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प्रधानमंत्री के दावेदार नीतीश कुमार की सपनों को पूरा कर सकते है प्रशांत किशोर

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की गुपचुप तरीके से हुई मुलाकात सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। एनडीए का साथ छोड़ने के बाद नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे हैं। इस बीच उन्होंने अपने पुराने साथी प्रशांत किशोर से मुलाकात की, तो उसके कई मायने निकाले जाने लगे। नीतीश कुमार अगर पीके को अपने साथ लाने में कामयाब होते हैं, तो वे उनका प्रधानमंत्री बनने का सपना पूरा करने में मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे। सीएम नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर की मंगलवार को एक गुप्त मुलाकात हुई। दोनों के बीच बंद कमरे में करीब दो घंटे तक गुफ्तगू चली। हालांकि, पहले पीके से इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने झूठ बोल दिया कि उनकी सीएम नीतीश से कोई मुलाकात नहीं हुई। बाद में जब नीतीश कुमार ने इसकी पुष्टि की तो पीके को भी मानना पड़ा। हालांकि दोनों की ओर से साथ आने के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। नीतीश कुमार का कहना है कि पीके से उनकी कोई खास बात नहीं हुई, बस सामान्य बातचीत हुई। सीएम नीतीश अभी विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे हैं। वे भले ही सार्वजनिक रूप से खुद को विपक्ष का प्रधानमंत्री पद का दावेदार नहीं मान रहे हैं, मगर उनके मन में पीएम बनने की चाहत साफ झलक रही है। हालांकि, इस राह में उनके सामने कई चुनौतियां हैं। AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी को अपने साथ लाना उनके लिए सबसे बड़ा चैलेंज है। क्योंकि केजरीवाल चाहते हैं कि विपक्षी दलों के गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किया जाए। वहीं, ममता बनर्जी वाम दलों के साथ नहीं आना चाहती हैं। मगर नीतीश कुमार बीजेपी विरोधी सभी दलों को एक साथ लाना चाहते हैं जिसमें कांग्रेस भी शामिल है, ताकि 2024 का लोकसभा चुनाव मजबूती से लड़ा जा सके। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी से अच्छे संबंध हैं। अगर नीतीश कुमार उन्हें अपने साथ लाने में कामयाब होते हैं, तो उनका पीएम बनने का सपना पूरा करने में पीके मदद कर सकते हैं। पीके, ममता और केजरीवाल को नीतीश के साथ लाने में सेतु का काम कर सकते हैं। प्रशांत किशोर ने 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और 2021 में पश्चिम बंगाल चुनाव में टीएमसी को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके अलावा पीके के तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी से भी अच्छे संबंध हैं। इन दोनों दक्षिण भारतीय नेताओं से अभी तक नीतीश कुमार की मुलाकात नहीं हुई है। पीके इन्हें भी नीतीश के साथ लाने में मदद कर कर सकते हैं। यानी कि अगर प्रशांत किशोर अगर मान गए तो नीतीश कुमार की विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम को बड़ी मजबूती मिलेगी। साथ ही उनके पीएम उम्मीदवार बनने की संभावना भी बढ़ जाएगी।

