आमस (गया) धर्मेन्द्र कुमार सिंह
गया जिले के आमस प्रखंड की कई पंचायतों में साल भर बाद भी कचरा प्रबंधन केन्द्र नहीं बन पाया है। जबकि लोगों के घरों से महीनों से कचरा उठाव किया जा रहा है। ऐसे में कर्मियों को घरों से कचरा उठाव कर जहां-तहां खुले में फेकना पड़ रहा है। इससे गांव-टोलों को स्वच्छ बनाने का सरकार का सपना यहां साकार नहीं होता दिख रहा है। पंचायत प्रतिनिधियों के साथ अधिकारियों की लगातार बैठकों के बाद भी यहां यह स्थिति है। लोग तो यह कहने लगे हैं कि इसका हाल भी नल-जल योजना की तरह ही होकर रह जाएगा। नल-जल योजना की तरह यह भी सिर्फ कागजों में सिमट कर रह जाएगा।
प्रखंड को-ऑडिनेटर ब्रजेश कुमार ने बताया कि झरी व बड़की चिलमी पंचायत में डब्लूपीयू बनकर तैयार है। जिसमें स्वच्छता कर्मी घरों से कचरा उठाव कर डाल भी रहे हैं। कहा आमस, अकौना व महुआवां पंचायतों में भी महीने के अंत तक बन कर तैयार हो जाएगा। फिलहाल इसके आसपास कचरा फेंके जा रहे हैं। जिन्हें बनने के बाद केन्द्र में डाल दिये जाएंगे। इधर योजना पर लाखों रुपये खर्च के बाद भी गांव-टोलों में अब भी गंदगी पसरी हुई है। जागरूकता अभियान चलाये जाने के बाद भी आम लोगों की इस ओर दिलचस्पी नहीं है। कई ग्रामीणों ने बताया कि नियमित तौर पर घरों से कचरा का उठाव नहीं किया जा रहा है और तीस रुपये मांगे जाते हैं।