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बलिया के मिड्ढा में भाभी के हैवानियत सगे देवर पर फेंका तेजाब, मौत

बलिया। फेफना थाना क्षेत्र अंतर्गत मिड्ढा गांव स्थित कारखाना पर  भाभी ने देवर पर तेजाब फेंक दिया। तेजाबी हमले में घायल युवक को आसपास के लोगों ने जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां से चिकित्सकों ने वाराणसी रेफर कर दिया। वाराणसी जाते समय युवक की गाजीपुर जनपद के नंदगंज के पास मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वही, आरोपी भाभी अजरा खातून पत्नी कारोरेज आलम को गिरफ्तार कर पुलिस पूछताछ कर रही है। फेफना थाना क्षेत्र के मिड्ढा गांव के कारखाना निवासी परवेज (40) पुत्र स्व. तैयब अंसारी एवं भाभी के बीच जमीन विवाद था। इसको लेकर बुधवार की सुबह दोनों में कहासुनी हुई। फिर क्या था, नाराज भाभी अजरा खातून ने देवर परवेज पर तेजाब फेंक दिया। गंभीरावस्था में वाराणसी जाते समय युवक की मौत हो गई। आरोपी महिला का पति परवेज आलम विदेश में रहता है। जबकि मृतक परवेज घर पर आरो प्लांट बैठाकर पानी बेचने का काम करता था।

रेप केस में फरार चल रहे संदेश के पूर्व विधायक अरुण कुमार यादव ने कोर्ट में किया सरेंडर

राजद के पूर्व विधायक अरुण यादव ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। मामला नाबालिग से रेप का है। पीड़िता पटना के सेक्स रैकेट संचालकों के पास से 18 जुलाई, 2019 को भाग कर आरा पहुंची थी। पीड़िता के भाई ने नगर थाने में आवेदन दिया था, जिसमें अनीता देवी और संजीत कुमार उर्फ छोटू के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में नगर थाना में कांड संख्या 340/19, तथा पॉक्सो में कांड संख्या 47/19 दर्ज हुआ था। पीड़िता के 164 के पहले बयान में मनरेगा के इंजीनियर अमरेश कुमार और संजय कुमार उर्फ जीजा को आरोपित किया गया था, जबकि 164 के दूसरे बयान में आरजेडी के पूर्व विधायक अरुण यादव को आरोपित बताया गया था। आपको बता दें, इस मामले के चार आरोपितों को साक्ष्य न होने के कारण कोर्ट ने बरी कर दिया था। इस कांड में पीड़िता के भाई, बहन और परिजन सहित सभी गवाह अपने बयान से पीछे हट गए थे, जिसके बाद अवर जिला और सत्र न्यायाधीश VI और पॉक्सो के विशेष न्यायालय ने गिरफ्तार मनरेगा इंजिनियर अमरेश कुमार, किशोरी को धंधे में धकेलने वाली अनीता देवी, उसके सहयोगी संजीत कुमार और संजय कुमार को बरी कर दिया था।  

बारिश नहीं होने के चलते नर्सरी में सुख रहे धान के पौधे

पटना जिला सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में कम वर्षा का असर दिखने लगा है। कम वर्षा से प्रभावित खेतों में दरारें पड़ने लगी है। पानी के अभाव में रोपनी का काम रुक गया है। खेतों में घटते जल स्तर से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है। धान की सुरक्षा के लिए किसान अब बोरवेल पंप से खेतों में पानी सप्लाई कर रहे हैं। किसानों में अब भी वर्षा की आस बनी है। कम बारिश से पटना जिला सहित आसपास इलाके के खेतों में दरार पड़ने लगी है। मिट्टी में नमी अब भी बरकरार है, लेकिन सप्ताह भर से बारिश नहीं होने के कारण किसानों को एक-एक दिन भारी पड़ रहा है। घटते नमी से एक दो दिन के भीतर पौधों के मुरझाने की संभावना बनी है। समय सीमा के भीतर मानसून आगमन से किसान काफी खुश थे। निकटवर्ती जलाशयों से सिंचाई की सुविधा नहीं होने से किसान ट्यूबवेल से सिंचाई पर आश्रित हैं। कई स्थानों में भूजल स्त्रोत कम होने से ट्यूबवेल से पर्याप्त पानी की अब भी कमी है। सिंचाई सुविधा को मूर्तरूप नहीं दिए जाने के कारण मौसम आश्रित खेती करने वाले किसानों को कम वर्षा की मार झेलनी पड़ती है। सिंचाई की सुविधा नहीं होने से किसानों के खेतों के लिए पानी मिलने की कोई संभावना नहीं है।