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अवधेश राय हत्याकांड : मूल केस डायरी गायब कराने के मामले में मुख्तार अंसारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज

गाजीपुर। 31 साल पुराने चर्चित अवधेश राय हत्याकांड की मूल केस डायरी गायब कराने मामले में माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। कैंट इंस्पेक्टर प्रभु कांत के अनुसार कचहरी के कर्मचारियों से मिलीभगत कर साजिशन मूल केस डायरी गायब कराने के आरोप में मुख्तार अंसारी सहित अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। अवधेश राय हत्याकांड की सुनवाई वाराणसी के विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए सियाराम चौरसिया की अदालत में हो रही है। मामले में मूल केस डायरी की जगह छाया प्रति पर ही केस की सुनवाई हो रही है। दो दिन पहले इस केस में नया मोड़ आया और हत्याकांड के मुख्य आरोपी मुख्तार अंसारी ने साक्ष्यों के मूलपत्रों की बजाय छायाप्रति के आधार पर ट्रायल चलाने पर आपत्ति उठाई है। वाराणसी सत्र न्यायालय के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती देकर ट्रायल पर रोक लगाने की मांग की है। अवधेश राय हत्याकांड के मुकदमे में सुनवाई के लिए बीते सोमवार को चश्मदीद साक्षी विजय कुमार पांडेय को बिना जिरह वापस लौटना पड़ा। बचाव पक्ष के अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने अदालत में जिरह से पहले प्रयागराज की अदालत में विचाराधीन मुकदमे की मूल पत्रावली के मुआयने और एसएसपीजी अस्पताल से अवधेश राय के मेडिकल लीगो से जुड़े कागजात मंगवाने की मांग की थी। मामले में 22 जुलाई को सुनवाई होनी है। विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए) सियाराम चौरसिया की अदालत में विचाराधीन मुकदमे में गवाह विजय कुमार पांडेय से बचाव पक्ष की ओर से जिरह की जानी थी। इसके पूर्व ही बचाव पक्ष के अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर चश्मदीद साक्षी से शेष जिरह करने से पूर्व प्रयागराज की अदालत में विचाराधीन सरकार बनाम राकेश न्यायिक व अन्य के मुकदमे में मूल पत्रावली के मुआयने व एसएसपीजी अस्पताल से अवधेश राय के मेडिकल लीगो संबंधित प्रपत्र मंगवाने के बाबत समय देने की मांग की। इस पर वादी के अधिवक्ता अनुज यादव व विकास सिंह के साथ अभियोजन की ओर से एडीजीसी ज्योति शंकर उपाध्याय ने आपत्ति की। अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तिथि 22 जुलाई नियत कर दी। बता दें कि तीन अगस्त 1991 को लहुराबीर स्थित आवास के गेट पर ही अवधेश राय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अवधेश राय के भाई अजय राय ने मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, भीम सिंह, कमलेश सिंह व राकेश न्यायिक समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

वैशाली में भगवान बुद्ध के आकृति का 100 वर्ष पुराना पीपल का पेड़ जलकर राख

भगवान बुद्ध के आकृति जैसा पीपल का पेड़ में आग लग गई। ऐसा पेड़ बिहार के वैशाली जिले में स्थित है। ग्रामीणों ने पराम्परिक तरीके से आग बुझाने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं होने पर पूरी तरह राख हो गया। इस वृक्ष पर भगवान बुद्ध जैसी आकृति बनी हुई थी। माना जाता है कि बुद्ध का अंतिम वर्षावास स्थल यही पेड़ था। जानकारी के मुताबिक वैशाली जिले के पटेढ़ी बेलसर प्रखंड की सोरहत्था पंचायत के बेलवर (वेलुवग्राम) में इस ऐतिहासिक पीपल के पेड़ में आग लगी। गांव के लोग मौके पर जुटे और पानी डालकर आग पर काबू पाने की कोशिश की। बड़ी मशक्कत के बाद भी आग नहीं बुझ पाई। भगवान बुद्ध से जुड़ा ऐतिहासिक वृक्ष पूरी तरह जल कर खाक हो गया। यह वृक्ष सैकड़ों साल पुराना था। यहां पर सती स्थान भी है। 11 साल पहले पेड़ पर अपने आप उभर आई थी मानव आकृति  2011 में इस वृक्ष का बड़ा हिस्सा टूट गया था, जिससे पेड़ पर मानव आकृति उभर आई थी। लोगों का मानना है कि यह आकृति भगवान बुद्ध के आयु संस्कार जैसी थी। इसके बाद बुद्ध से संबंधित कई इतिहासकार और शोधार्थी भी यहां आए। कई रिसर्चर दावा कर चुके हैं कि बुद्ध का आयु संस्कार स्थल बेलवर गांव ही है, जिसे प्राचीनकाल में वेलुवग्राम के नाम से जाना जाता था।ग्रामीणों के मुताबिक ऐतिहासिक पीपल के पेड़ के पास लोग पूजा अर्चना करते हैं। आग लगने से कुछ घंटे पहले भी लोग पूजा करके गए थे। फिर रात में अचानक आग लग गई। इस हादसे के बाद से स्थानीय लोग मायूस हैं। वहीं, आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। वृक्ष की सटीक आयु की जानकारी नहीं माना जाता है कि आग में जलकर राख हुआ यह वृक्ष सैकड़ों साल पुराना है। हालांकि इसकी सही आयु के बारे में अभी जानकारी नहीं मिल पाई है। मुजफ्फरपुर क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक  कार्यालय के पदाधिकारी आरके राम ने 2011 में तिरहुत के आयुक्त को यहां का दौरा करने के बाद पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने पीपल के पेड़ में अपने आप बनी मानव आकृति बनने की जांच करने की मांग की थी। साथ ही बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया के विशेषज्ञों से इसकी सटीक आयु की जांच करने की भी मांग की थी। हालांकि, अब तक इस ओर कोई कदम नहीं उठाए गए।