आरजेडी सुप्रीमो पर नहीं बन रही बात, लालू यादव अथवा तेजस्वी बनेगे राजद सुप्रीमो

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव फिर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे। पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में उनके नाम पर विधिवत मुहर लगेगी। पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन 9-10 अक्टूबर को दिल्ली में होगा। उधर, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का चयन 21 सितंबर को होगा। पार्टी ने अभी इसके लिए नामों का चयन नहीं किया है। हालांकि इसके कई दावेदार हैं। इनमें भूदेव चौधरी, अब्दुल बारी सिद्दिकी, उदय नारायण चौधरी और श्याम रजक के नाम शामिल हैं। जगदानंद सिंह को फिर से कमान देने पर भी विचार किया जा रहा है। लालू प्रसाद ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आम लोगों की सेवा करने और पार्टी संगठन को ताकत देने के लिए काम करने को कहा। वे बुधवार को पार्टी के प्रदेश दफ्तर में कार्यकर्ताओं से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महागठबंधन की सरकार है और यह बेहतर ढंग से चल रही है। हमें इसमें सहयोगी की भूमिका निभानी है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संयमित रहने और उकसावे वाली कार्रवाई से दूर रहने की भी नसीहत दी। कहा- विरोधियों की कोई साजिश इस बार कामयाब नहीं होने देना है। लालू दोपहर बाद 3.45 बजे राजद दफ्तर पहुंचे। वहां आने के बाद उन्होंने सबसे पहले उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को खोजा। 15 मिनट बाद ही तेजस्वी यादव भी वहां पहुंच गए। इसके पहले वे कार्यकर्ताओं से बात करते रहे। कई को देखकर उनसे उनका कुशलक्षेम पूछा। यही नहीं उनसे उनके क्षेत्र की जानकारी भी ली और उनकी सक्रियता के बारे में भी पूछा। उन्हें क्षेत्र में सक्रिय रहने और पार्टी के समर्पित सिपाही के रूप में काम करने को कहा। इसके बाद लालू ने वरीय पदाधिकारियों के साथ दिल्ली में होने वाली राष्ट्रीय अधिवेशन को लेकर बैठक की। उन्होंने सबसे अधिवेशन की तैयारियों की पूरी जानकारी ली। अधिवेशन में कई प्रदेश के लोगों को आना है, लिहाजा लालू प्रसाद इसको लेकर बेहद सतर्क हैं। उन्होंने सबके रहने, खाने-पीने, वाहनों की व्यवस्था की एक-एक कर जानकारी ली। उन्होंने लोगों को किसी तरह की परेशानी न होने देने की विशेष ताकीद की। उधर, पार्टी दफ्तर में लालू प्रसाद के आने की खबर से ही वहां भारी भीड़ जमा हो गयी। भीड़ धीरे-धीरे बढ़ती गयी। इसके बाद लोगों का प्रवेश रोकना पड़ा। हालांकि तबतक बड़ी संख्या में लोग अंदर आ चुके थे। हालांकि लालू प्रसाद ने मुस्कुराकर और हाथ हिलाकर सबका अभिवादन किया। लालू प्रसाद राजद दफ्तर में लगभग सवा घंटे रुके। लालू प्रसाद के साथ बैठक में तेजस्वी यादव के अलावा प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, अब्दुल बारी सिद्दिकी, उदय नारायण चौधरी, श्याम रजक, तनवीर हसन, चितरंजन गगन मौजूद थे। लालू यादव 11 जून के बाद पार्टी दफ्तर पहुंचे थे। 11 जून को लालू प्रसाद अपने जन्मदिन समारोह के अवसर पर राजद दफ्तर आए थे। इसी दिन उन्होंने प्रदेश दफ्तर में लाइब्रेरी का भी उद्घाटन किया था।

