अरवल। चार दिवसीय आस्था का महापर्व छठ व्रत सोमवार को उदयाचल ग्रामी सूर्य को अधर्य देने के बाद समापन हो गया इस मौके पर जिले के विभिन्न सोन नदी ,सूर्य मंदिर घाट के पास हजारों की संख्या में व्रतधारी एवं उनके सहयोगी डाला दौरा सूप में प्रसाद लेकर पैदल पांव छठ घाट पहुंचे ।
रविवार की दोपहर के बाद ही मुख्यालय के हर गलियां मुख्य सड़क चौक चौराहा से सोन नदी का पक्का कच्चा छठ घाट बिल्कुल चकाचक नजर आ रहा था हर गली में पानी की फुहार से रास्ता भी भिंगाया जा रहा था हर रास्ते पर अबीर गुलाल का छिड़काव हो रहा था गली-गली रोशनी से जगमगा रहा था ।
अरवल एवं आसपास के इलाकों में ऐसा लग रहा था मानो इस पर्व से जुड़े लोग सुर्योंपासना के अवसर पर गंदगी से जंग लड़ रहे थे हर गली मोहल्ले में वर्षो से पड़ी गंदगी को वहीं के युवा पीढ़ी सामूहिक रूप से इकट्ठा होकर साफ सफाई कर रहे थे साफ-सफाई में भी कोई भेदभाव नहीं सभी एक साथ मिलकर एक ही लक्ष्य की ओर बढ़ते देखे गए।
सोमवार को भगवान भास्कर का उदय होते ही अधर्य पड़ना शुरू हो गया था व्रतधारी महिलाएं पुरुष डाला दौरा में फल फुल पूजन सामग्री लेकर नदी में घूम-घूम कर पांच बार अधर्य दिए वहीं उनके परिजन संध्या में जल से एवं सुबह में दूध से अर्घ्य अर्पण कर रहे थे।
इसके बाद भगवान भास्कर के मंदिर में जाकर जलाभिषेक किया और फिर पुनपुन नदी घाट पर ही प्रसाद खाकर पारण का उपवास तोड़ा, जिला प्रशासन द्वारा हर चौक चौदहों पर सुरक्षा एवं मेडिकल तथा अन्य सुविधा का इंतजाम किया था।