निरंतर जलवायु परिवर्तन से कृषि स्थिरता हो रही है बाधित: कुलपति
दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के जीवन विज्ञान विभाग ने जलवायु परिवर्तन और सतत कृषि (सीसीएसए-2022) विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का उद्घाटन बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (बीएएसयू) के कुलपति प्रो. रामेश्वर सिंह, सीयूएसबी के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह और कुलसचिव कर्नल राजीव कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से किया। प्रो. केएन सिंह ने कहा कि निरंतर जलवायु परिवर्तन से कृषि स्थिरता बाधित हो रही है, ऐसे में खाद्य सुरक्षा के लिए वैज्ञानिक प्रयासों की भूमिका अहम हो जाती है। उन्होंने कृषि को नियमित पाठ्यक्रम के रूप में अध्ययन करने के महत्व को साझा करते हुए सीयूएसबी में कृषि और विकास स्कूल की स्थापना करने की मंशा जाहिर की। प्रो. रामेश्वर सिंह ने प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों में कृषि स्थिरता की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत में धारणीय कृषि के लिए कम अवधि और जलवायु अनुकूल फसलों के महत्व पर जोर दिया। स्कूल ऑफ अर्थ, बायोलॉजिकल एंड एनवायर्नमेंटल साइंसेज के डीन प्रो. प्रधान पार्थ सारथी ने जलवायु परिवर्तन पर बिहार राज्य कार्य योजना में सीयूएसबी की भूमिका के बारे में भी बताया। डॉ. राम प्रताप सिंह, प्रमुख, जीवन विज्ञान विभाग ने जलवायु परिवर्तन और कुक्कुट उत्पादन से संबंध में अपने विचार रखे। सहायक प्राध्यापक डॉ. गौतम कुमार, डॉ. राजेश कुमार रंजन, डॉ. किरण कुमारी सिंह ने भी जलवायु परिवर्तन के विभिन्न आयामों को साझा किया। मालूम हो कि जीवन विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. गौतम कुमार को भारत सरकार के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) के वैज्ञानिक सामाजिक जिम्मेदारी (एसएसआर) नीति के तहत वित्त पोषित परियोजना के अंतर्गत इस कार्यशाला को समर्थन दिया गया था।