प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर फिर बोला हमला

नीतीश कुमार से मुलाकात को लेकर प्रशांत किशोर ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। पीके ने मुलाकात के बाद नीतीश कुमार के साथ एक बार फिर से जाने के कयासों को खारिज किया है। इसके साथ ही हाल में हुईं आपराधिक घटनाओं के लिए सीधे नीतीश कुमार पर हमला बोला है। चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि बिहार में जिस तरह से घटनाएं हो रही हैं, उससे लोगों की आशंकाएं सच साबित होती दिख रही है। बेगूसराय में 24 राउंड फायरिंग और 10 लोगों को गोली मारे जाने पर प्रशांत किशोर ने कहा कि इससे पता चलता है कि लोगों की आशंकाओं को बल मिल रहा है। जब से यह सरकार बनी है, तब से कानून व्यवस्था को लेकर लोगों का डर बढ़ा है और आशंकाएं सही साबित होती दिख रही हैं। हर जिले से आपको ऐसी घटनाएं देखने को मिल सकती हैं। वहीं एक बार फिर नीतीश कुमार के साथ जाने की अटकलों को भी खारिज किया है। एक टीवी चैनल से बातचीत में पीके ने कहा, ‘मैं अपने रास्ते पर कायम हूं। वह बिहार के सीएम हैं और मैं भी इसी राज्य का रहने वाला हूं। कुछ लोग बता रहे हैं कि मैंने रात के अंधेरे में मुलाकात की। ऐसा कुछ नहीं है। मैं उनसे शाम को 4:300 बजे मुलाकात की थी और यह मीटिंग सरकारी आवास में ही हुई थी। मैंने उन्हें बताया कि पिछले 4 से 5 महीने में बिहार में क्या देखा है।’ प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं अपनी स्थित से पीछे हटने वाला नहीं हूं। मैंने 2 अक्टूबर से जन सुराज यात्रा का ऐलान किया है और इससे पीछे नहीं हटूंगा। उन्होंने कहा कि हमारे कॉमन फ्रेंड हैं पवन वर्मा, उन्होंने कहा था कि मिल लेने में कोई बुराई नहीं है। प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरे और उनके बीच कुछ विवाद की बात आपने सुनी होगी। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर को बिहार की राजनीति का एबीसी भी नहीं पता है। यह उनकी समझ है। मैं दोहराता हूं कि यदि वह एक साल में 10 लाख नौकरियां दे दें तभी मेरे साथ आने की कोई बात हो सकती है। जनसुराज यात्रा की मेरी तैयारी है और उसमें कोई फेरबदल नहीं हो सकता। क्या आरजेडी के साथ नीतीश का हाथ मिलाना गलत फैसला है? इस पर पीके ने कहा कि बीते कुछ सालों से बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती गई है। बिहार में जब से शराबबंदी लागू हुई है, तब से प्रशासन का बड़ा हिस्सा इसमें लगा है। यह प्रशासन का मूल काम नहीं है। पुलिस और एजेंसियां यदि इस काम में लगेंगी तो फिर वे अपने मूल काम को कैसे करेंगी। पीके ने कहा कि सरकार के मुखिया तो नीतीश कुमार ही हैं और उनकी ही सारी जिम्मेदारी है। यह स्थिति बीते दो से ढाई सालों से बिगड़ रही है। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह से फेल है और इस पर दोबारा विचार करना चाहिए। पीके ने कहा कि यह बात मैंने नीतीश कुमार से भी बात कही है। जिन महिलाओं के सशक्तीकरण के नाम पर इसे लागू किया गया है, उन्हीं लोगों को इससे परेशानी हो रही है। जब किसी को पुलिस इस केस में पकड़ती है तो महिलाओं को ही तो थानों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि मेरी सलाह पर नीतीश कुमार ने यही कहा कि आप लोग आइए और साथ में काम करिए। नीतीश कुमार क्या पीएम मोदी के मुकाबले खड़े हो सकते हैं? इस पर पीके ने कहा कि बिहार में हुआ बदलाव यहीं तक सीमित रहने वाली घटना है। इसका देश पर असर नहीं होगा। नेताओं के आपस में मिलने से कुछ नहीं होता। बात तब बनेगी दब आप एक बेहतर नैरेटिव बनाएंगे या फिर कोई जनांदोलन खड़ा करेंगे। इनके बिना आप मिलकर मीडिया से बात करने से कुछ नहीं होगा।

