गाजीपुर। जिलाधिकारी आर्यका अखौरी की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों के अंतर्गत संचालित विकास कार्यकार्यों की प्रगति समीक्षा बैठक जिला पंचायत सभागार में 28 सितम्बर बुधवार को हुई। इसमें जिलाधिकारी ने मनरेगा के तहत कराये जा रहे कार्यों में मजदूरों के भुगतान में हो रही लापरवारही पर 4 विकास खण्डों के टीए का वेतन अग्रिम आदेश तक के लिए रोकने का निर्देश दिया है। कहा कि मजदूरों का पसीना सूखने से पहले उनकी मजदूरी दे दी जाये। जिलाधिकारी जनपद के 28 विभागों व 16 विकास खण्डों में संचालित विकास कार्यकार्यों की प्रगति समीक्षा करते हुए मनरेगा योजना के तहत कराये जा रहे समस्त बिन्दुओं की जानकारी ली। इसमें कई विकास खण्डों की प्रगति धीमी और कई ग्राम पंचायतों में कार्य प्रारंभ नहीं होने पर नाराजगी जतायी। 4 विकास खण्डों सादात, करण्डा, बिरनों, देवकली में मनरेगा कार्यों में मजदूरों के भुगतान पेडिंग होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित टीए का वेतन रोकने का निर्देश दिया। कहा कि मजदूरों का पसीना सूखने से पहले उनकी मजदूरी दे दी जाये, इसमें लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। मनरेगा के तहत जो भी कार्ययोजना बनी है, उसे निश्चित समयान्तर्गत पूर्ण करा लिया जाय, ताकि मजदूरों को रोजगार मिल सके। उन्होंने वर्ष 2020-21 व वर्ष 2021-22 के अपूर्ण प्रधानमंत्री आवास, मुख्यमंत्री आवास की रिकवरी कराने का निर्देश दिया। कहा कि खण्ड विकास अधिकारी, सचिव व ग्राम प्रधान संग प्रतिदिन बैठक करते हुए, यह निर्देशित करें कि शासन की किसी भी योजना में यदि किसी भी तरह की धन उगाही की सूचना मिलती है, तो उन्हें बख्शा नहीं जायेगा। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवासों की एक जिला स्तरीय कमेटी बनाकर जांच का निर्देश दिया। खण्ड विकास अधिकारी स्वयं आवास योजना में पात्रों से दूरभाष के माध्यम से वार्ता कर उन्हें किसी भी व्यक्ति या दलाल को पैसे देने से रोकेंगे तथा यह बतायेंगे कि यह आवास उनके पात्रता के क्रम में उन्हें मिली है। उन्होंने अधूरे सामुदायिक शौचालयों को 15 अक्टूबर तक पूर्ण कराते हुए हैण्डओवर का निर्देश दिया। कहा कि हैण्डओवर हुए सामुदायिक शौचालय अपने रोस्टर के अनुसार क्रियाशील रहे, यह जिला पंचातय राज अधिकारी की जिम्मेदारी है। इसे वह बराबर चेक करते रहेंगे। जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों को निर्धारित समय सीमा में विभागीय विकास परक योजनाओं को समय से पूरा करने के सख्त निर्देश दिया। जन कल्याणकारी योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर लागू कर पात्र व्यक्तियों को त्वरित गति से लाभ पहुंचाने पर जोर दिया। यह भी कहा कि पात्र व्यक्ति शासन की योजनाओं से वंचित न रहने पाए। आईजीआरएस की समीक्षा करते हुए सख्त निर्देश दिया कि यदि किसी भी विभाग के शिकायत पत्र का निस्तारण निर्धारित समयांतराल में नहीं की जाती है, तो वह वह डिफाल्टर होता है, तो इसका उत्तरदायित्व सम्बन्धित अधिकारी का होगा। उन्होंने समस्त अधिकारियों को प्राप्त शिकायतों का निस्तारण निर्धारित समयांतराल में गुणदोष के आधार पर करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने पंचायत भवन निर्माण, अन्त्येष्टि स्थल निर्माण, ओडीएफ प्लस की प्रगति, ग्राम पंचातय सचिवों के विरूद्ध लंबित कार्यवाही, वृद्धा पेंशन, दिव्यांगजन पेंशन, शादी अनुदान, छात्रवृत्ति, निराश्रित विधवा पेंशन, कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, हर घर जल योजना, आयुष्मान कार्ड, हेल्थ वेलनेस सेन्टर, पीएचसी निर्माण, टीकाकरण की प्रगति, परिवार नियोजन, पोषाहार वितरण, आपरेशन कायाकल्प, एमडीएम संचालन, डीडीयूजीकेवाई की प्रगति, मत्स्य विकास, औद्यानिक मिशन, निराश्रित गौ-वंश आश्रय स्थलों के संचालन व सत्यापन, लम्पी वायरस, फसल बीमा, सोलर पम्प स्थापना, नहरों की सील्ट सफाई, संचालन की स्थिति, राजकीय नलकूप की स्थापना एवं संचालन की स्थिति, सोलर लाईटों की स्थापना, पर्यटन विकास व अन्य विभागीय योजनों की विस्तारपूर्वक समीक्षा की। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी श्रीप्रकाश गुप्ता, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. हरगोविन्द, परियोजना निदेशक राजेश यादव, अपर जिला सूचना अधिकारी राकेश कुमार के अलावा समस्त जनपद स्तरीय अधिकारी, समस्त खण्ड विकास अधिकारी व कार्यदायी संस्था के अधिकारी उपस्थित रहे।