारे का शिनाख्त कर गिरफ्तारी सुनिश्चित करने की मांग की है।

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने प्रशांत किशोर पर साधा निशाना

पटना l जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने प्रशांत किशोर पर खुलकर निशाना साधा उन्होंने कहा प्रशांत किशोर एक मार्केटिंग मैनेजर है और सिर्फ मार्केटिंग करना जानते हैं उनको नीतीश कुमार ने नहीं बल्कि वह खुद नीतीश कुमार से मिलने की चाहत रखकर मिलने आए थे और पार्टी के अंदर रहना होगा तो अनुशासन के साथ वरना पार्टी में अनुशासन के अलावा कोई जगह नहीं इसलिए जेडीयू में जो सर्वदलीय या सर्वसम्मति से निर्णय होता है वह सबको मान्य होता है और इसी को लेकर पार्टी आगे चलती है इस पर पार्टी को जो मानते हैं उन्हीं को पार्टी में जगह मिलती है l

प्रधानमंत्री के दावेदार नीतीश कुमार की सपनों को पूरा कर सकते है प्रशांत किशोर

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की गुपचुप तरीके से हुई मुलाकात सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। एनडीए का साथ छोड़ने के बाद नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे हैं। इस बीच उन्होंने अपने पुराने साथी प्रशांत किशोर से मुलाकात की, तो उसके कई मायने निकाले जाने लगे। नीतीश कुमार अगर पीके को अपने साथ लाने में कामयाब होते हैं, तो वे उनका प्रधानमंत्री बनने का सपना पूरा करने में मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे। सीएम नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर की मंगलवार को एक गुप्त मुलाकात हुई। दोनों के बीच बंद कमरे में करीब दो घंटे तक गुफ्तगू चली। हालांकि, पहले पीके से इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने झूठ बोल दिया कि उनकी सीएम नीतीश से कोई मुलाकात नहीं हुई। बाद में जब नीतीश कुमार ने इसकी पुष्टि की तो पीके को भी मानना पड़ा। हालांकि दोनों की ओर से साथ आने के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। नीतीश कुमार का कहना है कि पीके से उनकी कोई खास बात नहीं हुई, बस सामान्य बातचीत हुई। सीएम नीतीश अभी विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे हैं। वे भले ही सार्वजनिक रूप से खुद को विपक्ष का प्रधानमंत्री पद का दावेदार नहीं मान रहे हैं, मगर उनके मन में पीएम बनने की चाहत साफ झलक रही है। हालांकि, इस राह में उनके सामने कई चुनौतियां हैं। AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी को अपने साथ लाना उनके लिए सबसे बड़ा चैलेंज है। क्योंकि केजरीवाल चाहते हैं कि विपक्षी दलों के गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किया जाए। वहीं, ममता बनर्जी वाम दलों के साथ नहीं आना चाहती हैं। मगर नीतीश कुमार बीजेपी विरोधी सभी दलों को एक साथ लाना चाहते हैं जिसमें कांग्रेस भी शामिल है, ताकि 2024 का लोकसभा चुनाव मजबूती से लड़ा जा सके। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी से अच्छे संबंध हैं। अगर नीतीश कुमार उन्हें अपने साथ लाने में कामयाब होते हैं, तो उनका पीएम बनने का सपना पूरा करने में पीके मदद कर सकते हैं। पीके, ममता और केजरीवाल को नीतीश के साथ लाने में सेतु का काम कर सकते हैं। प्रशांत किशोर ने 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और 2021 में पश्चिम बंगाल चुनाव में टीएमसी को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके अलावा पीके के तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी से भी अच्छे संबंध हैं। इन दोनों दक्षिण भारतीय नेताओं से अभी तक नीतीश कुमार की मुलाकात नहीं हुई है। पीके इन्हें भी नीतीश के साथ लाने में मदद कर कर सकते हैं। यानी कि अगर प्रशांत किशोर अगर मान गए तो नीतीश कुमार की विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम को बड़ी मजबूती मिलेगी। साथ ही उनके पीएम उम्मीदवार बनने की संभावना भी बढ़ जाएगी।