अश्वनी चौबे ने नीतीश से मांगा त्याग-पत्र

लगातार बिहार में  बीजेपी महागठबंधन को घेरने में जुट गई है। बिहार में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ने लगा है जबकि बिहार के मुखिया का दावा है की अपराध ग्राफ घटा है। बेगूसराय जिले में बाइक सवार अपराधियों के तांडव को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। बेगूसराय में मंगलवार की शाम कम से कम 10 लोगों को गोली मारे जाने और एक शख्‍स की मौत के बाद भारतीय जनता पार्टी ने बिहार सरकार और मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को इसके लिए जिम्‍मेदार ठहराया है। भाजपा के सांसद राकेश सिन्‍हा ने कहा कि बेगूसराय में साठ के दशक की स्‍थ‍िति लौटती दिख रही है। केंद्रीय मंत्री अश्‍व‍िनी चौबे ने इस मसले पर मुख्‍यमंत्री से इस्‍तीफा मांगा है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्‍हा और पूर्व उप मुख्‍यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी सरकार को घेरा है। आए दिन लगातार घटनाएं घट रही है। लग रहा है की जंगल राज की वापसी हो गई है।

अब बिहार के प्रत्येक थाने में जुबान से निकले हर एक शब्द की भी होगी रिकॉर्डिंग

बिहार के थानों में पुलिसकर्मी हों या कोई बाहरी व्यक्ति, हर एक गतिविधि पर कैमरे की नजर होती है। पर अब यहां किसी शख्स की मौजूदगी की गवाही सिर्फ तस्वीरें नहीं देंगी, जुबान से निकले हर एक शब्द की भी रिकॉर्डिंग होगी। थानों में लगे सीसीटीवी कैमरे में तस्वीरों के साथ बातचीत भी रिकॉर्ड की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत थानों में लगे सीसीटीवी कैमरे को अपग्रेड किया जा रहा है, ताकि वहां होनेवाली बातचीत रिकॉर्ड हो सके। औसतन 10 कैमरे हर थाने में लगे हैं थाने में आनेवाले आमजनों के साथ गिरफ्तार या हिरासत में लिए लोगों के साथ पुलिस के व्यवहार आदि की जानकारी व अन्य कारणों से पूरे थाना परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। बिहार में सभी थाना और आउट पोस्ट (ओपी) को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखे गये हैं। बड़े थानों में एक दर्जन से ऊपर और छोटे में इससे कम कैमरे लगाए गए हैं। थाना प्रभारी का कक्ष, हाजत, सरिस्ता समेत पूरा परिसर कैमरे की जद में होता है। बाहरी हिस्से में जो कैमरा होता है वह 360 डिग्री का एरिया कवर करता है। पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक राज्य के प्रत्येक थाने में औसतन 10 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। राज्य में 1270 थाना और ओपी हैं, जहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इनमें 952 थाना और 218 ओपी शामिल हैं। करीब डेढ़ से दो साल पहले थाना व ओपी भवनों में यह काम पूरा कर लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के नए दिशा-निर्देशों के बाद सीसीटीवी कैमरे के पूरे सिस्टम को अपग्रेड किया जा रहा है, जिसके बाद इसमें आवाज भी रिकॉर्ड होने लगी है। पुलिस मुख्यालय की देखरेख में बेल्ट्रॉन को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। अधिकारियों के मुताबिक 952 थानों में से 937 में वॉयस रिकॉर्डर और चीप लगा दिए गए हैं। वहीं 218 ओपी में से 204 में इस काम को पूरा कर लिया गया है। यानी अबतक 1244 थाना व ओपी में सीसीटीवी के नेटवर्क को अपग्रेड कर उसमें आवाज की रिकार्डिंग की व्यवस्था कर ली गई है। निमय के तहत वीडियो के साथ वॉयस रिकार्डिंग को भी सुरक्षित रखना होगा।

