*40 प्रतिशत मलेरिया के मरीज झारखंड में*
*बोकारो में भी बढे हैं मलेरिया के रोगी*
*मलेरिया दिवस पर विशेष
*झारखंड की स्वास्थ्य सेवाओं की जर्जर हालत पर सीएजी की रिपोर्ट ने बड़ा पर्दाफाश किया है। कैग रिपोर्ट से खड़े हो रहे सवाल आखिर इस भ्रष्टाचार और लापरवाही की जिम्मेदारी कौन लेगा ?*
*सवाल है की आखिर इस भ्रष्टाचार और लापरवाही की जिम्मेदारी कौन ?*
*अगर सरकार ने जल्द ही जरूरी कदम नहीं उठाए तो झारखंड की जनता को बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं से भी वंचित रहना पड़ेगा*
*झारखंड में कुल बीमारी के 40% मलेरिया बीमारी से ही पीड़ित मरीज मिलते हैं*
*झारखंड में मलेरिया सबसे प्रचलित बीमारी है*
*सांस के संक्रमण से बीमार होने वालों का प्रतिशत 10 प्रतिशत है टाइफाइड से 15% एवं अन्य का 15 प्रतिशत है हालांकि वर्ष 2024 तक बताते चलें कि बहुत कमी तो नहीं हुई है मलेरिया के रोगियों की लेकिन रोगियों की संख्या में कमी आई है अधिकतम जिलों में प्रति एक लाख की जनसंख्या पर*
*झारखंड में मलेरिया सबसे प्रचलित बीमारी है झारखंड में कुल 4835 स्वास्थ्य प्रतिष्ठान हैं जहां सरकारी अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या लगभग 14 हजार के आसपास है वहीं झारखंड में 2280 स्वीकृत चिकित्सा अधिकारी के पदों में से 1613 पद ही भरे हुए हैं*
*सीएजी की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि चिकित्सा अधिकारियों स्टाफ नर्सो व पैरामेडिक्स की भारी कमी है।*
*जामताड़ा और धनबाद जैसे जिलों में सबसे अधिक पद खाली हैं जबकि लोहरदगा और रांची में सबसे कम*