Bakwas News

सरकार समायोजन के लिए शीघ्र कदम उठाएं नहीं तो होगी अनिश्चित कालीन हड़ताल—संघ

अरवल । सदर प्रखण्ड परिसर में दो दिवसीय सांकेतिक हड़ताल दूसरा दिन बिहार राज्य डाटा इंट्री ,कंप्यूटर ऑपरेटर संघ (बेल्ट्रान) द्वारा आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता मो० सफदर इमाम जिला अध्यक्ष एवं सचिव राजेश कुमार आनंद के संयुक्त अध्यक्षता में दो दिवसीय धरना प्रदर्शन संपन्न की गई। जिसमें अरवल जिला इकाई पूरे जोर सोर से इस आंदोलन को सफल बनाने हेतु भारी संख्या में सभी डाटा इन्ट्री ऑपरेटर, प्रोग्रामर आई०टी० बॉय, गर्ल उपस्थित होकर अपने संवर्ग की सेवा समायोजन हेतु चरणबद्ध आंदोलन की शुरूआत किया।

 

इस अवसर पर अपने संबोधन में रंजीत कुमार द्वारा बताया कि बेल्ट्रॉन के द्वारा हमलोग लगभग 20 वर्षों से कार्य कर रहे हैं एवं सरकार के द्वारा हमलोगों के प्रति दोहरी नीति अपनायी जा रही है। हमलोगों के वेतन के नाम पर बिहार सरकार से उर्मिला इन्फो सॉल्यूशन जी एस टी के रूप मे 18 प्रतिशत की कटौती बिचोलियो के द्वारा की जाती है, जिसमें सरकार के राजस्व में प्रत्येक माह करोड़ों से ज्यादा नुकसान है जो कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं। राजेश कुमार आनन्द द्वारा अपने संबोधन में बताया कि हम लोग 05 नवंबर को एकदिवसीय धरना एवं 06 से 11 नवंबर 2023 तक काला बिल्ला लगाकर अपने अपने कार्यालय में कार्य किया ।

 

तत्पश्चात् सरकार फिर भी हमारी मांगों पर सकारात्मक पहल, निर्णय नहीं ली तो मजबूर होकर हमारे प्रदेश के सभी संघ, संगठनों के आहवाहन पर 28 एवं 29 नवंबर 2023 को दो दिवसीय सांकेतिक हड़ताल करने पर जिला संघ विवश हो गई और हम लोग की माँग पूरी नहीं होने पर राज्य स्तरीय संघ के आवाहन पर बाध्य होकर भविष्य में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते है। युगेश कुमार द्वारा अपने संबोधन में बताया कि बेल्ट्रॉन के माध्यम से संविदा के आधार पर बिहार सरकार के विभिन्न विभागों, कार्यालयों संस्थाओं में कार्यरत सभी डाटा इन्ट्री ऑपरेटर, प्रोग्रामर, आई टी ब्यॉज ,गर्ल का विभागीय सेवा समायोजन करने एवं अन्य गंभीर समस्याओं के निराकरण हेतु चरणबद्ध आदोलन की जा रही है। बेल्ट्रॉन के माध्यम से आऊटसोर्सिंग, संविदा व्यवस्था के तहत बिहार सरकार में कम्प्यूटर ऑपरेटर का आजतक न पद सृजित किया गया है और न ही कोई नियमावली,संकल्प लागू की गई है।

 

लगभग 20 से 25 वर्षों से बेल्ट्रॉन के माध्यम से डाटा इन्द्री ऑपरेटरों सहित अन्य कर्मियों की सेवा में कोई स्थायीत्व नहीं है और न ही किसी प्रकार का कोई सरकारी सुविधा मिल रही है, जिसके फलस्वरूप हमसभी कर्मी उपेक्षित महसूस कर रहे है। राज्य के लगभग साढे चार लाख संविदा कर्मियों को राज्य सरकार द्वारा लगभग सारी सरकारी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। साथ ही बिहार सरकार द्वारा वर्तमान में मात्र पाँच से दस वर्षों से कार्यरत कई ऐसे संवर्गों तकरीबन सभी सरकारी सुविधाएं मुहैया करा दी गई है। अब हमें लगने लगा है कि अल्प वेतन भोगी कर्मियों की अनदेखी की जा रही है।