बिहार के 14 जिलों में डेंगू का कहर, 11 लोगों की मौत, 313 संक्रमित

बिहार  के 14 जिलों में डेंगू के मरीज मिले हैं। नालंदा, रोहतास, जहानाबाद, सीवान, वैशाली, बेगूसराय, गया, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी पं चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, बांका और मुंगेर में डेंगू के डंक से लोग परेशान हैं। सोमवार को तीन नये रोगियों के साथ नालंदा जिले में अब तक डेंगू के 313 संक्रमित मिल चुके हैं। इलाज के दौरान पटना समेत अलग-अलग जगहों पर 11 लोगों के मरने की भी चर्चा है। राजगीर में जलजमाव वाले स्थानों पर गंबूसिया मछली छोड़ी गयी है। वहीं बिहारशरीफ शहर में भी मंगलवार को गंबूसिया मछली छोड़ी जाएगी। राजगीर के अलावा बिहारशरीफ व पावापुरी में 52 बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया है। 18 रोगी अब भी इलाजरत हैं। राजगीर के अलावा बिहारशरीफ, हरनौत व इस्लामपुर में डेंगू का प्रकोप है। वहीं रोहतास जिले में एक सप्ताह में करीब 15 केस सामने आया है। हालांकि डेंगू के केस निजी पैथोलॉजी केंद्रों जांच के दौरान सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर जिला के अधिकारी ने डेंगू किट खरीददारी के लिए सदर, अनुमंडल व पीएचसी को पत्राचार किया है। जहानाबाद में जुलाई से अबतक डेंगू के चार मरीज मिले हैं। सदर अस्पताल में न डेंगू वार्ड बनाया गया है न ही जांच के लिए किट उपलब्ध है। वहीं सीवान जिले में भी चार डेंगू मरीज चिह्नित किए गए हैं। लंबे समय से इनमें से दो पटना में पढ़ाई करते हैं, एक राजस्थान तो दूसरा अन्य प्रदेश में रहकर जीवन यापन करता है। गया में पिछले चालीस दिनों में अबतक तीन डेंगू के मरीज मिले हैं। वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉक्टर एम ई हक ने बताया कि जहां से पॉजिटिव मिलने की सूचना आती है वहां छिड़काव कराया जा रहा है। वैशाली जिले में दो मरीज सामने आए हैं। बेगूसराय में अबतक पांच मरीजों की जांच करायी गयी है। इनमें से साहेबपुरकमाल में डेंगू के एक मरीज की पहचान हुई है। पुष्टि पटना में जांच के बाद हुई है। सीएस ने बताया कि एक आइसोलेशन वार्ड तैयार है। सारण और नवादा में अबतक कोई मरीज नहीं मिला। कोई व्यवस्था भी नहीं की गई है।

विज्ञान प्रदर्शनी में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों को विधायिका ने दिया 100 में से 99 अंक

कैमूर (भभुआ) । पहले और आज के पढ़ाई लिखाई में काफी बदलाव देखा जा रहा है। आज के बच्चो में पढ़ाई लिखाई के साथ ही साथ यह सोच धारण कर लेते हैं कि मुझे कुछ करना है। आजकल के बच्चो का झुकाव ज्यादा विज्ञान की तरफ देखा जा रहा है। एक स्कूल में विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था। जिनमे कई क्लास के छात्र छात्राओं ने अपने कलाओं को प्रदर्शित किया था जिसमे क्लास 5 का आयुष कुमार गौरव ने एक स्मार्ट सिटी का कल्पना किया था ।जिसमें स्कूल, पार्क, हॉस्पिटल, लाइट, वाईफाई इंटरनेट सहित तमाम व्यवस्था की गई थी। जहां मोहनिया विधायिका संगीता कुमारी ने 100 में से 99 अंक दिया। वही क्लास 8 की दीक्षा कुमारी ने ग्लोबल वार्मिंग बनाकर दर्शाया था कि इससे नुकसान कितना होता है जिसमें विधायक संगीता ने 100 में 100 देकर बच्चो के मनोबल को बढ़ाने का काम किया।

बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सम्राट चौधरी के माता का निधन, शोक

विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी की मां पार्वती देवी का निधन हो गया है। उनका निधन मुंगेर के तारापुर अंतर्गत लखनपुर गांव में हुआ। पार्वती देवी तारापुर की पूर्व विधायक थीं। उनके पति शकुनी चौधरी ने भी तारापुर का प्रतिनिधित्व किया और बिहार सरकार में मंत्री रहे। पूर्व विधायक के बेटे सम्राट चौधरी भी बिहार सरकार के मंत्री रहे। पूर्व विधायक ने अपने लखनपुर स्थित आवास पर शनिवार की देर रात अंतिम सांस ली। इनके निधन की खबर मिलते ही इनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई।रविवार के अहले सुबह से ही स्व. पार्वती के पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन करने को लेकर नाते रिश्तेदार, गणमान्यों व इनके चाहने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी।पूर्व विधायक स्व. पार्वती देवी बिहार सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री शकुनी चौधरी की धर्मपत्नी ,पूर्व पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी की मां थी।राजनीति गलियारे में इनके परिवार का काफी अच्छा रसूख माना जाता है। वर्ष 1998 में पार्वती देवी तारापुर विधानसभा क्षेत्र से (एजीपी) से  लड़ी थी।इन्होंने अपने विपक्षी राजद प्रत्याशी सुशील कुमार सिंह को चुनावी मैदान में शिकस्त देकर विधायक पद पर परचम लहराया था।मतदाता ने पार्वती के पक्ष में 41612 तो प्रतिद्वंद्वी सुशील कुमार सिंह के पक्ष में 39600 मत डाला था।इस प्रकार पार्वती देवी 2012 वोट से विजयी हुई थी। जानकारी के अनुसार शनिवार की देर रात्रि स्व.पार्वती का सांस अचानक फुलने लगा। परिजनों के द्वारा इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल तारापुर लाया गया।जहां उनकी मौत हो गई। इनके निधन की खबर मिलते ही तारापुर विधायक राजीव कुमार सिंह,प्रखंड पंचायत समिति प्रमुख अश्वनी राज उर्फ पिंकू मेहता सहित क्षेत्र के कई हस्ती उनके आवास पर पहूंचकर मृतका स्व. पार्वती देवी के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।

बिहार में नगरपालिका चुनाव की बजी डुगडुगी, 2 चरणों में होगा मतदान

राज्य निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद ने शुक्रवार को चुनाव के तारीखों की घोषणा की। इसके तहत राज्य के सभी नगर निकायों यानी नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत आदि के चुनाव होने है। पहले चरण के लिए 10 अक्टूबर को 156 नगरपालिका क्षेत्रों में मतदान होगा। पहले चरण का नामांकन 10 सितम्बर से 19 सितम्बर तक चलेगा। इसमें कुल 37 जिलों में मतदान होगा। पहले चरण में 3346 वार्डो में मतदान होगा है। इसकी मतगणना 12 अक्टूबर को होगी। द्वितीय चरण में 16 अक्टूबर से नामांकन होगा और 20 अक्टूबर को मतदान होगा। मतों की गिनती 22 अक्टूबर को होगी। इस बार 21 नवगठित नगरपालिका में भी चुनाव होंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने अगले महीने प्रस्तावित नगरपालिका आम चुनाव में प्रत्याशियों की चुनावी खर्च की सीमा निर्धारित कर दी है। आयोग के अनुसार नगर पंचायत में वार्ड पार्षद अधिकतम 20 हजार रुपये तो नगर निगम क्षेत्र में अधिकतम 80 हजार रुपये खर्च कर सकेंगे। इसी तरह नगर परिषद के वार्ड पार्षद उम्मीदवार 40 हजार रुपये तक अधिकतम खर्च कर सकेंगे। नगर निगम के वार्ड पार्षद पद के लिए आबादी के अनुसार खर्च की सीमा तय की गई है। नगर निगम क्षेत्र में चार से दस हजार आबादी वाले वार्ड में अधिकतम 60 हजार रुपये खर्च करने की अनुमति होगी, जबकि दस से बीस हजार की आबादी वाले वार्ड में 80 हजार रुपये तक चुनाव में खर्च किए जा सकेंगे। वहीं बिहार में नगर निकाय आम चुनाव 2022 में दो बच्चों के माता-पिता ही उम्मीदवार हो सकते हैं। दो से अधिक संतान होने पर चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। नियम में ये भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर किसी व्यक्ति के दो से अधिक संतान हैं और वे इनमें से किसी को गोद दे देते हैं, तो ऐसी स्थिति में भी उस बच्चे के जैविक पिता वही कहलाएंगे। जिस व्यक्ति ने गोद लिया है, वे उसके पिता नहीं माने जाएंगे।

