नीट की परीक्षा पहले ही प्रयास में पास करनेवाले द डिवाइन पब्लिक स्कूल के छात्र अश्विन आर्य का विद्यालय परिसर में समारोह आयोजित कर किया गया सम्मानित। विदित हो कि अश्विन ने कक्षा यू के जी से लेकर कक्षा बारहवीं तक की शिक्षा द डीपीएस से पूरी की। इस दौरान विद्यालय के छात्रावास में रहकर भी उसने पढ़ाई की। सत्र 2021-22 की दसवीं बोर्ड परीक्षा में उसे 94.2 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए। पुनः बारहवीं बोर्ड में उसे 91 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए। अपनी सफलता की रफ्तार को बरकरार रखते हुए अश्विन ने नीट-2024 की परीक्षा पहले ही प्रयास में पास कर ली। कुल 720 अंकों की परीक्षा में उसे 657 अंक प्राप्त हुए।ऑल इंडिया रैंक 20877 तथा सामान्य कैटेगरी के अंतर्गत 2521 रैंक प्राप्त हुआ। अश्विन की यह उपलब्धि पूरे बिक्रमगंज अनुमंडल क्षेत्र के लिए हर्ष और गर्व का विषय है। द डीपीएस प्रबंधन ने भी छात्र की इस उपलब्धि पर बुलाकर उसे सम्मानित किया।
अश्विन को विद्यालय की ओर से प्रशस्ति पत्र, शॉल तथा एक लैपटॉप देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अश्विन की माँ भी उपस्थित रहीं। अश्विन से उसकी सफलता से संबंधित पूछे गए सवालों का उसने बेबाकी से जवाब दिया। उसने बताया कि विद्यार्थियों को भटकाव से बचते हुए अपने लक्ष्य पर ध्यान देना चाहिए।सुबह उठकर अपने दिनभर के कार्यों की योजना बनाएं।
24 लाख परीक्षार्थियों में अपनी जगह बनाना पहले मेरे लिए भी भय प्रदान करने जैसा था, लेकिन आपका आत्मविश्वास ही आपको विजेता बनाता है। द डीपीएस की विशेषताओं की भी उसने चर्चा की और बताया कि किसी भी उपलब्धि पर पुरस्कृत करने की परंपरा मुझे बहुत अच्छी लगती है। डॉक्टर बनने पर जरूरतमंदों की कम कीमत पर इलाज की इच्छा अश्विन ने जताई।
विद्यालय के सह निदेशक अखिलेश कुमार ने आज के दिन को उत्सव का दिन बताया। उन्होंने आज के दिन को सपने संजोने का दिन बताया।विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए अखिलेश कुमार ने कहा कि यह लैपटॉप पुरस्कार मात्र नहीं है, बल्कि यह आपसभी के लिए प्रेरणा है।
अश्विन नाम का अर्थ बताते हुए उन्होंने कहा कि दिव्य चिकित्सकों के समूह को अश्विन कहते हैं। अश्विन के नाम के अनुरूप उसकी यह सफलता उसके उज्ज्वल भविष्य का संकेत करती है।अश्विन के भारत का नंबर एक डॉक्टर बनने की कामना की साथ ही उन्होंने सभी विद्यार्थियों को अपने जीवन में अद्भुत सफलता पाने की प्रेरणा दी ताकि विद्यालय और भी गर्मजोशी से सभी का अभिनंदन कर सके।