भोजपुर के जमुआंव में बाईक सवार अपराधियों ने दिनदहाड़े आरपीएफ जवान से 4 लाख रुपये की किया छिनतई

सोमवार को  बाईक सवार अपराधियों ने जमुआंव के पास नहर पर आरपीएफ जवान से चार लाख रुपये का छिनतई किया तथा रुपये छिनकर भागने में सफल रहे। घटना की जानकारी मिलते ही पीरो थानाध्यक्ष एनके प्रसाद और अगिआंव बाजार थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में पुलिस लुटेरों की गिराफतारी के लिये ताबड़तोड़ छापामारी कर रही है। घटना के संबंध में बताते चले कि पश्चिम बंगाल में आरपीएफ में तैनात शिवप्यारे यादव अपनी शिक्षिका पत्नी पुष्पा देवी के साथ बाईक पर सवार होकर भारतीय स्टेट बैंक की पीरो शाखा से 4 लाख रुपये निकालकर पैतृक गांव डोमनडिहरा जा रह थे। बाईक से पिछा कर रहे अपराधियों ने उनके बाईक में धक्का दे दी और गिर जाने पर रुपये छिनकर भागने में कामयाब रहे।

रेप केस में फरार चल रहे संदेश के पूर्व विधायक अरुण कुमार यादव ने कोर्ट में किया सरेंडर

राजद के पूर्व विधायक अरुण यादव ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। मामला नाबालिग से रेप का है। पीड़िता पटना के सेक्स रैकेट संचालकों के पास से 18 जुलाई, 2019 को भाग कर आरा पहुंची थी। पीड़िता के भाई ने नगर थाने में आवेदन दिया था, जिसमें अनीता देवी और संजीत कुमार उर्फ छोटू के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में नगर थाना में कांड संख्या 340/19, तथा पॉक्सो में कांड संख्या 47/19 दर्ज हुआ था। पीड़िता के 164 के पहले बयान में मनरेगा के इंजीनियर अमरेश कुमार और संजय कुमार उर्फ जीजा को आरोपित किया गया था, जबकि 164 के दूसरे बयान में आरजेडी के पूर्व विधायक अरुण यादव को आरोपित बताया गया था। आपको बता दें, इस मामले के चार आरोपितों को साक्ष्य न होने के कारण कोर्ट ने बरी कर दिया था। इस कांड में पीड़िता के भाई, बहन और परिजन सहित सभी गवाह अपने बयान से पीछे हट गए थे, जिसके बाद अवर जिला और सत्र न्यायाधीश VI और पॉक्सो के विशेष न्यायालय ने गिरफ्तार मनरेगा इंजिनियर अमरेश कुमार, किशोरी को धंधे में धकेलने वाली अनीता देवी, उसके सहयोगी संजीत कुमार और संजय कुमार को बरी कर दिया था।  

बारिश नहीं होने के चलते नर्सरी में सुख रहे धान के पौधे

पटना जिला सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में कम वर्षा का असर दिखने लगा है। कम वर्षा से प्रभावित खेतों में दरारें पड़ने लगी है। पानी के अभाव में रोपनी का काम रुक गया है। खेतों में घटते जल स्तर से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है। धान की सुरक्षा के लिए किसान अब बोरवेल पंप से खेतों में पानी सप्लाई कर रहे हैं। किसानों में अब भी वर्षा की आस बनी है। कम बारिश से पटना जिला सहित आसपास इलाके के खेतों में दरार पड़ने लगी है। मिट्टी में नमी अब भी बरकरार है, लेकिन सप्ताह भर से बारिश नहीं होने के कारण किसानों को एक-एक दिन भारी पड़ रहा है। घटते नमी से एक दो दिन के भीतर पौधों के मुरझाने की संभावना बनी है। समय सीमा के भीतर मानसून आगमन से किसान काफी खुश थे। निकटवर्ती जलाशयों से सिंचाई की सुविधा नहीं होने से किसान ट्यूबवेल से सिंचाई पर आश्रित हैं। कई स्थानों में भूजल स्त्रोत कम होने से ट्यूबवेल से पर्याप्त पानी की अब भी कमी है। सिंचाई सुविधा को मूर्तरूप नहीं दिए जाने के कारण मौसम आश्रित खेती करने वाले किसानों को कम वर्षा की मार झेलनी पड़ती है। सिंचाई की सुविधा नहीं होने से किसानों के खेतों के लिए पानी मिलने की कोई संभावना नहीं है।