आज बिहार के लगभग 15 शहरों में सस्ता हुआ पेट्रोल – डीजल के दाम

तेल कंपनियों ने बिहार के कई जिलों में शुक्रवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी की है। राजधानी पटना समेत गया, गोपालगंज, जहानाबाद, छपरा, बेतिया, बांका समेत अन्य शहरों में शुक्रवार को पेट्रोल-डीजल सस्ता हो गया। दरभंगा समेत कुछ शहरों में तेल के दाम स्थिर हैं। मुजफ्फरपुर  में भी पेट्रोल-डीजल के दाम में गिरावट देखी गई। शुक्रवार को पटना में पेट्रोल-डीजल के दाम में गिरावट आई। पेट्रोल की कीमत में 65 पैसे और डीजल में 61 पैसे प्रति लीटर की कमी हुई। इसके अलावा मुज्जफरपुर, मधुबनी, खग़ड़िया गया, बेगूसराय, गोपालगंज, जहानाबाद, मधुबनी, छपरा और बेतिया में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी की गयी। वहीं,  राज्य से 14 शहरों में आज तेल की कीमतों में इजाफा हुआ। इनमें वैशाली, सीतामढ़ी, सिवान, समस्तीपुर, पूर्णिाया, नवादा, नालंदा, मुंगेर, किशनगंज, कटिहार जिले शामिल हैं। बिहार के अलग-अलग शहरों में 9 सितम्बर 2022 को पेट्रोल-डीजल के दाम शहर       पेट्रोल रु.प्रति लीटर     डीजल रु. प्रति लीटर   अररिया            109.66                 96.28 अरवल             107.81                 94.57 औरंगाबाद        108.56                 95.27 बांका               108.43                95.13 बेगूसराय          106.95                93.74 भागलपुर          107.82                95.56 भोजपुर            107.89                94.65 बक्सर              108.2                 94.98 दरभंगा             107.91                94.65 पू. चंपारण         108.41                95.13 गया                 108.26                94.98 गोपालगंज         108.24                94.98 जहानाबाद         107.80                94.56 जमुई               108.96                 95.65 कैमूर               109.19                 95.86 कटिहार            108.99                 95.65 खगड़िया           107.41                 94.18 किशनगंज         109.47                 96.10 लखीसराय         108.88                 95.57 मधेपुरा             108.35                 95.05 मधुबनी             108.43                95.13 मुंगेर                109.15                 95.80 मुजफ्फरपुर       107.78                 94.52 नालंदा              107.98                 94.72 नवादा              108.39                 95.11 पटना               107.47                 94.25 पूर्णिया             109.31                 95.95 रोहतास            108.80                 95.50 सहरसा            107.70                 94.44 समस्तीपुर         107.57                 94.33 सारण              107.66                 94.43 सीवान              108.67                95.37 शेखपुरा            108.56                95.27 शिवहर             108.56                95.25 सीतामढ़ी           108.84                95.51 सुपौल               108.43               95.13 वैशाली              107.82               94.56 प. चंपारण         109.34               96.00