आरजेडी सुप्रीमो पर नहीं बन रही बात, लालू यादव अथवा तेजस्वी बनेगे राजद सुप्रीमो

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव फिर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे। पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में उनके नाम पर विधिवत मुहर लगेगी। पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन 9-10 अक्टूबर को दिल्ली में होगा। उधर, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का चयन 21 सितंबर को होगा। पार्टी ने अभी इसके लिए नामों का चयन नहीं किया है। हालांकि इसके कई दावेदार हैं। इनमें भूदेव चौधरी, अब्दुल बारी सिद्दिकी, उदय नारायण चौधरी और श्याम रजक के नाम शामिल हैं। जगदानंद सिंह को फिर से कमान देने पर भी विचार किया जा रहा है। लालू प्रसाद ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आम लोगों की सेवा करने और पार्टी संगठन को ताकत देने के लिए काम करने को कहा। वे बुधवार को पार्टी के प्रदेश दफ्तर में कार्यकर्ताओं से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महागठबंधन की सरकार है और यह बेहतर ढंग से चल रही है। हमें इसमें सहयोगी की भूमिका निभानी है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संयमित रहने और उकसावे वाली कार्रवाई से दूर रहने की भी नसीहत दी। कहा- विरोधियों की कोई साजिश इस बार कामयाब नहीं होने देना है। लालू दोपहर बाद 3.45 बजे राजद दफ्तर पहुंचे। वहां आने के बाद उन्होंने सबसे पहले उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को खोजा। 15 मिनट बाद ही तेजस्वी यादव भी वहां पहुंच गए। इसके पहले वे कार्यकर्ताओं से बात करते रहे। कई को देखकर उनसे उनका कुशलक्षेम पूछा। यही नहीं उनसे उनके क्षेत्र की जानकारी भी ली और उनकी सक्रियता के बारे में भी पूछा। उन्हें क्षेत्र में सक्रिय रहने और पार्टी के समर्पित सिपाही के रूप में काम करने को कहा। इसके बाद लालू ने वरीय पदाधिकारियों के साथ दिल्ली में होने वाली राष्ट्रीय अधिवेशन को लेकर बैठक की। उन्होंने सबसे अधिवेशन की तैयारियों की पूरी जानकारी ली। अधिवेशन में कई प्रदेश के लोगों को आना है, लिहाजा लालू प्रसाद इसको लेकर बेहद सतर्क हैं। उन्होंने सबके रहने, खाने-पीने, वाहनों की व्यवस्था की एक-एक कर जानकारी ली। उन्होंने लोगों को किसी तरह की परेशानी न होने देने की विशेष ताकीद की। उधर, पार्टी दफ्तर में लालू प्रसाद के आने की खबर से ही वहां भारी भीड़ जमा हो गयी। भीड़ धीरे-धीरे बढ़ती गयी। इसके बाद लोगों का प्रवेश रोकना पड़ा। हालांकि तबतक बड़ी संख्या में लोग अंदर आ चुके थे। हालांकि लालू प्रसाद ने मुस्कुराकर और हाथ हिलाकर सबका अभिवादन किया। लालू प्रसाद राजद दफ्तर में लगभग सवा घंटे रुके। लालू प्रसाद के साथ बैठक में तेजस्वी यादव के अलावा प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, अब्दुल बारी सिद्दिकी, उदय नारायण चौधरी, श्याम रजक, तनवीर हसन, चितरंजन गगन मौजूद थे। लालू यादव 11 जून के बाद पार्टी दफ्तर पहुंचे थे। 11 जून को लालू प्रसाद अपने जन्मदिन समारोह के अवसर पर राजद दफ्तर आए थे। इसी दिन उन्होंने प्रदेश दफ्तर में लाइब्रेरी का भी उद्घाटन किया था।

