बिहार के थानों में पुलिसकर्मी हों या कोई बाहरी व्यक्ति, हर एक गतिविधि पर कैमरे की नजर होती है। पर अब यहां किसी शख्स की मौजूदगी की गवाही सिर्फ तस्वीरें नहीं देंगी, जुबान से निकले हर एक शब्द की भी रिकॉर्डिंग होगी। थानों में लगे सीसीटीवी कैमरे में तस्वीरों के साथ बातचीत भी रिकॉर्ड की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत थानों में लगे सीसीटीवी कैमरे को अपग्रेड किया जा रहा है, ताकि वहां होनेवाली बातचीत रिकॉर्ड हो सके।
औसतन 10 कैमरे हर थाने में लगे हैं थाने में आनेवाले आमजनों के साथ गिरफ्तार या हिरासत में लिए लोगों के साथ पुलिस के व्यवहार आदि की जानकारी व अन्य कारणों से पूरे थाना परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। बिहार में सभी थाना और आउट पोस्ट (ओपी) को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखे गये हैं। बड़े थानों में एक दर्जन से ऊपर और छोटे में इससे कम कैमरे लगाए गए हैं। थाना प्रभारी का कक्ष, हाजत, सरिस्ता समेत पूरा परिसर कैमरे की जद में होता है। बाहरी हिस्से में जो कैमरा होता है वह 360 डिग्री का एरिया कवर करता है। पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक राज्य के प्रत्येक थाने में औसतन 10 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।
राज्य में 1270 थाना और ओपी हैं, जहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इनमें 952 थाना और 218 ओपी शामिल हैं। करीब डेढ़ से दो साल पहले थाना व ओपी भवनों में यह काम पूरा कर लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के नए दिशा-निर्देशों के बाद सीसीटीवी कैमरे के पूरे सिस्टम को अपग्रेड किया जा रहा है, जिसके बाद इसमें आवाज भी रिकॉर्ड होने लगी है। पुलिस मुख्यालय की देखरेख में बेल्ट्रॉन को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। अधिकारियों के मुताबिक 952 थानों में से 937 में वॉयस रिकॉर्डर और चीप लगा दिए गए हैं। वहीं 218 ओपी में से 204 में इस काम को पूरा कर लिया गया है। यानी अबतक 1244 थाना व ओपी में सीसीटीवी के नेटवर्क को अपग्रेड कर उसमें आवाज की रिकार्डिंग की व्यवस्था कर ली गई है। निमय के तहत वीडियो के साथ वॉयस रिकार्डिंग को भी सुरक्षित रखना होगा।