 

सरकारी विभागों में समायोजित कर आउटसोर्सिंग व्यवस्था को समाप्त कर पूरे बेल्ट्रॉन कर्मियों को इस अनाधिकृत शोषण से मुक्त की जाए। कार्यालयों में सरकार के सभी उपलब्धि ऑपरेटर कर्मी की अहम् भूमिका है। जरीना खातून द्वारा अपने संबोधन में बताया कि कई वर्षों से निरंतर सफलतापूर्वक कार्य करने के बाद भी किसी कारणवश बेल्ट्रॉन कर्मी की अचानक ही सेवा समाप्त, वापस कर दी जाती है।

 

वापसी के समय कर्मियों की अपने स्पष्टीकरण, पक्ष को रखने का कोई मौका तक नहीं दिया जाता है। जिससे हम जैसे अल्प वेतन भोगी के सामने भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ऐसी दयनीय परिस्थिति से उबरने के लिए सरकार को निश्चित रूप से हमारे सेवा समायोजन , सेवा स्थायीकरण हेतु सेवा-शर्ते नियमावली का गठन करते हुए आउट सोर्सिग को समाप्त कर शीधे 60 वर्षों का विभागीय समायोजन की जाए।

 

अफजल सिद्दीकी द्वारा अपने संबोधन में बताया कि इस मंहगाई में समय से वेतन भी नहीं मिलता है कि अपने बच्चों को अच्छी और उच्च शिक्षा दे सके। हमें प्रोन्नति अनुकंपा, ग्रेच्यूटी (उपादान), चिकित्सा, अवकाश, अर्जित अवकाश, अवैतनिक अवकाश, क्षतिपूर्ति अवकाश मातृत्व अवकाश, विशेष अवकाश, महगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता, वेतन पुनरीक्षण आदि लाभों से पूरी तरह से बंधित है। हमारी सेवा सीधे सरकार के अधीन विभागीय समायोजन, सेवा-शर्त,नियमावली के तहत हो।

 

हमलोग कुशलता पूर्वक अपने सरकारी कामकाज दायित्वों के साथ-साथ पारिवारिक दायित्वों के निर्वाहन में सक्षम हो सके। सरकार ने लगभग सभी कर्मियों की सेवा “सीधे विभाग से कर दिया है, केवल बेल्ट्रान कर्मियों को छोड़ कर। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2005 से न्याय के साथ विकास की महत्वपूर्ण नारा देते हुए कृत संकल्पित एवं चरितार्थ किया गया है। ऐसी स्थिति में राज्य के अन्य संविदा कर्मियों के भाँति बेल्ट्रोन के माध्यम से कार्यरत कर्मियों के साथ भी सुशासन की सरकार में न्याय के साथ विकास जैसे नारा का चरितार्थ पाने हेतु आशान्वित है।

 

हमारी एकल मांग सेवा समायोजन पर सरकार के स्तर से कोई ठोस सकारात्मक विचार नहीं किया जाता है तो संघ बाध्य होकर भविष्य में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते है। धरना प्रदर्शन में रंजीत कुमार, यु राजीव कुमार, उत्तम कुमार पाल, जरीना खातून, प्रतिभा कुमारी, नन्दनी कुमारी, सौरभ कुमार, राजकिशोर, नन्द किशोर, रविकान्त कमार, अफजल सिद्दीकी , बबलु कुमार प्रियका कुमारी,प्रीति कुमारी के साथ अन्य सदस्य कर्मी मौजूद थे।

Rajnish Ranjan
Author: Rajnish Ranjan

Leave a Comment