प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर फिर बोला हमला

नीतीश कुमार से मुलाकात को लेकर प्रशांत किशोर ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। पीके ने मुलाकात के बाद नीतीश कुमार के साथ एक बार फिर से जाने के कयासों को खारिज किया है। इसके साथ ही हाल में हुईं आपराधिक घटनाओं के लिए सीधे नीतीश कुमार पर हमला बोला है। चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि बिहार में जिस तरह से घटनाएं हो रही हैं, उससे लोगों की आशंकाएं सच साबित होती दिख रही है। बेगूसराय में 24 राउंड फायरिंग और 10 लोगों को गोली मारे जाने पर प्रशांत किशोर ने कहा कि इससे पता चलता है कि लोगों की आशंकाओं को बल मिल रहा है। जब से यह सरकार बनी है, तब से कानून व्यवस्था को लेकर लोगों का डर बढ़ा है और आशंकाएं सही साबित होती दिख रही हैं। हर जिले से आपको ऐसी घटनाएं देखने को मिल सकती हैं। वहीं एक बार फिर नीतीश कुमार के साथ जाने की अटकलों को भी खारिज किया है। एक टीवी चैनल से बातचीत में पीके ने कहा, ‘मैं अपने रास्ते पर कायम हूं। वह बिहार के सीएम हैं और मैं भी इसी राज्य का रहने वाला हूं। कुछ लोग बता रहे हैं कि मैंने रात के अंधेरे में मुलाकात की। ऐसा कुछ नहीं है। मैं उनसे शाम को 4:300 बजे मुलाकात की थी और यह मीटिंग सरकारी आवास में ही हुई थी। मैंने उन्हें बताया कि पिछले 4 से 5 महीने में बिहार में क्या देखा है।’ प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं अपनी स्थित से पीछे हटने वाला नहीं हूं। मैंने 2 अक्टूबर से जन सुराज यात्रा का ऐलान किया है और इससे पीछे नहीं हटूंगा। उन्होंने कहा कि हमारे कॉमन फ्रेंड हैं पवन वर्मा, उन्होंने कहा था कि मिल लेने में कोई बुराई नहीं है। प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरे और उनके बीच कुछ विवाद की बात आपने सुनी होगी। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर को बिहार की राजनीति का एबीसी भी नहीं पता है। यह उनकी समझ है। मैं दोहराता हूं कि यदि वह एक साल में 10 लाख नौकरियां दे दें तभी मेरे साथ आने की कोई बात हो सकती है। जनसुराज यात्रा की मेरी तैयारी है और उसमें कोई फेरबदल नहीं हो सकता। क्या आरजेडी के साथ नीतीश का हाथ मिलाना गलत फैसला है? इस पर पीके ने कहा कि बीते कुछ सालों से बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती गई है। बिहार में जब से शराबबंदी लागू हुई है, तब से प्रशासन का बड़ा हिस्सा इसमें लगा है। यह प्रशासन का मूल काम नहीं है। पुलिस और एजेंसियां यदि इस काम में लगेंगी तो फिर वे अपने मूल काम को कैसे करेंगी। पीके ने कहा कि सरकार के मुखिया तो नीतीश कुमार ही हैं और उनकी ही सारी जिम्मेदारी है। यह स्थिति बीते दो से ढाई सालों से बिगड़ रही है। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह से फेल है और इस पर दोबारा विचार करना चाहिए। पीके ने कहा कि यह बात मैंने नीतीश कुमार से भी बात कही है। जिन महिलाओं के सशक्तीकरण के नाम पर इसे लागू किया गया है, उन्हीं लोगों को इससे परेशानी हो रही है। जब किसी को पुलिस इस केस में पकड़ती है तो महिलाओं को ही तो थानों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि मेरी सलाह पर नीतीश कुमार ने यही कहा कि आप लोग आइए और साथ में काम करिए। नीतीश कुमार क्या पीएम मोदी के मुकाबले खड़े हो सकते हैं? इस पर पीके ने कहा कि बिहार में हुआ बदलाव यहीं तक सीमित रहने वाली घटना है। इसका देश पर असर नहीं होगा। नेताओं के आपस में मिलने से कुछ नहीं होता। बात तब बनेगी दब आप एक बेहतर नैरेटिव बनाएंगे या फिर कोई जनांदोलन खड़ा करेंगे। इनके बिना आप मिलकर मीडिया से बात करने से कुछ नहीं होगा।