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महाविद्यालय में स्वामी विवेकानंद की मनी 160वीं जयंती

रोहतास जिला से विशेष संवाददाता चंद्रमोहन चौधरी की रिपोर्ट 

बिक्रमगंज शहर के वीर कुंवर सिंह महाविद्यालय धारूपुर में गुरुवार को देश के महापुरुष स्वामी विवेकानंद की 160वीं जयंती धूमधाम से मनायी गई।

इस अवसर पर महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेंद्र कुमार सिंह व भाजपा नेता सुनील सिंह सहित महाविद्यालय कर्मियों ने उनके तैलचित्र पर दीप प्रज्वलित व माल्यार्पण करते हुए उन्हें नमन किया। इस मौके पर उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए वीरकुंवर सिंह विश्वविद्यालय ,आरा सीनेट सदस्य सह भाजपा शिक्षा प्रकोष्ठ प्रदेश महामंत्री डॉ. मनीष रंजन ने बताया कि भारत को आध्यात्म से जोड़ने वाले स्वामी विवेकानंद महापुरुष थे। सत्र-1863 के जनवरी में कोलकाता में जन्में नरेन्द्रनाथ दत्त को आध्यात्मिक मार्ग अपनाने के बाद स्वामी विवेकानंद के नाम से जाना जाने लगा। जिनका प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में भी इनकी जयंती को मनाया जाता है। ज्ञात हो कि स्वामी विवेकानंद ने बहुत कम उम्र में ही अध्यात्म का मार्ग जीवन में अपना लिया था।

 

साथ ही पश्चिमी संस्कृति में योग एवं वेदांत के विषय में जागृति लाने का श्रेय भी स्वामी विवेकानंद को ही जाता है। जिन्होंने 19वीं शताब्दी में विश्व भ्रमण कर धर्म, ज्ञान और योग की शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया था। आज भी उनके द्वारा शिकागो में दिए गए ऐतिहासिक भाषण की चर्चा की जाती है। जब केवल ‘मेरे अमरीकी भाइयों और बहनों’ कहने मात्र से ही पूरी सभा 2 मिनट तक तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा था। स्वामी विवेकानंद बचपन से ही बुद्धिमान छात्र थे। जिनको अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत के साथ-साथ कई अन्य भाषाओं पर महारथ हासिल थी। उन्होंने अपने जीवनकाल में अपनी तेजस्वी भाषा ज्ञान से अंग्रेजों को सरलता पूर्वक से भी उन्हें मात देने का कार्य किया था। जिनको आज भी अंग्रेज लोग लोग मानते है।

 

इस मौके पर प्रो०- बीर बहादुर सिंह, ज्ञान प्रकाश सिन्हा, उमाशंकर सिंह , बलवंत सिंह , अनिल सिंह , दिनेश सिंह, अशोक कुमार , ब्रजकिशोर सिंह , रमेश कुमार , निखिल कुमार व मुन्ना सिंह , अभय कुमार , राम कुमार मिश्र , ब्रजेश सिंह , विवेक कुमार , रवि प्रकाश , परवेज खां, रवि कुमार , आलोक कुमार सहित अन्य महाविद्यालय कर्मी उपस्थित थे।

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Author: Bakwas News

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