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उठा उठा कर पत्थर पर पटक पटक कर मारने लगे:संजय सिन्हा

अरवल। अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा जिला इकाई अरवल द्वारा 1962 के भारत चीन युद्ध रेजांगला में शहीद हुए 114 जवानों का शौर्य दिवस समारोह महासभा कार्यालय में महासभा के जिला अध्यक्ष श्याम सिंह यादव कि अध्यक्षता में मनाई गई इसका संचालन युवा जिला अध्यक्ष राहुल यादव ने किया कार्यक्रम में सर्वप्रथम शहीद जवानों के सम्मान में बनाए गए शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई ।

 

समारोह को संबोधित करते हुए प्रदेश महासचिव संजय सिन्हा ने कहा कि सैनिक दुनिया के इतिहास में रेजांगला की लड़ाई अनूठी दस्ता है 1962 के भारत चीन युद्ध में रेजांगलामें तैनात 13वीं कुमाऊं रेजीमेंट के चार्ली कंपनी जिसे अहीर कंपनी भी कहा जाता था क्योंकि इसमें अहीर जवान ही भारती किए जाते थे इस चार्ली कंपनी के 120 अहीर जवानों ने करीब 3000 चीनी सैनिकों के सैलाब को न सिर्फ रोका बल्कि आगे बढ़ने से रोक दिया तथा डटकर मुकाबला किया था।

 

इस युद्ध में एक और जहां भारतीय सैनिकों के पास पुराने हथियार थे जो अंग्रेजों द्वारा छोड़े गए थे जबकि चीन के सैनिक अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे भारतीय जवानों के अद्भुत वीरता देखकर चीनी सैनिककांप उठीयुद्ध लड़ते-लड़ते जब भारतीय सैनिकों के गोला बारूद खत्म हो गए तब वह अपने कुशल युद्ध नीति से चीनी सैनिकों को अपने जाल में फसाया तथा चाकू छुरे राइफल के बट से तथा चीनियों को उठा उठा कर पत्थर पर पटक पटक कर मरने लगे।

 

इन्हीं जवानों के जज्बे का परिणाम था कि रेजांगला मोर्चे पर भीषण हर के बाद 21 नवंबर 1962 को चीन ने एक तरफा युद्ध विराम की घोषणा की तथा चीनी रेडियो पैकिंग से खबर प्रसारित किया कि चीन का सबसे ज्यादा नुकसान जंगला मोर्चे पर हुआ इस लड़ाई में चार्ली कंपनी के लड़ रहे 120 अहीर जवानों में से 114 अहीर जवानचीनी सैनिकों के 3000 जवानों को मारते हुए शहीद हो गए थे युद्ध के बाद भारत सरकार द्वारा शहीद सैनिकों के सम्मान में शहीद स्मारक बनाकर अहीर धाम घोषित कर सम्मान दिया गया।

 

इस कार्यक्रम में सर्वसम्मति से भारत सरकार से रेजांगला के शहीदों के सम्मान में भारतीय थल सेना में अहीर रेजिमेंट के गठन की मांग की गई इस कार्यक्रम में निम्न लोग शामिल हुए कैप्टन राम पदारथ सिंह सरजून यादव जगदीश यादव कृष्ण सिंह राजेंद्र सिंह उमेश्वर प्रसाद के साथ-साथ अन्य युवा साथी उपस्थित हुए।

Rajnish Ranjan
Author: Rajnish Ranjan

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