*धनबाद का प्रदूषण बढ़ा रहा अस्थमा के मरीज , विश्व अस्थमा दिवस आज
*धनबाद – धनबाद का प्रदूषण यहां के लोगों को बीमार कर रहा है। लोग अस्थमा जैसी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। हर उम्र के लोग इससे पीड़ित हो रहे हैं। स्थिति यह है कि अस्पतालों में ओपीडी में आनेवाले 100 मरीजों में 20 से 30 सांस लेने में शिकायत लेकर पहुंचते हैं। इसमें 10-12 लोग अस्थमा से पीड़ित होते हैं। इस बीमारी के मरीजों में बच्चों और वृद्धों की संख्या सबसे अधिक होती है। डॉक्टरों की मानें तो खानन क्षेत्र होने के कारण यहां अस्थमा के मरीजों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक है। धनबाद का एक बड़ा क्षेत्र कोयला प्रभावित है।*
*कोयला निकासी से लेकर उसके परिवहन में काफी प्रदूषण*
*जान लें कोयला निकासी से लेकर उसके परिवहन में काफी प्रदूषण फैलता है। यह प्रदूषित हवा सांस के माध्यम से शरीर के अंदर जाता है और लोगों को बीमार करता है। यही कारण है कि जिले के खनन क्षेत्र में रहनेवाले लोग श्वास संबंधी समस्याओं से ज्यादा प्रभावित होते हैं, जिसमें अस्थमा (दमा) के साथ एलर्जी भी शामिल है। डॉक्टरों के अनुसार लगातार ज्यादा समय तक सांस के माध्यम से प्रदूषित हवा अंदर लेने पर यह फेफड़े को प्रभावित करता है। इससे लोग अस्थमा और इस जैसी अन्य बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। यही कारण है कि खनन क्षेत्र में रहनेवाले और काम करने वाले लोग इस बीमारी से ज्यादा पीड़ित होते हैं। इसके अलावा वृक्षों की कटाई, वाहनों की बढ़ती संख्या जैसे घटक भी अस्थमा का बढ़ावा दे रहे हैं। हर उम्र के लोग प्रभावित शहर के जाने माने फिजिशियन डॉ एके सिंह के अनुसार पहले अस्थमा और सांस संबंधी बीमारियां एक उम्र के बाद होती थी। वृद्ध लोग इसकी चपेट में ज्यादा आते थे। अब छोटे-छोटे बच्चे भी अस्थमा से पीड़ित हो रहे हैं। बड़ी संख्या में यह बीमारी युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है। एक अनुमान के अनुसार धनबाद की कुल आबादी का तीन से पांच प्रतिशत अस्थमा समेत सांस की अन्य बीमारियों से पीड़ित है। इसमें खनन और औद्योगिक क्षेत्र में रहने वालों की तादाद सबसे अधिक है। इनहेलर की मांग बढ़ी अस्थमा समेत अन्य सांस संबंधी बीमारियों में वृद्धि के कारण जिला में इनहेलर की मांग बढ़ गई है। दवा दुकानदारों के अनुसार पहले अस्पतालों के आसपास की दवा दुकानों में हर दिन एक-दो इनहेलर की बिक्री होती थी। अब यहां यह संख्या दोगुनी हो गई है। अस्पतालों से दूर की दुकानों में भीर हर दिन एक-दो इनहेलर बिक रहा है। इसका स्पष्ट कारण है कि लोग सांस की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। उन्हें राहत के लिए डॉक्टर इनहेलर लेने की सलाह दे रहे हैं।*
*विश्व अस्थमा दिवस का थीम*
*हर साल मई के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। इस साल 6 मई को अस्थमा दिवस मनाया जा रहा है। इस साल इसका थीम अस्थमा की शिक्षा, जीवन को सशक्त बनाती है अस्थमा एजुकेशन एंपावर्स लाइव रखा गया है। इसका उद्देश्य लोगों को अस्थमा के बारे में सही जानकारी देकर इस बीमारी के बारे में समझाना है ताकि वे अपनी सेहत का बेहतर ध्यान रख सकते हैं और बिना डर के एक सामान्य जीवन जी सकते हैं। अस्थमा के लक्षण – सांस लेते या छोड़ते समय सीटी जैसी आवाज या घरघराहट होना। – सांस फूलना – सीने में जकड़न – खांसी, थकान और अस्थमा से बचाव – मौसम परिवर्तन और ठंड में सतर्क रहें – प्रदूषण, धूल और एलर्जी पैदा करने वाली चीजों से बचें – मास्क का इस्तेमाल करें – नियमित रूप से व्यायाम करें*