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समावेशी सेटअप में भारतीय सांकेतिक भाषा” पर व्याख्यान दिया और सांकेतिक भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला।

सीआरसी पटना में “एनईपी 2020 के प्रकाश में समतामूलक और समावेशी शिक्षा” पर भारतीय पुनर्वास परिषद नई दिल्ली द्वारा अनुमोदित, पाँच दिवसीय विशेष शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न
सीआरसी पटना में “एनईपी 2020 के प्रकाश में समतामूलक और समावेशी शिक्षा पर विशेष शिक्षा शिक्षकों की क्षमता निर्माण” विषय पर पाँच दिवसीय आवासीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (FDP) का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सीआरसी पटना के सहयोग से शिक्षा विभाग (विशेष आवश्यकताओं वाले समूहों के लिए) (DEGSN), एनसीईआरटी और नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर लोकोमोटर डिसएबिलिटीज (NILD), कोलकाता द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के विशेष शिक्षा शिक्षकों ने भाग लिया, ताकि वे समावेशी कक्षाओं के प्रबंधन और विशेष रूप से दिव्यांग विद्यार्थियों की आवश्यकताओं को समझने में अपने कौशल को विकसित कर सकें।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा एनईपी 2020 के तहत समावेशी शिक्षा, भारतीय सांकेतिक भाषा, सहायक प्रौद्योगिकी, शिक्षण रणनीतियाँ और दिव्यांगजनों के लिए नीति निर्माण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सत्र आयोजित किए गए। उद्घाटन सत्र में सीआरसी पटना की निदेशक, डॉ. प्रियदर्शिनी ने “समावेशी सेटअप में भारतीय सांकेतिक भाषा” पर व्याख्यान दिया और सांकेतिक भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला। इसके अलावा, डॉ. माधवी शर्मा (डीन एवं प्रोफेसर) और डॉ. जी. बालाजी (एसोसिएट प्रोफेसर, DEGSN) ने भी शिक्षकों को समावेशी शिक्षण तकनीकों पर प्रशिक्षण दिया।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि बिहार सरकार के दिव्यांगजन निदेशालय के निदेशक, श्री योगेश कुमार सागर (आईएएस) थे। इस अवसर पर विभाग के उप निदेशक श्री भुवन कुमार और पूर्व दिव्यांगजन आयुक्त डॉ. शिवाजी कुमार भी उपस्थित रहे। उन्होंने विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों के सशक्तिकरण के लिए सीआरसी पटना की पहल की सराहना की और इस तरह के कार्यक्रमों को भविष्य में भी जारी रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण भी वितरित किए गए। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार विशेष आवश्यकता वाले व्यक्तियों की सहायता के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और सीआरसी पटना के साथ मिलकर इन सेवाओं का विस्तार किया जाएगा। समापन समारोह का स्वागत उदबोधन NILD कोलकाता के प्रतिनिधि श्री अलेन्द्र कुमार त्रिपाठी, जो कि इस कार्यक्रम के समन्वयक थे, के द्वारा किया गया। डॉ ललित नारायण, निदेशक NILD कोलकता के निर्देशन में कार्यक्रम आयोजित हुआ। डॉ ललित नारायण ने प्रथम दिवस में स्वयं उपस्थिति होकर उद्बोधन भी दिया एवं शुरुआत के तीन दिनों में कार्यक्रम के आयोजन में हर तरह से सहयोग व मार्गदर्शन दिया ।
कार्यक्रम के अंत में, सीआरसी पटना की निदेशक, डॉ. प्रियदर्शिनी ने सभी प्रतिभागियों, अतिथियों और सहयोगी संगठनों को धन्यवाद दिया और भविष्य में भी समावेशी शिक्षा के लिए इस तरह के प्रशिक्षण जारी रखने का संकल्प लिया।

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Author: Bakwas News

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